भाई बहन गुजराती Xxx कहानी में मैं मामा के घर गया तो उनकी बेटी की जवानी को मैं देखता रह गया. मैंने उसे पटाकर चोदने की योजना बनायी.
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं अहमदाबाद में रहता हूं.
मैं एक कॉलेज जाने वाला युवा हूँ और दिखने में हैंडसम व आकर्षक हूं.
यह भाई बहन गुजराती Xxx कहानी कुछ दिनों पहले उस वक्त की है जब मैं दीवाली की छुट्टियों में अपने मामा के घर गया था.
वैसे मैं आपको बता दूँ कि मैंने आज तक काफी सारी लड़कियों की चूत मारी है.
पर यह चुदाई की कहानी जो मैं आपको बता रहा हूँ, मुझे ज़िन्दगी भर याद रहेगी.
जब मैं अपने मामा के घर गया तो सब लोग बड़े खुश हुए.
मेरे मामा की फैमिली में मेरे मामा, मामी, नानी, मेरे मामा का बेटा और उनकी बेटी सुरभि रहती थी.
मैं और सुरभि एक ही उम्र के थे. सुरभि भी मेरी तरह कॉलेज जाने वाली लड़की थी.
मैं और सुरभि बचपन में साथ साथ डॉक्टर डॉक्टर वाला गेम खेलते थे.
अभी तक मेरे मन में सुरभि के लिए कोई गलत इरादा नहीं था.
मैं उसको बहन की नज़र से ही देखता था.
जब मैं दीवाली मनाने मामा के घर गया, तब हम सबने धूमधाम से दीवाली मनाई.
दीवाली के अगले दिन हम गुजराती लोग नया साल मनाते हैं.
मैंने नए साल में मामा मामी और उनके परिवार को बधाई दी.
उस दिन मेरे मामा की लड़की सुरभि ने लाल रंग की मस्त सलवार कमीज़ पहनी थी.
मैं तो उसे देखता ही रह गया … मैं भूल गया था कि वह मेरे मामा की लड़की है.
कुछ देर बाद उसने मुझे उसे ऐसे देखते हुए देखा तो पूछा- क्या देख रहे हो?
मैंने होश में आते हुए उससे कहा- कुछ नहीं.
वह मुझसे पूछने लगी- मैं कैसी लग रही हूँ?
मैंने उससे कहा- बहुत ही बढ़िया.
सच बताऊं दोस्तो, तो उसे ऐसे देख कर अब मेरी हवस जाग उठी थी.
मेरा ध्यान धीरे धीरे उसकी फिगर पर जाने लगा था.
उसका फिगर एकदम मस्त था.
उसकी पतली कमर और कड़क स्तनों को देख कर मेरा लंड भी कड़क हो रहा था.
जैसे तैसे करके मैंने खुद को संभाला.
कुछ देर बाद मामी के फ़ोन की रिंग बजी तो मामी फोन पर बात करने लगीं.
फ़ोन कट करने के बाद मामी बड़ी दुखी लग रही थीं.
मामा ने पूछा- क्या हुआ?
तो मामी ने बताया कि उनके भाई का एक्सीडेंट हो गया है और वह अस्पताल में एडमिट है. मुझको उनके पास जाना पड़ेगा.
मामा मामी तुरंत वहां जाने की तैयारी करने लगे.
मामा का बेटा अभी काफी छोटा था तो वह मामी बिना नहीं रह सकता था.
वे दोनों उसको अपने साथ ले जाने वाले थे.
सुरभि को नानी की देखभाल रखने के लिए उन्होंने घर पर ही रुकने को बोला.
वे सब अस्पताल जाने के लिए निकल गए.
बाद में मामा का अस्पताल से फ़ोन आया कि उनको कुछ दिन और रुकना पड़ेगा.
उन्होंने मुझे घर पर कुछ दिन और रुक जाने को कहा, तो मैं मान गया.
अब बात करते हैं कि कैसे मैंने सुरभि को चुदने के लिए पटाया.
मैं जानता था कि सुरभि को पटाने के लिए क्या करना चाहिए.
मैंने अपनी इस तरकीब से कई लड़कियों को सैट करके चोदा था.
इंस्टाग्राम पर मैंने एक फेक अकाउंट बनाया और फेक प्रोफाइल पिक लगा दी.
फिर मैंने उस अकाउंट से सुरभि को रिक्वेस्ट भेजी.
उसने एक्सेप्ट कर ली.
उसको इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह फेक आईडी मैंने बनाई है.
धीरे धीरे मैंने सुरभि के साथ चैटिंग शुरू की.
दो ही दिन में हम दोनों काफी गहरे दोस्त बन गए.
उसकी वासना को भी मैंने समझ लिया था.
एक दिन हम दोनों थोड़ी बहुत एडल्ट जोक्स को लेकर मस्ती भरी बातें कर रहे थे.
तभी वह पूछने लगी- आपने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किया है?
अभी मैं उसको कैसे बताता कि मैं कितनी चूत चोद चुका हूं.
मैंने उससे कहा- नहीं, मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है.
यह सुन कर पता नहीं अचानक से उसे क्या हुआ, वह बोली- मुझे आप अपने लंड की पिक भेजो!
मैं समझ गया कि अब उसकी चूत में भी खुजली होने लगी है.
मैंने अपने लंड की पिक उसे सेंड कर दी.
कुछ देर बाद उसका रिप्लाई आया.
वह बोली- लंड इतना बड़ा होता है … ये पैंट में कैसे एडजस्ट होता होगा?
मैंने कहा- ये जादुई चीज है … हो जाता है एडजस्ट. जैसे तुम लड़कियां अपने बूब्स को ब्रा में एडजस्ट करती हो, ऐसे ही यह भी छुप जाता है.
उसने यह मैसेज पढ़ा और शर्माने वाला इमोजी भेज दिया.
उसके बाद उसने कहा- यार, मुझे सेक्स करने का बहुत मन हो रहा है. अब उंगली कर करके मैं थक चुकी हूं. एक काम करो, मेरी एक सहेली का रूम खाली है … तुम उधर आ जाओ. हम खूब मज़े करेंगे.
मैंने उत्तेजना में हां तो बोल दिया.
पर बाद में मुझको याद आया कि मैं तो उसके साथ फेक अकाउंट से बात कर रहा हूं.
अगर मैं वहां गया तो पकड़ा जाऊंगा.
मैंने एक तरकीब सोची और उससे कहा कि ठीक है, पर मेरी एक शर्त है.
वह बोली- कैसी शर्त?
मैंने कहा- तुम रूम पर पहुंचते ही अपनी आंखों पर पट्टी बांध लेना. मैं तुम्हें एक बड़ा सरप्राइज़ देना चाहता हूं.
वह मान गयी.
उसने कहा- ठीक है, मैं आंखों पर पट्टी बांध लूँगी.
अब हम दोनों उसकी सहेली के खाली रूम में जाने के लिए तैयार हुए.
वह मुझसे पहले वहां पहुंच चुकी थी और मैंने वहां पहुंच कर देखा कि उसकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी.
वह बोली- तुम आ गए, चलो अब अन्दर चलते हैं.
मैंने सिर्फ हां में जवाब दिया क्योंकि अगर मैं कुछ बोलता तो वह मेरी आवाज़ पहचान लेती.
मैंने धीरे धीरे सुरभि के बदन को चूमना शुरू किया.
फिर सुरभि के होठों को चूमना शुरू किया.
सुरभि के होंठ एकदम गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे.
उसके होंठों का रसपान करके मुझे तो जैसे स्वर्ग की अनुभूति होने लगी.
अब मैंने सुरभि के कपड़े उतारने शुरू किए.
सुरभि ने जींस और टॉप पहना था.
पहले मैंने उसका टॉप उतारा.
उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी, वह उसमें एकदम हॉट लग रही थी
उसके टॉप को उतारते ही उसके टाइट बूब्स, एक रेशमी छोटी सी ब्रा में कसे हुए मेरे सामने थे.
अब मैंने सुरभि की जींस उतारी. अगले ही पल वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा पैंटी में थी.
मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया और उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया.
वह कामुक सिसकारियां लेने लगी.
मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो वह एकदम से छटपटाने लगी.
उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी.
वह मुझसे बोली- अब तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. मुझसे अब रहा नहीं जाता.
मैंने उसको बिस्तर पर लेटाया और अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.
पहली बार धक्का मारने पर मेरा लंड चूत से फिसल गया.
मैंने लंड को चूत पर रखा और उसके हाथ में लंड दे दिया और पकड़े रहने के लिए इशारा किया.
उसने लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर घुसाने की कोशिश की.
उसी वक्त मैंने एक ज़ोरदार धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था.
वह एकदम से छटपटाने लगी और मुझसे कहने लगी कि प्लीज इस निकालो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर दूसरा धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वह चिल्ला उठी- आह … मर गयी रे.
मैंने उसको किसी तरह से शांत किया और कुछ देर तक लंड को ऐसे ही उसकी चूत में घुसाए रखा.
फिर मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
अब वह भी थोड़ा संभल गयी थी और वह भी मेरा साथ देने लगी थी.
उसको भी मज़ा आने लगा था.
वह कामुक सिसकारियां लेती हुई बोली- आह … अच्छा लग रहा है … प्लीज और जोर से चोदो मुझे … फाड़ डालो मेरी चूत को आज.
उसकी ये मादक बातें सुनकर मैं और ज़ोर से धक्के देने लगा.
कुछ देर बाद वह गुजराती Xxx गर्ल झड़ गयी और वह मुझसे लिपट कर कराहने लगी.
मैं कुछ देर रुक कर उसे आनन्द का अहसास करवाने लगा.
कुछ देर बाद उसने मेरे खड़े लंड को महसूस किया तो वह बोली- ओह तो तुम्हारा लंड अभी तक शांत नहीं हुआ है … चलो मैं ही इसे शांत करती हूँ.
इन्हीं सब बातों में कब उसने अपनी आंखों पर से पट्टी हटा दी.
मैं देख ही न पाया.
वह मुझे अपने ऊपर चढ़ा देख कर चौंक गयी.
वह- भैया आप यहां? मतलब अभी तक आप मेरे साथ सेक्स कर रहे थे!
मैं एकदम से घबरा गया कि अब क्या करूँ.
मैंने उससे कहा- प्लीज पहले मेरी बात सुन लो … मैं तुमको सब बताता हूं!
वह बोली- मुझे कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है, मैं सब जानती हूं कि ये सब आपका ही किया धरा है.
मैंने चौंकते हुए उससे पूछा- तुम ये सब कैसे जानती हो?
तो उसने बताया कि जब मैं नहाने गया हुआ था, तब उसने मेरे मोबाइल में खुद का भेजा हुआ मैसेज पढ़ लिया था.
मैंने उससे पूछा- जब तुम ये सब जानती थी, तो फिर तुमने मुझे कुछ कहा क्यों नहीं?
वह बोली- मैंने सोचा कि किसी और से चुदवाने से अच्छा है कि मैं आपसे ही चुद लूँ ताकि मेरी हवस भी शांत हो जाए और ये बात किसी को पता भी नहीं चले.
मैं समझ गया कि लौंडिया खुद ही मेरे लंड की शिकार बनने को राजी थी.
अब मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में दबाया और लंड के झटके देने शुरू कर दिए.
वह भी आह उन्ह करती हुई मेरे लंड से पिसने लगी. उसके अन्दर फिर से जोश आ गया था.
वह बोली- भाई, अब मैं ऊपर आना चाहती हूँ.
मैंने कहा- ओके आ जाओ.
मैं उसके ऊपर से हट गया.
वह मेरा लंड देख कर खुश हो गई.
उस पर खून लगा था.
उसने अपनी ब्रा से लंड को साफ किया.
वह लंड चूम कर बोली- मेरे भाई का लंड सबसे प्यारा!
मैं भी खुश था कि मेरी बहन मुझसे मस्ती से चुदवाने के लिए राजी हो गई है.
वह मुझे धक्का देती हुई बोली- चलो अब लेटो, मैं आज इस लंड को सबक सिखाऊंगी.
उसकी बातों से लग ही नहीं रहा था कि वह इतनी मादरचोद किस्म की लड़की हो सकती है.
उसने मेरे लौड़े को अपने हाथ से पकड़ा और अपनी चूत में सैट करके उस पर बैठने लगी.
उसे चूत में दर्द हो रहा था पर वह किसी तरह से मेरे लंड पर चूत सैट करके बैठ गई.
अब वह मेरे मुँह में अपने एक दूध का निप्पल देकर बोली- लो अपनी बहन के आम चूसो भाई!
मैंने उसके दूध को मुँह में भरा और गांड उठाया कर चूत में ठाप दे दी.
अब हम दोनों की धकापेल चुदाई चालू हो गई.
कुछ ही देर बाद मैंने अपनी बहन को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल कर धक्का देने लगा.
वह कुछ ही देर में झड़ गई और उसके गर्म रस की धार से मेरे लंड में भी सुर्खी आ गई.
मैंने ताबड़तोड़ दस बारह धक्के मारे और उसकी चूत से लंड निकाल कर उसकी गांड पर झड़ गया.
इसके बाद मेरी बहन और मैंने अपने कपड़े पहन लिए.
बाकी की चुदाई के लिए हम दोनों ने रात समय तय कर लिया था.
उस रात हम दोनों ने जम कर सेक्स किया.
मेरी बहन अब मेरे लंड की मुरीद बन गई है और खूब उठा उठा कर चूत चुदवाने लगी है.
आपको मेरी भाई बहन गुजराती Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
[email protected]