मेरी हॉट चाची की वासना इतनी ज्यादा नहीं थी पर मेरे चाचा ने उसे दिन रात चोद चोद कर बड़ी चुदक्कड़ बना दिया था. अब चाची चाचा से संभाले नहीं संभल रही थी.
मैं सूरज अपने खड़े लंड के साथ प्यारी प्यारी लड़कियों और खूबसूरत भाभियों को तहे दिल से नमस्कार करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपकी बुर और गांड की अच्छी सर्विस हो रही होगी।
और नहीं हो रही होगी तो आप लोग भी मेरे जैसे ही मुट्ठ मारकर काम चला रही होंगी।
मैं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से 20 किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूं।
हमारे परिवार में मेरी दादी-दादा, मम्मी-पापा, एक मेरे कक्का, मैं सूरज और मेरा बड़ा भाई बलराम, मेरे चाचा रमेश आदि लोग हैं।
बात है सन 2007 की जब मेरे चाचा रमेश सी आर पी एफ की ड्यूटी श्रीनगर में लगी थी।
सरकारी नौकर होने के नाते एक से बढ़कर एक शादी के रिश्ते आने लगे.
लेकिन कोई भी लड़की रमेश से शादी करने को तैयार न हुयी।
इधर लड़की के घर वाले रिश्ता पक्का करते, उधर लड़की रमेश की शक्ल देखते ही इन्कार कर देती.
जिसकी सबसे बड़ी वजह थी रमेश चाचा की काली कलूटी सूरत, जिसे देखकर लड़कियां भी अपने मन में डर जाती होंगी कि जब इसकी शकल इतनी काली है तो इसका लंड कितना काला होगा।
बढ़ती उम्र के साथ साथ घर वालों की उम्मीद भी खत्म होने लगी कि इस कलुआ की शादी होना असंभव है।
कुछ समय बीतने पर हमारे घर से लगभग 60 किलोमीटर की दूर से एक रिश्ता आया।
लड़की का नाम मोनिका (पिंकी) था जो देखने में बला की खूबसूरत है।
मोनिका की आँखों पर हाई पावर का चश्मा लगा हुआ था लेकिन वो चश्मा भी मोनिका की खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था।
मोनिका के घर में उसके दो नकारा भाई थे, बाप मुंबई की एक कंपनी में चपरासी का काम करता था और सबसे छोटी बहन रिंकी थी।
घर की खस्ता हालत होने के कारण मोनिका के चाचा जो एक बैंक मैनेजर थे, उन्होंने मोनिका की पढ़ाई और शादी का जिम्मा अपने सर पर ले लिया था।
ऐसे में शादी होना तो असंभव था लेकिन मोनिका के चाचा ने मेरे रमेश चाचा के बारे में चढ़ा बढ़ाकर मोनिका पर शादी करने का दबाव बनाया।
ना नुकुर करते करते किसी तरह से मोनिका शादी के लिए राजी हो गयी।
शादी के लिए इतनी खूबसूरत लड़की के मुंह से हाँ सुनते ही मेरे रमेश चाचा का दिल और लंड दोनों बल्लियों उछलने लगा।
उस वक्त मैं छोटा था लेकिन थोड़ा बहुत चुदाई के बारे में जानता ही था।
बारात मोनिका चाची के घर पहुंची तो सभी बारातियों की आँखें फटी फटी की रह गयी।
मोनिका चाची की चूचियां 32, कमर 34 और उठी हुई गांड लगभग 38 इंच की थी।
चाची इतनी खूबसूरत लग रही थी कि बारातियों का लंड खड़ा हो गया।
सब अपनी किस्मत को कोसने लगे कि काश उनकी शादी मोनिका जैसी किसी लड़की से हुयी होती।
उस वक्त मोनिका चाची शहर में रहती थी जिससे उनकी जवानी का एक एक अंग झलक रहा था।
पतली कमर पर करधन, सुराहीदार गर्दन पर हार, बड़ी बड़ी आँखों में काजल, एकदम गोरा रंग, ऊपर से बड़ी बड़ी तनी हुयी चूचियां और पीले रंग की साड़ी में एकदम सेक्स की देवी लग रही थी।
दूसरी तरफ मेरे कालू रमेश चाचा जो बीच बीच में खींसे निपोर कर मोनिका चाची को खा जाने वाली नज़रों से देखे जा रहे थे।
शादी से संपन्न हुयी और अगली सुबह हम अपनी नयी चाची को लिवा कर घर आ गए।
सुहागरात को कमरे के अन्दर जाने के कुछ पांच मिनट के बाद ही मोनिका चाची के चिल्लाने की आवाज ने सभी के कान खड़े कर दिए।
मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया।
सब लोग हंसने लगे कि आज तो रमेश चाचा को हीरे की खान मिल गयी है जिसे वो पेल पेल कर चौड़ा कर देगा।
रमेश चाचा एक महीने की छुट्टी ले कर आये थे जिसमें उन्होंने दिन रात मोनिका चाची को पेल पेल कर बुर का भोसड़ा बना दिया।
मैं जब भी मोनिका चाची के रूम में जाता तो चाची बेड पर लेट कर कराहती हुयी नजर आती।
गाल से लेकर होंठ और गले पर भी कटे के निशान नजर आते जिन्हें देखकर ही पता चल जाता कि मेरे कल्लू रमेश चाचा कितनी बेरहमी से मोनिका चाची को चोदते होंगे।
आख़िरकार एक महीने का समय बीत गया और मेरे चाचा वापस श्रीनगर अपनी ड्यूटी पर चले गए।
चाचा के जाने के कुछ दिन बाद ही मोनिका चाची के मायके वाले आये और उनकी विदाई करवा कर वापस लिवा गए।
जैसे एक महीने उन्होंने मोनिका चाची को चुदवाने के लिए भेजा था।
जब भी रमेश चाचा श्रीनगर से घर आते तो जाकर चाची को मायके से लिवा कर आते।
मेरी मोनिका चाची उस वक्त अपने मायके से बी ए कर रही थी तो अक्सर वो अपने मायके में ही रहती थी।
जब चाचा उन्हें लिवा आने की बात करते तो वो पढ़ाई का बहाना बना कर आने से इन्कार कर देती।
एक दिन रमेश चाचा, मोनिका चाची को सरप्राइज देने के लिए बिना बताये ही उनके कॉलेज पहुँच गए।
लेकिन वहां का नजारा देखकर तो वे खुद ही सरप्राइज हो गए।
हुआ कुछ ऐसा कि चाचा गेट पर खड़े होकर मोनिका चाची का इंतजार कर रहे थे.
तभी मोनिका चाची अन्दर से अपने बॉयफ्रेंड की बाँहों में बाहें डाले बाहर आती हुयी नजर आई जिसे देखकर चाचा के पैरों तले से जमीन खिसक गयी।
वहां हंगामा होने के डर से चाचा ने कुछ नहीं बोला और जल्दी से हेलमेट पहन लिए ताकि चाची उनको पहचान न सकें।
हमारे यहाँ जब तक ससुराल से बुलावा नहीं आता, तब तक दुल्हे को ससुराल जाने की इजाजत नहीं होती.
लेकिन यहाँ तो बिना बुलाये ही रमेश चाचा सीधे ससुराल पहुँचे और हंगामा खड़ा कर दिया।
अभी तक मोनिका चाची कॉलेज से घर नहीं पहुँची थी।
मोनिका चाची की मां और भाई-बहन घर पर ही थे जो रमेश चाचा का एक तो काला रंग ऊपर से गुस्से से भरे हुए सफेद दांत निकाल कर गाली सुनते ही डर गए।
आस पास के सभी गाँव वाले लोग इकठ्ठा हो गए।
बदनामी के डर से मोनिका चाची के पड़ोसी डॉक्टर चाचा ने किसी तरह से मेरे कल्लू चाचा को समझा बुझा कर शांत कराया ही था कि तब तक मोनिका चाची अपनी गांड मटकाते हुए घर पहुँच गयीं।
अचानक से रमेश चाचा को घर पर आया देख कर वो घबरा गयी।
मोनिका चाची को देखकर एक बार फिर चाचा ने हंगामा किया।
काफी झूठ बोलने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो अंत में मेरी मोनिका चाची ने सभी आरोपों को एक सिरे से ख़ारिज करते हुए ये कह दिया कि रमेश चाचा का किसी और से चक्कर चल रहा है. इसी बात पर रमेश चाचा उल्टा चाची के चरित्र पर ही उंगली उठा रहे रहे हैं, इसलिए वह उनके साथ नहीं जाना चाहती हैं।
अब लो! ये क्या हो रहा है साला!
रमेश चाचा का दांव उन्हीं पर उल्टा पड़ गया।
चाची के मायके वाले भी चाची का पक्ष लेने लगे।
अंत में मुरझाये हुए लंड जैसी शकल ले कर मेरे कल्लू रमेश चाचा वापस घर आ गए।
घर आकर उन्होंने अपना सी आर पी एफ वाला दिमाग लगाया और एक उपाय निकाला।
रमेश चाचा ने एक फोटो ग्राफर को पैसे देकर मामला सेट किया कि वह फोटोग्राफर मोनिका चाची की उनके बॉयफ्रेंड के साथ किसी भी तरह फोटो निकाल कर लाये जिससे रमेश चाचा मोनिका चाची को गलत साबित करके अपनी बेइज्जती का बदला ले सकें।
आख़िरकार कुछ दिनों तक लगातार पीछा करने पर फोटोग्राफर ने फोटो के साथ साथ वीडियो भी बना लिया जिसमें एक झाड़ी के पीछे मोनिका चाची का बॉयफ्रेंड उनके होठों को जबरदस्त तरीके से चूम रहा था और दोनों हाथों से चूचियों को दबा रहा था.
मोनिका चाची भी पैन्ट के ऊपर से ही उसका लंड सहला रही थी।
पूरी चुदाई का विडियो तो नहीं था लेकिन चाचा की गांड में आग लगाने के लिए इतना ही काफी था।
विडियो और फोटो मिलने के तुरंत बाद ही चाचा अपनी ससुराल को चल दिए।
कहीं मामला ज्यादा गंबीर न हो जाये इसलिए रमेश चाचा के जाने के तुरंत बाद हमारे कक्का चार पहिया बोलेरो बुक करके कई लोगों को साथ लिवा कर चाचा की ससुराल पहुंचे।
अबकी बार चाचा की ससुराल में खूब जबरदस्त हंगामा हुआ।
पुलिस आई, सुबह से शाम हो गयी और अंत में पुलिस वालों के सामने यह फैसला हुआ कि चाची अब कॉलेज नहीं जाएँगी।
घर वालों के समझाने पर न चाहते हुए भी मोनिका चाची मेरे रमेश चाचा के साथ हमारे घर आ गयीं।
अब रात में अक्सर चाचा और चाची के बीच चुदाई को लेकर झगड़ा होने लगा।
मोनिका चाची चाचा से चुदवाने को तैयार ही नहीं थीं, घर का कोई काम भी नहीं करती और दिन रात लेटी रहती.
और अगर मेरी मम्मी कुछ बोल देती तो मोनिका चाची तुरंत झगड़ा करने लगती।
जब भी चाचा बाहर जाते तो चुपके से फोन पर बात करने लगती।
एक दिन चाचा ने चाची को बात करते हुए पकड़ लिया उस दिन खूब मारा और मोबाईल को पटक कर तोड़ दिया।
चाची दिन भर रोती रही और रात में चाचा ने चाची को खूब हचक कर चोदा।
हम लोगों ने रात में कई बार चाची के चिल्लाने की आवाज सुनी.
जैसे जैसे चाचा धक्का मारते, वैसे वैसे चाची चिल्लाती लेकिन घर का कोई भी सदस्य कुछ नहीं बोला।
अब तो यह रोज का सिलसिला हो गया था.
चाची खूब जोर जोर से चाचा को गाली देती और चाचा जबरदस्ती चाची को पेलते रहते।
कुछ दिन बाद रमेश चाचा मोनिका चाची को लिवा कर श्रीनगर चले गए।
लेकिन वहां भी उनका झगड़ा कम नहीं हुआ।
चाचा ने दादी को फोन करके बताया की मोनिका चाची का अपने जीजा के साथ भी चक्कर चल रहा है जो न जाने कितनी बार मोनिका चाची की चूत चोद चुका है।
हद है साली मेरी हॉट चाची की वासना की!
हमउम्र होने के कारण मैंने अपने बड़े भाई बलराम से कहा– यार बलराम, जब मोनिका चाची इतनी बड़ी चुदक्कड़ रंडी है तो क्यों न हम भी चाची को ही पटा कर चोद लें।
बलराम- भाई सूरज, बात तो सही है तेरी! चाची जैसी काँटा माल की चूत में अपना पानी झाड़ने का सोच सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो रहा है।
मैंने कहा- देख बलराम, तू मेरा बड़ा भाई है. इसके नाते तू पहले चाची को चोद लेना. लेकिन बाद में मुझे भी चाची की चूत चाहिए। अगर तू इसका वादा करेगा, तभी मैं चाची को पटाने में तेरी मदद करूँगा।
बलराम- ठीक है मेरे भाई! इस बार दीवाली की छुट्टी में चाचा और चाची दोनों श्रीनगर से वापस आ रहे हैं. तब कुछ प्लान करेंगे।
मैंने कहा- कल दादी मम्मी से कह रही थी कि मोनिका चाची बहुत बड़ी रांड हैं। वहां बैरक में किसी दूसरे सी आर पी एफ वाले से चाची चुदवा रही थी. जिसकी वजह से रमेश चाचा उनसे परेशान हो गए हैं। एक तो इतनी मुश्किल से कल्लू की शादी हुयी ऊपर से मोनिका भी रंडी निकल गयी।
बलराम- मैंने सुना है कि चाची पांच महीने की गर्भवती भी है और चाचा कह रहे है कि बच्चा उनका नहीं है.
मैंने कहा- हाँ भाई, मैंने भी सुना है. जो दूसरे आदमी से चाची चुदवा रही थी, बच्चा उसी का है। क्योंकि चाची गोरा बच्चा चाहती है और वो सी आर पी एफ वाला एकदम गोरा है।
अब कोई कर भी क्या सकता था थाना पुलिस तो पहले ही हो चुका है।
दो महीने के बाद दीवाली आ गयी।
चाची का गर्भ सात महीने का हो गया।
डाक्टर ने चुदाई करने को मना किया था तो चाचा उन्हें घर छोड़कर वापस श्रीनगर चले गए।
मेरी हॉट चाची की वासना कहानी 4 भागों में आयेगी.
अभी तक की कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
[email protected]
मेरी हॉट चाची की वासना की कहानी का अगला भाग: हम दोनों भाइयों ने चाची को खूब चोदा- 2