चाची की गर्म चूत में अपना वीर्य डाला

जवान चाची Xxx कहानी में मेरी रिश्ते की एक चाची ने औलाद का सुख पाने के लिए मुझे पटाकर मेरे साथ सेक्स करके गर्भ धारण किया. मैंने तीन महीने तक चाची को चोदा.

नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम है अंकुर!
कैसे हो आप सब!

मैंने इस वेबसाइट पर पहले भी अपनी कुछ कहानियां लिखी थी.
मेरी पिछली कहानी थी: खाना बनाने वाली की चुदाई कर डाली

और आज काफी समय बाद मेरे जिंदगी में एक ऐसा वाकया हुआ कि मुझे यह कहानी लिखनी पड़ रही है।

हालांकि यह स्टोरी करीब 1 साल पहले की है लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसी घटना घटी है कि मुझे लगा कि मुझे यह जवान चाची Xxx कहानी आप सब के साथ बतानी चाहिए।

कहानी की शुरुआत कुछ इस तरीके से है कि मेरी चाची प्रियंका की शादी को करीब 6 साल होने वाले थे.
ये चाचा मेरे दूर के रिश्ते में चाचा लगते थे.

शादी को इतना समय बीत जाने के बावजूद उनको कोई भी बच्चा नहीं हो रहा था।
जिसकी वजह से सास ससुर और आसपास के लोगों से ताने सुनने को मिला करते थे।

ऐसा नहीं है कि चाची और चाचा ने कोई उपाय नहीं किया, उन्होंने हर तरीके से उपाय करने का प्रयास किया मगर सब कुछ विफल ही रहा।

डॉक्टर से तमाम चेकअप कराने के बावजूद सारी रिपोर्ट में यही निकल कर आ रहा था कि चाची तो मां बन सकती हैं मगर चाचा के स्पर्म काउंट में कुछ दिक्कत है।
ऐसा नहीं था कि चाचा बाप नहीं बन सकते थे, बाप तो बन सकते थे मगर उनके स्पर्म इतने अच्छे क्वालिटी के नहीं थे कि वे उस समय बाप बन पायें।

डॉक्टर ने उनको कुछ दवाइयां लिखी और खान पान में बदलाव करने का सुझाव भी दिया।
मगर उपचार के बाद भी लगातार छह महीने कुछ ना होने के कारण और मियां बीवी में तनाव हुआ करता था।

मेरा घर उनके घर से करीब 10 मिनट की दूरी पर है।
मैं रात में अपना काम खत्म करने के बाद चाचा से मिलने के लिए उनके घर जाया करता था।

यहां मैं प्रियंका भाभी का हुलिया बता देता हूं.
उनकी लंबाई करीब 5 फुट 4 इंच है, उनका बदन बहुत ज्यादा भरा हुआ नहीं है तो वे किसी कॉलेज की लड़की की तरह ही लगती हैं।
दिखने में चाची बहुत ज्यादा खूबसूरत नहीं हैं लेकिन सांवला रंग उन पर खूब जचता है.
लेकिन उनका वक्ष और गांड दोनों काफी मोटे हो चुके हैं, शायद चाचा दबा के मजे लेते होंगे।

क्योंकि चाची को बहुत ज्यादा सुनना पड़ता था इसलिए चाची अब अपने घरवालों से भी चिड़चिड़ी रहा करती थी.

कभी कभार मैं दोपहर में उनके घर पर चला जाया करता था क्योंकि उनके घर पर बड़ा वाला टीवी लगा था और मैं अपने काम से फुर्सत निकालकर वीकेंड पर उनके वहां टीवी देखने जाया करता था।

हालांकि चाचा की छुट्टी सिर्फ बुधवार को हुआ करती थी।
तो मैं और चाची साथ मिलकर ही पिक्चर दिखा करते थे.

चाची जिस घर में रहती थी, वहां पर कुछ सदस्य और थे जैसे कि उनके सास ससुर, उनके जेठ और जेठानी और उनके दो बच्चे।

जब भी मैं पिक्चर लेकर आता था तो उनके बच्चे भी पिक्चर देखने चले आते थे।

एक बार जेठ जेठानी और सास ससुर का प्लान शायद वैष्णो देवी जाने का हुआ उस समय शायद ठंड का महीना बस शुरू ही हो रहा था।

शायद नवंबर का आखरी सप्ताह चल रहा था क्योंकि कम्बल निकल चुके थे।

एक दिन मैं एक मूवी मिमी (कृति सैनन) लेकर आया था।
हम दोनों लोग उस मूवी को देख रहे थे.

उस मूवी का सब्जेक्ट भी कुछ इसी प्रकार का था जिस तरह की परेशानी से अभी चाची गुजर रही थी।

मैंने उनसे मजाक में कहा था- कितना अच्छा होता कि अगर आप लोगों के पास पैसे होते तो आप भी किराये की कोख में बच्चा ले सकती थी.
चाची ने हंसते हुए कहा- अरे किराये की कोख से क्या होगा? तुम्हारे चाचा से तो कुछ भी नहीं होगा इस समय!

ऐसा कह कर उन्होंने मुझे सारी बात बता दी.
तब मुझे पहली बार पता चला कि कमी चाची में नहीं, चाचा में है।

हमेशा में चाची के साथ थोड़ा सा दूर हट कर बैठा करता था लेकिन आज ना जाने चाची के मन में क्या आ रहा था कि वे मुझसे सट कर बैठ गई।

उनका शरीर काफी ज्यादा गर्म हो रहा था।
वे साथ में मेरे साथ पिक्चर देखने लगी और कहने लगी- मैं तुम्हारी गोद में सो जाती हूं।
मैं उन्हें मना करना चाह रहा था लेकिन वे जबर्दस्ती मेरे पेट पर सिर रख कर लेट गई और वहीं से मूवी देखने लगी।

चाची ने मेरे पेट पर सर रख रखा था और उनकी गर्म सांसें मेरे पायजामे पर लग रही थी जिस वजह से अब मेरा लन्ड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था।

मैं अपने आपको इधर उधर कर रहा था ताकि मैं और भयानक स्थिति में ना पहुंच जाऊं और चाची मेरे खड़े लन्ड को देख ले.

लेकिन शायद चाची के तो कोई और मर्जी थी।

अब चाची थोड़ा सा और आगे आ गई और उनका हाथ मेरे लन्ड पर टच हो रहा था।
उनका हाथ का स्पर्श मात्र पाते ही मेरे लन्ड में एक जोरदार सलामी दी।

मैं हटने की कोशिश कर रहा था मगर चाची मेरे ऊपर से नहीं हट रही थी बल्कि वे अपनी कन्नी उंगली से मेरे लन्ड पर बार-बार छू रही थी।

करीब आधे घंटे तक चाची ने मेरे लन्ड को अपनी उंगलियों से छूकर इतना गर्म कर दिया था कि मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और अब मैंने अपना माल छोड़ दिया था।

मेरी उत्तेजित हो रही सांसें और अब जब वीर्य निकल गया तब मेरी सांसों में बहुत जमीन आसमान का अंतर था।

चाची मेरी तरफ मुड़ी और बोली- क्या हुआ?

वे ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ मालूम है ना हो!
मैंने कहा- कुछ नहीं।

मैं पूरी तरीके से पसीने में भीग चुका था।

जैसे ही चाची मेरे ऊपर से उठी, मैं तुरंत भाग कर उनके घर से अपने घर की तरफ चला गया।

घर जाकर मैंने दोपहर में जो भी कुछ हुआ, उसको सोचा और एक बार फिर से मुट्ठ मार कर सो गया।

अगले दिन फिर मैं एक नई पिक्चर लेकर उनके घर पर चला गया दोपहर में ही।

पिक्चर को शुरू हुए अभी 10-15 मिनट ही हुए थे, चाची एक बार फिर से मेरे पेट पे जबरदस्ती सो गई और एक बार फिर से अब उनके हाथ बेकाबू होने लगे।

पहले तो वे सिर्फ उंगलियों से ही यह काम कर रही थी, अब उनका पूरा हाथ मेरे लन्ड पर लग रहा था।
वे मेरे हाथ लन्ड पर हाथ रखकर ही सो रही थी और इधर-उधर होने की वजह से मेरा लन्ड रगड़ खा रहा था।

शायद चाची भी अब गर्म होने लगी थी क्योंकि उनकी सांसें भी अब काफी तेज ऊपर नीचे हो रही थी.
चाची मेरे पेट पर हाथ फिराने लगी, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था।

मगर मैं उन्हें रोकना चाहता था क्योंकि उनके ससुर भी बाजू वाले कमरे में ही थे।

मैंने चाची को रोकना चाहा।
मगर चाची एक कदम और आगे बढ़ गई और उन्होंने मेरे पायजमे में हाथ डाल दिया।

उनका नंगा हाथ मेरे नंगे लन्ड पर लगते ही मेरे बदन में एक चिंगारी सी दौड़ गई और मैं तुरंत उठ कर बेड के साइड में खड़ा हो गया।

मैंने दबी आवाज में कहा- आप यह क्या कर रही हैं? यह गलत है।
चाची- अंकुर तुम तो जानते ही हो कि मुझे यहां पर कितना सुनना पड़ता है जबकि कमी तुम्हारे चाचा में ही है! तुम नहीं चाहते कि मुझे इस कष्टों से मुक्ति मिल जाए!

मैं- आप कहना क्या चाह रही है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
चाची- देखो, तुम अभी जवान हो और तुम तुम्हारा शरीर भी काफी अच्छा है! अपने चाचा को तुमने देखा ही है, वे काले कलूटे कैसे हैं. मैं चाहती हूं कि तुम मुझे अपना वीर्य दो और मुझे मां बनाने का सुख दो।

मैंने मन में सोचा कि यह तो बिल्कुल गलत बात है।

यब मैंने यह कहा- चाची, मैं आपके साथ यह नहीं कर सकता।
चाची समझ गई थी कि शायद मैं शर्मा रहा हूं।
वे कहने लगी- कोई बात नहीं!

अब चाची उठकर मेरे पास आई और वापस अपने कमरे की सिटकनी लगा दी।
चाची ने कहा- चलो ठीक है. तुम अपना वीर्य मुझे मत देना. लेकिन कम से कम अपना लन्ड तो मुझे दिखा सकते हो।

मैंने उनसे कुछ नहीं कहा.
शायद चाची को यह हां वाला सिग्नल लगा होगा और उन्होंने मेरी शर्ट को ऊपर किया और मेरे पजामे में अपना हाथ डाल दिया.
वे मेरे लन्ड का नाप ले रही थी।

चाची ने कहा- तुम्हारा तो चाचा से काफी लंबा और काफी मोटा है! लेकिन इस तरीके से पता नहीं चल रहा है. क्या तुम अपनी पजामा उतार दोगे तो मैं उसे ठीक से देख पाऊं।

मुझे बहुत शर्म तो आ रही थी मगर मैंने सोचा कि खुद सामने से तरबूज कटने के लिए तैयार है तो मैं पीछे क्यों हटूं।

मैंने जरा भी समय न गंवाते हुए अपने पजामे को नीचे कर दिया।
मेरा लन्ड पूरी तरीके से सलामी दे रहा था।

चाची ने अपनी हथेली से लन्ड को नापने की कोशिश की।

उनकी हथेली से कुछ छोटा था लेकिन मेरे लन्ड की लंबाई 6 इंच है।

चाची ने कहा- तुम्हारे चाचा का लन्ड शायद 4 इंच भी नहीं है. और तुम्हारा तो कितना मोटा है।

उन्होंने अब अपने मुट्ठी में मेरे लन्ड को पकड़ लिया था।

चाची मेरे लन्ड की तारीफें करे जा रही थी और मेरे लन्ड को सहला रही थी।

मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं दीवार के सहारे टेक लेकर खड़ा हो गया।

चाची अब अपने घुटनों पर आ गई और दोनों हाथों से मेरे लन्ड को आगे पीछे करने लगी।

उनकी गंदी गंदी बातों से मेरा और मन भर रहा था.

उन्होंने कहा- जब तुम्हारा इतना लंबा और मोटा लन्ड मेरी छेद के अंदर जाएगा तो मेरा क्या हाल करेगा? मैं तो यह सोच सोच कर ही परेशान हो रही हूं. मैं तो यह सोच रही हूं कि मैं तुम्हारा इतना लंबा लन्ड लूंगी कैसे?

अब चाची ने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर लगा दिया और कहा- इन्हें दबाओ।
मैं चाची के बूब्स को उनके मैक्सी के अंदर हाथ डाल कर दबा रहा था।

चाची ने अंदर ब्रा पहनी थी, मैं ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था।

चाची ने कहा- अरे ब्रा के अंदर हाथ डाल कर दबाओ ना! रुको एक मिनट!
कहकर अब चाची ने अपनी मेक्सी को अपने छाती तक उठाया और अपनी ब्रा को खोल दिया और उसे साइड में फेंक दिया।

मैंने चाची से कहा- आप अपनी मेक्सी निकाल दो ना!
तो चाची ने कहा- नहीं, अगर दरवाजे पर कोई आया तो कपड़े पहनने में समय लग जाएगा और लोग गलत सोचेंगे. इसलिए मैं कपड़े नहीं उतार रही हूं. तुम भी अपने सारे कपड़े मत उतारना!
कह कर एक बार फिर से चाची मेरे लन्ड को सहलाने लगी और मैं उनके बूब्स को दबाने लगा।

अब चाची मुझे बेड पर लेकर आई और मुझे बेड पर पटक दिया खुद मेरे ऊपर बैठ गई।

चाची ने अपनी मेक्सी अपने घुटने तक उठा ली थी और मेरा लन्ड उनकी छेद के दरवाजे पर छू रहा था.
वे मुझे बेतहाशा चूम रही थी।

चाची तो इतनी ज्यादा गर्म हो गई थी कि वह मेरे होंठ को काटने लगी थी.
मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था।

चाची चूमते चूमते मेरे लन्ड पर आगे पीछे होना शुरू हो गई थी.
उनके छेद की गर्माहट मेरे लन्ड तक पहुंच रही थी। उनके छेद में से एक अजीब सी मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी.
शायद चाची की चूत पानी छोड़ रही थी।

मुझे चूमते चूमते चाची के हिलने की गति अब बहुत ज्यादा तेज हो गई थी।

चाची अब काफी तेजी से अपनी चूत को मेरे लन्ड के ऊपर रगड़ रही थी और उनकी सांसों में अब आहें आ गई थी, सिसकारियां निकलने लगी थी।

थोड़ी देर के बाद वे थोड़ी सी ऊपर उठी और अपने चूत में मेरे लन्ड को सेट किया और वह बहुत धीरे-धीरे मेरे मोटे लन्ड को अपनी चूत में ले रही थी क्योंकि इतने मोटे लन्ड को लेने की उनको आदत नहीं थी.

बहुत मुश्किल से उन्होंने मेरे लन्ड को अपनी चूत में घुसाया।
देखते ही देखते मेरा पूरा लन्ड उनकी चूत में समा गया था।

चाची ने अपने दोनों बूब्स को अपने हाथों से पकड़ा और बहुत ही मद्धम मद्धम से मेरे लन्ड के ऊपर उछल कूद करने लगी।

मैं भी चाची की गांड को अपने हाथों से उठाकर बार-बार ऊपर नीचे कर रहा था।

चाची की उछलने की गति अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी और मैं भी नीचे से अपने लन्ड की रफ्तार उनकी चूत पर दे दनादन मारे जा रहा था।
उनके मुंह से आह निकलने लगी जिसको उन्होंने अपने हाथों से बंद किया।

अब चाची मेरे ऊपर वापस झुक गई और उनके बड़े-बड़े बूब्ज़ मेरी आंखों के सामने आ गए.
मैंने उठ कर उनके बूब्स को अपने मुंह में भरने की कोशिश की.
लेकिन वे बड़ी मुश्किल से मेरे मुंह में आ रहे थे।

चाची ने मुझे पूरा चित बेड पर लिटा दिया और अब चाची के बड़े बड़े दूध मेरे छाती से लग रहे थे.
इसी तरीके से हम दोनों के बदन एक दूसरे से टकरा रहे थे।

शायद अब बच्चे से ज्यादा चाची को अपने शारीरिक सुख के लिए बेचैन लग रही थी और मैं भी उन्हें किसी मर्द की तरह चोद रहा था।

चाची बेड पर ऐसे मचल रही थी मानों किसी मछली को पानी से निकालकर फर्श पर फेंक दिया हो।

उनकी आहें बेतहाशा बढ़ने लगी थी।
वे अब अपने चरम पर थी और थोड़ी देर में ही मुझे लंड पर गर्म तरल महसूस हुआ।
चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया था।
उनका शरीर अब एकदम ढीला पड़ गया था।

उनकी चूत ज्यादा गीली हो चुकी थी।

मैंने अपनी कमर को दोबारा चलाना शुरु किया, चाची की आहें एक बार फिर से बढ़ने लगी।
अब मैं बहुत शक्तिशाली धक्के उनकी चूत में लगाने लगा।

चाची की सिसकारियां निकल रही थी- और जोर से करो और जोर से करो … अह्ह बहुत मजा आ रहा है … और!

उन्होंने मुझे अपनी और खींच लिया और मुझे चूमने लगी।

उनकी मादक सिसकारियां और इस तरीके की बातों से मेरे अंदर जोश दोगुना हो गया था, मैं दोगुना रफ्तार से और ताकत से अपनी चाची की गर्म चूत की चौड़ाई करने लगा।
चाची की चूत मेरे लिए किसी नई नवेली लड़की की चूत से कम नहीं थी.
वह तो काफी साल चुदने की वजह से चाची को लंड लेने का अभ्यास था वरना अगर कोई नई लड़की होती तो अब तक शायद रोना शुरू कर देती.

चाची की चोदने में बहुत मजा आ रहा था।

तब मुझे लगा कि अब मेरा झड़ने वाला है तो मैंने उनसे कहा- चलिए दूसरी पोजीशन में ट्राई करते हैं।
चाची झटपट मान गई और बोली- किस पोजीशन में ट्राई करना है बताओ?
मैंने कहा- कि आप घोड़ी बन जाइए, मैं आपको घोड़ी पोजीशन में चोदूंगा।

चाची ही तुरंत घोड़ी बन गई … अपने अपने हाथों के बल नहीं बल्कि अपनी कोहनी के बल।
इस वजह से उनकी गांड बाहर निकल कर मेरी तरफ आ गई.

देखने से लग रहा था कि शायद चाचा ने उन्हें बहुत सारी चीजें दिखा रखी हैं।

चाची की गांड देख कर तो मेरा एक बार मन हिल गया.
लेकिन मैंने सोचा कि चलो पहले चूत मार लेता हूं, फिर चाची की गांड के बारे में पूछ लूंगा।

चाची की चूत में से मानो पानी लीक कर रहा था।
मैंने अपनी लन्ड को उनके चूत पर सेट किया और दे दनादन धक्के मारता गया।
मेरे आंड उनकी चूत पर टकरा रहे थे जिसे तक तक की आवाज आ रही थी।

चाची की आहें बढ़ने लगी थी।
मैंने चाची के बालों को पकड़ा और अपनी और खींचा.
मैं अब उन्हें अपनी रंडी की तरह चोद रहा था।

चाची भी अब अपनी गांड की पीछे करके मेरा साथ देने लगी थी।
हम दोनों इस तरह से ताल मिला रहे थे मानो कोई संगीत कार्यक्रम चल रहा है।

उसके बाद मैंने चाची की गांड पर दो-तीन चांटे भी मारे जिससे चाची की सिसकारियां निकल गई.

मैं क्लाइमैक्स पर पहुंच गया था और चाची की सेक्सी बातों में यह भूल गया कि मुझे अपना लन्ड बाहर निकालना है।
चाची को मैं तेज तेज चोदने लगा।

चाची को भी इस बात कि जानकारी हो गई थी कि मेरा झड़ने वाला है इसलिए वे इस मौके को खोना नहीं चाहती थी।
वे कहने लगी- मुझे अपना बना लो … जोर जोर से चोदो मुझे! और जोर से चोदो … हा हा … बहुत मजा आ रहा है!

कहकर चाची ने अपना एक हाथ मेरी गांड पर रखा और मेरी गांड को अपनी चूत में दबाने लगी.
और मैंने उनकी चूत में अपना पानी में डाल दिया।

चाची तृप्त हो गई थी और वह बेड पर सपाट लेट गई।
मैं भी उनके ऊपर सपाट लेट गया और आराम करने लगा।

झड़ने के बाद में भी मेरे लन्ड में कसावट थी तो चाची ने कहा- और धक्के मारते रहो।

मैंने करीब 2 मिनट तक धक्के मारे.
उसके बाद में मेरा लन्ड मुरझा कर काफी नर्म हो गया।

तब मैंने लन्ड बाहर निकाला.
फिर मुझे जाकर यह अहसास हुआ कि मुझे ये नहीं करना चाहिए था.

लेकिन चाची ने मुझे अपने पास में बांध लिया था, मैं क्या कर सकता था।

मुझे काफी बुरा लग रहा था.
लेकिन चाची मेरे पास आई और मुझे एक जोरदार चुम्मा दिया मेरे होठों पर … और कहा- तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है यार! यह राज हम दोनों के बीच ही रहेगा।
मैंने कहा- ठीक है!

अब चाची ने अपनी ब्रा पहनी।
मैंने गेट खोल के देखा कि कोई है तो नहीं!

दोपहर का समय था, सब लोग सो रहे होते हैं तो मैंने तुरंत अपने कपड़े पहने और घर चला आया।

चाची मुझे रोज बुलाया करती थी, हम लोग रोज उनके घर में चुदाई किया करते थे.
मैं अपने काम से 1 घंटे की छुट्टी लेकर चाची के घर जाता था, उनको चोदता था।

मैं चाची को मेरा लंड मुंह में लेने के लिए कहा करता था लेकिन चाची हमेशा मना कर देती थी.
शायद वे मेरे वीर्य की बूंदों को खराब नहीं करना चाहती थी।

उन्होंने मुझसे कहा- एक बार जब मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी, तब तुम्हारे सारे काम कर दूंगी.

करीब 3 महीने बाद मुझे यह पता चला कि चाची अब गर्भवती हो गई हैं।
और समय बीतने के बाद उन्हें एक काफी खूबसूरत सा बच्चा भी हुआ।

खैर चाची और मैं जानते थे कि हमारी मेहनत है.
चाची के बच्चा हो जाने के बाद चाची मुझसे ज्यादा बात नहीं किया करती थी।

मैं काफी समय चाची से बात करने की कोशिश करता था लेकिन शायद मेरा सफर बस यहीं तक था.

जो राज आज तक सिर्फ मेरे और चाची के बीच था, वह मैंने आज इस कहानी के माध्यम से आप लोगों तक पहुंचा दिया।
मुझे मेल करके बताइए कि क्या मुझे वापस चाची की जिंदगी में जाना चाहिए या नहीं!

और इस जवान चाची Xxx कहानी पर भी अपने विचार मुझे बताएं.
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