कुंवारी गांड को राह चलते मिला मोटा लंड

माय ऐस्स सेक्स कहानी में मेरा रुझान गे सेक्स की तरफ था. एक दिन मैं ऑटो की इन्तजार कर रहा था कि एक बाइक वाला मेरे पास रुका और बोला- आजा रंडी, बैठ जा पीछे!

मेरा नाम इरफ़ान है.
मैं अब 27 साल का हूँ.

मेरा शरीर बिल्कुल लड़कियों जैसा नर्म है और मैं गोरा भी हूँ.
मैं गुजरात के बड़ौदा शहर में नौकरी के लिए अकेला रहता हूं.

यह मेरी पहली गांड चुदाई की कहानी है. आज मैं आपको माय ऐस्स सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे एक तगड़े लौड़े ने मुझे रंडियों की तरह चोदा.

एक बार की बात है, रात को मैं कंपनी की बस से उतर कर ऑटो की राह देख रहा था कि तभी वहां एक बाईक वाला रुका और मुझे देखने लगा.
शायद उसे लगा कि मैं गांडू हूँ, क्योंकि मैं शक्ल से लगता भी ऐसा ही हूँ.

उसने कहा- चल रंडी बैठ जा!
इतना सुनते ही मैं सन्न रह गया और उसे ही देखता रहा.

उसने फिर पूछा कि चलता है?
मैं सोचने लगा कि साला ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा.
लेकिन इस तरह अचानक ये हुआ था तो मैं थोड़ा डर गया था.

मेरे कुछ ना बोलने से वह बोला कि नहीं आना तो इतनी रात को यहां क्यों खड़ा है?
फिर एक पल चुप रहने के बाद वह वापस बोला- दरअसल मैंने यहां से कई बार गांडुओं को ले जाकर चोदा है.

वह जाने लगा तो मैंने उसे आवाज दी.
वह वापस आया तो मैंने कहा- कहां चलना है?
तो वह बोला- मेरे घर!

उसका नाम दिनेश था और उसकी उम्र करीब 35 साल की रही होगी.
वह मूंछों वाला मजबूत ऊंचा और काला था.
उसके सामने में गोरा, नाजुक सा लौंडा लगता था.

मेरी गांड बड़ी है और थोड़े स्तन भी बड़े बड़े से हैं.

मैं उसकी बाइक पर बैठ गया और वह आगे बढ़ चला.
रास्ते में मैंने उसे बताया- मेरा पहली बार है!
उसने खुश होकर कहा- तू चिंता ना कर आज तुझे जन्नत दिखाऊंगा.

वह अपने घर में अन्दर ले जाते ही मुझ पर टूट पड़ा और मुझे किस करने लगा.
फिर हम दोनों नंगे हो गए.

उसका बड़ा लंड देखकर मेरी गांड फट गई.
उसने कहा- चल छिनाल अपने मुँह में लंड लेकर चूस!

मैं घुटनों पर बैठ गया और उसका लौड़ा चूसने लगा.

कुछ ही देर में उसका लौड़ा मेरे मुँह में ही खड़ा हो गया तो मुझे तकलीफ़ होने लगी.
मैंने उसका लंड बाहर निकाल दिया.

अब मैंने उसके लौड़े को देखा तो वह आठ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा था.

उसने मेरे होंठों पर लौड़े को लगाया और रगड़ने लगा.
फिर अपने दोनों हाथों को मेरे सर के पीछे ले गया और जोर जोर से अपने लौड़े को मेरे मुँह में अन्दर तक उतार दिया.

मेरी आंखें खुली रह गईं और मैं गों गों करने लगा।
मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी।

वह जोर जोर से लौड़ा मुँह में आगे-पीछे करने लगा.
मैं बेबसी से रोने लगा, उसने मुझे खड़ा किया और मेरे होंठों को चूसने लगा.

फिर उसने कहा- मेरी छमिया अभी से रोने लगी, तुझे तो आज पूरी रात मेरे लौड़े को झेलना होगा!

फिर उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे ऊपर लेट कर मुझे किस करने लगा.
मैं भी उसका साथ देने लगा.

वह अपने दोनों हाथों से मेरे बोबे दबाने लगा और उन्हें चूसने लगा.
मेरी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं।

मुझे बहुत मजा आने लगा.

उसके बाद उसने मुझे उल्टा कर दिया और मेरी गांड पर थप्पड़ों की बारिश कर दी.
मैं सकपका गया और ‘उफ्फ आआहह मर गया’ करते हुए चीखने लगा.

कुछ देर बाद वह बिस्तर पर लेट गया और उसने मुझसे कहा- चल मेरी रानी, अब जल्दी से मेरा लौड़ा चूस!

मैं उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ कर उसका लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगा.

चूसते चूसते मैंने उसकी ओर देखा तो वह मुझे ही देख रहा था.
मैं शर्मा गया.

तो वह बोला कि मेरी जान शर्म छोड़ … आज तुझे पूरी रात यही सब करना है.

फिर दस मिनट तक लंड चुसवाने के बाद वह मेरे मुँह में ही झड़ गया.

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि चल अब जल्दी लंड चूस और खड़ा कर!

लौड़ा खड़ा होने के बाद उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गया.
मेरी टांगें फैला कर लौड़ा गांड के छेद पर रख कर उसने जोर से धक्का लगाया तो मेरी चीख निकल गई.

मैं जल बिन मछली की तरह तड़फड़ाने लगा.

इतने में उसने एक और धक्का लगाया तो उसका पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया।
मैं रोने लगा और उससे छोड़ने की मिन्नतें करने लगा.

वह बोला- चुप साली रंडी, चुपचाप लंड खा बहन की लौड़ी!
मैं चुप हो गया।

थोड़ी देर रूककर उसने फिर धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मेरा दर्द कम होने लगा तो मैं उसे देख कर मुस्कुरा रहा था.

फिर हम दोनों ने अपने होंठों को मिला दिए और उसके दोनों हाथ मेरे दोनों बूब्स को मसलने लगे.
उसकी चुदाई की रफ्तार के साथ मेरी सिसकारियां और चीखें बढ़ने लगीं.
पर अब मुझे दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था.

इस तरह कुछ और देर तक चोदने के बाद उसने मेरी गांड में पानी छोड़ दिया.
फिर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सोने लगे.

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे उठाया और कहा कि बाथरूम में जाकर नहा लो.

मैं उठा लेकिन मुझसे चला नहीं जा रहा था तो वे मुझे गोद में लेकर बाथरूम में ले गये.

मैंने कहा- आप बाहर जाइए, मैं नहा कर बाहर आता हूं!
वे बोले – हम दोनों साथ में नहाएंगे.

आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं चुदाई के बाद उन्हें आप से उन्हें क्यों बुला रहा हूं तो वह इसलिए कि मैं चुदाई के बाद उनकी मर्दानगी का कायल हो गया था.‌

अब मैं आगे आपको लड़की की तरह कहानी बयान करूंगी.

उन्होंने बाथरूम में शॉवर चालू कर दिया और हम दोनों के होंठ फिर से मिल गए.

वे बोलने लगे- आज से तुम दिनेश की इरफाना.
उनके हाथ मेरी गांड को दबाने लगे और बाथरूम मेरी सिसकारियां से गूंज उठा.

फिर वे मेरे दोनों बूब्स को मसलने लगे और एक दूध को चूसने लगे।
‘ओफ्फ अआहह ओह’ बड़ा मजा आ रहा था … मेरे उन्होंने मेरे दूध बड़ी मस्ती से चूसे थे.

अब मैं वहां बैठकर उनके लौड़े को मसलने लगी और अपने मुँह में लेकर लंड चूसने लगी.
वे बोल रहे थे- हां मेरी इरफाना बाजारू रांड साली … चूस अपने यार दिनेश का लंड!

फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और मुझे आगे की ओर थोड़ा झुका कर पीछे से लौड़ा गांड में घुसेड़ दिया.
मैं आगे को होने लगी तो हो ही ना सकी क्योंकि उन्होंने मुझे जोर से पकड़ रखा था, इस कारण से मैं भाग नहीं सकती थी.

एकदम से लंड पिलवाने से मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन उन्होंने धक्के लगाने शुरू कर दिए.

मैंने कहा- आप धीरे धक्के लगाओ!
तो वे बोले- मेरी इरफाना रंडी, आज तेरी गांड का भोसड़ा बना दूंगा.

सच कह रही हूँ कि उनकी चोटों से पूरा बाथरूम थप थप की आवाज से गूंजने लगा था।
गांड में लंड पेलने के साथ साथ वे मेरी गांड पर थप्पड़ों की बारिश भी कर रहे थे.

मेरे गले से ‘अआहह ओहह ओहह’ की आवाज निकल रही थी, उससे से भी बाथरूम गूंज उठा था.
वे मेरी गांड का कबाड़ा करने में लगे थे.

फिर उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और मेरे ऊपर सवार हो गए.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था, पर उस सांड को तो अपनी मस्ती की पड़ी थी.

वे बोल रहे थे- हाय इरफाना, बाजारू रांड साली … क्या माल है तू बहन की लौड़ी!
लगभग बीस मिनट तक मेरी गांड चोदने के बाद उन्होंने अपने लंड का पानी मेरी गांड में भर दिया.

उसके बाद हम दोनों शॉवर लेकर बाहर आ गए.
माय ऐस्स सेक्स के बाद दर्द के मारे मुझसे चला नहीं जा रहा था और वे अभी भी मेरी गांड पर थप्पड़ों की बारिश करते हुए मुझे चला रहे थे.

मैं लंगड़ाती हुई चल रही थी.
बिस्तर पर आकर हम दोनों सो गए.

उस रात उन्होंने हर एक घंटा बाद उठ कर दो बार और मेरी गांड मारी.

बस उस दिन से मैं रात में चलने लगी.
आए दिन मुझे एक नया दिनेश मिलने लगा.

यदि आपको मेरी यह माय ऐस्स सेक्स कहानी पसंद आएगी और आपके अच्छे अच्छे कमेंट्स मुझे पढ़ने को मिलेंगे, तो मैं आपको अपनी गांड चुदाई की दूसरी कहानियां भी सुनाऊंगी.

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मैं आपकी मिल्की उर्फ इरफाना.