वाइफ चेंज सेक्स का मजा मेरी मम्मी और पापा ने पड़ोस के अंकल आंटी के साथ अदला बदली करके लिए. पापा और अंकल दोस्त थे, खुल कर सेक्स की बातें करते थे.
मेरा नाम यश है. मैं राजस्थान के गंगानगर शहर का रहने वाला हूं.
मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूँ.
यह एक वास्तविक वाइफ चेंज सेक्स कहानी है जो मेरी मॉम, डैड और मेरे दोस्त के परिवार की कहानी है.
मेरे मॉम डैड खुले दिमाग के हैं और सेक्स में एकदम बिंदास मिजाज के हैं.
डैड के इसी मिजाज के चलते मेरी मॉम भी बहुत ही बड़ी वाली चुदक्कड़ किस्म की औरत बन गई हैं.
मॉम का फिगर 36-32-38 का है.
उनकी उम्र 39 साल की है.
उनके बूब्स फूले हुए हैं और गांड बाहर को निकली हुई है.
मेरे डैड का नाम रवि है और वे आर्मी में हैं.
वे 42 साल के हैं.
मेरे डैड जब भी घर आते हैं, तो मॉम को बहुत चोदते हैं.
मॉम की गांड को मस्ती में मटकते देखकर मुझे पहले ही पता चल जाता है कि कुछ दिनों में डैड घर आने वाले हैं.
तेज तेज चलते टाइम मॉम की गांड और भी तेज फुदकने लग जाती है.
मैंने बचपन से ही मॉम और डैड की बहुत बार चुदाई देखी है.
मैंने मॉम डैड की नजर से बचा कर एक स्पाई कैम उनके कमरे में लगाया हुआ था जो वॉइस सेंसर वाला था.
उसी की सहायता से मुझे मॉम के बिस्तर पर होने वाली चुदाई की फिल्म देखने मिल जाती थी और वह भी आवाज सहित.
यह बात 2 महीने पहले की है.
मैं कॉलेज गया हुआ था.
जब मैं शाम को घर लौटा तो देखा कि डैड आए हुए हैं.
मैंने डैड से नमस्ते की और उनके पास बैठ गया.
डैड पढ़ाई के बारे में पूछने लगे.
ऐसे ही हम दोनों कुछ देर बात करते रहे.
उस दिन मॉम बहुत खुश लग रही थीं क्योंकि डैड 3 महीने बाद घर आए थे.
फिर हम दोनों ने शाम का खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए.
मेरा रूम और डैड का रूम बिल्कुल पास पास ही है.
मैं अपने एक दोस्त से सेक्स चैट कर करने लगा.
कुछ ही देर में डैड के रूम से आवाजें आने लगीं ‘आह आह …’
यह सिलसिला कुछ एक घंटा चला होगा.
फिर मैंने मुठ मारी और सो गया.
ऐसे ही 4-5 दिन निकल गए.
मेरा एक दोस्त है, उसका नाम अनिल है, वह मेरे पड़ोस में रहता है.
उसकी मॉम रागनी (38) भी मेरी मॉम की तरह कड़क माल हैं.
वे दोनों बहनें लगती हैं.
अनिल के डैड रोहन (40) और मेरे डैड बचपन से ही दोस्त हैं.
एक दिन अनिल के डैड मेरे घर आए हुए थे.
डैड और अंकल बैठ कर बातें कर रहे थे.
मैं भी पास में बैठा हुआ था.
थोड़ी देर में मॉम चाय लेकर आ गईं.
जब मॉम अंकल को चाय देने के लिए झुकीं तो उनके बूब्स दिखने लगे.
उसी समय मैंने अंकल की तरफ देखा.
तो वे भी मॉम के मम्मों को ही देख रहे थे.
मॉम ने उन्हें चाय दी और चली गईं.
और मॉम के वापस जाते समय अंकल की नजरें मॉम की गांड पर ही जमी थीं.
फिर हम सभी ने चाय पी.
मैं चाय पीकर अंकल और डैड से कुछ दूर जाकर बैठ गया.
अंकल और डैड आपस में बातें कर रहे थे और मॉम उनके सामने ही काम कर रही थीं.
अंकल- रवि यार, तेरी बीवी तो कड़क माल है. जब भी मैं उसे देखता हूँ, तो मेरा हथियार खड़ा हो जाता है.
डैड- बस कर साले … तेरी वाली कौन सी कम है. वह तो मुझे हमेशा ही अपनी गांड और चूतड़ मटका मटका कर दिखाती रहती है.
अंकल- अबे लौड़े … मैंने तो मेरी वाली को बहुत लंड दिलवाए हैं. तू भी दिलवाया कर. प्लीज यार एक बार मेरा लंड इसकी गांड में घुसवा दे!
डैड- इसके लिए तो उसे ही मनाना पड़ेगा. चल, तेरी खातिर मैं इसे तो मना लूंगा, लेकिन बदले में मैं भी तेरी वाली को चोदूंगा!
अंकल- अबे मेरी वाली तो हमेशा ही लंड लेने के लिए तैयार रहती है.
ये बोल कर वे दोनों अपना लंड सहलाने लगे.
डैड- तो फिर आज रात को मेरे घर पर आ जाना, अपन दोनों मेरे कमरे में एक दूसरे की बीवियों की चूत और गांड चोदेंगे.
अंकल- यार, अभी तक तो रात होने में बहुत टाइम है. तब तक तो मेरा लंड इसके छेद में घुसने के लिए पागल हो जाएगा. चलो कोई बात नहीं, रात होने का इंतजार करूंगा. तब तक मैं अपने लंड पर अपनी बीवी से तेल की मालिश करवाता हूँ. क्योंकि पूरी रात घपाघप जो करना है.
डैड- ठीक है, मैं भी लंड पर मालिश करवाता हूं. रात को मिलते हैं और दोनों घोड़ियों की कस के बजाते हैं.
फिर अंकल और डैड उठकर एक दूसरे से गले मिले.
दोनों ने अपने खड़े लंड आपस में टच किए और अंकल चले गए.
मैं यह सब सुन रहा था.
मेरा लंड भी यह सब सुनकर पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेकरार हो गया था.
डैड बहुत खुश लग रहे थे क्योंकि उन्हें भी नई घोड़ी चोदने मिलने वाली थी.
तब तक मेरे कॉलेज का टाइम हो चुका था.
मैं तैयार हुआ और घर से निकल गया.
उस दिन मैं भी बहुत खुश था क्योंकि मेरी मॉम के सभी छेदों में मेरे दोस्त के डैड का लंड जाने वाला था.
मुझे अपनी मॉम की चुदाई देखना बहुत पसंद है.
जब मैं शाम को घर पहुंचा तो देखा कि मॉम और डैड दोनों बहुत ही खुश थे.
मॉम जल्दी-जल्दी गांड को हिलाती हुई घर का काम कर रही थीं.
शायद डैड ने उन्हें अदला-बदली वाली चुदाई के खेल बारे में सब कुछ बता दिया था जो आज रात को होने वाला था.
मॉम ने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं किया था तो वे तो और भी ज्यादा खुश लग रही थीं.
7:00 बजे के करीब मैं अपने रूम में बैठा हुआ था.
तब बाहर वाले गेट की घंटी बजी.
डैड उस समय किसी से कॉल पर बात कर रहे थे.
तो डैड ने मुझसे कहा कि देख बाहर कौन आया है?
डैड तो ऐसे कह रहे थे जैसे मुझे कुछ भी मालूम नहीं है कि ये लोग वाइफ चेंज सेक्स का मजा लेने आये हैं.
यह तो आप भी जानते हैं कि बाहर गेट पर कौन होगा.
जब मैंने जाकर गेट खोला तो अंकल और आंटी मेरे सामने खड़े थे.
अंकल ने पैंट शर्ट पहनी हुई थी और आंटी ने लाल रंग की साड़ी और काले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था जिसमें से उनके बड़े-बड़े बूब्स साफ नजर आ आ रहे थे.
उस वक्त मुझे आंटी एकदम सड़क छाप रंडी लग रही थीं.
मैंने उनको अन्दर बुलाया और डैड को आवाज लगा कर अपने रूम में आकर वहीं से देखने लगा.
आवाज लगाने के कुछ देर बाद मॉम और डैड दोनों बाहर आ गए.
मॉम ने लोवर और टॉप पहना हुआ था.
इन कपड़ों में से मॉम के बूब्स और गांड के बीच की दरार साफ नजर आ रही थी.
चारों जन आज बहुत ही खुश थे.
डैड ने हॉल में रखे सोफे पर सबको बैठने का कहा.
मेरे रूम और हॉल के बीच की दूरी बहुत ज्यादा है तो वे क्या बोल रहे थे, मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था.
वे चारों कुछ देर तक बातें करते रहे.
फिर मॉम और आंटी उठकर किचन में आ गईं.
वे रात का खाना बनाने के लिए आई थीं.
दूसरी तरफ अंकल व डैड छत पर चले गए.
वे दोनों शायद ड्रिंक लेने छत पर गए थे.
कुछ देर बाद मॉम मेरे रूम में आईं और बोलीं- तू अपने डैड और अंकल को बुला ले, खाना लग गया है.
मैंने डैड और अंकल को आवाज लगाई तो वे नीचे आकर टेबल पर बैठ गए.
मॉम अंकल के सामने बैठीं और आंटी डैड के सामने बैठ गईं.
मॉम और आंटी टमाटर की तरह लाल होकर सजी हुई थीं.
अंकल- भाभी जी, आज तो आप बहुत ही सुंदर लग रही हैं.
मॉम ने शर्माते हुए ‘थैंक्यू जी.’ कहा.
डैड- भाभी जी, आप भी कुछ कम नहीं लग रही हैं.
आंटी- यह तो आपके दोस्त का कमाल है. वे मेरा बहुत ध्यान रखते हैं.
उनके यह कहते ही सब हंसने लगे.
अंकल तो बार-बार मॉम को देखकर टेबल के नीचे से ही अपने लंड को सहला रहे थे.
उनका खड़ा हथियार मुझे साफ नजर आ रहा था.
ऐसे ही कुछ देर हंसी मजाक चलता रहा और हम सबने खाना खत्म कर लिया.
डैड और अंकल बेडरूम में चले गए.
मॉम और आंटी टेबल से बचा हुआ खाना उठा कर किचन में चली गईं.
मैं अपने रूम में आ गया.
किचन में जाकर मॉम ने आंटी से कहा- तुम भी मेरी लोअर और टॉप पहन लो.
यह कह कर मॉम ने अपनी अल्मारी से लोअर और टॉप लाकर आंटी को दे दिया.
आंटी ने भी बाहर वाले बाथरूम में जाकर अपने कपड़े चेंज कर लिए और किचन में वापस आ गईं.
उसी वक्त मैं पानी पीने के बहाने रसोई में चला गया.
मैंने आंटी और मॉम को दोनों को देखा तो यह कहना मुश्किल था कि कौन ज्यादा हॉट लग रही हैं.
दोनों की गांड को देखकर लग रहा था कि मानो यह कह रही हों कि हमें पेल कर फाड़ दो.
फिर पानी पीकर मैं अपने रूम में आ गया.
थोड़ी देर बाद मॉम ने पूरे घर की लाइट बंद कर दी.
अब मॉम और आंटी दोनों बेडरूम में चली गईं.
अब आगे की सेक्स घटना मैंने अपने कैम के जरिए देखी थी.
उसी आधार पर बता रहा हूं कि उस रात को क्या हुआ.
मॉम और आंटी जब बेडरूम में गईं … तो देखा कि डैड और अंकल अंडरवियर और बनियान में लेटे हुए हैं और लैपटॉप के अन्दर पॉर्न देख रहे हैं.
डैड ने मॉम को और अंकल ने आंटी को अपने आगे लिटा लिया और बीच में लैपटॉप रखकर पॉर्न देखने लगे.
मॉम और आंटी का मुँह बिल्कुल आमने-सामने था और अंकल और डैड पीछे लेटे हुए थे जिससे उनके लंड गांड को टच कर रहे थे.
फिर डैड मॉम के बूब्स और गांड को ऊपर से ही सहलाने में लग गए.
ऐसा ही अंकल चाची के साथ कर रहे थे.
अंकल और डैड दोनों ही बूब्स और गांड को बुरी तरह से मसल रहे थे.
आंटी और मॉम अब सिसकारियां भरने लगी थीं.
‘आह आआह …’ की कामुक आवाज वाला संगीत कमरे में गूंजने लगा था.
थोड़ी देर बाद अंकल और डैड उन दोनों के लोअर में हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगे. इससे मॉम और आंटी पूरी तरह से गर्म होने लगी थीं.
फिर डैड और अंकल अपना लंड बाहर निकाल कर मॉम और आंटी की गांड की दरार में लोअर के ऊपर से ही रगड़ने लगे.
उन दोनों रंडियों की सिसकारियां और भी तेज हो गई थीं.
आंटी- चल सुमन अपने कपड़े उतार देते हैं!
फिर मॉम और आंटी एक दूसरे के लोअर, टी-शर्ट ब्रा पैंटी आदि सब कुछ उतारने में लग गईं.
पूरे कपड़े उतारने के बाद दोनों ही पोर्न एक्ट्रेस की तरह लग रही थीं.
उनके भरे हुए दूध देख कर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था.
अंकल तो बस मेरी मॉम को ही देखे जा रहे थे.
वे अपनी जगह से उठकर मॉम की तरफ जाने लगे.
आंटी ने उनको रोक दिया कि अभी थोड़ा सब्र करो.
मॉम और आंटी फिर से अपनी उसी पोजीशन में वापिस लेट गईं.
डैड का लंड काफी लम्बा, मोटा है और अंकल का लंड भी सामान्य से बड़ा ही था.
मॉम डैड का लंड पकड़ कर पीछे से ही अपनी चूत में लेने लगीं.
उसी तरह आंटी ने अंकल का लंड पकड़कर पीछे से ही अपनी चूत में ले लिया.
अंकल और डैड पीछे से ही चुदाई करने लगे.
मॉम और आंटी अब सिसकारियां भरने लगी थीं.
वे दोनों अपनी गांड को जोर-जोर से उछालकर लंड पर मार रही थीं.
थोड़ी देर यह सब करने के बाद में डैड ने लैपटॉप बंद करके साइड में रख दिया और मॉम को आगे की तरफ ले गए जिससे मॉम और आंटी बिल्कुल ही पास- पास आ गईं.
उन दोनों के बूब्स भी आपस में टच करने लगे.
फिर आंटी ने अंकल का हाथ पकड़ा और मॉम के बूब्स पर रख दिया.
यह देख कर मॉम ने भी वैसा ही किया.
उन्होंने डैड का हाथ पकड़कर आंटी के बूब्स पर रख दिया.
डैड और अंकल मॉम और आंटी के बूब्स और गांड को जोर-जोर से मसलने लगे.
अब उनकी ठुकाई भी अधिक स्पीड से होने लगी थी.
आंटी- देख सुमन, बूब्स हाथ में आते ही किस तरह जोर-जोर से चोद रहे हैं.
इस बात पर मॉम कुछ नहीं बोलीं, वे तो बस लंड का मजा ले रही थीं.
अब मॉम और आंटी भी एक दूसरे को लिप किस कर रही थीं और एक दूसरी के पूरे शरीर को सहला रही थीं.
डैड और अंकल अपने अपने शरीर को धीरे-धीरे आगे पीछे कर रहे थे.
थोड़ी देर यह सब करने के बाद डैड ने कहा- सुमन, अब तुम रोहन के पास जाओ.
उन्होंने आंटी को अपने पास बुला लिया.
अंकल- आ जा मेरी जान, मेरा लंड तो सुबह से ही तेरी सवारी करने के लिए खड़ा है … बैठ ही नहीं रहा है.
डैड और अंकल सीधे लेट गए.
मॉम अंकल का लंड चूसने लगीं और आंटी डैड के लंड को चूस रही थीं.
वे दोनों ऐसे लंड चूस रही थीं जैसे वे लंड न हों … कोई लॉलीपॉप हों.
उन दोनों ने रंडियों के जैसे लंडों को चूस-चूस कर थूक से पूरा गीला कर दिया.
फिर थोड़ी देर चूसने के बाद डैड और अंकल ने मॉम और आंटी को एक दूसरे के बराबर में लिटा दिया.
डैड आंटी की … और अंकल मॉम की चूत चाटने लगे.
चूत चाटने के साथ ही वे उनकी गांड में उंगली भी कर रहे थे.
मॉम और आंटी दोनों सिसकारियां भरने लगी थीं.
वे दोनों वासना से तड़प रही थीं और अपने बूब्स को नोंच रही थीं.
दस से पंद्रह मिनट तक ऐसा करने के बाद अंकल और डैड समझ गए थे कि उनकी घोड़ी तैयार है और अब इनकी सवारी करनी चाहिए.
फिर डैड और अंकल ने मॉम और आंटी के दोनों पैरों को ऊपर कर लिया और लंड को चूत के छेद पर रखकर अन्दर घुसाने लगे.
एकदम से लंड पेलने से मॉम और आंटी तड़प उठी थीं.
डैड और अंकल ने पूरी बेरहमी के साथ एक ही झटके में अपने पूरे लंड को अन्दर घुसा दिया था.
मॉम और आंटी जोर जोर से चिल्लाने लगी थीं.
डैड और अंकल, मॉम और आंटी के पैरों को उन्हीं के कंधे तक मोड़ते हुए ले गए और जोर जोर से ठुकाई करने लगे.
कुछ ही देर बाद मॉम और आंटी को भी बहुत मजा आने लगा था.
मॉम और आंटी भी पूरा साथ दे रही थीं और जोर जोर से सिसकारियां भर रही थीं.
डैड और अंकल के गोटे जोर-जोर से उन दोनों की गांड पर लग रहे थे जिससे पूरे कमरे में फट-फट की आवाज आ रही थी.
उन दोनों को देखकर ऐसे लग रहा था कि दो घोड़े पहली बार दो घोड़ियों की चुदाई कर रहे हैं.
मॉम और आंटी की हालत खराब हो रही थी.
पूरे रूम मैं खपाखप खपाखप खपाखप हो रही थी.
काफी देर तक चुदाई करने के बाद अंकल और डैड ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और साइड में लेट गए.
मॉम और आंटी एक बार फिर से उठकर डैड और अंकल का लंड चूसने लगीं.
साथ में अंकल मॉम के गांड में उंगली भी कर रहे थे और दूसरी तरफ डैड भी आंटी की गांड में उंगली कर रहे थे क्योंकि अगला नंबर गांड का था.
कुछ देर चूसने के बाद डैड और अंकल ने मॉम और आंटी को बराबर में घोड़ी बना दिया और उनका सर बेड पर टच करा दिया.
इस वजह से लेटने से उन दोनों की गांड ऊपर उठ गई.
गांड को देखकर लग रहा था कि गांड का छेद लंड लेने के लिए तड़प रहा हो.
फिर अंकल और डैड भी खड़े हो गए.
जब वे दोनों खड़े हुए तो उनके लंड हवा में झूल रहे थे.
अंकल मॉम के पीछे जाकर खड़े हो गए और डैड आंटी की गांड के पीछे जाकर खड़े हो गए.
उन्होंने अपने हाथों से दोनों गुब्बारों को पकड़कर फैला दिया ताकि गांड के छेद खुल सके.
फिर उन दोनों ने अपना-अपना बहुत सारा थूक छेद में डाल दिया और गांड के दोनों गुब्बारों को हिलाने लगे.
वे अपने अपने लंड को छेद पर रगड़ने लगे.
फिर डैड और अंकल ने गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया और एक ही झटके में आधा लंड घुसा दिया.
इससे दोनों गांड वालियों की चीख निकल गई.
दोनों घोड़ों ने अपना लंड वापिस निकालकर गांड के छेद पर लगाए और फिर से जोर का झटका लगा दिया.
अब दोनों घोड़ियां भागने को मचलने लगीं.
लेकिन अंकल और डैड ने उनको कसके पकड़ रखा.
घोड़ियों को दर्द होता देख डैड और अंकल भी अपना लंड बार-बार कभी बाहर निकाल देते, कभी एक ही झटके में अन्दर डाल देते.
इस तरह से दोनों घोड़े जोर-जोर से अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगे.
थोड़ी देर बाद मॉम और आंटी को भी लंड लेने में मजा आने लगा तो वे भी अब पूरा साथ देने लगीं.
वे अपनी गांड को उठा उठा कर लंड पर मार रही थीं.
इस कारण से पूरे रूम में फट फट की आवाज गूंजने लगी.
डैड और अंकल अपनी बीवी की गांड में लंड जाता देखकर बहुत मजा आ रहा था.
वे भी दूसरे की बीवी की गांड फाड़ने में लगे हुए थे.
यह सब कुछ देर चलने के बाद मॉम और आंटी की गांड में जलन होने लगी इसलिए वे गांड में से लंड निकालने के लिए लेटने लगीं.
लेकिन डैड और अंकल को बहुत मजा आ रहा था इसलिए वह भी उनके साथ उनके ऊपर लेट गए.
उन्होंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था.
अब तो वे दोनों और जोर-जोर से गांड चोद रहे थे.
कुछ देर ऐसे ही गांड चुदाई करने के बाद अब दोनों घोड़े झड़ने वाले थे इसलिए उन्होंने मॉम और आंटी को घुटनों के बल बैठा लिया.
वे खुद उनके मुँह के पास आकर खड़े हो गए और अब अपने हाथ से मुठ मारने लगे.
कभी वे लंड मुँह में देते तो कभी बाहर निकाल दे रहे थे.
एक मिनट के बाद अंकल झड़ने लगे तो उन्होंने अपना सारा माल मॉम के मुँह में डाल दिया.
इतनी देर में डैड भी झड़ गए.
उन्होंने भी अपना सारा माल आंटी के मुँह में डाल दिया.
मॉम और आंटी का मुँह पूरा माल से भर चुका था.
फिर भी उन्होंने लंड को चाट चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया.
अब चारों एक साथ लेट गए.
यह थी मेरे और मेरे दोस्त के परिवार की वास्तविक वाइफ चेंज सेक्स कहानी.
आगे चुदाई के ज्यादा मजे लेने के लिए उन्होंने क्या-क्या किया.
यह सब आप अगली कहानी में जरूर पढ़ें.
आपको मेरी वाइफ चेंज सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.
मेरी ईमेल आईडी है
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