मैंने अपने भानजे से होटल में चूत चुदा ली

हॉट मामी फक कहानी में मैं अपनी ननद के बेटे के साथ होटल के कमरे में रुकी तो उसका कड़ियल जिस्म देख मेरी चूत लंड मांगने लगी. उसकी नजर भी मेरी सेक्सी काया पर थी.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं शनीज़ आपके सामने अपनी पहली कहानी लेकर हाज़िर हूं।

हालांकि में पहले सैक्स स्टोरीज की वेबसाईट के बारे में नहीं जानती थी पंरतु मुझे इसके बारे में इंटरनेट से मालूम हुआ तो मैंने सोचा कि क्यों न आप बीती आप सबको बताऊं।

यह कहानी तीन पार्ट में है तो कृप्या कर के आराम से समय देकर और लन्ड हिला हिला हिलाकर मजे लें!

मैं अपने बारे में बता देती हूं, मेरी उम्र 38 साल है. मुझे सब प्यार से सन्नो बुलाते हैं।
मेरा रंग बादामी है जो हर भारतीय का रंग पसंदीदा है।
मैं 5’9″ इंच की अबला नारी हूं।

अगर बदन के बारे में बताऊं तो मेरे चूचे तने हुए गोल गोल 40 साइज़ के हैं, कमर 36 और भारी गांड 42 की है.
इस बदन के दीवाने मेरे पूरे मुहल्ले में हैं।

मैं घर से जब भी बाहर जाती हूं तो गली के नौजवान से लेकर बुड्ढे तक मेरी गोल बड़ी गांड को देखते हैं।
उनको देखकर लगता है कि ये लोग मुझे चोदने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

मैं शुरुआत से ही इतनी सैक्सी हूं.
मेरे बदन की बनावट के कारण मेरा स्कूल और कॉलेज में हर कोई ब्वॉयफ्रेंड बनना चहता था.

कुछ को तो मैंने मौका दिया और चुदाई भी कराई है।

मैं रेगुलर जिम जाती हूं और मेरा पर्सनल ट्रेनर है, उसका नाम रोबिन, उम्र 24 साल है.
वह जिम कम करवाता है और चुदाई ज़्यादा करता है.

उसके साथ चुदाई का मज़ा भी अलग है, जिम ट्रेनर के साथ सैक्स की स्टोरी में बाद में लाऊंगी कभी।

मैं किट्टी पार्टी में भी लड़कों को बुलाकर चुदाई करा चुकी हूं।
परंतु मैं शुरु से ही खेली खाई औरत हूं इसीलिए मुझे एक लोड़े से शांति कभी मिली ही नहीं।

मैं एक पर्दे वाले परिवार से हूं तो उसके कारण मेरी शादी 22 की उम्र में कॉलेज खत्म होते ही कर दी गई।

परंतु शादी के साथ साथ मेरे संबंध दूसरे मर्दों से भी रहे जिन्होंने मुझे शरीर के सब सुख पूरी तरह दिए हैं।

चलो अब मैं अपनी फैमिली के बारे में बताती हूं।
हम मुंबई के रहने वाले हैं, मेरे पति का नाम रुकमान है, उनकी उम्र 60 साल है और वे दुबई में रहते हैं, उनका बिज़नेस वहीं है।

मेरा बेटा 21 साल का है, कॉलेज करने के बाद दुबई में अपने अब्बा का कारोबार संभालने के लिए शिफ्ट हो गया है।
इसलिए मैं घर पर अकेली रहती हूं!

मैं नए नए फ़ैशन को ट्राई करती रहती हूं. चाहे वो ड्रेस हो या ब्रा सेट!
और जिस भी वक्त अपने किसी पुराने यार को या जिम ट्रेनर को बुलाकर शरीर की गर्मी शांत करा लेती हूं।

मुझे नई उम्र के लड़के ज़्यादा पसंद हैं क्योंकि वे मुझको मेरी जवानी के दिन याद दिलाते हैं।

तो चलो मैं अब सीधे कहानी पर आती हूं।

यह कहानी मेरे और मेरी ननद के लड़के के बीच की है।

एक बार मैं घर में टीवी देख रही थी तो मेरे पति का दुबई से फोन आया.
मैंने झट से उठाया और उनका हालचाल लेने लगी।

उन्होंने कहा- हमारा भानजा रिहान घर आने वाला है. उसका कुछ कॉलेज का एग्जाम है इसलिए उसको दिल्ली जाना है. तो तुम्हें भी उसके साथ जाना होगा क्योंकि उसे वहां तुम्हारी ज़रूरत पड़ेगी।
मैंने हामी भर दी और फोन रख दिया।

अगले दिन सुबह 8 बजे सोते सोते मुझे घर की घंटी की आवाज़ सुनाई दी.

मैं हमेशा से नंगी सोती हूं तो मैं जल्दी से अपना गाउन पहन कर गेट खोलने गई।

जब मैंने गेट खोला तो देखा हट्टा कट्टा लड़का मेरा भानजा मेरे सामने खड़ा था.
मैंने रिहान को देखा तो मैं चौंक गई.
वह बहुत हैंडसम हो गया था क्योंकि जब मैंने उसको आखिरी बार देखा था तब वह छोटा था.

मुझको भी वह ऊपर से लेकर नीचे तक निहार रहा था.
मुझे लग रहा था लो उसका मुझे देखते ही चोदने का मन करने लगा।

मेरी चूची ऊपर से उसको साफ़ नज़र आ रही थी इसलिए वह मुझको बुरी तरह निहार रहा था।

हालांकि मैंने कभी यह सब सोचा नहीं … पर मुझे भी रिहान को देख कर कुछ कुछ होने लगा था।

मेरे गाउन में से मेरी चूची और गांड उभर कर बाहर आ रही थी।

मैं फिर उससे गले मिली तो मैंने अपने सीने को उससे चिपका दिया.
और वह भी मुझसे चिपक कर गले मिलने लगा.
फिर हम दोनों अंदर सोफे पर बैठ गए।

रिहान के बारे में बता देती हूं.
वह 21 साल का काफी सुंदर 6 फीट के आस पास का नौजवान है जो अपने आगे की पढ़ाई करने दिल्ली जाना चाहता है।
इसी काम से वह यहां मेरे घर मुंबई में आया था।

रिहान घर से ही पूरा तैयार होकर आया था।

तो मैंने रिहान को पानी दिया और तैयार होने चली गई।
मैंने गौर किया कि रिहान मेरी दूध और गान्ड बहुत गौर से देख रहा था।

मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई और नहाने लगी।
नहाने के बाद मैंने कपड़े पहने।

मैंने पीले रंग का टॉप पहना जिसके नीचे ब्रा नहीं पहनी जाती.
यह टॉप मेरे 40 के थनों को और आकर्षक बना रहा था.

इस टॉप से मेरे मम्मों के बड़े गोल निप्पल साफ़ दिख रहे थे।
नीचे मैंने सफ़ेद रंग की फूल बनी हुई पैंटी और ब्लू जींस डाल ली।

मैंने थोड़ा मेकअप भी कर लिया।

अपने पास मैंने थोड़े पैसे रख लिए और क्रैडिट कार्ड वगैरा ले लिए.

दिल्ली में सिर्फ एक दिन का काम था तो मैंने सिर्फ दो जोड़ी कपड़े रखे।

और मैं कमरे से बाहर आ हुई।

जैसे ही मैं रिहान के पास पहुंची तो वह मुझे देखता ही रह गया.
उसकी नज़र मेरे चूचों पर थी.
और उसकी शक्ल देख कर तो ऐसा लग रहा था जैसे कि वह आज ही मेरे दूधों को यहीं पटक के बेरहमी से पी जाएगा।

मैं– चलो बेटा, मैं रेडी हूं. अब चलते हैं. और अभी जल्दी है तो लंच कहीं बाहर ही करेंगे।
रिहान– हां मामी, चलो।

हम दोनों जल्दी से एयरपोर्ट पहुंच गए.
एयरपोर्ट पर हम दोनों ने लंच किया.

एयरपोर्ट पर हर किसी की नज़र मेरे बड़े बड़े चूचों और चूतड़ों पर ही थी।

हमने दिल्ली की फ्लाइट ली और हम चल दिए।

हम दिल्ली पहुंच गए और होटल की तलाश करने लगे।

अब हम बहुत थक चुके थे तो बस आराम करना चाहते थे।

हमें फिर एक 4 स्टार होटल मिल ही गया.
लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि सिर्फ सिंगल बेड वाला एक ही रूम उपलब्ध है।

मैंने उसको हां बोल दिया और रूम ले लिया।
हमारे रूम के साइड में ही मैंने देखा कि हम रूम मैं पहुंच गए।

रूम में पहुंचते ही रिहान बोला- मुझको नहाना है.
तो मैंने बोला- जाओ जाकर जल्दी नहा लो, मुझको भी नहाना है।

वह नहाने के लिए अपने कपड़े मेरे सामने ही निकालने लगा.
उसका शरीर बिल्कुल सैक्सी था और उसका लन्ड उठा हुआ अंडरवियर के ऊपर से ही दिख रहा था।

मैं उसके लौड़े को देखकर बस चुदाने का सोचने लगी।

वह तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुसने गया।

बाथरूम बिल्कुल बेड के साइड में ही था।

जैसे ही वो बाथरूम में घुसा, मैं तुरंत बेड पर लेटकर अपनी पैंट उतारने लगी और अपने फोन में रिहान के फोटो उसकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर देखने लगी।

रिहान का नंगा बदन मेरी आंखों के सामने से नहीं जा रहा था।

मैंने तुरंत चूत में उंगली करना शुरू कर दिया और मेरी चूत पानी छोड़ने लगी।

मैं एक हाथ से अपने चूचुकों को निचोड़ रही थी जिससे मेरे अंदर हवस भरती जा रही थी।

तभी मैंने बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज़ सुनी तो मैंने तुरंत अपने कपड़े ठीक कर लिए और आराम से बेड पर लेट गई।

मैंने देखा कि रिहान ने सिर्फ़ तौलिया लपेट रखा था और उसके शरीर पर पानी की चमक से उसकी तन्दरुस्त बॉडी मुझे उत्तेजित कर रही थी।

तभी रिहान बोला– मामी, अब आप नहा लो!

मैं बेड से उठी और तुरंत तौलिया लेकर बाथरूम में चली गई।
मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगी नहाने लगी.

नहाते नहाते मुझे सिर्फ रिहान के ख्याल आ रहे थे और मैं अपनी आंखें बंद करके अपने चूचों को दबा रही थी.
मैं वहीँ अपनी चूत में उंगली करने लगी।

उत्तेजित होने के कारण मेरे निप्पल टाइट होकर नौकदार हो गए।

मैं ऐसे ही उंगली करते करते एक बार बाथरूम में झड़ गई।

फिर मैं अच्छे से नहाई और नहाकर अपने कपड़े फिर से पहन लिए।

मैं नहाकर बाथरूम से बाहर आ गई।
मैंने देखा कि रिहान फोन में कुछ कर रहा था.

मुझे आई देख रिहान बोला- मेरा एग्जाम कल नहीं, परसों के लिए पोस्टपोन कर दिया है. तो हमको एक और दिन यहां रुकना पड़ेगा।

मैंने कहा– कोई बात नहीं … परेशान मत हो, अब खाना खाने का वक्त हो गया है, खाना मंगा लेते हैं।

मैंने सर्विस कॉल लगाया और थोड़ी ही देर में खाना कमरे में पहुंच गया।
हम दोनों ने खाना खाया और फिर हम सोने के लिए तैयार होने लगे।

बेड पर सिर्फ़ एक ही कंबल था ओढ़ने के लिए।

रिहान बोला– मामी, मैं सिर्फ अंडरवियर में सोता हूं. आपको कोई परेशानी तो नहीं?
मैं बोली– नहीं बेटा, कोई परेशानी नहीं. मैं भी ऐसे ही सोती हूं. आदत पड़ गई है।

तो वह चौंक गया.
पर फिर वह अपने कपड़े उतारने लगा।

जैसे ही उसने सारे कपड़े उतारे, मैं उसको देखती रह गई।
उसका बड़ा लोड़ा शॉर्ट्स के ऊपर से साफ दिख रहा था।

वह तुरंत बेड पर कंबल ओढ़ कर लेट गया मैं भी दूसरी साइड जाकर अपनी पैंट और टीशर्ट उतारने लगी।

मैंने थोड़ा सा पीछे नज़र घुमाकर देखा तो मैंने देखा कि रिहान मेरी मोटी गांड देख रहा था।

तभी उसने मुझे देखकर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया।
मैं जल्दी से कंबल के अंदर घुसकर लेट गई।

तब मैं सोने के कोशिश करने लगी।
पर मुझे नींद आ ही नहीं रही थी.
बार बार मेरे सामने अब रिहान का लोड़ा नज़र आ रहा था।

मैंने देखा तो रिहान सो गया था।
मैं मज़े लेने के लिए उसके एकदम पास सरक गई.

थोड़ी देर में ही वह करवट लेकर मेरी तरफ हो गया.
अब मेरी गांड उसके लोड़े से टच हो गई।
मैं उसका लोड़ा महसूस कर पा रही थी।

अब मैं रिश्तों को दरकिनार कर रिहान से अपनी चूत का बाजा बजवाना चाहती थी।

मैंने अपना हाथ इसके लोड़े पर रख दिया और उसको रगड़ने लगी।

तभी एकदम से रिहान उठ गया और बेड से उतर कर बोला– मामी, यह क्या कर रही हो? यह सब गलत है. मैं आपके बेटे की उम्र का हूं. यह सब आपको शोभा नहीं देता।

मैंने रिहान को हाथ पकड़ के अपने ऊपर गिरा लिया.
अब उसकी पूरी बॉडी मेरे ऊपर थी और उसका मुंह मेरे चूचों के बीच में था।

रिहान– यह सब गलत है … मामी, मुझे छोड़ दो!
मैंने बोला– रिहान बेटा, तेरे चाचा कब से घर नहीं आए. और मेरी हवस शांत कैसे होगी? क्या तू मेरी मदद नहीं कर सकता?
रिहान– मामी, आप मेरी मां समान हो और मैं तुम्हारे साथ यह सब नहीं कर सकता।

मैं– हां बेटा, अपनी मां से चालाकी … जबसे तूने मुझे देखा है, तबसे मैं ध्यान दे रही हूं कि तू मेरी चूची और गोल गांड को ही देख रहा है और अब सफाई दे रहा है। अगर मां मानता है तो चल अब मां की मदद कर!

वह मान गया और बोला– पर मामी … हमारे इस काम के बारे में किसी को पता नहीं लगना चाहिए।
मैंने हामी भर दी।

अब रिहान भी मुझे मज़े देने के लिए तैयार हो गया।

रिहान ने मेरी एक एक करके चूची पीनी शुरू कर दी बोला– मामी, जब से तुम्हारे बड़े बड़े दूध देखे हैं, तब से बस इन्हें चूसने के सपने देख रहा था. और अब मेरा सपना पूरा हो गया।

मैं– बेटा, जो तुझे करना है, तू वो मेरे साथ कर! आज मेरी चूत, गांड, चूची सब तेरी अमानत हैं।

तभी वह बेरहमी से मुझे किस करने लगा और मेरे होटों को चूसते हुए काटने लगा।

मुझे भी मज़ा आ रहा था, उसका काटना मुझे उत्तेजित कर रहा था।

वह फिर मुझे बैठने को बोला और मैं बैठ गई।
बैठते ही वह मेरे चूचों को काटने लग गया और एक हाथ से दबा भी रहा था।

ऐसे ही मेरे चूचे चूसने के बाद उसने अपना कच्छा उतार दिया और मुझे पकड़ के लेटा दिया, मेरे उपर चढ़ कर बैठ गया.

मैंने उसका लोड़ा देखा तो वो बिल्कुल जिम ट्रेनर रोबिन की तरह मोटा और 7 इंच का था।
मुझे अब मज़ा पूरा आने वाला था.

उसने अपना लोड़ा मेरे चूचों में फंसाया और उनको चोदने लगा।
मैं बोली– रिहान, तेरा लन्ड तो तेरे मामा से भी बड़ा है. वाह क्या साइज है?

तो वह बोला– मामी, तभी तो मेरे पीछे कॉलेज की लड़कियां पागल थीं। और आज आप पागल हो गई हो।
मैं हंस दी।

थोड़ी देर बाद वो उठ गया और उसने मुझसे कहा– चल मेरी जान, अब तू इस राजा के लिए घोड़ी बन जा!

मैं तुरंत हंसते हुए औंधी हो गई और घोड़ी बन गई।

तभी रिहान मेरे पीछे आया और मेरे चूतड़ों चाटने लगा और चांटे मारने लगा।
मैं भी सिसकारियां भरने लगी।

तभी उसने मेरी पैंटी उतारी और बोला– ओ माय गॉड … क्या चूत और गांड है मामी आपकी … एकदम सुडौल है।
मैं बोली- थैंक यू बेटा अब चल शुरू कर खेल!

उसने अपना लोड़ा मेरी चूत पर अपना थूक लगाकर डाल दिया.
मैं सिसकारियां लेने लगीं.

अब वह धीरे धीरे शॉट देने लगा.
फिर उसने रफ्तार बढ़ा दी और मेरे बाल पकड़ लिए।
और वह मेरी चूत बेरहमी से चोदने लगा।

तभी उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला- मामी, तुम्हें मजे चाहिएं तो मुझ डैडी बोलो तो मैं और मज़ा दूंगा।
मैंने हां बोल दिया।

जैसे ही वह मेरे चूतड़ पर थप्पड़ मारता तो मैं बोलती- प्लीज़ डैडी … उफ्फ … प्लीज़ फक माय पुस्सी, फक उफ्फ फक डैडी!

ऐसे ही उसने मुझे 15 मिनट तक चोदा और फिर उसने मुझे अपने लोड़े के उपर बैठने को कहा।

मैंने वैसा ही किया और वह मुझे लन्ड पर बैठाकर चोदने लगा।
चुदाई कराते हुए मैं मेरे चूचों को बारी बारी उसे चुसवा रही थी।

वह मेरी गांड को चौड़ा कर चूत मार रहा था।

मैंने उसको एक जोरदार किस कर दी और उसने रफ्तार बढ़ा दी.

अब वो मुझे अच्छे से चोद रहा था।

मैं उससे बोली- चोद अपनी इस राण्ड मामी को … चोदकर इसकी चूत का बाजा बजा दे बस जल्दी से!

फिर उसने बोला- मामी चल अब खड़े हो जा!

मैं खड़ी हो गई.

उसने मुझे पकड़ कर दीवार से सटाया और मुझे पीछे से चूत में लोड़ा पेल दिया।

फिर वह मुझे ऐसे ही खड़ा होकर चोदने लगा और बोला- मामी, आपकी उम्र बेशक ज़्यादा है पर आप तो जवान लड़कियों से भी अच्छी खेली खाई औरत हो. एक तो तुम्हारा यह सुन्दर और सैक्सी शरीर … और ऊपर से तुम मेरी मामी … तुम्हारे बदन को सोचते सोचते तो मैं बाथरूम में मुठ मार कर आया, मज़ा आ रहा है तुम्हारी चूत चोदने में!

मैं यह सुनते सुनते झड़ गई।

मैं- ऐसे तो मुझे कभी तेरे मामा ने भी नहीं चोदा! तू तो सच में खिलाड़ी निकला।

तभी उसने बोला- मैं झड़ने वाला हूं।
मैंने कहा- मेरी चूचियों पर झड़ना!

उसने तुरंत मुझे नीचे बैठाया और अपना लोड़ा लेकर मेरे चूचों पर झाड़ दिया।
झड़ते ही वह बेड पर लेट गया.
और मैं भी निढाल होकर सो गई।

उसके बाद मैं सुबह 9 बजे उठी, मैंने देखा कि रिहान अभी भी सो रहा था।

मैं उठी और बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गई और आपने आपको साफ कर लिया।

जो भी रात में हुआ, वो मुझे सब बुरा लगने लगा।

मुझे कुछ भी करके दूसरा रूम चाहिए था.

मैं एक ही कमरे में अपने भानजे के साथ और दिन नहीं बिता सकती थी।

तब मैं तैयार हुई और अपना फोन और पर्स उठाया.

फिर सीधा कमरे से बाहर जाने लगी.
तभी पीछे से रिहान बोला- मामी, कहां जा रही हो?

मैं- कहीं नहीं बेटा. बस जो सब रात में हुआ वो सब गलत था. मैं अब तुम्हारे साथ एक ही कमरे में नहीं रुक सकती. सॉरी!
और मैं बाहर आ गई।

दोस्तो, आगे की कहानी मैं जल्दी ही लाऊंगी.
इसके आगे की कहानी काफ़ी मज़ेदार है.

आप पढ़ कर अपने लोड़े को ज़रूर हिलाओगे और मुझे चोदने के सपने देखोगे।

इसके बाद में तुमको पता लगेगा कि किस तरह मैंने एक दिन गुजारने के लिए 25 वर्षीय अजनबी से चुदाई कराई।
मैं कहानी जितना जल्दी हो सकेगा उतना जल्दी लिख कर लाऊंगी।
मुझे ईमेल कर के ज़रूर बताना और अपना प्यार देना।

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धन्यवाद।