पड़ोसी ने मां को चोदकर गर्भवती किया

इस MILF सेक्स कहानी में मैं अपने पड़ोसी द्वारा अपनी मां की चुदाई की सच्ची घटना बता रहा हूं। मेरा बाप नाकारा है तो माँ की चूत की प्यास नहीं बुझती थी.

दोस्तो, मेरा नाम अमन है और मेरी उम्र 19 साल है।
मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ।

आज की कहानी मेरी सगी माँ और मेरे पड़ोसी की चुदाई की सच्ची कहानी है।
आपको मेरी MILF सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे मेल करके जरूर बताएँ।

मेरी माँ का नाम नीरा है और उसकी उम्र 43 वर्ष की है।

वह हमारे मोहल्ले की सबसे सुंदर औरत है और मोहल्ले के सभी मर्द उसे छुप-छुपकर देखते हैं।
उसका फिगर लगभग 32-28-32 है और वो इस फिगर में काफी मस्त लगती है।

मेरा बाप भी हमारे साथ ही रहता है।
पर मुझे ऐसा लगता है कि वो किसी काम का नहीं है क्योंकि माँ हमेशा उससे नाखुश रहती है और उखड़ी-उखड़ी रहती है।

पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी माँ की जिंदगी ही बदल गई।

हमारे मोहल्ले में राजू नाम का एक व्यक्ति रहता है।
उसकी उम्र भी लगभग 50 के करीब होगी पर वो देखने में काफी अच्छा दिखता है।
वो काफी लंबा है और उसके लंबे बाल हैं।

उसकी मेरे पापा से उतनी बातचीत नहीं होती पर वो मेरे पापा के दोस्त का दोस्त है।
इसलिए उसका मेरे घर पर आना-जाना लगा रहता है।
वो जब भी मेरे घर पर आता है तो वो मेरी माँ को अश्लील नजरों से देखता था।

जब भी मेरी माँ चाय देने झुकती थी, उसकी नजर मेरी माँ की चूचियों पर ही रहती थी।

मेरी माँ को भी शायद पता था कि वो उसे चोदना चाहता है पर मेरी माँ उसका कोई विरोध नहीं करती थी।

मेरी माँ अपनी ब्रा और पैंटी घर के छज्जे में ही सुखाती थी।
और आते-जाते लोग उसकी ब्रा-पैंटी को ही देखते रहते थे।

एक बार मेरी माँ की ब्रा छज्जे से सड़क पर गिर गई।
उस समय मेरा बाप भी किसी काम से बाहर गया था।

तब राजू वहाँ से जा रहा था तो उसने बोला, “भाभीजी, मैं आपका सामान आपको देने आ जाता हूँ।”
मेरी माँ उसे मना न कर सकी।

मैं नीचे वाले हॉल में ही था।

उसने दरवाजा खटखटाया।

मैं दरवाजा खोलने गया तो मुझे उसके हाथ में माँ का गुलाबी रंग का ब्रा दिख गया।
उसने मुझसे बोला, “तेरी माँ का कुछ सामान नीचे गिर गया है, वही वापस करने जा रहा हूँ।”
मैंने बोला, “ठीक है।”

पर मुझे समझ में आ गया था कि आज कुछ न कुछ कार्यक्रम तो होने ही वाला है मेरे घर में।
वो मेरी माँ के ब्रा के साथ उसके कमरे में घुस गया।
और उसने दरवाजा भी अंदर से बंद कर दिया।

मेरी माँ के कमरे के दरवाजे में एक छेद है जिससे पूरा कमरा बाहर से ही दिख जाता है।
मैं उस छेद के पास जाकर खड़ा हो गया और अंदर का सब देखने लगा और सारी बातें सुनने लगा।

राजू, “भाभीजी, ये लो आपका सामान!”
माँ, “थैंक यू राजू जी, आप कितने अच्छे हैं।”

राजू, “भाभीजी, आप आजकल मुझे खुश नहीं दिख रही हैं।”
माँ, “नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है। मैं खुश ही हूँ।”

मेरी माँ समझ गई थी कि राजू किस तरफ जा रहा है।
उसने राजू को कमरे का दरवाजा बंद करते हुए भी देख लिया था पर उसका कोई विरोध नहीं किया था।

राजू, “भाभीजी, आप मुझे अपना दोस्त ही समझें। आप मुझे कुछ भी बेझिझक बता सकती हैं।”

माँ ने थोड़ा सोचने के बाद बोला, “मेरे पति मुझे खुश नहीं कर पाते हैं। मैं हमेशा तड़पती रहती हूँ।”
राजू, “मुझे पता ही था भाभीजी। आपका पति एकदम नामर्द है।”

माँ, “आप मुझे नीरा बुलाइए। भाभीजी नहीं। हम दोस्त हैं न!”
राजू, “ठीक है नीरा!”

माँ, “और आप…”
इतना बोलते ही राजू ने मेरी माँ के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे जोर-जोर से चूमने लगा।

मेरी माँ ने भी शुरू में थोड़ा विरोध किया, उसके बाद वो भी उसका साथ देने लगी थी।

करीब 5 मिनट तक एक-दूसरे के होंठों को चूसने के बाद राजू ने बोला, “मुझे हमेशा से लग ही रहा था नीरा कि तू मुझसे चुदना चाहती है।”

माँ, “हाँ राजू जान… बस तुम जैसे मर्द के साथ करने की इच्छा थी मेरे अंदर!”
राजू, “मुझे पता था नीरा … तू आज मेरी रंडी बनेगी।”
माँ, “हाँ राजू, बना ले मुझे अपनी रंडी … चोद ले मुझे जैसे तू चाहता है।”

बस इतना बोलने की देर थी कि राजू ने मेरी माँ की साड़ी उतारना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे उसने मेरी माँ के बदन को चूमते हुए उसकी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज़ उतार दी।
अब मेरी माँ सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।

राजू ने अपने कपड़े भी उतार दिए और सिर्फ चड्ढी में माँ के बदन को चूमने लगा।
मेरी माँ बहुत ही खुश दिख रही थी और उसका हर एक स्पर्श मेरी माँ के मुँह से आवाज निकालने वाला था।

धीरे से उसने मेरी माँ के ब्रा और पैंटी उतारकर उसको पूरा नंगी कर दिया।
और मेरी माँ की चूचियों को सहलाते हुए मज़े से चूसने लगा।
उधर माँ “आह उफ़ उम्म” अपने मुँह से निकाल रही थी।

जब वह मेरी माँ की चूत में उंगली करने लगा तो मेरी माँ का चेहरा देखते ही बनता था।
कितनी खुश थी वो!
इसके बाद राजू ने अपनी चड्डी उतारी और मैंने देखा कि उसका लंड सचमुच बहुत बड़ा था।

उसने मेरी माँ का मुँह उसके लंड की तरफ किया और उसके मुँह में अपना लंड डालने लगा।

मेरी माँ मज़े से लॉलीपॉप की तरह उसका लंड चूस रही थी।
माँ को यह सब करने में काफी मज़ा आ रहा था।

फिर मुँह में लंड देने के बाद राजू ने असली चुदाई के लिए माँ को बोला, “चल नीरा, अब तेरी तड़पती चूत की प्यास बुझा देता हूँ।”
माँ, “हाँ राजू, बस इसी पल का कबसे इंतज़ार था मुझे!”

इतना बोलकर राजू ने एक झटके में आधा लंड मेरी माँ की चूत में घुसा दिया।
और माँ जोर से चीख पड़ी।

उसने एक झटका और दिया और पूरा लंड मेरी माँ की चूत में घुसा दिया।
फिर उसने लगातार 8-10 मिनट तक बिना रुके मेरी माँ की चूत में अपना लंड अंदर-बाहर किया।

वह मेरी माँ को चोदते समय गालियाँ भी दे रहा था जैसे, “मादरचोद नीरा, तू रंडी है मेरी, आज तो मैं जी भर के तेरी चूत मारूँगा।”

और फिर 8-10 मिनट MILF सेक्स के बाद जब वो झड़ने वाला था तो उसने माँ से पूछा कि पानी कहाँ निकालना है।

माँ ने बोला, “मैं चाहती हूँ कि हम दोनों का एक बच्चा हो!
क्योंकि राजू काफी अच्छा दिखता था और लंबा भी था।

माँ ने उसे उसका पानी चूत में निकालने के लिए ही बोल दिया।

इतनी चुदाई के बाद उसने अपना सारा पानी मेरी माँ की चूत में निकाल दिया।
और उसके बाद वो दोनों दोबारा एक-दूसरे को चूमने लगे।

ये सब देखने के बाद राजू नीचे आया तो मैंने पूछा, “हो गया माँ से काम?”
तो राजू ने बोला, “हाँ बेटा, तेरी माँ का काम करके आया हूँ।”

और उसने मुझसे कहा कि वो मेरे बाप जैसा ही है।
तो मैं उसको जब भी मिलूँ, पापा ही बुलाया करूँ।

मेरी माँ की चुदाई देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था।
इसलिए मैंने उसकी इस बात पर हामी भर दी और वो चला गया।

कुछ हफ्ते बाद मेरी माँ ने राजू को फोन करके बताया कि उसके पीरियड्स नहीं आए हैं।
और उसका गर्भ धारण हो गया है।

मेरी माँ और राजू दोनों इस खबर से बहुत खुश थे।
इस बीच भी मेरी माँ और राजू ने कई बार चुदाई की।
और हर बार राजू मेरी माँ की चूत में ही पानी निकाल देता था।

तो दोस्तो, ये थी मेरी माँ की चुदाई की कहानी।
आपको ये MILF सेक्स कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल करके जरूर बताएँ।
तो मैं मेरी माँ की चुदाई के और भी किस्से आपसे साझा करूँगा।
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