वर्जिन लौंडे की गांड मराने की ज़िद

मैन मैन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे गांड मारने का शौक है. मेरे कई बॉटम हैं. एक नए गांडू को मेरे बारे में पता चला. वह मुझसे गांड मरवाने की जिद करने लगा.

‘अरे तुम क्यों दिमाग खराब कर रहे हो, दफा हो यार, वरना ब्लॉक कर दूंगा तुम्हें.’
‘प्लीज सर प्लीज, एक बार मिल लीजिए बस.’

‘अरे तुम्हारी गांड फट जाएगी, क्यों नहीं समझ रहे हो. अच्छे से अच्छे लंड के दीवाने भी आधा घंटा बाद लंड चूसने में नाटक करते हैं और एक से एक चुदक्कड़ बॉटम भी आधे-पौन घंटे से ज्यादा नहीं चुदवा पाते हैं. अरे तुम वर्जिन हो, पाँच मिनट भी लंड मुँह में नहीं रख पाओगे और जब लंड गांड में घुसेगा तो चीख पड़ोगे. अभी भी समझ जाओ.’

‘सर, मैं सब सह लूंगा. दर्द होगा तो आप जबरदस्ती कर लेना. प्लीज एक बार मिलकर मेरी आग बुझा दो … मेरी सील तोड़ दो.’

‘अरे तुम्हारी सील तोड़ने के चक्कर में मेरी लंड की प्यास नहीं मिटी तो? सॉरी, मैं नहीं मिल सकता.’
‘प्लीज सर, प्लीज … प्लीज …’

नीरज पिछले 20 दिनों से चैट करके, मैन मैन सेक्स करने की ज़िद कर रहा है. मुझे रोज अपनी गांड के फ़ोटो और वीडियो भेजता.
वह अपनी खुद की फ़ोटो भी भेज चुका था.

नीरज दिखने में गोरा, सुंदर, मासूम और ब च्चे जैसा था. हाइट कम, दुबला शरीर और सबसे बड़ी बात वर्जिन था.
मैं वर्जिन से नहीं मिलता. साफ-साफ मना कर देता हूँ.

अब तक मैं 10-12 वर्जिन से मिल चुका हूँ.
साले 5-10 मिनट से ज्यादा नहीं चूस पाते. उनका मुँह दुखने लगता है.
लंड, गांड में घुसते से ही, चीखना-रोना-चिल्लाना शुरू हो जाता है.
पाँच मिनट चोद दिया मतलब बहुत हो गया.

कुछ लोग दस मिनट तक चुदवाते हैं और बहुत हद हो गई तो 15 मिनट बस … उसके बाद तो ‘लंड बाहर निकालो …’ का राग शुरू हो जाता है.

इतने वर्जिन में से एक भी संतुष्ट नहीं कर पाया, तो मैंने ठान लिया कि अब वर्जिन से मिलना ही नहीं है.

मैंने अक्सर फ़ेसबुक पर या दूसरे एप पर देखा है.
साले खास तौर पर ऐसे लिखेंगे कि मैं वर्जिन हूँ. जैसे कोई तोप हों.

न लंड चूसने में ढंग के, न ही चुदवाने में.
ज़िंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा.

नीरज ने किसी अन्य लड़के से चैट की थी, तो उस लड़के ने उसे मेरे बारे में बताया था. बस तब से नीरज सील तुड़वाने के लिए पीछे पड़ा है.

मैं उसे रोज़ समझाता, पर वही ढाक के तीन पात.
उसे समझ ही नहीं आ रहा था या फिर वह समझने को ही तैयार नहीं था.

रोज़ सुबह-शाम एक ही काम.
‘सर, मेरी सील तोड़ दो, मुझे चोद दो.’

आखिर मैं मजबूर हो गया और उससे मैन मैन सेक्स के लिए मैंने हां बोल दी.
पर मैंने उससे ये भी कहा- मैं एक बॉटम और लाऊंगा. यदि तुम मुझे संतुष्ट नहीं कर सके तो वह रहेगा. मैं तुम्हारे भरोसे नहीं रह सकता.

वह मान गया.

‘अकेले रहते हो क्या?’
‘नहीं, सब लोग मुम्बई गए है, काका के घर शादी में.’
‘तुम क्यों नहीं गए?’

‘मैंने बहाना बनाकर मना कर दिया.’
‘बहुत हरामी हो बेटा.’

वह हंस दिया.
‘चल ठीक है. ये विक्की है और विक्की ये नीरज है.’

मैंने दोनों को आपस में एक दूसरे से परिचित कराया.

‘फिर बोलो, क्या करना है?’
‘हम्म्म्म … बेडरूम में चलें?’

‘डर तो नहीं रहे हो न?’
‘अरे नहीं.’

‘गुड … और विक्की तुम! तुम्हें तो डर नहीं लग रहा न?’

विक्की एक पक्का बॉटम था. वह अभी तक कइयों के नंगे जिस्मों से खेल चुका था. हम लोग पहले भी 6-7 बार एक-दूसरे के नंगे जिस्मों का सुख भोग चुके थे.
वह मुस्कुराते हुए बोला- मुझे डर लग रहा है.

‘हां, तुम्हें तो लगेगा ही … पहली बार कर रहे हो न!’
वह हंसने लगा.

हम लोग बेडरूम में आ गए.

उस नए लड़के के साथ शुरू करने में ही बड़ा अजीब लग रहा था.
वह 23 साल का नवयुवक, किसी ब च्चे जैसा लग रहा था.

उसने सैंडो बनियान और शॉर्ट्स पहनी थी.

मैं और विक्की बेड के साइड में नीचे पैर लटका कर ऐसे बैठ गए, जैसे कुर्सी पर बैठते हैं. मैं अपने पैर फैलाकर बैठा था.

मैंने नीरज को पकड़ कर अपनी गोद में बैठा लिया और उसके जिस्म को सहलाने लगा.

वह मेरे लंड पर बैठा हुआ था, तो मेरा लंड उसकी गांड के दबाव से कड़क होने लगा.

‘अच्छा लग रहा है, लंड पर बैठना?’
‘हां.’

‘और जब ये लंड तुम्हारी गांड में घुसेगा तब?’
‘तब और मज़ा आएगा.’
‘अच्छा, देखते हैं.’

मैंने नीरज की बनियान निकाल दी और उसे पीछे से मेरी बांहों में लेकर, उसके निप्पलों को दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद उसे खड़ा कर उसकी शॉर्ट्स और अंडरवियर दोनों निकाल दी.
नीरज पूरा नंगा हो चुका था.

अब मैंने उसे फिर से मेरी गोदी में बिठा लिया.

विक्की की तरफ देख कर कहा- लौंडे को चोदोगे?
‘वह आपका काम है.’

‘कोशिश तो करो, मैं तो हूँ ही!’
‘ठीक है.’

‘तो आग लगाओ, लौंडे के जिस्म में!’

विक्की उठ ही रहा था कि मैंने उसे पकड़ कर अपने पास खींचा और उसके होंठों को जबरदस्त तरीके से चूम लिया.

नीरज नंगा मेरी गोद में बैठा था.
वह मेरे लंड पर अपनी गांड घिस रहा था और मैं अपने हाथों से उसकी गर्दन, छाती, कमर, जांघ सहला रहा था. बीच-बीच में अपनी बीच वाली उंगली उसके मुँह में डाल कर उससे चुसवाता था.

विक्की कपड़े निकाल कर नंगा हो गया तो मैंने नीरज को खड़ा करके उसका नंगा जिस्म विक्की की बांहों में सौंप दिया.

अब विक्की नीरज को चूम रहा था और नीरज के नंगे जिस्म को अपनी बांहों में कस रहा था.

मैंने अपने कपड़े निकाले और मैं भी नंगा हो गया.
मैं वापस वैसे ही बैठ गया.

नीरज को पीछे खींचा और फिर से मेरे खड़े लंड पर बिठा कर नीरज की गांड को अपने लौड़े से घिसने लगा.
तो नीरज आहें भरने लगा था.

मैंने विक्की को नीरज के लंड की तरफ देख कर इशारा किया तो विक्की नीरज के पैरों के बीच में बैठ गया और उसने नीरज का लंड मुँह में ले लिया.
वह जोर जोर से नीरज के लंड को चूसने लगा.

‘अरे धीरे … नहीं तो कुछ करने के पहले ही ठंडा पड़ जाएगा.’
‘चिंता मत करो, इसका 4-5 बार भी निकल जाएगा तब भी खेल जारी रखूंगा.’

मैंने विक्की की तरफ देखा.
लड़का बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रहा था.

मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और नीरज की गांड को लंड के ऊपर रखा.

विक्की को इशारा किया तो वह खड़ा हुआ और उसने अपने लंड को नीरज के मुँह में डाल दिया.
अब विक्क़ी ने नीरज का सिर पकड़ा और उससे लंड चुसवाने लगा.

तभी मैंने नीरज को कमर से पकड़ कर अपने लंड पर बैठा दिया.

जैसे ही लंड नीरज की गांड में घुसा, उसकी गांड और आंखें दोनों फटी की फटी रह गईं.

विक्की ने नीरज का सिर जोर से पकड़ कर अपने लंड को नीरज के मुँह में घुसेड़े रखा.

इधर मैंने नीरज की कमर को जोर से पकड़ कर उसे मेरे लंड से उठने नहीं दिया.

नीरज के मुँह और गांड, दोनों में लंड था और वह दर्द से छटपटा रहा था.

मैं नीरज को उसकी कमर से पकड़ कर खड़ा हो गया.
विक्की ने भी नीरज का सिर पकड़ कर रखा था इसलिए नीरज झुक कर खड़ा था.

मैं बेड के पास पैर फैला कर खड़ा था.

मेरा लंड नीरज की गांड में था और मैंने नीरज को कमर से पकड़ा था.

नीरज झुक कर खड़ा हुआ था.
विक्की उसके आगे खड़ा था. विक्की का लंड नीरज के मुँह में था और विक्की ने नीरज का सिर पकड़ रखा था ताकि वह लंड मुँह से न निकाल सके.

अब मैंने नीरज की गांड चोदना शुरू की और विक्की ने नीरज का मुँह.
एकदम कंवला माल था.
गांड बहुत टाइट थी, इसलिए मैं बदहवासी में चोदे जा रहा था.

नीरज दो वहशियों के बीच फंसा हुआ था.
गलती उसकी थी.
उससे पहले ही कहा था कि मत मिल.
उसी ने कहा था कि जबरदस्ती कर लेना.
तो अब हम जबरदस्ती उसे चोद रहे थे.

साला बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रहा था.
अब फट गई भोसड़ी वाले की.

नीरज की गांड की चुदाई का एक-एक झटका उसकी जान निकाल रहा था.
मुँह में भी लंड होने से उसकी आवाज़ नहीं निकल रही थी.

आखिर मुझे उस पर रहम आया तो उसकी गांड से लंड निकाल दिया और विक्की ने भी उसके मुँह से अपना लंड निकाल दिया.

इससे मरते को जीवन मिल गया.
वह बेड पर गया और धम्म से उस पर पड़ गया.

मैं बेड पर गया और सीधा लेट कर मैंने अपने दोनों पर फैला लिए.
विक्की को निमंत्रण मिल चुका था. वह बेड पर चढ़ा और मेरे दोनों पैरों के बीच बैठकर मेरे लंड को मुँह में ले लिया.

आहहह …

जब कोई मेरा लंड चूसता है तो मेरी तो जान निकल जाती है.
मैंने नीरज को बांह से पकड़ कर ऊपर खींचा और मेरे नंगे जिस्म से चिपका कर अपने सीधे हाथ की तरफ बांहों में जकड़ लिया.

नीरज का सिर मेरे कंधों पर था और उसके नंगे जिस्म को अपने एक हाथ की बांहों में जकड़ कर उसको सहलाने लगा.

विक्की मेरे लंड को चूसकर उसे लाल कर रहा था.

आज एक बात पता चली. नंगे मर्दों के जिस्मों के मिलन में बहुत ज्यादा पावर होती है.
इसी वजह से गांड फटने के दर्द से तड़पता नीरज मेरे नंगे जिस्म से चिपकते ही ठीक होने लगा था.

वह अपने हाथों को मेरे नंगे जिस्म पर फेर रहा था और मेरी तरफ देख कर मेरे होंठों को चूसने लगा.

विक्की ने मेरा लंड ऐसे चूसा कि मेरा लंड फड़फड़ा उठा.

मैंने नीरज से पूछा- बैठना है लंड पर?
‘इच्छा तो बहुत है पर दर्द होता है.’
‘बैठो, मैं अपनी बांहों में कस लूंगा.’

मैं लेटा हुआ था.
मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और नीरज को लंड पर बैठा लिया.

नीरज फिर से तड़पने लगा.
तो मैं उठ कर बैठ गया.
मेरा लंड नीरज की गांड में ही था.

उसे अपनी गोदी में उठाया और कहा- मुझे चूम और मेरे नंगे बदन को बांहों में कस कर भर लो.
उसने कर लिया.

अब मैं खड़ा हो गया.
नीरज मेरी गोदी में ही था.

उसके दोनों पैर मेरे दोनों तरफ कोहनियों के पास थे.
मेरा लंड उसकी गांड में था और नीरज मुझे कसके बांहों में पकड़ कर मेरे होंठों को चूम रहा था.

तभी विक्की ने मुझे पीछे से अपनी बांहों में कस लिया.

अब मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करके नीरज को चोद रहा था और नीरज मुझे अपनी बांहों में जकड़ रहा था.

चुदाई का दर्द जैसे जैसे बढ़ता जाता, नीरज के बांहों की जकड़न भी बढ़ती जाती.

आखिर जब नीरज के लिए दर्द असहनीय होने लगा तो वह कहने लगा- आह निकाल दो प्लीज. निकाल लो प्लीज!
साला राग अलापने लगा था.

मैं नहीं माना और थोड़ी देर वैसे ही उसे चोदता रहा.

आखिर में मैंने उसे नीचे उतार दिया, तब उसकी जान में जान आई.

मेरा लंड फड़फड़ा रहा था तो मैंने विक्की को आगे किया और बेड के सहारे उसे झुका कर खड़ा कर दिया.
फिर मैं उसकी गांड में लंड डाल कर चोदने लगा.

नीरज जाकर बेड पर उल्टा लेट गया.
मैं विक्की को खड़े खड़े चोद रहा था.

थोड़ी देर बाद मैंने विक्की से कहा- नीरज के ऊपर उल्टे लेट कर उसे चोदो.

विक्की, नीरज के ऊपर चढ़ गया और लंड को नीरज की गांड में डाल दिया.

इधर मैं विक्की के ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को विक्की की गांड में डालकर विक्की को चोदने लगा.

मैंने विक्की और नीरज दोनों को बांहों में जकड़ा.
विक्की ने नीरज को कस लिया.

हम तीनों करवट लेकर सीधे हो गए.

अब मैं नीचे लेटा था और मेरा लंड विक्की की गांड में था और विक्की का लंड नीरज की गांड में था.

मैं अपनी कमर को ऊपर नहीं उठा पा रहा था तो मैं अपनी गांड को कैसे भी हिला-हिला कर विक्की को चोदने लगा और विक्की उसकी गांड हिलाकर नीरज को.

थोड़ी देर में नीरज के लंड ने पिचकारी छोड़ दी और वह ठंडा पड़ गया.

हम जिस पोजीशन में लेटे थे, वैसे ही बैठ गए.
मैं विक्की को चोदने लगा और थोड़ी देर में विक्की का लंड भी फट पड़ा.

मैन मैन सेक्स करके नीरज ठंडा पड़ गया था तो बेड पर उल्टा पड़ा हुआ था.

मैं उसके ऊपर गया और मेरे लंड को उसकी गांड में घुसेड़ कर चोदने लगा.

वह फिर दर्द से तड़प उठा.
पर हवस का जुनून ऐसा चढ़ा हुआ था कि नीरज को तेजी से चोदे जा रहा था.

थोड़ी देर बाद विक्की को भी नीरज के पास लेटाया और बारी बारी से दोनों को चोदने लगा.

अब मेरा लंड पूरी तरह से मचल गया था तो बेड पर बैठा और नीरज को मेरे लंड पर उल्टा लेटकर उसका मुँह चोदने लगा.

मेरा चरम सुख आने वाला था, लंड पूरी तरह से फूल चुका था, बदन अकड़ रहा था और मैं नीरज के मुँह को तेजी से चोद रहा था.

विक्की भी मेरे लंड के पास आकर मेरी जांघों को चूम और चाट रहा था.
मैंने नीरज के मुँह को चोदने की स्पीड बढ़ा दी.
नीरज का मुँह दुखने लगा तो वह छटपटाने लगा.

मैंने उसे हटा दिया और विक्की के हवाले मेरा लंड कर दिया.
विक्की तेज़ी से मेरे लंड को चूसने लगा.
मेरा समय आ रहा था.

दस मिनट तक बुरी तरह से मेरा लंड चूसकर विक्की ने लंड के बुरे हाल कर दिए थे. लंड किसी भी समय में झड़ सकता था.

मैंने नीरज को बेड पर सीधा लेटाया और उसके ऊपर लेटकर अपने लंड को नीरज के मुँह में डाल दिया. मैं उसके मुँह को चोदने लगा.

फिर 5 मिनट में ही तेजी से नीरज का मुँह चोदते हुए उसके मुँह में मेरा लंड फट पड़ा.
मैंने अपने लंड को नीरज के मुँह में अन्दर तक डाल दिया, जिससे मेरा माल नीरज को निगलना ही पड़ा.

मैं सीधा होकर बेड पर लेट गया. मेरे पास नीरज पड़ा हुआ था. विक्की मेरे पास आकर मेरे ऊपर चढ़कर लेट गया.

दस मिनट बाद फिर लंड फड़फड़ाया.
मैंने फिर से विक्की को चोदा.
उससे लंड चुसवाया.

उसके बाद फिर से नीरज की गांड फाड़ी.
फिर से उससे लंड चुसवाया और फिर से उसे लंड का माल पिलाया.

जब हम तीनों ठंडे होकर बेड पर पड़े थे तो मैंने नीरज से पूछा- सील टूटी या नहीं?

खामोशी थी …

मैंने फिर से पूछा, पर मुझे कोई जवाब नहीं मिला.

अब समझ में आ गया होगा उसे कि सील टूटना किसे कहते हैं.

आपको मैन मैन सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
[email protected]

लेखक की पिछली कहानी थी: दोस्ती से आगे मर्द मर्द का रिश्ता