छोटी बहन की अन्तर्वासना को जगाकर चोदा

यंग सिस्टर वांट सेक्स स्टोरी में मेरी बहन जवान हो गयी थी. वह सेक्सी माल थी तो मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने थोड़ा ट्राई किया तो वह तो पहले से तैयार बैठी थी मेरे लंड का मजा लेने के लिए.

मेरा नाम गौरव है, और मेरी उम्र 23 साल है।
मेरी एक छोटी बहन भी है जिसका नाम सोनाली है, उसकी उम्र 19 साल है।

इस कहानी में देखें कि कैसे मैंने अपनी छोटी बहन को पटाकर चोदा।

ये यंग सिस्टर वांट सेक्स स्टोरी पिछले महीने की है जब मुझे कॉलेज की छुट्टियाँ लगी थीं।
और मैं 1 महीने के लिए अपने गाँव आया था।

और वो उस वक्त 12वीं में थी, उसकी भी स्कूल से छुट्टियाँ मिली थीं।
वो दिखने में एक हॉट और सेक्सी-सी लड़की है, जिसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।

मेरे घर में 4 लोग रहते हैं – मम्मी, पापा, मैं और मेरी बहन।
पापा ट्रक ड्राइवर हैं तो वो कई दिनों तक घर से बाहर रहते हैं।
और मम्मी हाउसवाइफ हैं।

मैं अपनी बहन को कई दिनों से चोदना चाहता था लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला।
लेकिन इस बार जब मैं कॉलेज से घर आया तो मैंने सोच लिया था कि इस बार तो अपनी सेक्सी बहन को चोदूँगा ही।

एक दिन जब मम्मी गाँव में ही किसी के घर बैठने गई थीं।
तब मैं और मेरी बहन घर में अकेले ही थे।
तब मुझे लगा कि मुझे अपना खेल शुरू कर देना चाहिए।

सोनाली टीवी देख रही थी और मैं अपना मोबाइल चला रहा था।
तभी लाइट भी चली गई और टीवी भी बंद हो गया।

तब मुझे मौका अच्छा लगा और मैंने सोनाली से कहा, “अब तो टीवी भी बंद हो गया है। अब तू क्या करेगी?”
तो उसने कहा, “कुछ नहीं।”

तो मैंने उससे कहा, “आ जा मेरे साथ गेम खेल ले।”
तो उसने कहा, “ठीक है।”

वो उठकर मेरे पास आ गई, मैं उस वक्त एक चेयर पर बैठा हुआ था।

तो मैंने कहा, “आ मेरी गोद में बैठ जा।”
तो वो आकर मेरी गोद में बैठ गई।

फिर मैंने उसके हाथ में मोबाइल दिया और उसे अपने पास चिपकाकर बिठा लिया।

जब वो मेरी गोद में बैठी तो मेरे पूरे लंड में सनसनी-सी आ गई।
और वो पूरी तरह से खड़ा हो गया, और उसकी गांड में चुभने लगा।
उसे भी पता चल गया था लेकिन वो कुछ बोली नहीं।

फिर मैंने उसे गेम शुरू करके दिया और वो गेम खेलने लगी।

गेम में जैसे ही वो एक किल करती तो खुशी से उछल जाती।
इससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

ऐसे ही मौका देखते ही मैंने एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया।
जिससे अगली बार जब वो उछले तो मेरा हाथ उसके बूब्स पर चला जाए।

और थोड़ी देर बाद वैसा ही हुआ, वो जैसे ही उछली तो मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया।
लेकिन उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा, तो मुझमें भी थोड़ी और हिम्मत आ गई।

अब मैंने अपने हाथ को उसकी जाँघों की ओर ले गया।
और थोड़ा-थोड़ा मसलने लगा, जिससे उसकी साँसें तेज होने लगीं।
लेकिन उसने कुछ भी नहीं कहा।

अब मैं पूरी तरह से निश्चिंत हो गया कि अब तो सोनाली भी थोड़ा इस चीज़ के लिए राज़ी है, यंग सिस्टर वांट सेक्स।
अब मैंने पूरी हिम्मत करके अपना हाथ उसके बूब्स की तरफ ले गया और दबाने लगा।
लेकिन सोनाली ने भी कुछ नहीं कहा।

अब मैंने उसकी गर्दन पर भी किस करना शुरू कर दिया।
जिससे उसकी साँसें तेज हो गईं, और वो पूरी तरह मस्त हो गई।

इतने में उसने मोबाइल रखा और पलटकर मुझे किस करने लगी।
और बोलने लगी, “भाई, I love you!”

मैं भी अब सेक्स के नशे में पूरा मस्त हो गया और बोलने लगा, “सोनाली, I love you too।”
और उसके बूब्स को भी दबाने लगा.

हम दोनों ने करीब 10 मिनट तक किस किया।

फिर वो मेरे लंड को भी सहलाने लगी।

अब उसने अपने हाथों से मेरी पैंट उतारी और नीचे बैठ गई।
अब वो मेरे लंड को देखने लगी और कहा, “भाई, आपका लंड तो बहुत बड़ा है।”
ये कहकर मेरे लंड को चूसने लगी।

तो मैंने भी उससे कहा, “तेरे लिए ही रखा था, आज खा ही जा इस लंड को।”
वो मुस्कुराकर चूसने लगी।

करीब 20 मिनट तक वो चूसती रही और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
वो मेरे लंड का रस पूरा पी गई।

अब हम दोनों थककर बैठ गए।
लेकिन थोड़ी देर बाद मेरा फिर से जोश बढ़ उठा।

अब मैंने सोनाली को भी पूरी नंगी कर दिया।
और उसकी चूत को सहलाने लगा।

और फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखकर चाटने लगा।
जिससे उसके पूरे शरीर में सनसनी फैल गई।
और वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।

करीब 15 मिनट बाद उसने भी अपनी चूत से पानी छोड़ दिया।
मैं भी उसका पूरा पानी चाट गया।

अब मैंने सोनाली को अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया।
और उसे बेड पर लिटा दिया।

अब मैं उसकी टाँगों के बीच में आया, अपने लंड को उसकी चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे धक्का देने लगा।
मेरा आधा लंड सोनाली की चूत में चला गया।

और वो चिल्लाने लगी, “आ भाई, दर्द हो रहा है, बाहर निकालो।”
लेकिन मैं नहीं माना और एक जोर का धक्का दिया।
जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।

सोनाली चिल्ला रही थी, “भाई निकालो।”
और उसकी आँखों से पानी भी निकल रहा था।

कुछ देर बाद जब वो नॉर्मल हुई।
तब मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया।

अब सोनाली को भी मज़ा आने लगा।
अब हम दोनों ही सेक्स का मज़ा ले रहे थे।

हमने 30-40 मिनट तक सेक्स किया।
फिर जब मेरा होने वाला था तब मैंने उसके बूब्स पर अपना सारा माल निकाल दिया।
जिसे वो अपनी पूरी बॉडी पर लगाने लगी।

फिर हम दोनों फ्रेश होकर फिर से कपड़े पहन लिए।
फिर कुछ देर बाद मम्मी भी आ गईं।

लेकिन अब तो मैं और सोनाली पति-पत्नी की तरह हो गए थे।
अब हम कभी भी सेक्स कर सकते थे।

जब भी मुझे मौका मिलता तो सोनाली को अपना लंड चुसवा लेता और अपना सारा लंड का रस उसके मुँह में ही छोड़ देता, जिसे वो पूरा पी जाती।

फिर हमारे रिश्तेदार में शादी थी तो मम्मी 10 दिनों के लिए वहाँ चली गईं।
और हम दोनों भाई-बहन घर में ही अकेले थे।

हम दोनों अब दिनभर बिना कपड़ों के ही रहते थे और सोनाली हमेशा मेरे लंड पर ही बैठी रहती थी।

अब हम दोनों सारे काम साथ में ही करने लगे।
वॉशरूम भी दोनों साथ में ही जाते थे।
मैं अपना पेशाब सोनाली को पिलाता था और वो अपना मुझे!

और जब वो खाना बनाती तब भी वो पूरी नंगी ही रहती।
तो मैं पीछे से उसको चोदते रहता।

इन दस दिनों में मैंने सोनाली को रोज़ चोदा।
और उसकी गांड भी मारी।

लेकिन अब मुझे सोनाली को चोदने में मज़ा नहीं आ रहा था।
तो हमने प्लान बनाया कि हम मम्मी को भी इसमें शामिल करेंगे।

जब मम्मी शादी से वापस आईं।
तब मम्मी की तबीयत भी खराब थी तो हमें अच्छा मौका मिला।

मम्मी को जो डॉक्टर ने दवाइयाँ दी थीं वो थोड़ी ज़्यादा पावर की थीं।
तो मम्मी को न/शा आ जाता था।

एक दिन मम्मी पूरे नशे में थीं।

तब मैं मम्मी के साथ ही सो गया।
जब मम्मी सो गईं तब मैंने मम्मी की साड़ी को ऊपर उठाया।
और उन्हें पूरा नंगा कर दिया।

और अपने भी कपड़े उतार दिए।
फिर मैंने माँ की चूत में अपना लंड डाला और उन्हें चोदने लगा।

कुछ देर बाद जब माँ को होश आया।
तब माँ भी सेक्स का मज़ा लेने लगीं।

और मैंने माँ को रातभर चोदा।
अब से माँ भी मेरे सामने पूरी तरह खुल चुकी थीं।

जब मेरा होने वाला था तब मैंने माँ से पूछा, “कहाँ निकालूँ?”
तो माँ ने कहा, “अंदर ही निकाल दे।”
तो मैंने अपना सारा रस माँ की चूत में निकाल दिया।

अब जब सुबह हुई तो मैंने “I love you” कहकर माँ को गले लगा लिया।
अब मुझे घर में ही दो चूतें मिल गई थीं।

जब सुबह माँ खाना बना रही थीं।
तब मैं पीछे से गया और उनके बूब्स दबाने लगा।

माँ चौंक गईं और बोलीं, “पागल, सोनाली देख लेगी।”
तो मैं रुक गया।

और कमरे में जाकर सोनाली को साथ लेकर आया।
माँ समझ नहीं पा रही थीं कि मैं क्या करने वाला हूँ।

तब मैंने सोनाली को पीछे से पकड़कर उसके बूब्स दबाने लगा।
माँ समझ गईं कि हम दोनों पहले से चुदाई करते हैं।

माँ भी हंसने लगीं और मुझे किस करने लगीं।
फिर माँ और सोनाली दोनों मुझे चुदाने के लिए तैयार हो गईं।
फिर मैंने दोनों को एक साथ चोदा।

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