सीलपैक लड़की रंडी बन कर खूब चुदी

सेक्सी वर्जिन पोर्न कहानी मेरी पहली चुदाई की है जिसमें मेरी सहेली ने एक ग्राहक से चुदवा कर मुझे खूब पैसे दिलवाए. उसके बाद तो मुझे चुदाई से पैसे कमाने की लत लग गयी.

फ्रेंड्स, मुझे खुशी है कि मैं आज आपसे बात कर रही हूँ, अपनी सेक्स कहानी से आपको रूबरू करवा रही हूँ.

यह सेक्सी वर्जिन पोर्न कहानी मेरी सहेली ऋतु की है.
चलो ऋतु की ज़ुबानी सुनते हैं.

यह कहानी सुनें.

मैं ऋतु 23 साल की पढ़ी लिखी एक कड़क माल हूँ. मेरा साइज़ 34-30-38 का है. मैं अपनी देह का बहुत ध्यान रखती हूँ.
मुझे घूमने का बहुत शौक है तो मैं पूरे भारत में भ्रमण करती रहती हूँ.

मेरी फैमिली में मैं और भाई ही हैं.
मॉम की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई है और तब मैं और भाई ही रह गए थे.

लेकिन भाई ने जब से शादी कर ली है, तब से मैं अकेली रह रही हूँ.
मॉम की मृत्यु के बाद मैं अपनी लाइफ में काफी डिस्टर्ब हो गई थी, कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था.

फिर एक दिन मुझे मेरी सहेली फौशिया मिली.
हम दोनों ऐसे ही बातें कर रही थी.

वह मुझसे मेरे ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगी.
उसके साथ मेरे सेक्स आदि के बारे में मुझसे जानकारी लेने लगी.

मैं बोली- नहीं, मेरे साथ अभी ऐसा कुछ नहीं है.
फिर मैं उसको अपने बारे में बताने लगी कि घर में अब मेरा कोई नहीं है. मैं कहीं चली जाना चाहती हूँ. मेरी अगर कोई जॉब लग जाए तो अच्छा होगा.

फौशिया ने मेरी बात को बहुत अच्छे से सुना और बोली- मेरे पास जॉब से भी बहुत ज्यादा अच्छे बिजनेस हैं, जिसमें तू अपनी मर्जी से कहीं भी आ जा सकती है और कहीं भी अपने मन का कर सकती है.

उसकी बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा तो मैंने उससे इसके बारे में और अधिक जानना चाहा.

वह मुझे बताने लगी कि मैं भी ट्रॅवेलिंग करते करते बहुत पैसे कमा लेती हूँ.

काफी देर बात करने के बाद मैं भी उसकी बात से सहमत हो गई.
उसने सिर्फ ये बताया था कि इस बिजनेस में लोगों के साथ मिलना होता था और उनकी तन्हाई को दूर करने के लिए अपनी कोशिशों को अंजाम देना पड़ता था.

मैं उससे बोली- मुझे भी ऐसे लोगों से मिलवा दे और बता दो कि ये काम कैसे करना होता है.
वह बोली कि मैं कल तुझे कॉल करूंगी.

और वह चली गई.

फिर शाम को उससे बात हुई.
मैं उससे बहुत जोर देकर बोली- यार, इस बिजनेस को लेकर तू जल्दी ही कुछ कर. मुझे पैसे चाहिए, जिससे मैं अपनी इच्छा पूरी कर सकूं.

कुछ देर बात होने के बाद उसने सुबह मिलने का कहा और कॉल कट हो गई.

उस रात मैं बिल्कुल भी सो नहीं पाई.
मुझे इस नए काम को लेकर काफी जोश आ गया था.

अगले दिन हम दोनों पार्क में मिले.
उसने बोला- मुझे पहले तू मन पक्का कर ले कि तुझे इस बिजनेस से पैसे चाहिए या जॉब करना है!
मैं बोली- मुझे बस पैसे चाहिए और किसी से कुछ मतलब नहीं.

फौशिया ने मुझे 5000 रुपए दिए और बोली- इन पैसों से कोई अच्छे ड्रेस खरीद ले और मैं जहां जाने का बोलूँ, वहां चली जाना. बाकी की बात मैं कर लूँगी.
मैंने उससे कहा- मेरे लिए कैसी ड्रेस ठीक रहेगी, तू ही चल कर दिलवा दे.

फिर हम दोनों एक बड़ी सी शॉप पर गए और वहां से एक बहुत सुंदर सी ड्रेस ले ली.
मैं ड्रेस के पैसे चुका कर बाकी के पैसे उसको वापिस करने लगी.

लेकिन उसने पैसे वापस लेने से मना कर दिया.
उलटे उसने मुझे और पैसे दिए और बोली कि कुछ खा पी लेना.

मैं हैरान हो गई कि इसके पास इतना पैसा कहां से आया.
वह चली गई.

बाद में उसने मुझे कॉल की और एक जगह मिलने का प्रोग्राम बनाया.

फिर जब हम वहां मिले तो मुझसे बोली- अगर तू आज खुश हो गई, तो तू पक्का मेरे पास रहेगी और अगले हफ्ते मैं बाहर घूमने जाऊंगी. तू भी हमारे साथ चलना. आज तुझे 20000 मिलेंगे, ये सारे के सारे तेरे होंगे. अगर तुम जॉब करतीं … तो तुझे 8-10 हजार ही मिलते और वे भी पूरे महीने के बाद मिलते.

मैं खुश हो गई और उसके बताए हुए अड्रेस पर पहुंच गई.

उस पते पर किसी का एक बहुत ही सुंदर सा बंगला था.
मैं तो बंगला देखते ही पागल हो रही थी.

खैर … मैं अन्दर आई तो वहां एक सर मिले, जो करीब 45 साल के रहे होंगे.

वे मुझसे बोले- आप ऋतु हो न!
मैं हां बोली.

अंकल- मुझे तेरी आंटी ने बता दिया था.
मैं- वह आंटी नहीं, मेरी फ्रेंड है.

दरअसल फौशिया और मेरी उम्र में आठ साल का अंतर भी था.

अंकल- लेकिन वह एक आंटी है, जो हम जैसों के लिए बहुत अच्छा काम करती है. वो ही आपको लेकर हमारे पास लाई है.
मैं- मैं कुछ समझी नहीं सर आप क्या बोल रहे हैं. मुझे तो आपके पास मेरी सहेली ने भेजा है.

तभी फौशिया की कॉल आ गई.
मैंने उसको भी बुला लिया.

वह कोई 5 मिनट में ही वहां आ गई.
आते ही वह अंकल से मिली और उसने अंकल के होंठों पर किस की.

यह देख कर मैं शर्मा गई.
वे दोनों हंसने लगे.

अंकल बोले- लगता है, ये इस बिजनेस में नई नई आई है. कोई बात नहीं, सब सीख जाएगी.

मेरी सहेली फौशिया मेरे पास आई और बोली- आज इस आदमी के साथ हम दोनों फुल नाइट मजे करेंगे और इससे हमें खूब सारे पैसे भी मिलेंगे.
मैं समझ गई कि मामला सेक्स का है.

यह जानते ही मैं गुस्से में बोली- ये क्या बकवास है? मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ, जैसी तू मुझे समझ रही है.
मैं उसे बहुत कुछ उल्टा सीधा बोली और जैसे ही उधर से जाने लगी.

उसने कहा- अरे रूको तो यार.
उसने मुझे नोटों की एक गड्डी पकड़ा दी.

एक साथ इतने सारे पैसे देख कर मेरा दिल भी डोल गया.
मैं चुप रही.

वह बोली- अब बोल, एक नाइट के इतने पैसे चाहिए या पूरा महीना काम करके 8 से 10 हजार कमाना चाहती है?
मैं चुप रही.

वह मेरे एकदम पास आई और मुझे पकड़ कर सोफे के पास ले गई. वहां बिठा कर वह मुझे किस करने लगी.

मुझे बहुत अजीब लगा लेकिन मैं चुप रही, कुछ बोली नहीं.
फिर उसने मेरे लिप पर किस की तो मैं पीछे को हो गई.

वे दोनों हंसने लगे.

अब वे अंकल भी मेरे पास सोफ़े पर ही आ गए और मुझे छेड़ने लगे, कभी बूब्स पर, कभी गालों पर.
फिर अचानक से उन्होंने मेरी शर्ट उतार दी.

मुझे बहुत शर्म आ रही थी लेकिन पैसे की चमक के आगे मैं विवश हो गई थी.
अंकल ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे प्यार करने लगे.

मैं मदहोश होने लगी और मुझे अच्छा लगने लगा.

अंकल ने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे बूब्स देख कर बोले- वाह तू तो न्यू पीस है. तुझको तो दिल से और जी भर के प्यार करूंगा.

यह कह कर वे मेरे एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगे.
इससे मुझे भी मजा आने लगा था.

कुछ ही देर में हम तीनों नंगे हो चुके थे.

अंकल का लंड करीब 6 इंच के आस-पास का रहा होगा.
वे मुझे लंड चूसने के लिए इशारा करने लगे.

लेकिन मैंने मना कर दिया.

उन दोनों के बार बार कहने पर मेरी सहेली ने मुझसे नीचे बैठ जाने का कहा.
मैं उसकी बात मान गई और हम दोनों नीचे बैठ गईं.

मेरी सहेली अंकल के लंड को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.
उसने एक ही बार में पूरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

मैं हैरान थी कि इतना बड़ा लंड मुँह में कैसे ले रही है.
तब तक मैं भी थोड़ा खुल चुकी थी.

अब अंकल ने मुझसे चूसने को कहा.
जैसे ही मैं अंकल के लंड को मुँह में लेने लगी, मुझे बहुत अजीब सा लगा और उलटी होने जैसी लगी.

मैंने उनके लंड को झट से मुँह से बाहर निकाल दिया और खाँसने लगी.

यह देख कर मेरी सहेली ने लौड़े को मुँह में ले लिया और उसने अंकल के लंड को चूस चूस कर पानी निकाल दिया.
वह लौड़े का सारा पानी पी भी गई और सिकुड़े हुए लंड को भी चूसती रही.

इससे अंकल का लंड एकदम साफ हो गया.

फिर हम सब शांत होकर बैठ गए.

अंकल ने एक सिगरेट सुलगा ली जिसे मेरी सहेली भी बीच बीच में लेकर पीने लगी.

अंकल के पास उनकी पॉकेट में रखने वाली एक चांदी की बोतल जैसी थी जिसे वे अपने मुँह में लगा कर बार बार घूंट घूंट करके पी रहे थे.

मुझे नहीं मालूम था कि वे क्या पी रहे थे.
लेकिन तभी मेरी सहेली ने भी उनके हाथ से वह चांदी का फ्लास्क जैसा उनके हाथ से लेकर अपने होंठों से लगा लिया और एक दो घूंट लेकर उन्हें वापस कर दिया.

मैं बड़ी उत्सुकता से देख रही थी कि ये क्या है.

तभी अंकल ने वह फ्लास्क मेरे होंठों से लगा दिया.
मेरे मुँह में एक सुगंधित सा पेय आ गया.
उसकी खुशबू काफी अच्छी थी और उसके कंठ में जाते ही मुझे एक अलौकिक सा आनन्द मिला.

मैंने जल्दी जल्दी और दो तीन घूंट अन्दर लिए तो एक तेज झुरझुरी सी आई और मस्ती सी चढ़ने लगी.
सारी थकावट दूर होती सी लगी.

अब तो बस ऐसा लगने लगा था कि कोई भी मुझे चोद ले, मैं मना नहीं कर सकती थी.

थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे सहारा देते हुए खड़ी किया और मेरी सहेली ने कहा- चल अब बिस्तर पर लेट जा.
मैं नंगी ही थी और बिना झिझक के उठ कर बिस्तर पर लेट गई.

अंकल भी मेरे साथ लेट गए.
उन्होंने पहले मेरे होंठों पर किस किया और चूमने लगे.

जब मैं भी उनका पूरा साथ देने लगी, तब अंकल मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी चूत के ऊपर अपना लंड घिसने लगे.
मैं वासना से तड़पने लगी थी और ऐसा लग रहा था कि अंकल मेरी चूत में अपना हथियार पेल ही दें.

उनका लंड फिर से कड़क हो गया था और गर्म सुपारा मेरी चूत को एक तरह से कौंच सा रहा था.
उसकी मोटाई के अहसास से मैं जरा डर भी रही थी.

फिर अंकल ने थोड़ा सा पुश किया तो उनके लौड़े के आगे का हिस्सा अभी जरा सा ही मेरी चूत के अन्दर गया था कि मेरी चीख निकल गई.

मैं उनसे छूटने के लिए मचलने लगी.
लेकिन मेरी सहेली फौशिया और अंकल उन दोनों ने मिलकर मुझे ऐसे पकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी.

थोड़ी देर इंतजार करने के बाद मुझे कुछ राहत सी मिलने लगी.
और जो अंकल मुझे किस कर रहे थे, सहला रहे थे … उसके चलते मैं फिर से पूरी जोश में आ गई, अब सेक्सी वर्जिन पोर्न का मजा लेने लगी.

अंकल ने ये देखा तो फिर से धीरे धीरे आगे पीछे होने लगे और अचानक से एक झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत को फाड़ते हुए अन्दर तक पेल डाला.

मैं जोर जोर से चीखने चिल्लाने लगी.

उसी वक्त फौशिया ने झट से मुझे स्मूच करना शुरू कर दिया, जिससे मेरी आवाज़ ने बाहर निकलना बंद कर दिया था.
उधर अंकल झटके पर झटके देने लगे.

कुछ देर के दर्द के बाद मुझे भी चुदने में मजा आने लगा.
मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर लंड का स्वाद लेने लगी.

कुछ मिनट बाद जब अंकल का काम हो गया तो वे मेरे ऊपर ही निढाल हो गए.
उसी बीच मैं एक बार झड़ चुकी थी.

जब अंकल मेरे ऊपर से नीचे उतरे, तो मैंने अपना हाथ अपनी चूत पर लगाया.
उधर गीला गीला सा था.

मैंने हाथ ऊपर करके देखा तो रक्त था.
मैं अपनी चूत से खून निकलता देख कर रोने लगी.

अंकल ने मुझे शांत किया और बोले- कोई बात नहीं, यह तुम्हारा पहली बार था, ऐसा सबके साथ होता है.

अंकल ने मेरी सहेली को इशारा किया, तो वह अंकल का एनर्जी ड्रिंक वाला फ्लास्क और टिश्यू पेपर ले आई.

अंकल ने खुद भी एनर्जी ड्रिंक लिया और मेरे मुँह से भी फ्लास्क को लगा कर मुझे भी पिलाया.
मुझे उस एनर्जी ड्रिंक से कुछ चैन मिल गया.

फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद अंकल ने मेरी सहेली को भी चोदा और उसकी चूत में ही अपना लंड फंसा कर सो गए.

हम सब सो गए.

फिर जब सुबह हुई तो अंकल ने हम दोनों को ढेर सारे पैसे दिए.

मैं खुश हो गई और अंकल के गले से लग कर उन्हें चूमने लगी.

अंकल ने एक मोटी सी गड्डी मुझे अलग से दी और कहा- अभी मेरी फ्लाईट का टाइम हो रहा है वरना अभी तुमको और प्यार करता.
उन्होंने मुझे दो दिन बाद फिर से मिलने के लिए बोला.

हम दोनों वापिस आ गई.
मैं अपनी सहेली के घर आई थी.
उधर हम दोनों आराम करने लगीं.

उसी वक्त फौशिया को कॉल आई कि एक यंग लड़का है. उसे छेद की जरूरत है, कोई हो तो भेजो … अर्जेंट है.
मेरी सहेली मुझसे पूछने लगी- बोल जाएगी … दो चार शॉट लगेंगे और हजारों रुपए मिल जाएंगे!

मैं बोली- यार, मुझसे चला नहीं जा रहा है, अगर चल सकती तो पक्का चली जाती.

फौशिया ने उस यंग लड़के को अपने घर ही बुला लिया.
उसने मुझे चोदा और पैसे देकर चला गया.

उसने सब मिला कर बीस मिनट ही लिए होंगे.

उसके जाने के कोई 30-35 मिनट बाद ही एक और कस्टमर की कॉल आई- दो लोग हैं, बोलो कितना लोगी?

मैंने तो साफ साफ मना कर दिया कि अब और नहीं.
पर मेरी सहेली ने उन दोनों को भी अपने घर बुला लिया और उन दोनों ने हम दोनों को एक साथ चोदा.

अब मेरी चूत इतनी ठुकाई के कारण एकदम कचौड़ी सी फूल चुकी थी.
मैं मेरी सहेली फौशिया से दूर भागने की सोच रही थी.

वह बोली- क्यों पैसा बुरा लग रहा है क्या?
मैं उससे बोली- अबे साली तू एक दिन में कितना चुदवाती है?

वह बोली- मैं गिनती ही नहीं हूँ. चाहें जितने आ जाएं, मैं चुदवा लेती हूँ. ये भी तो देख कि कितने अच्छे पैसे बन जाते हैं.

यह बात वह सच कह रही थी.
उस दिन मैंने हजारों रुपए कमा लिए थे.

मेरी सहेली के पास भी काफी रुपए हो गए थे.

सहेली बोली- अब बता, पैसे कमाना कितना आसान है. सेक्स भी हो जाता है और पैसे भी मिल जाते हैं.

दो दिन बाद अंकल ने फिर मुझको अपने बंगले पर बुला कर पेला और खूब सारे पैसे भी दिए.

मैंने उनसे उनकी एनर्जी ड्रिंक मांगी तो वे हंसने लगे और उन्होंने मुझे एनर्जी ड्रिंक की एक बड़ी बोतल और एक फ्लास्क भी गिफ्ट में दिया.
वे सिगरेट पीने लगे.

उन्होंने मेरी सहेली फौशिया से टूर पर बाहर जाने का कहा.

उधर बंगलोर में उनकी कंपनी की कोई डील होनी थी, जो हम दोनों को उनके क्लाइंट्स के नीचे लेट कर पूरी करवानी थी.
मेरी सहेली ने हामी भर दी.

अब एक दिन बाद हम दोनों को टूर पर बंगलोर जाना था.
वहां 4 दिन का प्लान था.

इसके लिए अंकल ने हम दोनों को एक एक लाख दिया और आने जाने के लिए फ्लाइट के टिकट भी दिए.

मैं पहली बार फ्लाइट में बैठी थी; बड़ा मजा आ रहा था.

जब हम दोनों वापिस आने लगे तो अंकल के क्लाइंट्स ने हम दोनों को खूब सारी शॉपिंग भी करवाई, वह अलग से था.

उस शॉपिंग में हम दोनों को बहुत अच्छे अच्छे कपड़े खरीदने को मिले थे.

अपने शहर वापस आकर हम दोनों आराम करने लगी.

शाम को मेरी सहेली के पास कॉल आई कि कोई विदेशी है, उसको दो लड़कियां चाहिए.

सहेली ने मुझसे बात की तो मैं बोली- अगर पैसे ही कमाने हैं, तो थकान किस बात की. चलो चलती हैं.

अब तक मैं अपने घर को बिल्कुल भूल चुकी थी.
मेरे भाई ने भी मुझे एक बार भी फोन नहीं किया था कि बहन तू किधर है और कैसी है.

अब बस मेरी लाइफ यही थी.
हम दोनों रात को एक होटल में गयी.

मैं और मेरी सहेली के सामने तीन फिरंगी थे.
हमको जो कॉल आई थी, वह होटल के किसी स्टाफ ने ही की थी.

हम दोनों रूम में गई और उन्होंने हमको बहुत पैसे दिए.
चुदाई का खेल शुरू हो गया.

मेरी सहेली को दो फिरंगी एक साथ चोदने लगे थे.
एक उसकी चूत में लंड पेले हुए था और दूसरा गांड में लंड घुसेड़ कर मेरी सहेली को सैंडबिच बना कर चोद रहे थे.

मैं उसकी चुदाई देख कर डर रही थी कि साले मेरी गांड का भर्ता भी बनाएंगे.

चूंकि वे फिरंगी थे तो हिन्दी नहीं जानते थे.
मैंने अपनी सहेली से अपनी चिंता जताई कि मेरी गांड तो एकदम कोरी है. मेरा क्या होगा?

मेरी सहेली ने मुझसे कहा- तू भी अपने दोनों छेद खुलवा ले, आगे आसानी होगी … और कस्टमर भी ज़्यादा मिलेंगे. अब हम दोनों होटल में भी आने लगे हैं तो यहां चूत से ज़्यादा गांड मारना पसंद की जाती है.
मैं चुप रह गई.

उस रात उन फिरंगियों ने मेरी कुंवारी गांड को फाड़ दिया.

मैं पहली बार अपनी गांड मरवा रही थी तो इतनी ज्यादा चिल्लाई कि मैं बता नहीं सकती.
दूसरी बात ये कि उन फिरंगियों के लंड भी बहुत बड़े थे.

अगली सुबह तो मुझसे अच्छे से चला भी नहीं जा पा रहा था.

जैसे ही हम दोनों काउंटर की तरफ आए, तो होटल का मैनेजर बोला- लगता है मैडम ने पहले कभी गांड नहीं मरवाई थी क्या … जो ये ऐसे चल रही हैं?
इस पर मेरी सहेली उससे बोली- इसने आज पहली बार गांड फड़वाई है. अब जल्दी ही ये सबसे गांड मरवाने आएगी और चूत भी चुदवाएगी. तू भी चोद लेना किसी दिन, आज इसकी जरा दर्द कर रही है.

मैनेजर ने हंस कर हम दोनों को बाय बोला और हम दोनों होटल की कार से घर आ गई.

घर आकर मैं बोली- तुम उस मैनेजर से ऐसे क्यों बोली कि तू भी ले लेना!
फौशिया बोली- इसलिए कहा मेरी बन्नो क्योंकि यही तो हमारे लिए कस्टमर लाते हैं. अगर एक दो बार ये भी हमें चोद लेंगे तो हमारा क्या घिस जाएगा!

मैं समझ गई कि प्रसाद सब में बांटा जाता है.
अभी तो पुलिस और नेतानगरी में भी मुझे बंटना बाकी था.
धंधा चलाने के लिए सब करना पड़ेगा.

उसके बाद इस फील्ड मुझे आज 4 साल हो गए हैं.
मैं अब अलग से अपना बिजनेस चलाने लगी हूँ.

मैंने थ्री बीएचके का फ्लैट भी ले लिया है.
आज सब कुछ है मेरे पास … बस फैमिली नहीं है.

अब मुझे बड़े बड़े लौड़े लेने में भी डर नहीं लगता है बल्कि यूं कहूँ कि छोटे लंड से मुझे असर ही नहीं होता है.

बस उन छोटे लौड़े वाले ग्राहकों को तो ‘ऊँह आह …’ करके उन्हें अहसास दिलाना होता है कि उनके लंड से मेरी चूत की माँ चुद रही है. असली मजा तो बड़े और मोटे लौड़े ही देते हैं.

आपको एक लड़की की रंडी बनने की सेक्सी वर्जिन पोर्न कहानी कैसी लगी, प्लीज मेल व कमेंट्स करके जरूर बताएं.
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