देसी मेड हॉट चुदाई कहानी में मैंने अपनी जवान सेक्सी नौकरानी की चुदाई की. मेरी मम्मी ने एक खूबसूरत कामवाली रखी। उसे देखकर मेरा मन रोज उसको चोदने का करता था। मेरी सेक्स स्टोरी में पढ़ें।
दोस्तो, मैं जब 19 साल का था तो मेरा शरीर अब सेक्स की चाहत करने लगा था।
मैं चाहता तो पैसे देकर कर सकता था लेकिन उसमें मुझे मजा नहीं आता था।
क्योंकि मैंने 1-2 बार करके देख लिया था.
तब मैंने पहली बार संभोग किया था।
फिर 2 लड़कियों के साथ सेक्स करके मजा लिया उनको सेट करके … लेकिन महीनों लगते थे लड़कियां सेट करने में!
मैं अपने लन्ड को बड़ा रखने के लिए बहुत कुछ किया करता था तो मेरा लंड उस वक्त भी साढ़े 5 इंच के लगभग हो चुका था।
अब मैं आपको अपनी देसी मेड हॉट चुदाई कहानी बताने जा रहा हूं।
हमारा खुद का घर है, घर में घुसते ही हॉल है जहां मैं रहता था।
मेरी मां की जॉब है, वही घर का सारा काम करती थी।
लेकिन फिर उनका तबादला दूसरे शहर में हो गया तो उनको सुबह से लेकर रात तक शहर में रहना पड़ता था, फिर देर रात घर आना पड़ता था।
मेरी एक बड़ी बहन भी है जो एग्रीकल्चर की पढ़ाई करती थी।
तो एक दिन मां एक नौकरानी को घर ले आयी।
उसका नाम रानी (बदला हुआ) था।
वह दिन में दो टाइम आती और घर का काम करके चली जाती।
उसको देखकर लगता नहीं था कि ये नौकरानी है।
वह देखने में सुंदर थी।
मुझे तो देखकर दुख होता था कि इतनी सुंदर लड़की नौकरानी का काम करती है।
हालांकि उसका रंग थोड़ा सांवला था लेकिन फिगर कमाल था।
नैन-नक्श एकदम तीखे थे और चूचियां मीडियम साइज की थीं, जो उसके कमीज में कसी रहती थीं।
कई बार चूचियों की घुंडियां सूट में से ही तनी हुई नजर आ जाती थीं।
कुल मिलाकर एकदम से तराशे हुए बदन की मालकिन थी वो!
जो अगर किसी मर्द का लंड एक बार हाथ में पकड़ भी ले तो पिचकारी ही छूट जाए।
ऐसे ही दिन गुजरने लगे।
उसे हमारे घर काम करते हुए अब काफी वक्त हो गया था।
वह मुझसे भी बातें कर लिया करती थी; बात-बात पर हंस देती थी।
जब वह झुक कर सफाई किया करती थी तो उसकी गांड कई बार नजर आ जाती थी।
इतनी सुडौल गांड मैंने आज तक नहीं देखी थी।
एकदम से गोल गांड वाली लड़की थी वो!
मेरा तो लंड उसकी गांड को पजामी में से ही देखकर खड़ा हो जाता था।
मन करता था जाकर इसकी गांड को भींच दूं और जोर से थपकी लगाऊं।
मैं अक्सर उसको घूरा करता था।
वह भी मेरी मनसा समझने लगी थी।
अब मैंने उसको चोदने की ठान ली।
घर में जब वो काम करती होती तो मैं जानबूझकर ऐसी हरकतें करता जिससे कि वह भी उत्तेजित होने लगे।
कई बार मैं नहाकर सिर्फ अंडरवियर में उसके सामने बाहर निकलता।
मेरा लंड तो वैसे भी उसके रहते हमेशा तना ही रहता था जिस पर चोर नजर से वो भी एक दो बार देख जाती थी।
कभी कभी मैं उसकी गांड पर हाथ लगा देता था जैसे कि गलती से लग गया हो।
फिर भी वह कुछ नहीं कहती थी, मैं बस सॉरी बोलकर निकल जाता था।
इस तरह से मैं रानी को गर्म करने की पूरी कोशिश कर रहा था।
एक दिन की बात है कि मैं सुबह के वक्त देर तक सोता रहा।
रानी घर में सफाई करने आ चुकी थी।
सुबह के वक्त मेरा तंबू लोअर में तना हुआ था।
मेरी जब आंख खुली तो मैंने लंड को तना पाया और साथ में रानी को भी झाड़ू लगाते हुए पाया।
लेकिन मैं सोने का नाटक करता रहा।
मैंने देखा कि वो मौका पाकर मेरे लंड के तंबू को देख रही थी।
अब मुझे यकीन हो गया था कि देसी मेड हॉट चुदाई चाह रही है।
उस दिन के बाद मैं सही मौके का इंतजार करने लगा।
मैंने पहले ही कॉन्डम का पैकेट खरीद कर घर में छुपा लिया था।
एक दिन मैं बाथरूम में नहा रहा था।
कुछ देर बाद रानी आ गई।
मैंने लंड हिलाते हुए जानबूझकर कामुक आवाजें निकालना शुरू कर दिया ताकि उसको भी सुनाई दे।
जैसा मैंने सोचा था, वैसे ही हुआ।
रानी बाथरूम के पास आकर खड़ी हो गई, मुझे उसकी परछाई दिख रही थी।
मैं आह आह करके लंड हिला रहा था।
वह चुपचाप खड़ी हुई मुझे सुन रही थी।
फिर मैंने नल चालू किया तो वो वहां से हट गई।
अब मैंने तौलिया को गीला कर लिया और लपेट लिया।
फिर रानी को आवाज दी- रानी, मेरा तौलिया गीला हो गया है, दूसरा दे सकती हो क्या?
वो बोली- जी लायी!
रानी जब तौलिया लेकर आने लगी तो मैंने गीले तौलिया को खोल लिया था और उसे इतना ही अटका रखा था कि जरा सा पैर हिलते ही वो खुलकर नीचे गिर जाए।
मैंने हल्का सा दरवाजा खोल दिया था ताकि रानी को मेरा लंड दिख सके।
उसने हाथ बढ़ाकर तौलिया अंदर कर दिया।
मैंने आगे कदम बढ़ाया तो मेरा गीला तौलिया खुलकर गिर गया और मेरा तना हुआ लंड रानी ने देख लिया।
उसकी आंखें एकदम से फैल गईं।
दो पल उसने मेरे लंड को निहारा और फिर मुंह फेरकर खड़ी हो गई।
मैंने कहा- सॉरी।
फिर मैंने तौलिया लपेटा और उसके हाथ से दूसरा तौलिया ले लिया।
फिर वह चली गई।
उस दिन के बाद मैंने कई बार उसको इसी तरह से उत्तेजित किया।
अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था और मैं बस आज उसे चोद देना चाहता था क्योंकि उस दिन घर में भी कोई नहीं था।
रानी के आने से पहले मैं बाथरूम में पहुंच गया और नंगा खड़ा होकर लंड हिलाने लगा।
कुछ देर बाद गेट खुलने की आवाज आई तो मैं समझ गया कि घर में दाखिल हो चुकी है।
अब मैंने जोर जोर से आवाजें करते हुए मुठ मारना शुरू कर दिया।
बाथरूम का दरवाजा पूरा खुला हुआ था।
वह अंदर आ गई लेकिन बीच में कहीं रुक गई।
शायद वह मेरी आवाज सुनकर रुक गई थी।
मैं आंख बंद करके मुठ मारने में मग्न था, ऐसे दिखा रहा था जैसे मुझे होश ही नहीं है मुठ मारने में!
फिर मैंने एक बार आंख खोलकर देखा तो रानी मुझे देख रही थी।
उसका ध्यान बस मेरे लंड पर ही टिक गया था।
मैंने देखा कि उसके चेहरे पर वासना के भाव थे.
वह थोड़ी घबरा भी रही थी कि कहीं मैं ही उसे न देख लूं।
अब मैंने उसका नाम लेकर मुठ मारना शुरू कर दिया- आह रानी … आह … क्या लगती हो तुम … आह रानी … काश तुम्हारी चूत मिल जाए … आह चोद के रख दूंगा … पूरा मजा दे दूंगा … बस चूत दे दो रानी … आह … रानी … तेरी चूत … आह मेरी रानी।
फिर इतने में ही मेरे लंड का कंट्रोल खत्म हो गया और मैं झड़ने लगा, जोर से पिचकारी मारते हुए मैं खाली हो गया।
रानी फिर एकदम से हट गई।
वह कहीं पीछे चली गई, फिर खांसते हुए अंदर की ओर आने लगी।
मैं समझ गया कि ये अब नाटक कर रही है।
मैंने दरवाजा बंद कर लिया और नहाने लगा।
नहाकर मैं बाहर आया।
जैसे ही मैं निकला, मैंने देखा कि वह फर्श पर पोछा लगा रही थी।
उसने शर्ट को उठा रखा था और पजामी में से अपनी गोल सुडौल गांड के दर्शन मुझे करवा रही थी।
उसने गांड ऐसे उठा रखी थी जैसे घोड़ी बनी हो और चुदने का इंतजार कर रही हो।
मुझे अहसास हो गया कि शायद आज इसकी चूत में भी पानी आ रहा है।
फिर मैं अंडरवियर में ही घूमने लगा।
वह बार बार मेरे लंड की ओर देख रही थी और फिर नजर हटा लेती थी।
आज वह अपनी गांड को ढक नहीं रही थी।
किचन में खड़ी होकर बर्तन मांजने लगी तो गांड ऐसे ही दिखाती रही।
मेरा लंड फिर से तन गया।
अब मुझसे रुका न गया और मैंने पीछे से जाकर उसकी गांड पर लंड को सटा दिया।
मेरे अंडरवियर का तंबू उसकी गांड की दरार में जाकर घुस गया।
वह एकदम से सहमी तो मैंने उसे पीछे से बांहों में कस लिया।
तब वह बोली- क्या कर रहे हो बाबू जी! कोई देख लेगा।
मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा रानी … बस तुम और मैं ही हैं यहां।
वह बोली- लेकिन आप ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- क्यों, तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा ऐसा करना?
वह बोली- छोड़ो ना बाबू … क्या कर रहे हो?
उसने मेरी बात को टाल दिया लेकिन मना नहीं किया और वह मुझे हटा भी नहीं रही थी।
मेरे लिए यह ग्रीन सिग्नल था।
मैंने अब उसे चोदने की ठान ली.
पीछे से उसकी छाती पर हाथ ले जाकर मैं उसकी चूचियों को कमीज के ऊपर से ही भींचने लगा।
उसकी आह निकल गई और हाथ से बर्तन छूटकर सिंक में गिर गया.
और इससे हम दोनों में हवस भड़क गई।
लंड को मैंने नौकरानी की गांड पर और जोर से सटा दिया।
अब उसकी गांड भी पीछे की ओर आकर इस बात का इशारा देने लगी कि चूत अब लंड को लेने की तड़प गई है।
वह अपनी गांड को मेरे अंडरवियर पर सटाने लगी।
मैंने नीचे से उसके शर्ट में हाथ डाल दिया और मेरे दोनों हाथ सीधे उसकी ब्रा पर जाकर उसकी चूचियों को जोर जोर से भींचने लगे।
रानी अब और ज्यादा गर्म होती जा रही थी।
मेरे लंड में जोर जोर से झटके लग रहे थे और हर झटके के साथ में उसकी गांड की दरार में लंड को धकेल देता था।
अब मैंने उसे मेरी तरफ घुमा लिया और उसके होंठों को चूसने लगा।
वह मेरा साथ देने लगी।
किस करते करते मैं उसको बेडरूम तक ले गया।
यहां से असली खेल चालू हुआ।
हम दोनों भूखे हवसी की तरह एक दूसरे के बदन को चूमने-चाटने लगे।
उसका हाथ बार-बार मेरे लन्ड की तरफ जा रहा था।
आखिर में उसने लंड को पकड़ ही लिया और अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने लगी।
मैंने उसकी पजामी निकाल दी और पैंटी खींच दी।
उसने जल्दी से अपना कुर्ता उतार दिया और ब्रा खोल दी।
जिससे वह पूरी नंगी हो गई।
उसके बदन के कर्व देखकर मैं तो और ज्यादा उत्तेजित हो गया।
जितना मैंने सोचा था, उससे कहीं ज्यादा सेक्सी बदन था उसका!
हर एक अंग जैसे फुरसत से तराशा गया था।
मैं उस पर टूट पड़ा और जहां तहां उसे चूमने लगा; कभी होंठ, कभी गला, कभी चूची, कभी पेट, कभी चूत और कभी जांघें!
वह मेरे होंठों की हर छुअन के साथ सिहर जाती थी।
मैंने उसकी चूत को बार बार चूमा।
उसकी चूत से अब रस की खुशबू आ रही थी, अंदर से चूत शायद काफी गीली हो चुकी थी।
फिर मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया।
अब मैं नीचे था और वो ऊपर थी।
मैं उसे अपने ऊपर लेटाकर उसकी गांड को भींचने लगा।
वह मेरे होंठों को चूसने लगी।
फिर मेरी छाती पर चूमते चूमते नीचे लंड की ओर पहुंच गई।
उसने मुंह खोलकर लंड को भीतर समा लिया।
अब वो मस्ती से लंड चूसने लगी।
लेकिन मेरे अंदर उत्तेजना इतनी ज्यादा गई कि कुछ ही पलों में मेरा माल उसके मुंह में छूट गया।
हैरानी की बात थी कि वह वीर्य को अंदर ही पी गई।
नौकरानी की चूत की चुदास भी काफी ज्यादा लग रही थी।
छूटने के बाद भी वह लंड को चूसती ही रही।
फिर मैंने उसे रोका और कंडोम लेकर आया।
मैं जब लौटा तो वो बेड पर आने से पहले ही मेरे घुटनों में आकर लंड को चूसने लगी।
मैं खड़ा खड़ा ही लंड चुसवाने लगा, उसके सिर को पकड़ कर उसके मुंह में धक्के देने लगा।
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
अब हम दोनों बेड पर आ गए और 69 की पोजीशन लेकर एक दूसरे को मजा देने लगे।
मैंने उसकी चूत को खोलकर चाटना शुरू किया।
नौकरानी की चूत बाहर से भले ही काली थी लेकिन अंदर से इतनी गुलाबी थी कि पूछो मत।
ऐसा गहरा गुलाबी रंग था कि चूत चाटने में अलग ही रस मिल रहा था।
उसकी चूत को बस खाने का मन कर रहा था।
वह तेजी से लौड़े पर चोपें मार रही थी।
अब वो मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत में अंदर देने की कोशिश करने लगी।
मैं समझ गया कि इसकी चूत से अब लंड की प्यास बर्दाश्त नहीं हो रही है।
मैंने उसे नीचे लिटा लिया और उसके ऊपर आकर चूचियों को पीते हुए लंड को चूत पर सटाकर धक्के देने लगा।
उसने फटाक से हाथ नीचे ले जाकर लंड को चूत के छेद पर सटा दिया।
अगले ही झटके में लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश कर गया।
उसने मुझे बांहों में जकड़ लिया और मैंने नौकरानी की चुदाई शुरू कर दी।
सेक्सी नौकरानी की चुदाई में दोस्तो, इतना मजा आ रहा था जितना मुझे अभी तक किसी हॉट गर्ल की चुदाई में भी नहीं आया था।
अब मैं चोदते हुए उसके निप्पलों को भी पी रहा था।
मैंने फिर स्पीड बढ़ा दी और उसकी चूत को पेलना शुरू कर दिया।
वह अब कराहने लगी।
लंड के झटके अब पहले से दोगुनी ताकत से लग रहे थे।
कुछ देर चूत चोदने के बाद मैंने उसको उठाकर घोड़ी बना लिया।
मेरा दिल अब उसकी गांड चोदने का कर रहा था।
नौकरानी की गांड चुदाई जिन्होंने की है, वे जानते होंगे कि इसमें चूत चोदने से भी ज्यादा मजा आता है।
और फिर रानी की गांड तो इतनी सेक्सी थी कि कोई भी उसे चोदने के लिए पागल हो जाए।
मैंने उसकी गांड के छेद पर थूक लगाया और लंड को अंदर पेल दिया।
उसे दर्द हुआ और वह चिल्लाने लगी।
फिर मैंने उसका मुंह बंद कर दिया और चूचियों को सहलाने लगा।
कुछ देर बाद वह सामान्य हो गई।
मैंने उसकी गांड चुदाई शुरू कर दी।
वह अब बहुत मजे से गांड मरवा रही थी।
फिर मैंने लंड निकाला और जाकर तेल लेकर आया।
उसे मैंने बेड पर लिटाया और उसकी चूत और गांड पर ऊपर से नीचे तेल लगाने लगा।
कुछ तेल मैंने उसकी चूचियों पर लगा दिया और उनको मलने लगा।
उसकी चूचियां चमकने लगीं।
मैंने उसे पेट के बल लेटा लिया और उसके ऊपर लेटकर चूतड़ों के बीच लंड फंसाकर धक्के देने लगा।
अब खुद ही उसकी गांड में लंड फिसल कर अंदर चला गया।
मैं अब सातवें आसमान पर था।
गांड और चूत तक हिस्सा चिकना हो चुका था।
मलाई की तरह लंड अंदर और बाहर हो रहा था।
इतना आनंद आ रहा था कि क्या बताऊं।
उसे चोदते हुए मुझे कुछ ही देर हुई थी कि उसका फोन कॉल आने लगा।
शायद उसको कहीं और काम पर जाना था।
मैंने स्पीड बढ़ा दी और तेजी से उसे पेलने लगा।
पांच मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य निकलने को हो गया।
फिर मैंने उसने पलटा और पीठे के बल लिटाया।
अब मैंने उसकी चूत में लंड को लगाया और चोदने लगा।
मैं उसके ऊपर लेटा था और उसने टांगें मेरी गांड पर लपेट ली थीं।
अब वह लंड के पूरे मजे लेने लगी।
देसी मेड हॉट चुदाई करते हुए फिर मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
मुझे ध्यान आया कि मैं कंडोम भी लाया था लेकिन वो पहनना भूल गया।
लेकिन रानी को जैसे कोई डर नहीं था।
वह संतुष्ट लग रही थी।
फिर वह जल्दी से उठी और चूत को देखने लगी।
उसने जोर लगाकर वीर्य को चूत के बाहर तक ला दिया।
उसकी चूत से मेरा सफेद वीर्य निकलता साफ दिख रहा था।
वह बोली कि वो मेरे बच्चे की मां बनना चाहती है।
लेकिन मैंने कहा कि अभी ये ठीक समय नहीं है।
उसके बाद मैं उसे रोज ही चोदने लगा।
चोदते चोदते वह कई बार वीर्य को चूत में ही लेने लगी।
आज उसके दो बच्चे हैं जिनमें से मुझे लगता है कि एक मेरा ही है।
दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स स्टोरी।
आपको यह देसी मेड हॉट चुदाई कहानी पसंद आई हो तो मुझे जरूर लिखें।
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