सेक्सी चाची फक कहानी में मैंने अपनी जवान चाची की चूत का मजा लिया. चाचा की बीमारी के चलते चाची की अन्तर्वासना उफान पर थी. चाची ने खुद हिंट देकर मुझे सेक्स के लिए उकसाया.
यह कहानी बिल्कुल सत्य घटना पर आधारित है और आज से 2 साल पहले की है जब मेरी उम्र 19 साल थी.
तब मुझे नयी नयी उमंग चुदाई की चढ़ी थी.
यह मेरी और मेरी चाची की सेक्स कहानी है.
मेरी चाची के बारे में बता दूँ.
चाची का नाम पिंकी (बदला हुआ) और उनका फिगर सोनाक्षी सिन्हा से कम नहीं है, 36-34-40 का है.
उनकी शादी आज से पांच साल पहले हुई थी जब मैं चाची को मां समान मानता था.
फिर धीरे धीरे मेरी उम्र बढ़ती गई और मेरे अंदर की भावना यानि अन्तर्वासना बढ़ती गई.
और जब मैं 18 साल का हो गया था तो चाची का एक लड़का हो चुका था.
पर उसके बाद चाचा जी को कोई गंभीर बीमारी हो चुकी थी. इसलिए चाची परेशान थी कि चाचा जी की तबीयत ठीक नहीं है.
इसी कारण पिछले एक साल से उन्होंने चाचा जी के साथ किसी भी तरह का सेक्स नहीं किया था. तरफ चाची ने सेक्स किए बहुत दिन हो चुके थे.
तो इसी को देखते हुए मैंने सोचा कि मुझे किसी दिन चाचा जी की तबीयत के बारे पूछने जाना चाहिए.
मैं जब वहाँ पहुंचा तो मैंने देखा कि चाचा जी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी और वे चाचा सो रहे थे.
चाची ने जैसे ही मुझे देखा तो वे मेरे सीने से लग कर रोने लगी.
जैसे ही चाची मेरे सीने से लगी तो उनके बूब्स मेरे सीने मे गड़ने लगे.
जिससे मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि यह मेरे साथ पहली बार हुआ.
यहीं से इस सेक्सी चाची फक कहानी की शुरुआत हुई.
फिर मैंने भी बहती गंगा में हाथ धो लिए और चाची को कस कर गले लगाया और बोला- चाची, आप बिल्कुल भी चिंता नहीं करो. मैं हूँ ना आपके साथ आपकी और चाचा की मदद के लिए! जब भी आपको कुछ काम हो तो मुझे बुला लिया करो!
मैंने अपना नंबर चाची को दिया.
और उन्होंने मेरे नंबर पर मिस कॉल की जिससे उनका नंबर मेरे पास आ गया.
फ़िर 2 ही दिन बाद चाची का फोन आया मेरे पास, वे बोली- राज, घर पर आ जाओ. तुम्हें थोड़ा मार्केट जाना है.
मैं 15 मिनट में चाची के घर पहुंच गया.
तो चाची बोली- राज, तुम मेरा काम कर सकते हो?
मैंने कहा- हाँ क्यू नहीं चाची, आप आदेश तो करो मुझे!
तो चाची खुश हो गई और बोली- तुम्हारे चाचा के लिए कुछ दवाइयां मेडिकल स्टोर से लानी हैं. और जनरल स्टोर की दुकान से मेरे लिए ब्रा और पैंटी भी लानी हैं.
मैंने चाची के मुंह से ब्रा और पैंटी शब्द सुना तो मैं आश्चर्य चकित हो गया.
मुझे चाची की ब्रा का साइज तो पहले भी पता था, फिर भी मैंने चाची से पूछ लिया उनकी ब्रा का नम्बर- चाची, आपकी ब्रेस्ट का साइज़ क्या है? कितने नम्बर की ब्रा पहनती हैं आप?
तो चाची हंसने लगी और बोली- तू भी शरारती हो गया है!
और चाची ने अपने वक्ष का साइज़ बताते हुए मुझे एक छोटी सी झप्पी भी दे दी.
और तब मैं मार्केट की ओर निकला.
मेरे मन में चाची को चोदने के विचार आने लगे.
जैसे ही मैं दवाइयां और चाची का सामान लेकर घर लौटा तो चाची के हाथ में उनका सामान थमा दिया.
और मैंने चाची से कहा- चाची, पहन के देख लो ,कलर सही है या नहीं. आपको डिजाईन पसंद आयेगा या नहीं?
मैं चाची के लिए गुलाबी जालीदार ब्रा और पैंटी लेकर आया था.
चाची बाथरूम मे जाकर कपड़े उतार कर ब्रा पेंटी बदलने लगी.
लेकिन जल्दी- जल्दी में चाची ने दरवाजे का लॉक लगाना भूल गई.
मैं पीछे से सब कुछ देख रहा था.
चाची मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थी.
पहले उन्होंने पैंटी पहनी, फिर ब्रा पहनने लगी.
तो उनसे ब्रा का हुक नहीं लग रहा था.
तब उन्होंने मुझे आवाज दी, कहा- दीप, जरा इधर आना!
मैं दौड़ कर उनके पास गया.
चाची बोली- ये टाइट हो रहा है, थोड़ी मदद करना!
तब मैंने चाची के नंगे बदन को स्पर्श किया और झटके से चाची की ब्रा का हुक लगा दिया.
चाची के मुंह से आह की आवाज निकली.
और मेरा लन्ड तो पहले से सलामी मार रहा था तो वो चाची की गांड की दरार में फिट हो गया.
चाची ने मेरी इस हरकत का किसी भी प्रकार का विरोध नहीं किया.
मैंने सोचा कि यहाँ तो लाइन बिल्कुल क्लीयर लग रही है.
चाची एकदम सोनाक्षी सिन्हा लग रही थी.
वे मेरे सामने ब्रा और पेंटी मे थी.
तभी चाची बोली- राज, यह थोड़ी टाइट है. बदल कर दूसरी ले लाना!
चाची ने बिना कुछ समझे ब्रा मेरे सामने उतार दी.
मेरी वासनामयी नज़रें चाची के बूब्स पर गड़ी थी.
चाची बोली- कभी देखे नहीं क्या?
मैं बोला- 19 साल की जिंदगी में ऐसे कभी नहीं देखे.
चाची बोली- तो अब जी भर कर देख ले!
जैसे ही चाची यह बोली, मैं तो उनके बूब्स पर टूट पड़ा.
मैंने 15 मिनट तक उनके बूब्स को खूब चूसा.
फिर उसके बाद हमारी सांसें टकराई, लैब आपस में टकराए.
और अब चुम्बन में हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे.
मैंने बहुत देर तक चाची के एक एक अंग को चूमा और मेरी और चाची की कामवासना बढ़ती गई.
तब मैंने अपने कपड़े झट से उतारे और मेरा 6 इंच का लन्ड चाची के सामने नंगा था.
चाची झट से उस पर टूट पड़ी और पागलों की तरह मेरा लंड चूसने लगी.
10 मिनट बाद हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए.
मैं चाची की चूत को जीभ गड़ा गड़ा कर चूसने लगा.
चाची के मुख से ‘आह्हह आई ईईई आउच’ की मादक आवाज कमरे में गूंज रही थी.
मैंने चाची को जल्दी से पट लिटाया बिस्तर पर और अपना 6 इंच का लौड़ा चाची की चूत पर सेट किया.
और तब धीरे से लंड का एक झटका चूत में मारा.
तो चाची चिल्ला उठी और मुझे मुझे सीने से लगा लिया और मुंह में मुंह दे दिया.
फिर मैंने एक ओर झटका मारा और मेरा पूरा लौड़ा चाची की चूत में समा गया.
फिर मैंने धीरे धीरे झटका मारना शुरू किया.
और तब चाची को भी मज़ा आने लगा.
चाची तेज तेज चिल्ला चिल्ला के बोल रही- चोद मेरे राजा … और तेज चोद … फाड़ अपनी चाची की चूत को … बना दे इसका भोंसड़ा! और तेज और तेज!
मैं चाची को तेज तेज चोदने लगा और 15 मिनट बाद मैं चरम सुख की ओर बढ़ने लगा तो मैंने चाची से पूछा- कहाँ छोड़ दूँ?
चाची बोली- तू मेरी चूत के अन्दर ही छोड़ दे अपना जूस!
तो एक मिनट में ही मैं चाची की चूत में ही झड़ गया.
सच में मुझे मज़ा आ गया था इस पहली चुदाई में!
मैं तो झड़ गया था पर चाची को परम आनन्द नहीं मिला था.
और कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार हुआ तो मैंने चाची की चुदाई का दूसरा दौर शुरू किया.
इस राउंड में चाची भी झड़ चुकी थी.
तब तो मैं अपने घर आ गया.
रात को खाना खाकर मैं दोबारा चाची के घर गया और 3 घंटे तक चाची को चोदा.
और उसके बाद हम सो गए और सुबह 7 बजे जगे.
उठने के बाद मैं अपने घर लौट आया.
फिर मे दूसरे दिन शाम को उनके घर पहुंचा तो मैंने देखा कि चाची जी एकदम तैयार बैठी थी सजी धजी सी!
में चाची के पास गया और बोला चाची से- क्या हाल है चाचा जी का?
तो उन्होंने जवाब दिया- वैसा ही है.
तब मैंने पूछा- और आपका क्या हाल है?
तो वे बोली- कल से बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.
मैंने कहा- तभी आज आपने खुद को थोड़ा संवारा है.
चाची बोली- हाँ … बहुत दिनों के बाद कल कुछ अच्छा सा हुआ था मेरी जिन्दगी में!
तो मैं बोला- चाची, फिर तो आज दोबारा से हो जाने दो!
पर चाची ने मना कर दिया और बोली- अभी तेरे चाचा जग रहे हैं. वे अभी सोयेंगे भी नहीं क्योंकि दिन में काफी सो चुके हैं. फिर कभी मौक़ा पाकर कर लेंगे.
मैंने कहा- ठीक है चाची!
फिर भी आते आते मैंने चाची को बांहों में भर कर उनके होंठों को चूस कर मजा लिया.
इस तरह एक किस लेकर मैं अपने घर आ गया और घर आकर मुठ मार ली.
फिर मैं आराम से सो गया.
2-3 दिन बाद मैं फिर से चाची के घर गया.
चाची रसोई में खाना बना रही थी.
खाना बनाते हुए ही मैंने चाची को पीछे से अपनी बांहों में कस लिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा.
उस समय चचा सो रहे थे.
और उसी समय चाची भी गर्म हो चुकी थी.
हम दोनों बेडरूम में आकर नग्न अवस्था में हो गए.
और फिर से मैंने चाची के साथ उनकी चिकनी चूत की चुदाई की.
2 घंटे तक मैं चाची के पास रहा, दो बार चुदाई की और फिर मैं घर वापिस लौट आया.
उसके बाद तो मैं मौक़ा पाते ही चाची की चूत पर चढ़ाई कर देता था. चाची ने मुझे कभी मना नहीं किया.
यह थी मेरी चाची के साथ चूत चुदाई की कहानी!
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