Xxx चाची हार्डकोर सेक्स का मजा मेरी चालू चाची ने दिया. हमारे परिवार में चाची की चुदक्कड़ी का सबको पता है, मुझे भी. एक दिन मौक़ा मिला तो चाची ने भी देर नहीं लगायी नाड़ा खोलने में!
दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मैं आशा करता हूँ कि आप सब लोग अच्छे होंगे.
मेरा नाम शिवम चौधरी है और मैं उत्तरप्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला हूँ. मैं दिखने मैं ठीक लगता हूँ, पर मेरे छोटे मियां कुछ ज्यादा ही कड़क हैं, जो हर समय चुदाई के लिए तैयार रहते हैं.
दोस्तो, आज मैं आपको अपने परिवार की एक चुक्कड़ Xxx चाची हार्डकोर सेक्स की कहानी बताने जा रहा हूँ जो पूरी तरह से सच है.
इन चाची को मैंने एक बार बचपन मैं नंगी नहाते हुए देखा था.
उस वक्त इन्होंने मुझे शैंपू लाने को बोला था.
तब मैं कम उम्र का था पर तभी से मैं इनके लिए सेक्सी विचार रखता था और ये मुझे बच्चा समझती थीं.
अब मैं उन चाची के बारे में आपको बताता हूँ. उनका नाम मोनिका है. वैसे तो उनका 32-28-34 का फिगर सामान्य ही है, पर उनका चेहरा काफी अच्छा और किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने वाला है.
चाची की उम्र लगभग 32 साल है और हमारे परिवार में इनके बारे में सबको पता है कि वह शुरू से ही चुदककड़ टाइप की हैं.
इनके बहुत से अफेयर शादी के बाद भी चले हैं.
मेरे पापा परिवार में सबसे अच्छा और ज्यादा कमाते थे तो हमारी फैमिली की बहुत इज्जत होती थी.
मैं अपने बाकी के परिवार वालों के घर बहुत कम जाता था.
अगर कभी जाता तो सब बिठा कर बातें किया करते थे.
मेरी मम्मी जब कभी मुझको मोनिका चाची के घर भेजती थीं तो मैं खुश होकर जाता और चाची के साथ बातें करता, चाची पर लाइन भी मारता.
चाची भी मेरी हरकतों को समझती थीं.
वे भी हंस कर मेरा साथ देती थीं.
एक दिन मैं उनके घर पूजा में आने की कहने गया था.
उस वक्त मैंने लोवर पहना हुआ था.
मेरा लंड थोड़ा टाइट था.
मेरे लौड़े को तना हुआ देख कर चाची खुश हो गईं और मुझे छू छू कर बातें करने लगीं.
कुछ समय बाद मैं घर आ गया और मुठ मार कर शांत हो गया.
अगले दिन परिवार में पूजा थी तो सब लोग हवन करने के लिए इकट्ठे हुए थे.
पूजा में हवन को खेत में बने हुए पूजन के स्थान पर किया जाना था.
हम सब वहीं थे लेकिन चाची वहां नहीं दिख रही थीं.
पापा ने मुझसे कहा कि चाची के घर जाकर उन्हें आने की कह देना और उधर हलवाइयों के पास जाकर देखना कि खाना बन कर तैयार हुआ या नहीं.
तुम वहीं पर रुक कर सब ध्यान रखना.
मैं खुश होकर घर आ गया और सीधा चाची के घर चला गया.
मैंने आवाज़ लगाई तो वे बोलीं- ऊपर आ जाओ … मैं ऊपर ही हूँ.
उनसे मैंने पूछा- चाची आप क्यों नहीं आईं?
वे बोलीं- मैं अकेली थी. चली जाती तो घर पर कौन रहता?
मैंने कहा- अरे ताला लगा कर आ जाती न. ऐसा कौन सा कोई घर में घुस जाता?
वे हंसने लगीं.
मैंने कहा- चलो ना चाची … सब आपका ही इंतजार कर रहे हैं.
मैंने यह कहते हुए उनका हाथ पकड़ लिया.
चाची ने कहा- तुमने हाथ तो ऐसे पकड़ा है, जैसे तुम्हीं को मेरा इंतजार ज्यादा है!
मैंने कहा- हां चाची ऐसा ही समझ लो कि मुझे ही आपका इंतजार था.
वे हंसने लगीं और बोलीं- तुझे मैं इतनी अच्छी लगती हूँ क्या?
मैंने उनकी बात को सुना और उनकी आंखों की तरफ देखने लगा.
तब मैंने कहा- हां चाची आप ऐसा ही समझ लो. मैं सच में आपको बहुत पसंद करता हूँ.
चाची बोलीं- और वह क्यों?
मैंने उनकी तरफ देखा और मुस्कुरा दिया.
वे फिर से बोलीं- बता न!
मैंने कहा- ये तो नहीं मालूम चाची … मगर आपको देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगता है. क्या आपको मैं अच्छा नहीं लगता हूँ?
वे कहने लगीं- अरे ऐसा क्यों सोचता है. मैं भी तुझे बहुत पसंद करती हूँ.
बस इतना कह कर चाची ने मुझे अपने गले से लगा लिया.
आह … मेरी तो समझो लॉटरी ही लग गई थी.
चाची के भरे हुए दूध मेरे सीने से गड़े तो लंड का मानो बटन दब गया और लंड एकदम से कड़क होने लगा.
चाची ने मुझे अपने सीने से लगाए रखा और वे सों सों करके गर्म साँसों से मुझे चुदासा करने लगीं.
मैंने कहा- चाची, आपके सीने से लग कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
वे बोलीं- हां, मुझे भी तुझको गले से लगा कर बड़ा सुकून मिल रहा है.
अब हम दोनों अलग हुए और सोफ़े पर ही पास पास बैठ गए.
हमारे बीच ऐसे ही बात होने लगीं.
हमेशा की तरह वे मुझे छू छू कर बात करने लगीं.
उन्होंने पहले मेरे कंधे को छुआ और फिर घुटने पर हाथ रख दिया.
मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था.
पर उनके हाथ रखते ही मेरे लंड ने एक बार फिर से खड़ा होकर लोवर को फुला दिया.
चाची ने मेरे खड़े होते लौड़े को देखा तो उन्होंने हंसते हुए कहा- तू अब बड़ा हो गया है.
मैं उनकी बात समझ गया और मौके का फायदा उठाते हुए बोल दिया- चाची, अब तो मेरा सब कुछ बड़ा हो गया है.
वे हंसने लगीं और बोलीं- तेरी मम्मी को बताना पड़ेगा कि तू चाची पर लाइन मार रहा है. वैसे मैं भी तो देखूँ कि तेरा क्या क्या कितना कितना बड़ा हो गया है?
मैंने भी बेशर्म बन कर अपना लोवर नीचे कर दिया.
अब चाची तो थीं ही बड़ी चुदक्कड़, उन्होंने भी सीधा झपट्टा मारा और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर आगे पीछे करने लगीं.
मैं भी आराम से मजा लेने लगा क्योंकि मुझे पता था अभी पूजा में एक घंटा से ज्यादा लगेगा.
तब तक यहां चाची की जवानी की पूजा की जाए.
मैंने उन्हें लंड पर झपट्टा मारते हुए देखा तो उन्हें दबा दिया और उनका मुँह अपने लौड़े की तरफ झुकाने लगा.
वे भी शायद यही चाहती थीं तो उन्होंने अपनी जीभ से लंड को चाट लिया.
मुझे सुरसुरी सी हुई तो मेरे मुँह से आह निकल गई.
मैंने कहा- चाची ले लो मुँह में … सच में बड़ा अच्छा लग रहा है.
किसी रंडी की तरह चाची ने बिंदास मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
उनके इस कदम से तो मानो मेरे कलेजे को ठंडक पड़ गई थी.
मैंने उनके सर पर हाथ रखा और सर को लौड़े पर दबाते हुए लंड से उनका मुँह चोदने लगा.
वे भी पुरानी खिलाड़िन थीं तो मेरे कोरे लंड को अपने गले के अंतिम छोर तक ले जाकर चूसने लगीं.
चाची मेरे लौड़े को चूसती हुई बोलीं- वाह शिवम, ये तो साढ़े छह इंच के करीब का है, आज तो तेरे लौड़े से चुदने में मजा आ जाएगा.
चाची के मुँह से चुदाई की बात सुनी, तो मैंने चाची को अपनी तरफ खींच लिया और उनके होंठ चूसने लगा.
होंठ चूसते चूसते मैंने उनकी जीभ अपने मुँह में पकड़ कर चूसना शुरू कर दी.
कुछ देर मैंने चाची का कुर्ता निकाल लिया और उनके चूचों को हाथ से दबाते हुए मस्ती करने लगा.
मैं एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को मसल रहा था.
चाची भी मेरे मुँह में दूध दे रही थीं और कह रही थीं- आह चूस ले शिबू … मेरे दूध चूस.
उनकी ब्रा निकाल कर मैंने उनके दोनों चूचों को चूस चूस कर लाल कर दिया.
मैं उस टाइम सच में जन्नत की सैर कर रहा था.
फिर मैंने चाची के पूरे पेट पर किस किया और अपने सारे कपड़े निकाल दिए.
मैंने चाची की सलवार को भी निकाल दिया और उनकी चूत पर मुँह रख कर जीभ अन्दर डाल दी.
चाची शायद इसके लिए तैयार नहीं थीं.
वे तो चूत चुसवाने की सोच ही नहीं रही थीं.
मगर चूत पर मेरी जीभ का अहसास उन्हें मदस्त करने लगा था और वे सातवें आसमान पर पहुंच गईं.
मैं भी जैसे चाची की चूत के रस को चाट कर चूत खाने लगा था.
वे अपनी दोनों टांगों को खोल कर मेरे सर को अपनी चूत पर ऐसे दबा रही थीं मानो चूत के रास्ते वे मुझे अपने अन्दर घुसेड़ ही लेंगी.
फिर मैंने उनसे लंड चुसवाया और उनकी चूत में उंगली डालने लगा.
वे मादक सिसकारियां लेने लगीं- आह आह डाल दे अब … आह शिवम् क्यों तड़पा रहा है!
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैंने उनकी चूत में दो उंगलियां डाल रखी थीं.
वे लगातार सिसकारियां ले रही थीं- आह आह … डाल भी दे माँ के लवड़े … चोदने का दम नहीं है क्या भोसड़ी के!
उनकी यह बात सुनकर अब मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने लंड सैट किया और अपनी पूरी ताकत लगा कर उनकी चूत में लौड़ा पेल दिया.
उन्होंने एक बार तो बड़े तेज चीख मार दी.
शायद वे इसके लिए तैयार नहीं थीं.
उनकी चीख सुनकर मेरी भी गांड फट गई कि कहीं किसी ने सुन न ली हो.
चाची अपना मुँह खुद दबाती हुई बोलीं- फाड़ देगा क्या?
मैंने देखा तो चाची के चेहरे पर रंडी की तरह मुस्कान थी.
मैं फिर से अपनी पूरी ताकत के साथ उनको चोदने लगा.
चाची मजा लेती हुई साथ देने लगीं और बोलीं- आह शिवम् आह … उई उई आह मां … वाह आज तो मजा आ गया. मेरी जान तुमने तो आज जन्नत का मजा दिला दिया आह.
वे सिसकारियों के साथ अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का मजा ले रही थीं.
कुछ देर यूं ही पेलने के बाद मैंने सोचा कि क्यों ना चाची को पोज़ बदल कर चोदा जाए.
मैंने चाची से कहा- चाची उठो और कुतिया बन जाओ. मैं पीछे से आपकी चूत चोदूंगा!
चाची एकदम से उठीं और कुतिया बन गईं.
मैं चाची के पीछे आ गया और उनकी चूत पर लंड को सैट करके उनकी कमर पकड़ कर चोदने लगा.
इसी बीच मेरी नजर उनकी गांड के छेद पर गई.
मैंने मन ही मन सोचा कि आज नहीं तो कल तुझे भी चोदूंगा टेंशन मत ले.
इस हार्डकोर सेक्स में चाची और मुझे दोनों को बहुत मजा आ रहा था और हम दोनों गालियां दे देकर चुदाई का मजा ले रहे थे.
फिर मैं नीचे लेट गया और चाची को लौड़े की सवारी करने को कहा.
चाची मेरे लंड पर बैठ गईं.
मैंने उनकी एक चूची को हाथ से पकड़ लिया.
अब Xxx चाची फुल स्पीड में धक्के मार रही थीं और मजा ले रही थीं.
फिर चाची झड़ गईं और धीरे धीरे निढाल होने लगीं.
मैंने नीचे से लंड पेलने की स्पीड बढ़ा दी.
चाची मेरी चुदाई की बहुत तारीफ कर रही थीं.
मैं भी अपनी पूरी जान लगा कर चाची की चूत का भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था.
इसी तरह 15 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैं चाची के अन्दर ही निकल कर उनके ऊपर लेट गया, उनको किस करने लगा.
चाची आज बहुत ख़ुश थीं.
अब ज़ब भी मौका लगता है, मैं चाची की चूत को बजा देता हूँ.
उसके बाद मैंने चाची की गांड भी मारी, जिसे अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
आपको Xxx चाची हार्डकोर सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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