वासना से भरी लड़की के भाई की मनोदशा- 1

इंडियन कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी में एक भाई को अपनी बहन की चुदाई के खेलों का पता चला. बहन के यारों में से एक तो उसका अपना दोस्त ही था जो रोज उसके घर आता था.

यह सेक्स कहानी आज से कुछ साल पहले घटी एक सच्ची घटना पर आधारित है.
इस परिवार में माँ-बाप, दो बेटे और चार बेटियां हैं. जिनमें कुछ की अब शादी हो चुकी है.

पर आज बात सिर्फ एक बेटा और एक बेटी की करेंगे, जो घर में सबसे छोटे हैं.
लड़की का नाम नलिनी और लड़के का नाम नमन है.

गोपनीयता के लिए नाम बदल दिए गए हैं.
नलिनी तब 21 वर्ष की थी और नमन 19 वर्ष का था.

नलिनी की फिगर 32-30-34 की थी और उसकी ऊंचाई पांच फुट एक इंच ही थी.
वह अपने शहर के एक बड़े कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही थी.

नमन पांच फुट नौ इंच का गबरू युवा था और वह उस वक्त इंटरमीडिएट कर रहा था.

नलिनी बचपन से ही लड़कों में बहुत दिलचस्पी रखती थी.
नए नए लड़कों से दोस्ती करना, उनके साथ घूमना, बार बार बॉयफ्रेंड बदलना उसकी आदत थी.

कई बार वह एक साथ तीन-तीन लड़कों को भी डेट करती थी.
उसके अधिकतर बॉयफ्रेंड ऐसे थे, जिनको वह पहले भईया बोलती थी या यूँ कहें कि अब भी कुछ बॉयफ्रेंड को वह दूसरों के सामने भईया ही बोलती थी.

नमन के भी बहुत से दोस्त हैं, जिनमें कॉलेज के भी हैं और पड़ोस के भी हैं.

नमन को पता था कि उसकी दीदी कई लड़कों को डेट करती है और उनके साथ चुदाई भी करती है.
यह बात उसको कई जगह से सुनने को मिलती थी … पर आस पड़ोस के बाहर से.

यह इंडियन कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी तब शुरू हुई जब नमन अपने पड़ोस के दोस्तों के साथ होता था और उनमें से कोई नलिनी के बारे बोलने लगता था- तेरी दीदी आज उस लड़के के साथ लड़के के घर में बंद थी.
शुरू शुरू तो नमन वहां से उठ कर चला जाता था.

पर हमेशा कोई नए लड़के का नाम उसकी दीदी के साथ जुड़ जाता था.
उसकी दीदी के कारण नमन का इज्जत अपने ग्रुप में ख़राब हो गई थी.
जिसके कारण नमन ने शराब पीना शुरू कर दी थी.

आशीष उसका कॉलेज का फ़्रेंड था. वह उसको अक्सर घर लाया करता था.

नमन की माँ भी उसे अपना बेटा ही मानती थी.
नलिनी भी उसको छोटा भाई ही बोलती थी. नलिनी और आशीष में भी बहुत बनती थी.

आशीष नमन के घर में सबसे इतना अधिक घुल-मिल गया था कि अब वह नमन के बिना भी घर आने लगा था.

एक शाम नमन अपने पड़ोस के दोस्तों के साथ शाम में पी रहा था.
तभी एक दोस्त ने उससे कहा- आशीष तेरा दोस्त है या जीजा है बे!
नमन- जबान संभाल कर बोल, ज्यादा चढ़ गई है क्या?

दूसरा दोस्त बोला- अबे सही तो बोला है उसने नमन, आशीष हर रोज तेरे घर उस समय क्यों आता है, जब घर में तेरी दीदी अकेली होती है. उसके घर में घुसते ही दरवाजा भी बंद हो जाता है.
नमन- वह नलिनी को दीदी बोलता है!

तब तीसरा दोस्त बोला- तेरी दीदी तो हर किसी को भाई ही बताती है बे … ये तो तुम भी जानते हो. वैसे हम लोगों की बात का भरोसा नहीं है तो कल 2-3 बजे के बीच घर जाकर देख लेना!
नमन को भरोसा नहीं हुआ कि उसकी दीदी और उसका जिगरी दोस्त उसको धोखा दे रहे हैं.

पर नलिनी पर भी उसको भरोसा नहीं हो रहा था.

अगले दिन वह घर के पास ही एक ऐसी जगह बैठ गया, जहां उसे आशीष ना देख सके.

दोपहर 2 बजे के करीब उसने देखा कि नलिनी घर की छत में खड़ी होकर इधर उधर देख रही है.
तभी उसे आशीष मोटरसाइकिल से आता हुआ दिखा.

नलिनी ने आशीष को इशारा किया और नीचे आकर गेट खोल दिया.
आशीष अन्दर चला गया.

नमन समझ गया कि उसके दोस्त सही बोल रहे थे.

नमन दस मिनट बाद गया और उसने अपने घर के गेट को खोलना चाहा.
गेट अन्दर से लॉक था.

फिर चुपके से वह बाउंड्री वाल फांद कर अन्दर चला गया.
वह कमरे की तरफ गया तो देखा दरवाजा खुला है.

नमन चुपके से अन्दर गया.
अन्दर घुसा तो दरवाजे पर ही नलिनी की स्कर्ट और टी-शर्ट जमीन पर पड़ी थी.
कुछ अन्दर जाने पर आशीष की टी-शर्ट भी पड़ी मिल गई.

नलिनी के कमरे का दरवाजा खुला था जहां नमन भी सोता था.
वह चुपके से अन्दर झांकने लगा.
उसे अन्दर कोई नहीं दिखा था.

फिर नमन हॉल की तरफ गया तो उसके होश उड़ गए.

आशीष सोफा पर नंगा बैठा हुआ था और नलिनी ब्रा और पैंटी में उसके लंड को चूस रही थी.
नमन झट से पीछे को हट गया, नहीं तो वे दोनों उसे देख सकते थे.

कुछ देर बाद नमन बाहर निकला और खिड़की से झांकने लगा.

आशीष उसकी बहन की ब्रा का हुक खोलते हुए कह रहा था- दीदी, बहुत अच्छा चूसती हो तुम. मैंने न जाने कितनों को चोदा है, पर तुम जैसी कोई नहीं चूसती है.
उसकी बहन हंसने लगी.

इसके बाद आशीष खड़ा हो गया.
नलिनी भी खड़ी हो गयी.

नमन पहली बार नलिनी की चूचियां नंगी देख रहा था.
नलिनी की गोल गोल चूचियां देख कर नमन के होश उड़ गए.

फिर नलिनी झुक कर आशीष के लंड को एक हाथ से हिलाती हुई चूसने लगी.

आशीष दोनों हाथ से नलिनी की पीठ को सहलाते हुए हाथ उसकी पैंटी के अन्दर घुसा कर उसकी गांड को सहलाने लगा.

उधर नमन की लालसा नलिनी की गांड देखने को होने लगी.
वह चाहने लगा कि आशीष जल्दी से उसकी बहन की पैंटी उतार दे.

तभी नलिनी ने खुद ही एक हाथ से अपनी पैंटी उतार दी.

नलिनी की बड़ी सी गांड देख कर नमन का लंड पैंट के अन्दर ही अपना आकार बढ़ाने लगा.
नमन अपने हाथ से अपने लंड को दबाने लगा.

अब नलिनी उठी और आशीष से बोली- आज जल्दी करो, माँ बोली थी कि वह जल्दी घर आएगी.
यह कह कर वह खुद सोफा पर लेट गयी.

आशीष ने नलिनी को उठाया और सोफा से सटा कर घोड़ी बना दिया.
फिर उसने पीछे से एक ही झटके में अपना लंड नलिनी की चूत में डाल दिया.

नलिनी लंड खाकर बोली- आह … तेरा लंड मेरी चूत को बहुत पसंद है.
आशीष दोनों हाथ से नलिनी की कमर को पकड़ कर हल्के हल्के से धक्का लगाते हुए बोला- मुझे पता है नलिनी तुमको चुदवाना कितना पसंद है. तभी तो मैं हर दिन आता हूँ.

नलिनी कराह कर बोली- आह आह आशीष चोदते रहो … रुको मत मजा आ रहा है.
तभी आशीष ने नलिनी की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी स्पीड बढ़ा दी.

आशीष अब इतनी जोर से धक्का लगा रहा था कि थप थप की आवाज़ नमन को भी सुनाई दे रही थी.
नलिनी भी ‘ओह्ह्ह आशीष ओह्ह ओह्ह आशीष आह्ह्ह …’ करके सिसकारियां भरे जा रही थी.

इंडियन कॉलेज गर्ल चुदाई की ये सब बातें सुन कर बाहर नमन की हालत ख़राब होने लगी.
वह भूल गया कि अन्दर उसकी दीदी चुद रही है.
वह अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा.

कुछ देर बाद आशीष ने नलिनी को गोद में उठा लिया और नलिनी अपने दोनों हाथों को आशीष के गले में लपेट कर लिपट गयी.
आशीष दोनों हाथों से नलिनी की गांड को पकड़े हुए था और उसकी चूत को चोद रहा था.

तभी पड़ोस के घर के अंकल अपने घर की छत से बोले- नमन, घर चोर जैसे क्यों झांक रहे हो?
नमन हड़बड़ा कर नीचे झुका और वहां से निकल गया.
वह बाउंड्री वाल फांद कर बाहर चला गया.

आशीष और नलिनी को कुछ पता नहीं चला.
कुछ बीस मिनट बाद गेट का दरवाजा खुला और आशीष मोटरसाइकिल लेकर निकल गया.

जैसे ही नलिनी गेट बंद करने लगी, छत से अंकल ने नलिनी को आवाज़ देते हुए कहा- यह नमन चोरों के जैसे बॉउंड्री फांद कर क्यों भाग रहा था?

यह सुनकर नलिनी चौंक गयी, उसने अंकल से पूछा- कब भाग रहा था?
अंकल- अभी 15 मिनट पहले खिड़की से अन्दर चोर की तरह झांक रहा था. मैंने आवाज़ दी तो दीवार फांद कर भाग गया!

नलिनी के होश उड़ गए, वह समझ गयी कि नमन ने सब देख लिया है.
वह अन्दर चली गयी.

नमन दूर छिप कर सब देख रहा था.
वह भी समझ गया था कि नलिनी को पता चल चुका है कि वह आशीष और उसकी चुदाई देख चुका है.

खैर … अब तक नलिनी की चुदाई देख कर नमन की जो उत्तेजना थी, वह गायब हो चुकी थी.

अब वह आशीष और अपनी दीदी की करतूत को सोच सोच कर आग बबूला हो रहा था.
वह वहां से सीधा अपनी बड़ी दीदी अनिमा के घर आ गया.

अनिमा सभी भाई बहनों में सबसे बड़ी थी. अनिमा की ससुराल वहां से 30 मिनट की दूरी पर थी.

वहां उस समय अनिमा घर में अकेली थी, नमन के जीजा काम पर गए हुए थे.

अनिमा ने नमन को देखते ही पूछा- क्या बात है बाबू, बहुत गुस्सा में लग रहे हो?
नमन फफक कर रोने लगा.

अनिमा उसको बैठाती हुई बोली- बाबू रो क्यों रहे हो. क्या हुआ … कोई कुछ बोला क्या घर में … बताओ?
नमन रोते हुए बोला- दीदी नलिनी को समझाइए … वह बहुत ख़राब हो गयी है.

अनिमा नमन को चुप कराती हुई बोली- नलिनी से झगड़ा हुआ है क्या? वह कुछ बोली है? साफ साफ बताओ क्या हुआ है?
नमन अपने आंसू पौंछते हुए बोला- दीदी, नलिनी लड़का लोग के साथ सोती है … और आज मैंने उसको अपनी आंखों के सामने वह सब करते हुए देखा है.

अनिमा- कहां देखा करते हुए?
नमन- घर में! वह भी मेरे दोस्त आशीष के साथ!

अनिमा- क्या? पर आशीष तो नलिनी को दीदी बोलता है … और नलिनी उसको अपना भाई मानती है!
नमन- वह सब दिखावा है दीदी, वे लोग आज से नहीं, कई महीनों से ये सब कर रहे हैं. मेरे दोस्त लोग भी ये सब जानते हैं. उसके कारण मैं उन लोगों के साथ बैठ भी नहीं पाता हूँ.

अनिमा कुछ सोचती हुई बोली- ठीक है, मैं उससे बात करती हूँ. तुम उससे झगड़ा नहीं करना. ठीक है!
नमन कुछ देर बाद वहां से चला गया और अपने दोस्तों के पास आ गया.

उसके सभी दोस्त पहले से पी रहे थे और सब नशे में थे.
नमन भी चुपचाप बैठ गया.

एक दोस्त ने पैग नमन की ओर बढ़ाते हुए कहा- क्या दोस्त, सही बोला था ना … तेरी दीदी तेरे दोस्त के साथ सोती है ना!

नमन ने अपने गुस्सा को काबू करते हुए पैग पकड़ लिया और एक ही घूंट में पूरा पी गया.
उसने गिलास को फिर से आगे बढ़ा दिया.

उसका वही दोस्त फिर से पैग बढ़ाते हुए बोला- अबे बोल ना, तेरी दीदी आज फिर तेरे दोस्त के साथ सो रही थी या नहीं!

नमन फिर से सारी दारू एक घूंट में पी गया और गिलास आगे बढ़ा दिया.
उसी दोस्त ने फिर से पैग देते हुए बोला- अबे बोलेगा कि नहीं? हम लोगों से क्या छुपाना … हम लोगों ने तो तेरी दीदी को सब करते हुए देखा भी है!

नमन इतना सुनते ही चटक गया और बैठे हुए ही उसने उस दोस्त का कॉलर पकड़ लिया.
सब दोस्तों ने मिलकर उन दोनों को अलग किया.

प्रिय पाठको, आपको इस सच्ची सेक्स कहानी के अगले भाग आगे बताऊंगा कि बहन भाई के बीच सेक्स किस तरह से हुआ और इसमें इन भाई बहन की माँ का क्या रोल रहा.

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