ऑफिस गर्ल Xxx कहानी में मेरे बॉस ने मेरे सेक्सी जिस्म का फ़ायदा उठाये हुए मुझे नंगी करके अपने सी ई ओ के सामने पेश कर दिया चुदाई की रिश्वत के तौर पर!
कहानी के छठे भाग
वासना से प्यार का सफर
में आपने पढ़ा कि अपने नए प्रमोटेड मैनेजरों में से एक मुझे भा गया. वह दूसरों की भान्ति सेक्स का पुजारी नहीं था. मैंने उसके साथ दिल से सेक्स किया.
यह कहानी सुनें.
अब आगे ऑफिस गर्ल Xxx कहानी:
“आओ वीनस, मिलो टॉम से, ये हमारे सीईओ हैं। खास तुम्हारे पास लाए हैं इन्हें … ताकि इन्हें पता चले कि इंडियन लड़कियां कितनी ‘काबिल’ होती हैं।”
धीरज दूसरी और टॉम को अंग्रेजी में दीपक की बात समझा रहा था।
कह रहा था- टॉम, थिस गर्ल इस वेरी हॉट चिक, वी ऑल हैव टेस्टेड हर, वी हैव अरेंज्ड हर फॉर यू! (टॉम ये लड़की बहुत गर्म माल है, हम सबने इसके मजे लिए हैं, इसे तुम्हें खुश करने के लिए बुलाया है।)
“पास आओ!” दीपक ने आदेश दिया।
मैं टॉवल में लिपटी, गीले बालों में उन सभी के पास गई.
मोहित ने मेरा तौलिया खींच के गिरा दिया.
मैं फिर नंगी हो गई।
दीपक- टॉम की गोद में आकर बैठो।
मैं टॉम के पास जा के बैठ गई, टॉम थोड़ा शरमा रहा था।
तभी धीरज आया और उसने अपना लौड़ा मेरे मुंह में दे दिया।
“लुक एट हर टॉम, शी इज़ आवर बिच!” (देखो इसे टॉम, यह हमारी कुतिया है।)
धीरज को मजे लेते देख बाकी लोग भी नंगे हो गए और मेरे मुंह के पास आकर अपने अपने लौड़े सहलाने लगे।
मैंने टॉम की ओर देखा और कहा- यू आर माई गेस्ट, फर्स्ट यू! (आप हमारे मेहमान हैं, इसीलिए पहला मौका आपको.)
यह कह कर मैं टॉम की जींस खोलने लगी।
टॉम का लौड़ा खड़ा नहीं था, मैंने उसका लौड़ा मुंह में भर लिया।
उसका हाथ अपने आप मेरे बालों को पकड़ कर मेरा सिर उसके लौड़े पर दबाने लगा।
“अह्ह्ह … शी इज़ गुड!” उसने मेरी चुसाई की तारीफ करते हुए आह भरी।
मैं एक प्रोफेशनल रंडी की भांति टॉम का लौड़ा चूसते हुए उसके शिथिल लंड को खड़ा कर रही थी।
उसका लंड जब अपनी पराकाष्ठा पर पहुंचा तो मुझे भी गर्व हुआ कि आज एक अंग्रेज का लंड मुंह में लिया मैंने!
टॉम तकरीबन दस मिनट में मेरे मुंह में स्खलित हो गया।
अब वह एक तरफ दीपक के साथ बैठ गया।
दोनों मेरी जवानी और वासना की बातें अंग्रेजी में करने लगे।
दीपक ने उसे बताया कि मैं उसकी पर्सनल रंडी हूं और वह दिन रात मेरी चूत और गांड चोदता है। प्रमोशन पर नए मैनेजर को मोटिवेट करने के लिए मुझे लाया है। और वे सब कैसे गाड़ी में और पार्टी से पहले मेरे भरे जिस्म का मजा ले चुके हैं।
अब कार्तिक, धीरज, राजीव, मोहित चारों नंगे होकर लंड सहलाते मेरे आसपास खड़े हो गए, मेरा जिस्म हाथों से टटोलने लगे।
कोई मेरे चूचे मसलता, कोई मेरी गांड पकड़ता, कोई चूत पर थप्पड़ मारता, कोई गांड पर चमाट।
मुझे होली के दिन की चुदाई याद आने लगी।
सन्दीप के प्यार के ऊपर यौवन सुख और गैंग बैंग की प्रबल इच्छा हावी होने लगी.
सन्दीप भी एक तरफ खड़ा था, देख रहा था मेरी जवानी बिखरते हुए!
मुझे चारों ने जमीन पर बिठा दिया.
अब दो जन मेरे मुंह में अपना लौड़ा पेलने लगे.
और बाकी दो ने मेरे हाथों में अपने अपने लंड पकड़ा दिए।
उधर दीपक होली के दिन हुई मेरी चुदाई का बखान टॉम से कर रहे थे।
कह रहे थे कि दफ्तर की जिस भी लड़की के लिए टॉम बोलेगा, दीपक उसे टॉम के बिस्तर तक पहुंचाने का पूरा इंतजाम कर देंगे।
दीपक जैसे ऑफिस की सारी लड़कियों का दलाल हो।
वह ये सब प्रमोशन के लिए कर रहा था।
तभी धीरज ने सन्दीप को भी लौड़ा चुसवाने का न्यौता देते हुए कहा- अरे सन्दीप, इतनी दूर क्यों खड़े हो, आओ तुम भी मज़े करो!
सन्दीप- नहीं, मैं ठीक हूं।
कुछ देर बाद हाथों वाले लौड़े मेरे मुंह में जाने लगे और मुंह वाले लौड़े मेरे हाथों में आ गए.
मैं उन्हें पकड़ के आगे पीछे करती हुई चार लंड की लौड़ी बन गई थी।
उधर टॉम ने भी एक साथ पांच लड़कियों के साथ रंगरलियां मनाने को मांग रख दी।
दीपक ने भी हामी भर दी ये सोचकर कि एक रोशनी और एक मैं, और बाकी तीन ये नए मैनेजर ले ही आयेंगे।
मोहित चरमसुख की ओर अग्रसर था, उसने मुझे हाथ रोकने को कहा।
और धीरे धीरे सभी ने थोड़ा रुकने का फैसला लिया, वे इतनी जल्दी झड़ना नहीं चाहते थे।
तभी टॉम उठकर मेरे पास आया और उसने मुझे जमीन से खड़ा कर, बाहों में उठा लिया और बिस्तर तक ले गया।
मुझे बिस्तर पर टिका कर उसने अपनी टीशर्ट उतार दी और जींस भी नीचे कर दी।
अब वह मुझ पर चढ़कर मेरी चूत और गांड की सैर करने को पूरी तरह से तैयार था।
बाकी सब पास में खड़े होकर जाम छलकाते हुए अपने अपने लंड सहला रहे थे।
टॉम मेरे से काफी लंबा ऊंचा था उसका लंड बिना झिल्ली वाला था.
उसने मेरे ऊपर आकर मेरे मम्में चूसना शुरू कर दिया जैसे उसने कभी इतने बड़े और प्राकृतिक मम्में कभी ना देखे हों।
उसने मेरे मम्में दबा दबा के लाल कर दिए, दो चार चमाट भी जड़ दिए मेरी मासूम कोमल चूचियों पर!
मैं आह ही करती रह गई।
जब आह से मेरा मुंह खुला तो धीरज ने मेरे मुंह के पास आकर बिस्तर पर, मेरे होंठों पर अपना लौड़ा रगड़ना शुरू कर दिया।
उधर टॉम भी पीछे हुआ और चूत की फांकें अलग कर उसमें उंगली करने लगा.
मैं बता नहीं सकती दोस्तो कि एक फिरंगी से चुदकर मुझे कितना अच्छा लग रहा था। मैं जैसे सातवें आसमान पर थी।
अपने गुलाबी रसभरे होंठों को दांतों के बीच दबाती हुई, लंबी लंबी सांसें भरती हुई मैं अपनी योनिसुख का आनंद प्राप्त कर रही थी।
सच कहूं तो उस वक्त मन हुआ कि टॉम की उंगलियां निकाल कर अपने मुंह में दबा कर चूसूं और उसके अपनी बहती हुई चूत से उसके कड़क लंड का स्वागत करूं।
दीपक पीछे से शराब का घूंट भर के अंग्रेजी में टॉम से बोला- इसकी चूत फाड़ोगे या गांड?
टॉम दीपक को देख मुकुराया और बोला- दोनों!
यह कह कर टॉम ने अपना चिकना गोरा सर्कमसाइज्ड लंड मेरी भीगी गुलाबी चूत में पेल दिया।
“आह्ह … सी … सी … आह्ह!” उसकी इस अचानक हरकत से मेरी चीख निकल गई.
इतने लंड खाने के बाद भी टॉम का लौड़ा मेरी चीखें निकालने को काफी था।
उसका लंड मेरी चूत की दीवारों से चिपका हुआ अपने सुपारे के साथ मेरी बच्चेदानी पर टकराने लगा।
“आअह्ह … आअह्ह्ह्ह … अह्ह्ह्ह” मेरी कसक भरी आहें टॉम को और उत्तेजित कर रही थी।
टॉम की स्पीड कमरे में मौजूद सभी लड़कों से तेज़ थी।
उसकी गांड एक ऐसे मूसल की भांति तेज़ी से हिल रही थी, जैसे वह दिन रात बस यही करता हो।
अपनी जबरदस्त रगड़ाई से मेरी सीत्कारें तेज़ हो रही थी ‘आह आह आह आह आह फक … आह!
धीरज के लंड की चुसाई से मेरा ध्यान हट कर मेरी फड़कती चूत पर जा पहुंचा.
एक चुदक्कड़ Xxx ऑफिस गर्ल की भांति मैं टॉम के धक्कों का मज़ा लेते हुए उससे चुद रही थी।
टॉम ने रुक कर मुझे पलटने को कहा- टर्न ओवर! (घूम जाओ.)
मैं उसकी कुतिया बन गई.
अब धीरज ने भी अपनी पोजीशन थोड़ी बदली ताकि उसके लंड की चुसाई जारी रहे।
मुंह और चूत में लंड पाकर मैं पूरे चुदाई के मजे ले रही थी.
रह रह कर मुंह से धीरज का लौड़ा बाहर निकल आता और मेरा खुला मुंह सीत्कारें लेने लगता।
और धीरज भी मेरा चेहरा पकड़ धक्के से लौड़ा गले तक धकेल देता।
अब टॉम मेरी चूत को पीछे से पेलने लगा, उसके हाथ मेरे नितंबों को पकड़े थे और उन्हें गुब्बारों से कसकर दबा रहे थे जैसे वह हवा निकालना चाह रहा हो।
उसने अचानक ही मेरे चुदाई से हिलते चूतड़ों पर तमाचों की बरसात कर दी।
“आह आह … आह ओह … अअ ह्ह्ह आह्ह … आआ आआ … अह आआअह आआहह!”
टॉम ने मेरे चूतड़ों की खाई खोलते हुए चूतड़ों के गाल अलग कर दिए और अपना चूत रस से भीगा लंड निकाल कर गांड के छेद पर लगाया, बिना चेतावनी दिए उसका लंड मेरी गांड रौंदते हुए मेरे भीतर प्रवेश कर गया।
मैं चिल्लाई- आआ मार डाला!
और बिदक गई!
टॉम ने फिर मेरी गांड पर तमाचे मारे और अंग्रेजी में बोला- रांड, अभी तो शुरुआत है। तुझे ऐसा चोदूंगा कि अमेरिका तक तेरी सिसकारियां गूजेंगी।
उसने मेरी गांड फिर उचकाई और लौड़ा बाहर निकाल कर बेदर्दी से फिर अंदर पेल दिया।
मैं दर्द से तड़प रही थी पर वह दनादन लगातार चोदता रहा और मैं एक उसकी निजी रंडी बनी चुदती रही।
दीपक भी उठकर आया और मेरे नीचे लेट गया.
उसका लौड़ा मेरी जवानी को सलामी दे रहा था.
उसने टॉम को कहा- तुम गांड मारो, मैं इसकी चूत बजाता हूं!
टॉम ने साथ देते हुए मुझे उसके लंड पर बिठा दिया.
दीपक का लौड़ा मेरी चूत में घुसने के हर द्वार को जानता था, बैठते ही अंदर घुस गया.
टॉम ने दोबारा अपना लंड मेरी गांड पर सेट किया और अंदर घुसा दिया।
अब एक अलग ही लय में मेरी चुदाई चल रही थी।
मोहित ने भी धीरज के साथ अपना लौड़ा मेरे मुंह में डाल दिया.
कार्तिक और राजीव अपना नंबर लगने का इंतजार कर रहे थे कि कब कोई झड़े और वह उसकी जगह लें।
दोस्तो क्या बताऊं … अपने सारे सुराखों में लंड भरकर जो मजा आया, उसे शब्दों में कहना बड़ा मुश्किल है।
सन्दीप एक जगह से मेरे साथ सब होता देख रहा था।
मेरी नजरें भी रह रह कर बार बार उसे ही कमरे के भीतर तलाशती।
मैं तीन ओर से धक्के सहन करती हुई अपने हिलते बदन के साथ उसकी आंखों में देख रही थी.
तभी टॉम का स्खलन मेरी गांड में हो गया- आह्ह्ह व्हाट अ स्लट … फकिंग गॉडेस … (आह्ह्ह क्या रंडी है ये, काम की देवी।)
मेरी गांड से उसके वीर्य की धारा बह रही थी।
उसके झड़ने पर मुझे जो सुकून मिला, वह तो मुझे दीपक से चुद कर भी नहीं मिला था।
टॉम एक भूखे शेर की तरह था, जैसे उसने कई दिनों बाद किसी को चोदा हो।
टॉम मेरे कान के पास आया और अंग्रेजी में बोला- मेरे साथ अमेरिका चलो, इन सब कुत्तों से चुदने से तुम्हें कुछ फायदा नहीं होगा, ऊपर पहुंचना है तो ऊपर वालों को खुश करना होगा. मैं अगले तीन दिन ताज होटल में रुकूंगा, तुम आओगी तो डील फाइनल कर लेंगे।
यह कह वह पसीने से तर बाथरूम में अपना लौड़ा साफ करने चला गया।
अब कार्तिक तुरंत मेरी गांड की ओर लपका.
उसने टॉम की जगह ली और पहले मेरी गांड में दो उंगलियां घुसा दी।
टॉम का वीर्य मेरी गांड से बह रहा था, मेरी गांड भी मेरी चूत सी चिकनी हो गई थी।
कार्तिक ने मेरे चूतड़ों पर दांत गड़ा दिए और मुझे काटने खसोटने लगा।
मैं वासना में बहती पागल हुई जा रही थी- अह्ह उह्ह हह … सी आआ आह्ह!
उधर धीरज भी मेरे मुंह में स्खलित हो गया।
उसका वीर्य मेरे मुंह से टपकता चादर और दीपक के सिर पर गिरने लगा।
मोहित ने राजीव को थोड़ा और रुकने का इशारा किया, वह भी झड़ने की कगार पर था.
पर उससे पहले दीपक ने मेरी चूत रस से भर दी।
अब मेरे बदन पर जगह जगह से लंड रस बह रहा था, मेरे नंगे जिस्म पर सभी मर्दों के काटने खसोटने के निशान थे।
मेरे बदन से साफ लग रहा था कि मुझे अच्छे से रगड़ा गया है।
राजीव ने दीपक के उठते ही उसकी जगह ली और मुझे अपने लौड़े पर बिठा लिया।
एक साथ इतने मर्दों का मजा मुझे अच्छा लग रहा था।
मैं कब से होली की रगड़ाई दोबारा होने के लिए तड़प रही थी।
मेरी वह कामना भी पूरी हो गई।
टॉम तब तक नहा के बाहर आ चुका था, टॉम के आते ही दीपक बाथरूम चला गया।
मैंने आंखों ही आंखों में सन्दीप को दीपक का फोन लेने का इशारा किया।
पहले सन्दीप समझ नहीं पाया।
फिर मैंने कहा- कितना अच्छा हो कि कोई हमारी इस गैंग बैंग की यादगार तस्वीर या वीडियो बना दे! मैं तो अगला प्रोग्राम होने तक उसी को देख देख कर अपना मन संभाल लूंगी।
किसी को भी वीडियो बनाने से डर लग रहा था।
“टॉम, तुम क्यों नहीं बनाते, दीपक के फोन से बना दो!” मैंने कहा.
पर टॉम नहीं जानता था दीपक का फोन कौन सा है।
सन्दीप ने झट से दीपक का फोन लिया, उसमें लॉक लगा था।
मकसद यह था कि गाड़ी में सुबह दिया इकबालिया बयान को किसी तरह अपने या मेरे फोन में ट्रांसफर करना।
कुछ ही देर में दीपक आ गया।
सन्दीप ने दीपक को बताया- कुछ याद तो होनी चाहिए इस हसीन कामुक रात की।
दीपक ने बिना झिझके फोन का पासवर्ड सन्दीप के सामने डाला।
और अब वह मेरी चुदती हुई तस्वीरें लेने लगा।
कभी चेहरे के एंगल से कभी गांड के, कभी मम्मों की और से कभी चूत दिखाते हुए।
फिर तस्वीर देखने के बहाने उसने गैलरी खोली तो उसमें गाड़ी में बना मेरी चुदाई का नंगा वीडियो मिल गया.
उसने तुरंत उसे अपने और मेरे फोन पर ट्रांसफर कर दिया और हिस्ट्री डिलीट कर दी।
फिर फोन दीपक को पकड़ा कर वह शांति से बैठ गया।
दीपक- अरे सन्दीप तुम और नहीं चोदोगे क्या इसे? सुबह होने को है।
सन्दीप- सर मुझे थोड़ी शर्म आती है. तो जब आप सब सो जायेंगे तो इसे अपने कमरे में ले जाकर …
दीपक- अरे हम से कैसी शर्म, हम भी तो तुम्हारे सामने नंगे हुए हैं, और ये तो साली सुबह से नंगी है।
सन्दीप- सर … वह मेरा यूं खड़ा ही नहीं होगा … इसीलिए!
दीपक- चलो कोई बात नहीं, तोहफा तुम्हारा भी है, ले जाना कुछ देर के लिए अपने कमरे में इसे!
यहां मोहित और कार्तिक की तेज़ी से लग रहा था कि अब उनका भी होने को है.
मेरे बदन में दर्द होने लगा था, टांगें कांप रही थी, जबड़े में भी चूस चूस के अकड़न आ गई थी.
नीचे लेटे राजीव ने मेरी चूचियां मरोड़ मरोड़ के बुरा हाल कर दिया था।
मैं किसी पोर्न स्टार से कम नहीं लग रही थी।
कुछ देर बार एक एक कर तीनों मर्दों (राजीव, मोहित और कार्तिक) ने मेरे भरे हुए कामुक जिस्म से स्खलन प्राप्त किया।
सब थक कर बैठ गए।
मेरी ऑफिस गर्ल Xxx कहानी आपको कैसी लग रही है?
आप अपनी राय मुझे मेल और कमेंट्स में भेजते रहें.
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ऑफिस गर्ल Xxx कहानी का अगला भाग: वासना के समुन्दर में प्यार की प्यास- 8