पोर्न भाभी ब्लोजॉब स्टोरी में पड़ोस के भैया कुछ दिन के लिए बाहर गए तो भाभी को मेरा नम्बर दे गए कि कोई काम हो तो! भाभी ने मुझसे क्या काम करवाया?
दोस्तो,
मेरा नाम राज सिंह है।
मेरी उम्र 23 साल है।
मैं रायपुर, छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं।
दिखने में मैं ठीक- ठाक हूं।
मेरा लन्ड सामान्य हैं जो किसी भी भाभी या लड़की को खुश करने के लिए काफी है।
मैं अन्तर्वासना साइट में पिछले 5 सालों से नियमित रूप से कहानियां पढ़ते आ रहा हूँ।
यह एक सच्ची कहानी है।
अगर पोर्न भाभी ब्लोजॉब स्टोरी लिखने में मुझसे कोई गलती होगी तो माफ कर देना।
प्रीति भाभी का घर मेरे घर से दो घर छोड़कर है।
भाभी के घर में उनके पति यानी राकेश (उम्र 29) और उनकी सास बस है।
भईया एक अच्छी कंपनी में नौकरी करते हैं।
वे सुबह 10 बजे ऑफिस चले जाते हैं और रात को करीब 9 बजे के आस पास आते हैं।
प्रीति भाभी की उम्र 27 साल है।
भाभी दिखने में गोरी और बहुत ही सुंदर है।
उनके जिस्म का साइज 36-30-38 है.
जो कि भाभी ने खुद बताया।
उनकी शादी को 3 साल हो चुके हैं और अभी उनका कोई बच्चा नहीं है।
यह घटना तीन महीने पहले की है।
रात के करीब 9:00 बज रहे थे।
मैं मोहल्ले के पान ठेले में दोस्तों के साथ बैठा हुआ था।
तभी मेरे मोबाइल में भईया का फोन आया।
भईया ने कहा- राज, घर आ जाओ. तुमसे कुछ काम है।
मैं भईया के घर गया।
भईया- राज, मुझे एयरपोर्ट तक छोड़ दो। मेरी रात 12 बजे की फ्लाइट है।
अब मुझे समझ आया कि भईया ने मुझे क्यों बुलाया था।
भाभी को कार चलानी नहीं आती थी इसलिए उन्होंने मुझे बुलाया था ताकि उनको एयरपोर्ट तक छोड़ कर भाभी को घर तक ला सकूँ।
मैं- भईया, क्या आप अकेले जा रहे हैं? भाभी नहीं जा रही आपके साथ?
फिर भाभी ने थोड़ा मुह बनाते हुए कहा- हां! अकेले ही जा रहे हैं अपने ऑफिस के दोस्तों के साथ घूमने!
भाभी को भईया ने कहा- अरे यार, अब तुम फिर से शुरु मत हो जाओ।
भईया- राज मैं ऑफिस के काम से बैंगलोर जा रहा हूँ दस दिनों के लिये। अब चलो ये लो कार की चाबी और कार निकालो।
मैं- ठीक है भईया, चलिये।
मैंने भईया की कार निकाली और हम तीनों एयरपोर्ट 15 या 20 मिनट में पहुँच गए।
फिर एयरपोर्ट पहुँच कर भईया को गेट तक छोड़ने गए.
वहां उनके ऑफिस के लोग उनका इंतजार कर रहे थे.
फिर हम दोनों वहाँ से कार के आस आ ही रहे थे, उतने में भईया का मेरे मोबाइल में फोन आया- मेरी एक और मदद कर दोगे क्या यार?
मैं- हां भईया जरूर … बोलिए क्या काम है?
भईया- तुम्हारी भाभी को कोई काम होगा, वो कर देना। तुम्हारी भाभी बहुत कम ही घर से निकली है। मैं तुम्हारी भाभी को तुम्हारा नम्बर दे देता हूं अगर उसको कुछ चाहिए होगा तो तुमको फोन कर लेगी. ठीक है ना?
मैं- ठीक है भईया, आप मेरा नम्बर भेज देना भाभी को! उनको कोई भी काम होगा तो भाभी मुझे फोन कर लेंगी।
उसके बाद भईया ने भाभी को फोन किया।
उनके बीच में क्या बात हुआ पता नहीं।
मैंने भाभी को पूछा- घर चलें!
फिर हम कार लेकर घर के लिये निकल गये।
हम थोड़ी देर में घर पहुँच गए।
मैंने भाभी को उनके घर छोड़ा और उनके शुभरात्रि बोल कर अपने घर आ गया।
अपने कमरे में लेटे लेटे मैं भाभी के बारे में सोच रहा था।
भाभी की चुदाई के सपने देखकर लण्ड खड़ा हो गया था।
मैं बाथरूम में गया एक बार भाभी के नाम की मुठ मारी और बेड में आकर लेट गया।
तभी मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसज आया.
वो मैसेज भाभी का था- हेल्लो राज!
नम्बर नया था तो मैंने तुरंत जवाब नहीं दिया।
और फिर से उसी नम्बर से मैसेज आया।
भाभी- सो गए क्या राज?
मैं- क्या आप मुझे जानते हो?
भाभी- हां!
मैं- लेकिन मैंने आपको नहीं पहचाना, आपका नाम क्या है?
भाभी- तुम तो मुझे बहुत जल्दी भूल गए। मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी।
मैं- देखिए रात बहुत हो गई है आप जो भी है आप अपना नाम बताइये? अगर नहीं और आपको मस्ती सूज रही है तो मैं नेट बंद कर रहा हूँ।
भाभी- अरे नहीं नहीं … मैं प्रीति हूं।
मैं- भाभी आप हो, आप अभी तक सोई नहीं?
भाभी- मुझे नींद नहीं आ रही है तो सोचा तुमसे बात कर लूं।
मैं- मैंने सोचा नहीं था इतनी जल्दी आपका मैसेज या फोन आएगा।
भाभी- अच्छा! लगता है तुम खुश नहीं हो कि मैंने मैसेज किया?
मैं- नहीं भाभी ऐसा नहीं है, मुझे लगा कि भईया ने आपको मेरा नम्बर भेजा नहीं होगा अभी … इसलिए ऐसा बोला।
भाभी- ओके!
मैं- क्या हुआ भाभी, भईया के बिना आपको नींद नहीं आ रही है क्या?
और हंसने वाला इमोजी भेज दिया.
भाभी- हां! मेरा छोड़ो, तुम इतने रात तक क्यों जग रहे हो? गर्लफ्रैंड सोने नहीं दे रही है क्या?
भाभी भी मजाक करने लगीं।
मैं- नहीं भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है। एक थी उसके साथ ब्रेकअप को दो साल हो गए। उसके बाद से मैंने कोई गर्लफ्रैंड नहीं बनाई।
और उदास और रोने वाला इमोजी भेज दिया।
भाभी- ओह्ह! तो बना लो ना … अब तो उसको गए बहुत वक्त हो गया है। अच्छा बताओ तुमको कैसी लड़की चाहिए?
मैंने भी मौका का फायदा उठाते हुए बोल दिया- भाभी, बिल्कुल आप जैसी कोई मिल जाए तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा।
और आंख मारने वाला इमोजी भेज दिया।
अंदर ही अंदर डर भी लग रहा था कि कहीं बात चालू होते खत्म ना हो जाए।
भाभी- मेरे जैसी ही क्यों चाहिए तुमको?? मुझमे क्या है ऐसा खास जो बाकी लड़कियों में नहीं है।
उनका ऐसा जवाब देखकर मेरा खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मैं समझ गया था कि अब भाभी को चोदने का मेरा सपना पूरा होने वाला है।
मैं- आपकी जितनी तारीफ की जाए … सब कम है। मैं क्या ही बोलूं … आपके बारे में मेरे पास शब्द ही नहीं है। आप बहुत सुंदर है और मुझे बहुत पसंद हो. आपके जैसी गर्लफ्रैंड मिल जाए, तब बात ही अलग होगी।
भाभी- अच्छा तो मैं तुमको पसंद हूँ। तो फिर मुझे ही बना लो अपनी गर्लफ्रैंड!
और हँसने वाला इमोजी भेजा भाभी ने!
मैंने सोचा कि भाभी मस्ती कर रही हैं मेरे साथ!
मैं उदास हो गया और भाभी को जवाब दिया- भाभी, आप मजाक मत करो।
और उदास वाला इमोजी भेज दिया.
भाभी- पागल, मैं मजाक नहीं कर रही हूँ, सच बोल रही हूँ। तुम मुझे अपनी गर्लफ्रैंड बना लो! लेकिन सिर्फ एक शर्त पर!
मैं बहुत खुश हो गया और जवाब में बोला- अगर आप मेरी गर्लफ्रैंड बनोगी तो आपकी हर शर्त मुझे मंजूर है।
भाभी- यह बात बस हम दोनों के बीच रहेगी। और तुम किसी को नहीं बोलोगे कि हमारे बीच में कुछ है. समझ गए?
मैं- भाभी मैं पागल थोड़ी हूँ। जो ऐसा बात किसी को बताऊंगा. और वो भी तब जब मेरी गर्लफ्रैंड इस भाभी हो।
और मैंने हँसने वाला इमोजी भेजा।
मैं बोला- काश भाभी, आप अभी मेरे साथ होती तो आपको मैं गले से लगा लेता और किस करता!
भाभी- तो मैं तुमसे ज्यादा दूर भी नहीं हूँ। तुम चाहो तो अभी भी मुझे मुझे लगे लगा सकते हो और किस कर सकते हो।
फिर वे बोली- अभी आ जाओ. अभी अकेली हूँ मैं! तो तुम गले भी लगा सकते हो और किस भी कर सकते हो।
मैं- भाभी सोच लो … अभी आऊंगा तो बहुत कुछ हो जाएगा।
मैंने भाभी को तंग करते हुए कहा।
भाभी- हाँ ठीक है. मैं गर्लफ्रैंड हूँ ना तुम्हारी! तो तुमको थोड़ी मना करूँगी. आ जाओ, फिर जो होगा, देखा जाएगा।
मैंने समय देखा, रात के 2 बजने वाले थे.
फिर मैंने सोचा कि मौका भी है और भाभी अभी गर्म भी लग रही है।
अगर अभी नहीं गया तो पता नहीं ऐसा मौका कब मिलेगा।
फिर मैंने भाभी को मैसेज किया- भाभी, मैं छत से आ रहा हूँ। ऊपर छत का दरवाजा खोल दो।
हमारे घर के छत आपस में जुड़े होने के कारण भाभी के छत में जाने में परेशानी नहीं हुई।
जैसे ही मैं भाभी की छत पर गया तो देखा कि भाभी लाल रंग की नाइटी में दरवाजे के पास खड़ी थी।
मैं भाभी के पास गया और अंदर जाते ही भाभी को गले से लगा लिया।
मेरे गले लगाते ही भाभी ने भी मुझे अपनी बांहों में भर लिया।
हमें किसी का डर नहीं था क्योंकि भईया दस दिनों के लिए बाहर गए थे।
और रात भाभी की सास नीचे अपने कमरे में सो रही थी।
फिर हम अलग हुए और भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और नीचे अपने कमरे में जाने लगी।
भाभी आगे आगे और मैं उनके पीछे पीछे खिंचे चला जा रहा था।
भाभी के कमरे में जाते ही मैंने भाभी को बेड में लिटा दिया और भाभी को निहारने लगा।
मैंने भाभी से कहा- कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं?
भाभी उठी और मुझे बेड में लिटा दिया और बोली- राज बेबी, यह सपना नहीं है। अब तुम मुझे भाभी बोलना बंद करो। मुझे तुम प्रीति बोलो।
तभी भाभी मेरे ऊपर आ गयी और हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे।
थोड़ी देर एक दूसरे के होंठों को चूमने के बाद मैंने भाभी की नाइटी उतार दी।
भाभी ने काले रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी जिसमें भाभी और भी कामुक लग रही थी।
मैं अपना टीशर्ट और लोअर निकाल कर भाभी के ऊपर आ गया।
फिर से एक बार फिर चुम्बन का कार्यक्रम चालू हो गया।
मैं भाभी को चूमते चूमते भाभी की ब्रा के ऊपर से उनके बड़े बड़े बूब्स दबाये जा रहा था।
फिर मैंने एक हाथ से भाभी की पीठ के नीचे से ब्रा का हुक खोला और भाभी के बूब्स जैसे मानो हवा में उछाल मारने लगे।
मैंने भाभी के बूब्स की एक निप्पल को चूसते चूसते अपना एक हाथ भाभी के पैंटी के अंदर डाल दिया।
भाभी मेरे बालों को सहला रही थी।
उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैं भाभी के दोनों जांघों के बीच आ गया और भाभी के पेट के चूमते हुए भाभी की गीली पैंटी को निकाल फेंका।
और भाभी की जांघों को बारी बारी चूमने के बाद मैं भाभी की चूत की तरफ बढ़ने लगा।
जैसे ही मैंने भाभी की चूत में चुम्बन किया, भाभी के शरीर में कम्पन होने लगा।
शायद भईया ने कभी भी भाभी की चूत नहीं चाटी थी।
मैं भाभी की चूत चाट रहा था और भाभी मेरे बालों में अपना हाथ फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना कमर उठा उठा कर चूत चटाई का मजा ले रही थी।
थोड़ी देर बाद भाभी मेरा मुँह अपनी चूत में दबाने लगी।
मुझे लगा भाभी का पानी निकलने वाला है।
तो मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी।
कुछ ही देर में भाभी ने जोरदार पेट भर सांस लिया और अपना पानी निकाल दिया।
मैं उनका पूरा माल पी गया और बगल में आकर लेट गया।
अब मैं पोर्न भाभी के मुख से ब्लोजॉब का मजा लेना चाहता था तो मैंने भाभी को बोला- चलो जान, अब मेरा लण्ड चूसकर मुझे भी खुश करो।
भाभी तुरंत मेरे लण्ड को मुंह में लेकर ऐसे चूसने लगी जैसे वह जन्मों की भूखी है। भाभी अच्छे से ब्लोजॉब देने लगी।
उनके होंठों के प्यार के सामने मेरा लण्ड ज्यादा देर तक ना रुक सका और मैंने सारी मलाई भाभी के मुंह में निकाल दी।
पोर्न भाभी ब्लोजॉब करके पूरा माल पी गयी।
तब भाभी मेरे बगल में आकर लेट गयी और हम एक दूसरे के जिस्मों से खेलने लगे।
भाभी मेरे लण्ड को पकड़कर हिलाने लगी और मैं भाभी की चूत में उंगली करने लगा.
थोड़ी देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गए।
मैं भाभी ऊपर आया।
भाभी को चुम्बन करते हुए मैंने एक हाथ से अपना लण्ड भाभी के चूत में सेट किया।
और धीरे धीरे लंड अंदर करने लगा.
चूँकि चूत गीली थी तो लण्ड आसानी से भाभी की चूत में घुस गया।
लण्ड को ऐसे ही चूत में छोड़कर मैं भाभी को चुम्बन करने लगा।
फिर जैसे ही भाभी ने अपना कमर हिलाने लगी तो मैंने भी भाभी को धक्के देने चालू किये।
भाभी मुझे अपने आगोश में लेने लगी और अपनी कमर तेज तेज हिलाने लगी।
वे मेरी गर्दन पर चुम्बन करने लगी पागलों की तरह!
मैं उठकर अलग हुआ और भाभी को बेड के किनारे में लाया।
मैंने भाभी की दोनों टाँगें अपने कंधों पर रखी और लण्ड भाभी की चूत में सेट किया और धक्का दिया।
लण्ड चूत में जाते ही मैंने धक्कों की झड़ी लगा दी।
15- 20 धक्कों के बाद भाभी को पूछा- भाभी माल कहाँ निकालूं?
भाभी ने कहा- अंदर मत निकालना, मुझे तुम्हारा माल पीना है।
मैंने चूत से लण्ड निकाल और भाभी के मुंह में लण्ड डाल दिया।
भाभी ने लण्ड चूसा और पूरा माल भाभी के मुह में निकल गया।
वे पूरा माल पी गयी।
फिर हम दोनों बाथरूम जाकर एक दूसरे को साफ किया और एक दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए।
उस रात मैंने भाभी को 3 बार चोदा।
और बाद जब तक भईया नहीं आए, तब तक रात को जा कर भाभी को अलग अलग तरह से चोदा।
इन दिनों में मैंने एक बात नोट की कि भाभी को ब्लोजॉब देने में बहुत मजा आता है, बिना कहे वे लंड मुंह में लेकर चूसने लगती हैं.
और एक रात मैंने भाभी की गांड भी मारी।
वो सब मैं कभी दूसरी कहानी में बताऊंगा।
आपको मेरी और प्रीति भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी?
आपका कोई सुझाव है तो मेल करके जरूर बताए।
पोर्न भाभी ब्लोजॉब स्टोरी पर आपके सुझाव का इंतज़ार रहेगा।
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