गे वीडियो देख जागी मेरे अंदर की लड़की

इंडियन गे देसी कहानी एक ऐसे लड़के की है जिसे गे गांड मरवाने की वीडियो देख अपनी गांड मरवाने का चाव चढ़ गया. उसने फेसबुक पर अपने शहर का एक लड़का ढूंढा और उसे अपने घर बुलाया.

दोस्तो, मेरा नाम अजय है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 28 साल है, रंग गोरा है और मेरा कद 5 फुट 11 इंच है.

मुझे ब्लू फिल्म देखना बहुत पसंद है.

बात उन दिनों की है जब मैं 20 साल का था.
मैं तरह तरह की ब्लू फ़िल्में देखा करता था.

मुझे शुरू में लड़कों में कोई रुचि नहीं थी और ना ही उनको देख कर मेरे अन्दर कुछ होता था.
मैं जब तरह तरह के पोर्न देख कर बोर हो गया तो सोचा कि आज कुछ अलग देखा जाए.

पॉर्न साइट्स को देखते देखते मेरे सामने एक गे वीडियो आ गई.
पता नहीं क्यों … लेकिन मैंने उसको खोला और देखने लगा.

उसमें दोनों लड़के बिस्तर पर नंगे लेटकर एक दूसरे को किस कर रहे थे और एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे.

वह वीडियो देखते देखते मेरा लंड अचानक से खड़ा हो गया और मेरे जिस्म में गर्मी सी आने लगी.
मेरा भी मन करने लगा कि मुझे भी कोई लड़का किस करे और अपना लंड चुसवाए.

इसी तरह मैं गे पोर्न देख देख कर मुठ मारने लगा और बेहद उत्तेजित हो गया.

अब मुझे कैसे भी करके किसी लड़के से चुदवाना ही था.
लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि कैसे किसी से कहूँ.

बस यहीं से मेरी इंडियन गे देसी कहानी शुरू हो गयी.

तभी मुझे विचार आया कि क्यों ना फ़ेसबुक की मदद ली जाए.
तो मैंने एक फर्जी आईडी बनाई और उस पर भोपाल गे सर्च किया.

इस खोज से मुझे अपने ही शहर का लड़का मिला, जिसका नाम महेश था.
उसका रंग थोड़ा सांवला था, उम्र 22 साल थी.

वह देखने में कुछ खास तो नहीं था लेकिन मुझे हवस भी तो मिटाना थी.

मैंने उसे अपने घर बुला लिया.
उस दिन मेरे पर कोई नहीं था.
घर वाले एक रिश्तेदार की शादी में कुछ दिन के लिए बाहर गए थे.

महेश ने मेरे घर के पास आकर मुझे फोन किया तो मैं उसको अपने घर लेकर आ गया.

लेकिन मुझे अब बड़ा अजीब लग रहा था क्योंकि मैंने पहले कभी ऐसे किसी लड़के से सेक्स नहीं किया था.

मैंने उसे बैठाया और पानी पिलाया.
फिर हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.

मैंने उसे बताया- मेरी समझ में नहीं आ रहा कि कैसे शुरूआत करूँ.
वह मुस्कुराया और बोला- तुम चिंता मर करो मेरी जान, मैं सब सिखा दूँगा.

उसके मुझे अपने पास को खींच लिया और मेरे होंठों को चूसने लगा.
मेरे तो पूरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई.

मैंने भी उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया और उसकी जीभ चूसने लगा.

उसने पूछा- कैसा लग रहा है जान!
मैंने कहा- बहुत मज़ा आ रहा है जानू … और करो ना!

हमने थोड़ी देर ऐसे ही किस किया.
फिर उसने कपड़े उतारने को कहा और वह अपने कपड़े भी उतारने लगा.

जब उसने अपनी शर्ट उतारी तो उसका गठीला बदन और छाती पर बाल देख कर मैं मदहोश होने लगा.
मैं उसकी छाती पर हाथ फेरने लगा और उसे चाटने चूमने लगा.

फिर उसने मेरे कपड़े भी उतरवाए और मेरी छाती और चूचियां चूसने लगा.
उसके दांत मेरी चूचियों पर चुभ रहे थे तो मेरे मुँह से आह निकलने लगी.

फिर उसके बाद उसने अपनी चड्डी उतारी तो मैं उसका काला लंबा लंड देख कर दंग रह गया.
उसके लंड की लंबाई और मोटाई लगभग सामान्य से ज्यादा लग रही थी.

उसने मुझसे लंड चूसने को कहा.
मैंने पहले तो उसका लंड अपने हाथ से लेकर सहलाया.
तो उसका लंड कड़क होने लगा.
जल्द ही उसका लंड बहुत ही ज्यादा सख्त हो गया.

जब मैंने उसके लंड के मुहाने से चमड़ी को पीछे किया तो लंड का गुलाबी सुपारा बड़ा ही हॉट और मोहक लगने लगा.

उसके लंड के सुपारे पर प्रीकम के बूंदें चमकने लगीं तो मुझे खुद को रोकना मुश्किल हो गया और मैंने उसके लंड के सुपारे को जीभ से चाट लिया.

मैंने पहली बार किसी का लंड चूमा था तो अन्दर तक सनसनी हो गई थी.
बस मैंने बिना कुछ सोचे उसका लंड चूमना चाटना शुरू कर दिया.

फिर मैं उसके प्यारे से लौड़े को अपने मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगा.

इससे उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं और उसने मेरा सर पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह के अन्दर तक डाल कर मेरे मुँह को चोदना चालू कर दिया.

वह बड़ी तेजी से अपने लौड़े को मुँह में अन्दर बाहर करने लगा था.

अब उसका लंड मेरे गले तक पहुंच रहा था जिससे मेरी सांसें अटकने लगी थीं.

मैंने थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद कहा- जान, अब रहा नहीं जाता, मुझे चोदो ना!
यह सुनते ही उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर लेट गया.

वह मुझे अपनी बांहों में भरकर किस करने लगा, मेरा चेहरा चाटने लगा और मेरी चूचियां मसलने लगा.
मुझे मीठा मीठा दर्द हो रहा था लेकिन मज़ा भी आ रहा था.

अब वह मेरा पूरा जिस्म चूमने लगा; मेरी नाभि में जीभ घुमाने लगा.

उसके ये सब करने से मैं और मदहोश होता जा रहा था.
ऐसा लग रहा था मानो मेरे अन्दर एक औरत जाग गई थी जो हवस से भरी थी.

अब उसने अपने लंड पर कंडोम लगाया और मुझे लंड चूसने को कहा.
फिर उसने मेरे बाल पकड़े और अपना लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर करने लगा.

वह मेरे गले तक लंड घुसा रहा था जिससे मेरी सांसें अटक रही थीं.

मैंने उसे रुकने को कहा लेकिन उसने कहा- चुप साली रंडी … नखरे मत कर, ले मेरा लंड आह ओह साली कुतिया ले अन्दर तक!

अब मुझे भी जोश आ गया और उसका लंड पूरा गले तक जाने दिया.

मेरे मुँह से बहुत सारी लार बाहर आने लगी.

फिर उसने मुझसे टांगें ऊपर उठाने को कहा.
मैंने अपनी दोनों टांगें उठा लीं.

उसने मेरी गांड के छेद पर थूका और अपनी एक उंगली घुसा दी.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मैंने उसे करने दिया.

अब उसने दो उंगलियां घुसा दीं और कहा- अब तेरी गांड मारने का समय आ गया है.
बस यह कह कर जब उसने अपना मोटा लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ना शुरू किया तो मेरी धड़कनें तेज़ होने लगीं.

वह दबाव देता हुआ लंड को अन्दर की तरफ़ घुसाने लगा.
लेकिन उसका मोटा लंड मेरी टाइट गांड में नहीं जा पा रहा था.

उसने मेरी गांड और अपने लंड पर फिर से थूक लगाया और वापस अन्दर घुसाने लगा.

अचानक से मेरी गांड ने ढीला होकर लंड के सुपारे को चूमा और तभी उसने एक झटके में लौड़े को अन्दर घुसा दिया.
मेरी ज़ोर की चीख़ निकल गई.

उसका टोपा अब मेरी गांड के अन्दर जा चुका था.
मेरी गांड तो मानो फट ही गई थी.

वह लंड को और अन्दर घुसने लगा.
दर्द से मेरी जान निकल रही थी.

मैंने उससे बाहर निकालने को कहा.
लेकिन वह मेरे ऊपर लेट गया और मुझे चूमने लगा.

वह कह रहा था- अपनी गांड को ढीला छोड़ो … जितना कसोगे, उतना ज्यादा दर्द होगा.

मैंने जैसे ही अपनी गांड को ढीला छोड़ा, उसने अपने लंड को एक धक्का और लगा दिया.
इस बार उसका पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर तक घुस गया था.

अब तो दर्द बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था.
मेरी आंखों से थोड़े आंसू भी निकलने लगे थे और मुँह से आह आह ओह की दर्द भरी आवाज निकलने लगी थी.

उसने अपने मुँह से मेरा मुँह बंद कर दिया और मेरे मुँह को चूमने लगा.
उसका एक हाथ मेरे एक निप्पल को मींजने लगा था.

कुछ ही देर में उसका लंड ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर होने लगा.

दर्द से मेरी हालत खराब हो रही थी लेकिन वह बेरहमी से चोद रहा था.

कुछ देर बार मेरी गांड पूरी ढीली हो गई और अब मुझे भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.

थोड़ी देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा, मैं झट से घोड़ी बन गया.

उसने मेरी गांड पर फिर से थूक लगा दिया और मेरी कमर पकड़ कर अपना लंड अन्दर घुसा दिया.

इस बार उसका लंबा लंड अन्दर कहीं टकराने लगा जिससे मुझे झटके लग रहे थे और बहुत दर्द भी होने लगा था.
लेकिन मजा आ रहा था तो मैंने उसे नहीं रोका.

मेरे मुँह से सिर्फ ‘आह आह जान और ज़ोर से चोदो मुझे …’ की आवाज निकल रही थी.

वह भी झटके दे देकर मेरी गांड में लंड पेलने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था मानो सुहागरात में कोई नई दुल्हन चुद रही हो.

कुछ देर तक वह ऐसे ही मुझे पेलता रहा.
फिर उसके मुँह से भी सिसकारियां निकलने लगीं तो मैं समझ गया कि वह झड़ने वाला है.

फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और कंडोम उतार दिया.
उसने मुझसे लंड चूसने को कहा.

मैं उसका लंड ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा उसकी सिसकारियां तेज़ होने लगीं.

तभी उसने मेरे मुँह में उसने बहुत सारा वीर्य निकाल दिया.
उसका गाढ़ा सफेद और गर्म वीर्य मेरे मुँह में भर चुका था.

न जाने वह किस तरह का जोश और जुनून वाला पल था कि मैं उसका पूरा वीर्य पी गया.

उस वक्त वह मेरे लंड को अपने हाथ से सहला रहा था तो मेरे लंड ने भी उल्टी कर दी थी.

अब हम दोनों ही शिथिल हो चुके थे तो कुछ देर के लिए एक दूसरे की बांहों में लेटे रहे.

फिर हम दोनों बाथरूम में नहाने चले गए.
मैंने शॉवर चालू कर दिया.

हम दोनों ने एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाया और आपस में एक दूसरे जिस्म मलने लगे.
उसका लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया और वह मुझे लंड चुसवाने लगा.

मैंने उसकी आंखों में देखा तो उसके चेहरे पर चुदाई की वासना साफ जाहिर हो रही थी.
मेरे अंदर की लड़की जागृत हो गयी और मैं खुद ब खुद पलट कर घोड़ी बन गई और उसके लंड को अपनी गांड में घिसने लगी.

उसने अपने लंड पर शैंपू लगाया और मेरी गांड के मुहाने पर लंड लगा कर दबाव दे दिया.
लंड सट से अन्दर घुस गया.
आह … मुझे तो मानो जन्नत का मजा मिल गया था.

ऊपर से फव्वारे की गिरती हुई पानी की ठंडी बूंदें मेरे जिस्म की आग को बाहर से बुझा रही थीं और अन्दर की आग को महेश का लंड शांत करने लगा था.

इस बार महेश ने मेरे लंड से खेलना शुरू कर दिया था.
मेरा लंड सहलाने से मैं डबल मजा का अनुभव करने लगा था.

कुछ देर बाद एक तेज़ आवाज के साथ मेरा लंड झड़ गया और तभी उसने भी अपना लंड बाहर निकाल कर अपना वीर्य मेरे पूरे चेहरे पर गिरा दिया.

मैं मस्त हो गई और उसके वीर्य को अपने चेहरे पर मलने लगी.

कुछ देर बाद हम दोनों नहा कर बाहर आ गए.
वह मुझसे पूरी तरह खुश था.

जाते जाते उसने मुझे फिर से किस किया और कहा- हम दोनों जल्दी ही फिर से मिलेंगे जान!
मैंने भी कहा- हां जानू.

पहली बार देसी इंडियन गे बन कर, गांड मरवा कर मैं बहुत उत्साहित था.
महेश से गांड मरवाने के बाद मैं और भी लोगों से मिलने लगा.

उन्होंने किस तरह से मेरी गांड मारी, वह गे सेक्स कहानी मैं बाद में बताऊंगा.
आप बताएं कि मेरी इंडियन गे देसी कहानी आपको कैसी लगी ताकि मैं अपनी और भी गर्म कहानियां आपके लिए ला सकूं.
आपका अपना अजय
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