पोर्न चाची सेक्स कहानी में मेरी चाची ने मुझे अपनी चूत देकर मुझे छोड़ना सिखाया. मेरी शादी होने वाली थी पर मैं डर रहा था कि कहीं मैं सेक्स ना कर पाया तो …
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनुराग है.
मैं बिहार के बक्सर जिले से हूँ.
मेरी पहली सेक्स कहानी
छोटी चाची को चोदने के लिए मनाया
पर आप सभी का ढेर सारा स्नेह मिला था और कुछ सुझाव भी मिले थे.
कुछ लोगों ने मेरी सेक्स कहानी के अगले भाग के बारे में पूछा कि बड़ी चाची को चोदा या नहीं.
तो दोस्तो, पहली बार में मैं खुद ही छोटी चाची को ढंग से नहीं चोद पाया था, तो इतनी जल्दी कैसे बड़ी चाची को पेल सकता था.
हां बाद में उनके साथ भी सेक्स हुआ, पर उससे पहले मेरी छोटी चाची के साथ जो हसीन लम्हे बीते हैं, मैं उन्हें आप लोगों को इस पोर्न चाची सेक्स कहानी के रूप में सुना रहा हूँ.
आप सभी दोस्तों के कमेंट्स के साथ एक मोहतरमा ने भी मुझसे कहा था कि औरत अगर राजी है और अपने आप मान जाती है, तो उसके साथ चुदाई का मजा दोगुना हो जाता है.
उन मोहतरमा की बात एकदम सही है और मैं उनकी बात से इत्तेफाक भी रखता हूँ.
आप लोग जानते ही होंगे कि घर के रिश्ते में औरत कभी भी सेक्स के लिए पहले नहीं बोलती है.
वह भी रिश्ता ऐसा हो कि चाची भतीजा, भाभी देवर, बुआ भतीजा, मामी भांजा इन सब रिश्तों में औरत पहले कभी नहीं कहेगी कि आओ मुझे चोद दो.
कुछ इसी तरह से मेरा भी जिस्मानी रिश्ता चाची के साथ बन गया था और अच्छे से चल रहा है.
आज मैं आप लोगों से पूछना चाहता हूँ कि अगर औरत का मन करे कि वह किसी और मर्द के साथ रिश्ता बनाए, तो आप क्या समझते हैं कि वह गैर मर्द से आसानी से रिश्ता बना लेगी?
चूंकि उसके पास ऐसा करने के बहुत से कारण हो सकते हैं. शायद वह अपने पति से खुश नहीं है या कुछ समय बाद उसका किसी और के साथ सेक्स का मन करने लगा हो, तो इसमें गलत क्या है?
मुझे तो कुछ भी गलत नहीं लगता.
क्योंकि अगर वही आपके घर की औरत कहीं और जाकर किसी और के साथ सेक्स का रिश्ता बनाए तो ये सबको पता चल जाएगा और परिवार की भी बदनामी होगी.
आजकल तो पारिवारिक कलह की वजह भी इस तरह की सेक्स लाइफ भी बहुत जगह पर सुनने को मिलती है.
इससे अच्छा है कि वह स्त्री घर में ही देवर से, भतीजे से या घर के किसी अन्य मर्द से रिश्ता बना ले.
यदि उसे लगता है कि उस रिश्तेदार से खुशी मिल सकती है तो वह उसके साथ बिंदास चुदाई भी कर सकती है.
इससे बात अपनों में भी रहती है और रिश्ता भी कमोवेश सही बना रहता है.
लड़कों के लिए एक कारण ये भी है कि सभी को पता है कि गर्लफ्रेंड सबकी नहीं है … और है भी, तो वैसी नहीं कि वह अपनी आसानी से चुदाई करवा ले.
इसी कारण से लड़कों के लिए भी घर की महिला को चोद लेना आसान हो जाता है और औरत की भी जरूरत पूरी हो जाती है.
सॉरी … थोड़ी ज्यादा लंबी विवेचना हो गई. चलिए तो अब कहानी पर वापस आ जाते हैं.
जैसा कि आप लोगों को पता है कि अपनी पहली सेक्स कहानी में मैंने छोटी चाची को चोदने के लिए मनाया था. चुदाई हुई भी लेकिन ज्यादा कुछ अच्छे से हो भी नहीं पाया था.
इसी वजह से मैं बहुत ही परेशान रहता था कि साला चाची को ही सही से नहीं चोद पाया हूँ तो आगे चल कर अपनी बीवी को कैसे खुश रखूंगा.
मैं बहुत शर्मिंदा भी था कि क्या ये सही हुआ भी था या नहीं!
चाची के साथ सेक्स हुए कुछ दिन बीत गए थे.
अब चाची अपने रोज के काम में मशगूल हो गईं.
मैं भी चाची के साथ हुए सेक्स की विफलता से कभी कभी तनाव में आ जाता, पर सोचता कि चलो कोई दिक्कत हुई भी है, तो इलाज कराना पड़ेगा.
बस ऐसे ही सब सामान्य हो गया.
यह बात मैंने दोस्त किशन को भी बताई कि पहले सेक्स में मेरे साथ यह हुआ था.
उसने ज्ञान दे दिया था कि पहले पहल सबके साथ यही होता है.
पर मैं तब भी परेशान था और सोचता था कि साला कैसे क्या होगा!
कुछ दिनों के बाद बड़ी चाची ने मुझे उदास देखा तो उन्होंने छोटी चाची को मेरे बारे में बताया.
छोटी चाची ने मौका देख कर मेरे पास आकर पूछा- क्या बात है, तुम उदास क्यों हो?
कुछ ही समय बाद मेरी शादी भी थी.
मैंने चाची की बात को टाल दिया.
कुछ दिनों बाद जब मैं ज्यादा परेशान था, तब उन्होंने फिर से जोर देकर पूछा कि तुमको बताना ही पड़ेगा.
तब मैं हिचकते हुए बोला कि मैंने उस दिन आपके साथ चुदाई की थी, तब मेरा वीर्य सिर्फ 2 ही मिनट्स में निकल गया था, तो मैं कैसे अपनी पत्नी को खुश करूंगा?
यह सुनकर वे हंस कर बोलीं- क्या इसी बात के लिए तुम परेशान हो?
मैं गुस्सा हो रहा था कि ये भी मजा ले रही हैं.
पर दोस्तो उस दिन जो बात चाची ने बताई, वह मेरे खुश होने के लिए काफी था.
उन्होंने कहा कि तुमने तो कुछ देर तक चोदा भी, पर बहुत से लोग चोद भी नहीं पाते हैं. घबराहट के मारे उनका लंड ही नहीं खड़ा होता है, चुदाई तो दूर की बात है.
उनकी बात सुनकर मैं थोड़ा सामान्य हो गया.
कुछ दिन बीत गए.
मैं सोमवार को जॉब पर चला जाता था.
जब मैं घर से बैग लेकर निकल रहा था, तभी छोटी चाची मेरे पास आईं और बोलीं- मैंने तुम्हारे बैग में कुछ काम का रखा है.
मैंने उनकी बात को हल्के में ही लिया कि उन्होंने कुछ खाने का सामान रख दिया होगा.
जब शाम को रूम पर आया, तो उनका फोन आया कि बैग चैक किया … कुछ दिया था मैंने?
अब तो रात हो गई थी. मैंने इसी तरह कह कर बात को टाल दिया.
चाची ने भी हंस कर फोन रख दिया.
मैं भी सो गया.
जब सुबह मैं पानी की बोतल निकलने के लिए बैग चैक किया, तो जो कुछ देखा, उसे देख कर मैं एकदम से दंग भी था और बहुत खुश भी था.
दोस्तो, उसमें चाची ने अपनी पहनी हुई महरून रंग की ब्रा और पैंटी रखी थी.
बस क्या था, मुझे तो मेरे मन का खिलौना मिल गया था.
फिर भी मैं सभी साथियों के जाने का इंतजार करने लगा.
जब वे सभी जॉब पर चले गए, तो मैं अपने आपको नहीं रोक पाया.
मैंने जॉब से छुट्टी ले ली और चाची से बात की.
उन्होंने कहा- अब मुठ मार लो, खुश हो जाओगे.
मैंने दरवाजा बंद किया और चाची के नाम की दो बार मुठ मारी.
मुझे बहुत मजा आया.
मैंने चाची को फोन किया और बताया- चाची, ज्यादा मुठ मारने से तो कहीं प्राब्लम नहीं हो गई है मुझे?
उन्होंने बताया कि प्राब्लम तब आती है, जब मुठ भी मारो और खाना पीना सही नहीं रहे. क्योंकि जो कुछ भी बॉडी में स्पर्म बनता है, वह खाना आदि के हिसाब से ही बनता है और तभी आदमी भी सेक्स कर पाता है.
दोस्तो, सच में ऐसे कुछ नहीं होता है कि बचपन की गलतियां हुई हैं … तो खड़ा नहीं हो रहा है या ये हुआ तो खड़ा नहीं हो रहा है.
ऐसा कुछ नहीं होता है. हां मुठ मारिए तो खाना और दूध आदि जो भी आप खाते पीते हो, भरपूर मात्रा में लेना चाहिए और टाइम मिल जाए तो एक्सरसाइज भी कर लेना चाहिए, ताकि एकदम फिट रह सको.
यह एकदम सच्ची बात है.
मैंने भी बहुत मुठ मारी थी और सोचता था कि इसी की वजह से मेरा जल्दी निकल जाता है, पर यकीन मानिए कि ऐसा कुछ नहीं होता है.
आज मैं अच्छे से सेक्स भी करता हूँ और मेरी पत्नी पेट से भी है. तो आप लोग जरा भी परेशान मत होना.
मेरी चाची से बातें होती रहतीं और मैं उनकी ब्रा और पैन्टी में मुठ मारा करता था.
कुछ दिनों के बाद मैं चाची से फिर से बोलना चाहता था कि वे सेक्स करने को मान जाएं.
पर डरता था.
शादी नजदीक आ रही थी तो मैंने सारी बातें किशन को बताईं.
उसने कहा- साले, इतना सब कुछ हो गया और तू अब बता रहा है!
मैंने कहा- हां, पर वो सब छोड़ और मेरी बात का हल बता?
वह बोला- अब तेरी चाची आसानी से चूत चुदवा लेंगी. तू बीयर पी और चुदाई करने की इच्छा है … ये बात बता दे उनको.
मैंने हिम्मत की.
किशन के साथ बीयर पीकर कुछ हिम्मत जुटाई और चाची के पास जाकर उन्हें बोला कि मैं आपको चोदना चाहता हूं. क्योंकि मेरी पत्नी आएगी तो मैं एकदम अच्छे से उसकी चूत चोद सकूं. मैं आपको चाहने भी लगा हूँ.
चाची भी मुझसे चुदने को लगभग तैयार हो गई थीं.
फिर क्या था, समय का इंतजार करने लगा.
हमारी रिश्तेदारी में कहीं लड़के की शादी पड़ गई थी.
घर के सभी लोग चले गए थे क्योंकि सामान्यत: तिलक से शादी के बीच में लगभग दस दिन का अंतर हो ही जाता है.
उसी के चलते घर पर छोटी चाची, दादी और छोटे चाचा रह गए थे.
जिस दिन तिलक का कार्यक्रम था, उस दिन चाचा भी दादी को और बगल के लोगों को लेकर कार से उनके यहां चले गए.
वे लोग रात में वापस आने वाले थे.
मैं भी अकेला था और चाची भी साथ थीं.
मेरे अन्दर का शैतान धीरे धीरे जग रहा था.
मैं छुप कर चाची की साड़ी के ऊपर से ही पैंटी लाइन और गांड के उभार को देख रहा था.
साथियो, सच बता रहा हूँ कि जो भी औरतें तीस से पैंतीस के बीच की होती हैं, उनकी आप कभी भी गांड का उभार देखना … आपका लंड तुरंत खड़ा हो जाएगा.
मैं चाची को देखते देखते ही मुठ मारने लगा था. मैं चाहता था कि चाची भी मुझे देखें.
उस वक्त चूंकि घर में कोई नहीं था, तो उनके अन्दर का शैतान भी जाग जाना आसान लग रहा था.
ऐसा ही हुआ.
मैं लंड को धीरे धीरे खड़ा कर रहा था.
शादी के तनाव की वजह से लंड सही से खड़ा ही नहीं हो रहा था.
फिर जैसे ही चाची मेरे पास आने लगीं, मैं उनके सामने जानबूझ कर पैंट पहनने का दिखावा करने लगा.
चाची मुझसे बोलीं कि खाना खा लो.
वे मेरे साथ सामान्य बातें करने लगीं.
मैंने एकदम से सोचा कि क्या करूं … क्योंकि अब इसे बाद मौका भी नहीं मिलेगा.
रात हो गई थी, चाची भी बर्तन धोकर ऊपर रूम में चली गई थीं.
मैं भी मन मार कर सोने चला गया.
फिर रात के 11 बजे उनका फोन आया और उन्होंने मुझे ऊपर अपने रूम में बुलाया.
मैं समझ गया कि पोर्न चाची सेक्स के लिए बुला रही है, मैं उनके कमरे में गया, तो मैंने उनसे कुछ नहीं बोला, सीधे होंठों को चूमने लगा.
वे भी किस करने लगीं.
हम दोनों साधारण तरीके से एक साथ बैठे थे.
फिर उन्होंने धीरे से मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़कर अपने चूचों पर रख दिया.
क्या बताऊं … मेरा इतने में ही क्या से क्या हाल हो गया था.
मैं कुछ भी नहीं बोल पा रहा था … और न ही कुछ समझ पा रहा था.
फिर उन्होंने अपनी साड़ी को उतारा और वे ब्लाउज और पेटीकोट में आ गईं.
उनका बदन, उनकी उम्र के हिसाब से सही और कसा हुआ था.
ब्लाउज के अन्दर ब्रा का आकार और पेटीकोट के ऊपर से पैंटी का आकार साफ नजर आ रहा था.
उनकी चूचियां भी पूरी तरह से टाइट हो गई थीं.
ये मुझे बाद में पता चला, जब उन्होंने बताया कि जब कोई औरत चुदने के लिए तैयार होती है, तो उसकी चूचियां एकदम कड़क हो जाती हैं.
फिर चाची ने धीरे से मेरे लंड पर हाथ रखा, मैं एकदम से पागल हो गया था.
जिस भाई के साथ भी ऐसा अनुभव रहा होगा, वह जानता होगा कि अचानक से लड़के के लौड़े को पकड़ने से क्या हो जाता है.
फिर चाची और मैं कुछ देर के लिए होंठों से होंठों पर चुम्बन करने लगे.
ये मेरा पहला किस था. क्योंकि पिछली बार मैं अपने लंड को चाची की बुर में ही लंड डाल पाया था और मेरा काम खत्म हो गया था.
चाची ने अपने ब्लाउज और पेटीकोट को भी निकाल दिया. अब वह सफेद रंग की ब्रा और महरून रंग की पैंटी पहनी थीं.
बच्चे होने के बाद चाची का पूरा बदन भरा भरा हो गया था और चाचा भी चाची को अच्छे चोदते थे.
ये उन्होंने मुझे बाद बताया.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अन्दर ही अन्दर मेरे लंड से चिपचिपा पानी निकला, ये प्री-कम था जो एक या दो बूंद निकला था.
फिर जब मैंने अपना पैंट निकाला और अंडरवियर उतारा तो मेरा लंड ढीला हो गया.
मैं फिर से परेशान हो गया. लंड फिर खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा था.
मैं चाची से बोला- मुझसे नहीं होगा!
चाची ने कहा- जब तुम मेरे नाम की मुठ मारते हो, तब कैसे खड़ा रहता है … क्योंकि वहां तुम घबराते नहीं हो. यहां भी कौन है, बस मैं और तुम … बस तुम मुझे देखो!
इसके बाद उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं और सिर्फ पैंटी को निकाला.
ब्रा को नहीं.
उन्होंने कहा- मैं आराम से नंगी लेटी हूँ … तुम मुझे देख कर मुठ मारो … और जैसे ही तुम्हारा थोड़ा खड़ा हो जाए, तो तुम तुरंत मेरी चूत में डाल देना.
उनकी सलाह काम कर गई.
वे आंखें बंद की हुई लेटी थीं.
मैंने उन्हें देख कर लंड को हाथ में लेकर थोड़ी देर हिलाया, तो मेरा औजार थोड़ा टाइट हुआ.
मैंने चाची से कहा कि हो गया.
वे बोलीं- हो गया तो पेल दो.
मैंने आधा खड़ा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
उनकी चूत उतनी गर्म नहीं थी पर मेरा लंड चला गया.
फिर तो भाई क्या बताऊं, इसी लिए ही कहते हैं कि अनुभव बहुत जरूरी है.
चाची को पता था कि जैसे ही मेरा लंड अन्दर उनकी गर्मागर्म बुर में जाएगा, तो धीरे धीरे खुद ब खुद खड़ा हो जाएगा.
ऐसा ही हुआ.
मेरा लंड उनकी बुर में जाने के बाद धीरे धीरे कड़क हो गया और मुझे बहुत मजा आने लगा.
चाची ने अपनी दोनों टांगों को मेरी कमर को कसते हुए मुझे अपनी टाँगों के बीच में फंसा लिया.
इस आसन से उनकी बुर और टाइट हो गई. फिर उन्होंने अपनी ब्रा को निकाल कर फेंक दिया और मेरा एक हाथ अपनी चूचियों को सहलाने के लिए रख दिया.
मुझे भी उनकी एक चूची को चूसते हुए उन्हें चोदने में मजा आने लगा.
चाची ने भी धीरे धीरे सिसकारियां भरनी शुरू कर दीं ‘अअह्ह्ह उन्ह …’
मुझे नहीं समझ में आया कि वे लंड की मोटाई की वजह से सिसकारियां ले रही थीं या अपने मजे के लिए.
बाद में चाची ने बताया- मुठ मारने से तुम्हारा लंड सुडौल और मोटा हो गया है. लंड की लंबाई तो पहले से ही ठीक थी, पर मोटाई अब ज्यादा हो गई थी.
अब मेरा लंड एकदम से कड़क था और कुछ देर मतलब लगभग 5 मिनट तक अन्दर बाहर करने के बाद मेरा रस निकलने वाला था.
मैंने कहा, तो चाची बोलीं- अन्दर ही आ जाओ.
उनके सुरक्षित दिन चल रहे थे.
मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और चाची की चूत अन्दर ही अपना एकदम गाढ़ा माल निकाल दिया.
सच बताऊं तो वाकयी में असली जन्नत यही होती है.
दोस्तो, आज मुझे पोर्न चाची सेक्स बहुत अच्छा लगा था. चाची की दमदार चुदाई से मेरा विश्वास भी बढ़ने लगा था.
तभी फोन आया कि आंधी की वजह से सड़क ब्लॉक हो गई. कई पेड़ गिरने के कारण पूरा रास्ता बाधित हो गया है. इसलिए अब सब लोग सुबह आएंगे.
मैंने ये बात चाची को बता दी और सोने नीचे चला गया.
फिर रात को करीब एक बजे फिर से चाची का फोन आया- फिर से मन कर रहा है. ऊपर आ जाओ.
दोस्तो, मुझे मजा आ गया. आगे की सेक्स कहानी को अगले भाग में लिखूँगा.
ये मेरी सच्ची सेक्स कहानी है, आप लोगों को कैसी लगी पोर्न चाची सेक्स कहानी, जरूर बताएं.
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