पंजाबी चूत गरम सेक्स का मजा मुझे दिया मेरे पत्नी की सहेली जो हमारे पड़ोस में रहती थी. वह सेक्सी माल थी और मैं उसे चोदना चाहता था. उसकी हरकतें भी उकसाने वाली थी.
दोस्तो, मेरा नाम रूपेश है, मुझे घर में विक्की कहते हैं.
मैं बरगढ़ का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 35 साल है और मेरी हाइट 5 फीट 10 इन्च है।
यह मेरी पहली पंजाबी चूत गरम सेक्स कहानी है जो सच्ची घटना पर आधारित है।
मैं आपको अपने पड़ोस में रहने वाले मेरे दोस्त की बीवी की चुदाई की कहानी से रूबरू करवा रहा हूँ.
मेरे दोस्त की पत्नी दिलप्रीत कौर दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी है.
उस पंजाबी भाभी का रंग एकदम गोरा, बूब्स छोटे छोटे मगर आकर्षक थे.
उसकी गांड भी बहुत मादक और मर्दन के लिए आतुर दिखती थी.
उसका मदमस्त यौवन ऐसा कि एक बार ही देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
वह हमारे पड़ोस में रहती थी और मेरी पत्नी की भी खास सहेली थी.
वे दोनों घंटों साथ रहतीं और बिस्तर से लेकर घरेलू हर बात को साझा करती थीं.
वह अक्सर मेरे घर आती थी और मैं भी उसके साथ गप्पें मारता रहता था.
दिलप्रीत चंचल स्वभाव की थी.
अपने पति की अति व्यस्तता के कारण उसके संबंध कुछ अन्य मर्दों के साथ भी थे, जिनसे वह शहर के बाहर मिलती थी और होटलों आदि में चुद कर आती थी.
मैं उसकी इन बातों से अनजान था और उसे अपने परिवार का सबसे ज्यादा करीबी मानता था.
दिलप्रीत अपने स्वभाव से चंचल थी तो वह मुझ पर निगाहें रखती थी और मुझसे छेड़-छाड़ का कोई भी मौका नहीं छोड़ती थी.
मैं भी अक्सर कल्पनाओं में उसकी चुदाई कर देता था.
उसकी याद में कभी मुठ मारना, तो कभी अपनी बीवी को उसकी कल्पना में चोद देना … ये मेरा प्रिय शगल हो गया था.
यह सिलसिला लगातार चलता रहा.
पर मैंने कभी पहल नहीं की कि उसके साथ कुछ करूँ.
मुझे डर लगता था कि कहीं वह बुरा मान गई और मेरी पत्नी से कुछ कह दिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे.
यूं ही सिलसिला जारी रहा और ख्वाहिश थी कि बढ़ती ही जा रही थी.
कभी मैं उसे अपनी पत्नी के साथ कहीं बाहर घुमाने ले जाता था और उस दौरान हम दोनों की नैन मटक्का और नोंक-झौंक चलती रहती थी.
धीरे धीरे कभी बीवी को पूछने के लिए और कभी किसी त्यौहार में बधाई के बहाने हम दोनों की वाट्सअप पर चैट होने लगती और इसी चैटिंग में हल्की फुल्की मस्ती भी चलने लगी.
एक बार दीवाली के दिन वह बोली- आज तो मेरा वो देने का मन है.
मैंने कहा- हां तो दे दो. मैं तो कब से इंतजार में हूँ कि तुम कुछ तो दो भाभी जी!
वह मेरी बात को समझती हुई कह देती- क्या ‘दे दो … दे दो’ लगा रखा है. मैंने कब मना किया है. आ जाओ और ले लो.
मैं उसकी इस बात पर अचकचा गया कि यह तो देने को राजी है.
मगर तभी मैंने उसकी चाल समझ कर फंसने से बचते हुए कह दिया- अब लेने भी आने पड़ेगा?
वह भी तेज थी तो बोली- हां, लेने तो आना ही पड़ेगा.
मैंने बात को खत्म करने के नजरिए से कहा- लो जी, यह क्या बात हुई कि बधाई लेने भी आना पड़ेगा!
वह भी तुरंत पलट कर बोली- अरे तो देने आ जाओ न!
मैंने कहा- हां यह बात ठीक है … देने आ जाता हूँ.
इसी तरह से हम दोनों की चुहल बाजी खत्म हो गई.
इस तरह से हम दोनों एक दूसरे का मजा लेते हुए अपने दिल की बात को कहते कहते भी रह जाते और बात बदल जाती.
मैं कभी बाहर होता, तो वह बेचैन हो जाती और मोबाइल में लौट आने का बार बार मनुहार करती.
इस सबसे मुझे उसके मेरे लिए वासना का संदेह होने लगा था.
हमारी वासना की पूर्ति तो नहीं हो पा रही थी, लेकिन इसी के चलते प्यार काफी बढ़ गया था.
धीरे धीरे हमारा प्यार परवान चढ़ने लगा था और उसने रात में मुझे एक वाट्सअप मैसेज में सेक्सी क्लिप भेजी और मेरे द्वारा देख लिए जाने के दो मिनट बाद उसने उस क्लिप को डिलीट कर दिया.
मेरे मन में वासना का शावक कुलाचें भरने लगा.
मैंने लिखा कि डिलीट क्यों कर दी!
वह हंस कर बोली- देख ली थी न!
मैंने कहा- हां बड़ी जबरदस्त थी.
तो वह कहने लगी- हां जबरदस्त तो थी लेकिन मोबाईल से बाहर निकल कर नहीं आ सकती थी.
मैंने कहा- जैसे वह कर रही थी, वैसा तुम भी तो कर सकती हो!
वह हंसने लगी.
मैंने कहा- क्यों अपने पति के साथ नहीं किया है कभी?
वह उदास का इमोजी भेज कर अपना दुख जताने लगी.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वह कहने लगी कि यही तो दुख है कि पति महोदय के पास समय ही नहीं है.
मैंने कहा- पति के समय नहीं है, तो तुम्हारे पास तो समय है न!
वह बोली- तो अकेली क्या कर सकती हूँ?
मैंने कहा- कोई आशिक ढूंढ लो.
वह बोली- आशिक ही नहीं मिल रहा है. सबको बस मजा चाहिए.
मैंने कहा- मजा लेते देते ही प्यार भी हो सकता है!
वह बोली- बासी खाना किसको पसंद आता है जी!
मैंने कहा- अपने यहां तो सात जन्मों तक एक ही थाली से पेट भरने का नियम होता है.
वह मेरी इस बात पर हंस दी.
मैंने पूछा- हंसी क्यों?
वह बोली- सात जन्मों वाली थाली से अलग हट कर ही तो स्वाद लेना चाहती हूँ.
मैंने कहा- तुम प्यार खोज रही हो या टेस्ट बदलना चाह रही हो?
वह बोली- कुछ ऐसा, जिसमें दोनों हों. तड़का भी जोरदार हो और प्यार भी भरपूर करने वाला हो.
मैंने कहा- यदि तड़का जोरदार मिल जाए, तभी उसके साथ प्यार करने का सोचना … वर्ना प्यार करने वाला मिल गया और तड़का मजेदार न मिला तो वही कहावत चरितार्थ हो जाएगी कि चौबे जी छब्बे बनने गए और दुबे बन कर लौटे.
वह मेरी इस बात पर खूब हंसी और उसके कुछ देर बाद हम दोनों की चैट बंद हो गई.
इस चैट के एक दिन बाद ही उसने मुझसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया.
मैंने कहा- बिना तड़का चैक किए ही इश्क का रिस्क ले रही हो!
वह बोली- मुझे अन्दर वाली बात की जानकारी है मिस्टर विक्की!
मैंने समझ गया कि इसने मेरी बीवी से चुदाई की सारी बातें जान ली हैं.
अब हमारी घंटों बातें होतीं और फोन सेक्स भी, पर मिलने का मौका नहीं मिल रहा था.
एक बार वह अपने मायके रहने के लिए गई.
वहां से मुझसे निरंतर बातें करती.
फिर एक दिन वह समय आ ही गया जब मेरे मन की मुराद पूरी होने वाली थी.
उसने मुझे अपने मायके में मिलने के लिए बुलाया और निर्धारित समय में मैं पहुंच गया.
हमने शहर के एक होटल में मिलना तय किया. हम दोनों होटल पहुंचे और कमरा बुक कर कमरे में चले गए.
कमरे में पहुंचते ही उसने मुझे एक टाइट हग दिया, जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और उसे चुभने लगा.
हमने एक दूसरे को लम्बा किस किया और दोनों एक दूसरे में समा गए.
मैं थोड़ा संकोची था. मुझे उसे छूने में संकोच लग रहा था, पर वासना हावी थी.
मैंने संकोच त्याग दिया और उसे मुक्त रूप से किस करने लगा.
किस करते हुए मैं उसकी चिकनी गांड पर हाथ फेरने लगा. वह मदमस्त होकर मज़े लेने लगी.
मैंने जैसे ही उसके दूध पर हाथ रखा, उसने मुझे अलग कर दिया और बाथरूम जाकर फ्रेश होने लगी.
मै बाहर उसका अपना लंड लिए इंतज़ार करता रहा.
जब वह बाथरूम से बाहर आयी तो मैंने उसे किस करते हुए उसका टॉप उतार दिया और बिस्तर में लेटा कर उसके बूब्स से खेलने लगा.
छोटे छोटे बूब्स मगर एकदम गुलाबी निप्पल थे.
मैं उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा और वह सिसकारियां लेने लगी.
मैंने उसके दोनों बूब्स चूस चूस कर बहुत दबाए और उसके पूरे बदन के चूमने लगा.
वह अकड़ने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी.
मैंने उसे सिर्फ पैंटी में कर दिया था.
मैं पैंटी के ऊपर से चूत सहलाने लगा और वह जोश से भर गयी.
उसने कहा- सिर्फ सहलाते ही रहोगे या कुछ और भी करोगे?
मैंने भी मस्ती की- और क्या चाहिए बेबी?
वह- मुझे जल्दी से चोद दो विक्की.
मैंने उसकी पैंटी एक झटके में उतार दी और उसकी झांट साफ की हुई गुलाबी चूत मेरे आंखों के सामने थी.
मैं उसकी चूत चाटने लगा.
उसने मेरे सिर को पकड़ लिया और मेरा मुँह अपनी चूत के अन्दर घुसाने लगी.
मैंने कुछ देर तक उसकी चूत चाटी.
मुझे आनन्द आने लगा और वह वासना में मस्त हो गई.
उसने झट से मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी.
उसने मेरी पैंट उतार दी और मेरे लंड से खेलने लगी.
मैं उत्तेजित होने लगा और उसके बूब्स जोर जोर से दबाने लगा.
मैंने उसकी चूत में उंगली की, तो वह पानी पानी हो गई थी.
वह कसमसाने लगी.
चूंकि वह चुदक्कड़ थी … इसलिए उसके पास शर्म नाम की चिड़िया भी नहीं थी.
वह उन्मुक्त होकर मुझसे खेलने लगी.
उसे मेरी बीवी ने बताया था कि मैं गांड मारने का शौक़ीन हूँ.
वह मेरी हसरत पूरी करना चाहती थी.
उसने अपनी गांड में लोशन लगा कर उसे चिकना कर लिया था, सीधे मेरे लंड को हिलाते हुए किस किया और मुझसे 69 करने को कहा.
पर मैंने मना कर दिया और उसे सीधे घोड़ी बना दिया.
मैंने उसकी गांड में एक ही झटके में लंड डाल दिया.
उसे कोई दर्द नहीं हुआ.
मैं समझ गया था कि पहले भी कई बार गांड मरा चुकी है.
उसकी गांड का छेद खुल चुका था.
वह भी कामुक सिसकारियां लेने लगी.
मुझे आश्चर्य तब हुआ, जब वह खुले तौर पर गाली देती हुई मनुहार करने लगी.
उसने मुझसे जोर जोर से करने को कहा और बोली- साले हरामी, मार ना जोर से … अपने पति से परेशान होकर ही तो तुझसे चुदवा रही हूँ … फाड़ दे मेरी गांड को … साले लौड़े के बाल कुत्ते चोद … आह.
यह कह कर वह अकड़ने लगी.
मैं उसकी चूत चोदना चाहता था इसलिए मैंने उसे पलटा दिया और वह दोनों टांगें फैला कर अपनी चूत को सहलाने लगी.
गांड का लोशन बहता हुआ पंजाबी चूत में आ गया था.
वह मदमस्त होकर चूत सहलाने लगी और मुझे चोदने का निमंत्रण देने लगी.
उसने गाली देकर कहा- अब जल्दी चोद ना भोसड़ी के … मेरी भोसड़ी तड़प रही है.
मैं सीधे उसके ऊपर आया और उसकी चूत में लंड घुसा दिया.
वह गरम सेक्स का मजा लेकर चुदवाने लगी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वह आआह … आह करने लगी. नीचे से गांड उठा कर हिलाने लगी.
‘ऊ ई … उई … उई आह … आह मर गई … और जोर से चोदो … फाड़ दो मादरचोद इस फ़ुद्दी को भोसड़ा बना दो … इतनी जोर से चोदो कि इस मादरचोद को दुबारा चुदवाने का शौक खत्म हो जाए … आह दिन भर मचलती है रांड … मारो इसे … और जोर से मारो साले गांडू और मार मादरचोद … दम नहीं है क्या भोसड़ी के … चोद मुझे जोर से चोद!’
उसकी पंजाबी चूत पूरी पानी पानी हो गई थी.
कुछ 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसके पेट पर पूरा माल निकाल दिया और हम दोनों निढाल होकर पड़ गए.
थोड़ी देर में वह उठी और मुझे चुम्मा करने लगी.
उसने मेरे लौड़े को साफ किया और चूमने लगी.
फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर नहा कर फ्रेश हुए.
गरम सेक्स से उसकी गांड सूजी हुई थी और चूत से कामरस बह रहा था.
तैयार होकर हम दोनों होटल से निकल आए.
उसके बाद हमने कभी दुबारा सेक्स नहीं किया, पर हसरत आज भी है कि उसे पटक पटक कर एक बार वाइल्ड सेक्स करूँ.
दोस्तो, दुआ करना कि वह सेक्सी माल मुझे एक बार और चोदने को मिले.
मुझे उसको सच्चे काम के दर्शन कराने हैं.
मेरी पंजाबी चूत गरम सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
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