मामा की पड़ोसन लड़की को पटाकर चोदा

पोर्न गर्लफ्रेंड Xxx कहानी में मैंने अपनी ममेरी बहन की मदद से उसकी सहेली से दोस्ती की. फिर मौक़ा मिलते ही हम दोनों ने सेक्स का मजा भी लिया.

फ्रेंड्स, मैं आपका सेक्सी सा दोस्त कपिल हूँ.
आपने मेरी पिछली कहानी
मेरा पहला प्यार मेरी मौसी
पढ़ी और पसंद की.
इसके लिए आपका धन्यवाद.

यह नई सेक्स कहानी मेरी नहीं है, मेरे एक जानने वाले की है, उसे आप मेरा दोस्त समझ लीजिए.

यह कहानी यदि आप मेरे दोस्त की जुबानी सुनेंगे, तो आपको ज्यादा मजा आएगा.
तो चलिए इस पोर्न गर्लफ्रेंड Xxx कहानी को मेरे दोस्त मानुष की जुबानी सुनते हैं.

दोस्तो, मेरा नाम मानुष है. मैं हिमाचल के सिरमौर जिले से हूँ. मेरी उम्र 24 साल है, कद पौने छह फुट का है और लंड साढ़े छह इंच का है.
आमतौर पर इतना बड़ा लंड भारत में नहीं पाया जाता है मगर मेरे पास ये कुदरत की सौगात है.

यह बात आज से कुछ साल पहले की है.
मेरे पैर की नस दबने के कारण मेरे पैर में दर्द हो रहा था, जिस वजह से में अपने मामा के यहां अपना इलाज करवाने गया था.
वहां कोई देसी औषधि वाले सज्जन थे, जो मेरे दर्द को खत्म करने में सक्षम थे.

मेरे मामा की बेटी अभी पढ़ रही थी, वो मुझसे काफी खुली हुई थी और हम दोनों की फोन पर अक्सर बातें हुआ करती थीं.
वो मुझसे अपनी एक सहेली की चर्चा करती रहती थी.

मामा के घर जाकर मैंने उससे बातचीत की.
मैंने उससे कहा- प्रिया, अपनी किसी सहेली से मेरी बात करवा दो.

उसने मुझे मना कर दिया.
वो बोली- भाई मेरी सहेली ऐसी नहीं है. उन सबके ब्वॉय फ्रेंड हैं.
मैं मायूस हो गया.

फिर शाम को उधर इलाज करवा कर अगले दिन अपने घर आ गया.
उन वैद्य जी ने मुझे एक हफ्ते बाद आने को कहा था.

मैं अगले हफ्ते फिर से मामा के घर पर गया.
उस दिन मैं शाम को 5 बजे पहुँचा था.

उधर जाकर मैं अभी बैठा ही था कि तभी प्रिया आई और बोली- भाई अपना नया वाला नंबर दे दो.
मैंने कहा- तुझे कैसे मालूम है कि मेरे पास नया नंबर भी आ गया है?

वो हंस दी.
फिर मैं बोला- नया नंबर लेकर क्या करोगी … पुराने पर भी तो बात होती है.

प्रिया- भाई, वो मेरी एक फ्रेंड को देना है.
“पर प्रिया, तुमने तो मना कर दिया था न?”
“भाई मैंने अपनी फ्रेंड से बात की है, वो आपसे बात करना चाहती है.”
अब मैंने उसे नम्बर दे दिया.

प्रिया अपनी फ्रेंड के पास गई और नम्बर देकर आ गई.
मैंने पूछा- फोन कब करेगी?

वो बोली- रात में, या जब उसको सही समय समझ आएगा.
मैंने ओके कहा.

फिर रात में सब खाना खाने के बाद सोने चले गए.
मैं प्रिया की सहेली के फोन का इंतजार कर रहा था. मगर उसका फोन नहीं आया

इधर प्रिया भी किसी काम में व्यस्त हो गई थी, तो उससे भी बात नहीं हो पा रही थी.
फिर 4-5 दिन इंतजार करने के बाद शाम को किसी ने मिस कॉल किया.

मैंने उसे कॉल बैक भी किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया.
फिर रात में करीब दस बजे मेरे फोन पर मिस कॉल आई.

मैंने फिर से कॉल की, तो उधर से कोई आवाज नहीं आई.
मैं करीब 5 मिनट तक हैलो हैलो बोलता रहा.

फिर उधर से धीमी सी आवाज आई- हैलो मैं कौन, पहचानो?
‘आप ही बता दो न!’

‘मैं अवि.’
‘ओह तो आपको याद आ ही गयी.

फिर जो उसने बताया, उसे सुन कर मैं दंग रह गया.
वो कहने लगी कि मेरा घर सामने है, जिसे आपने देखा था, वो मैं ही थी.

दोस्तो ये वही लड़की थी, जिसे कुछ दिन पहले ही मैंने उसी की छत पर देखा था. मैं तो तभी से पागल हो गया था.
फिर हम दोनों बातें करने लगे.

अब अवि से बात होना शुरू हो गई. हमारी दोस्ती पक्की हो गई.

करीब 3 साल तक हम दोनों बातें करते रहे, हमें अभी तक मिलने का मौका नहीं मिला था.
पर हम फोन सेक्स कर लिया करते थे.

फिर एक दिन मौसी की शादी में मैं और मम्मी गए थे.
शादी अवि के घर के सामने ही थी.

शाम को जब सब लोग फेरे में बिजी थे, तब मैं औऱ अवि छत पर बैठे थे.
मैंने अवि की चूची पकड़ ली.
चूंकि हम दोनों फोन सेक्स किया करते थे इसलिए वो मना नहीं कर रही थी.

जब अवि की निम्बू जैसी चूची मेरे हाथ में आई तो मुझे लगा मानो मखमल का गोला मिल गया हो.
वो भी धीरे धीरे आह आह करके मजा ले रही थी.

फिर धीरे धीरे मैंने उसके पीछे से सलवार में हाथ घुसा दिया और उसकी गांड के छेद को उंगली की मदद से सहलाने लगा.
उसने खुद ब खुद अपनी गांड उठा दी, जिससे मुझे उसकी चुत तक उंगली करने की जगह मिल गई.

फिर धीरे से मैंने उसकी चूत पर हाथ रख दिया, उसकी सांसें तेज हो गईं.
मैं चूत में उंगली डाल कर हिला रहा था और वो सीत्कार भर रही थी.

उसकी चूत पहले से ही गीली थी. फिर उंगली की वजह से और भी गीली हो गयी.

मैं उसके होंठों को भी चूस रहा था.
उसकी गर्म गर्म सांसें मुझे पागल कर रही थीं.

हम दोनों एक घंटे तक यही सब करते रहे.
फिर अवि घर चली गयी.

उसके बाद हम दोनों काफी दिनों तक नहीं मिल सके.
फिर दूसरी मौसी की शादी में करीब चार महीने के बाद मिले.

उस दिन रात के करीब दस बजे सब लोग सो गए थे. क्योंकि शादी दिन की थी इसलिए काम करते करते सब थक चुके थे और सो गए थे.
वो जून का महीना था, तो सब छत पर सो रहे थे.

मैंने अवि से फोन पर बात की और उससे मिलने का कहा.
जब अवि ने बताया कि सब सो गए हैं. आप गेट खोल दो, मैं आ रही हूं.

मैं गेट खोल कर वहीं खड़ा हो गया.
जब अवि अन्दर आई, तो मैंने गेट बंद कर दिए.

फिर अवि ने मेरी कोली भर ली. मैंने उसके होंठ अपने होंठों में पकड़ लिए.

वो तो जैसे पागल सी हो गई थी और बोल रही थी- मानुष मुझसे रहा नहीं जाता, अब वो सब करो जो अब तक नहीं हुआ है.

उसे किस करते हुए ही मैंने उसके कपड़े निकालने शुरू कर दिए.
मैंने उसकी सलवार खोल दी. उसने मेरी कैप्री उतार दी.

एक एक करके हम दोनों ने एक दूसरे के सब कपड़े उतार दिए.
वो अब मेरे सामने ब्रा पैंटी में थी.

फिर मैंने उसकी ब्रा फाड़ दी और चूची चूसने लगा.
चूची चूसते हुए ही मैंने अवि की पैंटी भी फाड़ दी.

मैं चूची छोड़ कर उसकी चूत चूसने लगा. वो मेरे सर में हाथ फेर रही थी.
मैंने उसे अपने कंधे पर बिठा लिया.

जब मैंने अवि को कंधे पर बैठाया तो उसकी चूत मेरे मुँह के सामने आ गई.
मैं चूत चूस रहा था, वो मेरे बालों में हाथ फिरा रही थी.

कुछ देर बाद मैंने अवि को बेड पर लिटा लिया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसे चूसने चाटने लगा.

मैं आपको एक बात बता दूँ कि मुझे होंठ चूसना और चूत चाटना बहुत अच्छा लगता है.

करीब दस मिनट के बाद मैंने लंड चूत पर लगाया तो वो पागल सी हो गई और अपनी गांड ऊपर उठा कर लंड चूत में लेने की कोशिश करने लगी.

तभी मैंने एक जोर का धक्का दे मारा.
मेरा लंड अवि की चूत में समा गया.

लंड चूत में जाने से उसे दर्द हुआ और वो मुझे अपनी बांहों में भर कर रोने लगी.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया.
कुछ देर बाद मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए.

जब उसे भी मजा आने लगा तो उसकी सांसें तेज हो गईं.
वो कामुक सीत्कारें ले रही थी और बोल रही थी- आह आह मानुष … और तेज और तेज … मजा आ रहा है … तेज रफ्तार से चोदो … आह.

करीब दस मिनट चोदने के बाद मैं झड़ गया.
इस बीच पोर्न गर्लफ्रेंड Xxx मजा लेती हुई एक बार झड़ गई थी.

फिर हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में बांहें डाल कर लेटे रहे.

दस मिनट बाद हम फिर से शुरू हो गए.
इस बार जब हम चुदाई कर रहे थे तो लाइट चली गयी.
कूलर बंद होने से गर्मी लगने लगी मगर हम फिर भी नहीं रुके.

कुछ देर बाद मैंने अवि को कुतिया बनाया और चूत में लंड पेल दिया.
उसे इस पोजीशन में लंड लेने में बहुत मजा आ रहा था.
वो मस्ती से चिल्ला रही थी- आह मानुष करो … आह करो … मुझे मजा दो और तेज … आह फाड़ दो चूत आईईई आह उम्म आह.

अब हम दोनों ने पोजिशन बदल ली.
मैंने अवि को अपने ऊपर लिटा लिया.
वो मुझे किस करने लगी.

मैं कभी कभी तेज धक्का भी मार देता था और वो एकदम से मुँह खोल लेती थी.
गर्मी के कारण हम पसीने में नहा गए थे.

अब हम दोनों कुछ देर रुक गए.
उसके 30 मिनट बाद जब लाइट आयी तो हम फिर से जुड़ गए.

उस रात हम दोनों ने अलग अलग तरीकों से चुदाई की.

फिर जिद करने पर अवि ने एक बार लंड मुँह में भी लिया.
चुदाई करते हुए अवि ने मुझे मिल्क केक भी खिलाया जो अवि मेरे लिए ही बना कर लायी थी.
हमने एक दूसरे को पानी भी पिलाया.

उसने अपने मुँह में पानी भर कर मेरे मुँह में भी डाला और वैसे ही मैंने उसे पिलाया. इस खेल में हम दोनों को बहुत मजा आया.

फिर 3:30 बजे मैंने उसे घर जाने दिया.

उसके बाद हमने कई बार चुदाई की.

एक बार तो मैंने अवि को बेडशीट की मदद से छत पर खींच कर चोदा, वो सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूंगा.
पहले आप लोग मुझे बताएं कि आपको मेरी और मेरी पोर्न गर्लफ्रेंड Xxx कहानी कैसी लगी.

आप अपने विचार मुझे ईमेल कर सकते हैं. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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