पहला सेक्स सहेली के भाई के साथ

हॉट वर्जिन चूत की चुदाई का मजा मेरी सहेली का बड़ा भाई मुझे चोद कर ले गया. मैं सहेली के घर पढ़ाई करने जाती थी तो वहीं सो जाती थी. रात को उसका भाई मेरे पास आ जाता था.

नमस्कार दोस्तो,
मेरी पिछली कहानी
गर्लफ्रेंड और उसकी अम्मी को एक दूसरी के सामने चोदा
आपने पढ़ी और पसंद की, धन्यवाद.

यह कहानी सुनें.

आज कहानी मेरी नहीं, मेरी एक नियमित पाठिका की है.
उसने अपना पहला सेक्स अनुभव बताया, वो आप सब से साझा करने जा रहा हूं।

इस हॉट वर्जिन चूत की चुदाई कहानी को मुख्य किरदार फरिहा खान (बदला हुआ नाम) है.

जब यह घटना घटित हुई, उस समय वह 12वीं में थी और उसका फिगर 30-26-32 था।
फरिहा अक्सर अपनी सहेली रिया के घर पढ़ाई करने जाती थी.
रिया उसकी बहुत ही घनिष्ट सहेली थी, दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना बहुत ही आम बात थी.

रात को ग्रुप स्टडीज भी करती थी दोनों मिलकर … कभी किसी के घर कभी किसी के घर!

रिया के घर में उसका बड़ा भाई कार्तिक था.
लेकिन वह बाहर रह कर कम्पीटीशन की तैयारी कर रहा था तो फरिहा के घरवाले भी रिया के यहाँ जाने से नहीं रोकते थे।

रिया का भाई कार्तिक उम्र 21 साल के आस पास छुट्टियों में घर आया हुआ था और फरिहा रिया के घर पढ़ने जाती थी.
तब फरिहा की नजर कार्तिक पर पड़ी.
कार्तिक बहुत ही स्मार्ट लड़का था.

फरिहा ने देखा कि कार्तिक अक्सर उसको देखता, और कहीं ना कहीं बहाने से छू देता था.
जिसका फरिहा ने कभी विरोध नहीं किया.

ऐसे ही समय कटता गया और कार्तिक की हिम्मत बढ़ती जा रही थी.
उसका फरिहा को इधर उधर हाथ लगाना बढ़ता जा रहा था.

उधर फरिहा डर की वजह से किसी को बता नहीं पाती थी.
वह रिया को बताते हुए भी डरती थी कि कहीं दोस्ती ना टूट जाए, वरना उसके अम्मी अब्बू कहीं भी नहीं भेजेंगे।

आगे की कहानी फरिहा की जुबानी:

तो रिया से दोस्ती की खातिर मैं चुप ही रही और मैंने कार्तिक की हरकतों को नजर अंदाज करना जारी रखा।

एक रात मैं रिया के कमरे में सो रही थी.
हम दोनों के अलग अलग बिस्तर लगे थे.

और कार्तिक का कमरा हमारे कमरे के बराबर में ही था।

मैं सो रही थी, तभी मेरी कमर पर हाथ चलता महसूस हुआ.
इससे मैं एकदम डर गई.

फिर मुझे समझ में आया कि यह कार्तिक है.
और वह धीरे धीरे मेरी कमर सहलाते हुए मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा और फिर ऊपर से ही बूब्स को सहलाने लगा.

मुझे इतना ज्यादा डर लग रहा था कि मैं बस ऐसे ही लेटी रही और वह थोड़ी देर मेरे गर्म जिस्म को सहलाकर, मजा लेकर चला गया.

मुझे बहुत ज्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई पर साथ ही मेरे जिस्म ने अंगड़ाई भी ली थी, मेरी वासना जागने लगी थी.

सुबह जब आंख खुली तो सब सामान्य था.
तो मैं भी उस रात की बात को नजर अंदाज करके चली गई.

अगले दिन फिर रात वही हुआ, इस बार उसने सहलाते हुए मेरा निप्पल थोड़ा कसकर भींच दिया.
एकदम दर्द के मारे मेरी सिसकी निकल गई और वह एकदम डर कर चला गया.

फिर अगले दिन जब सुबह उठे तो देखा कार्तिक हाल में था.

और जैसे ही मैं घर जाने को हुई तो वह एकदम पास आकर बोला- तू कल रात सोई नहीं थी ना उस समय?
मुझे बहुत ज्यादा शर्म आई, मैंने उसकी तरफ देखा नहीं और सीधे चलती रही.

बस गेट पर पहुंच कर पीछे देखा तो कार्तिक मुझे ही देख रहा था.
तो मुझे शर्म आ गई और मैं वहाँ से चली गई.

फिर रात में कार्तिक मेरे टॉप के अंदर हाथ डाल बड़े प्यार से निप्पल और चूचियों पर हाथ फेरकर और दूसरा हाथ चूत पर ले जाकर सहलाने लगा।

मुझे कुछ कुछ उत्तेजना महसूस होती लेकिन उस समय डर की वजह से कुछ भी नहीं कर पा रही थी.

थोड़ी देर वह मेरे बदन से खेलता रहा और चला गया.

यह क्रम लगभग हर रोज का हो गया.
कभी वह नहीं आता तो मैं उसका इंतजार करने लगी थी.

एक बार उसने ऐसे खेलते खेलते मेरी लेगिंग अंडर वियर के साथ एक झटके में नीचे कर दी.
तो महसूस हुआ कि वह पीछे अपना लंड बाहर निकाले मेरी गांड के दरार में घुसाने की कोशिश कर रहा था।

इतने गर्म लंड का पहली बार स्पर्श पाकर मदहोश हो गई.
उसने मेरे एक हाथ में अपना लंड पकड़ाकर आगे पीछे करने लगा.
इससे उसका लंड पहले से बड़ा और फूल गया जिससे मुझे और ज्यादा डर लगने लगा।

इसके बाद उसने मेरी चूत में उंगली भी की और चला गया।

फिर दिन में मैंने उससे नजर नहीं मिलाई और चली गई.

अगली रात को इस बार वह अपना लंड मेरी कुंवारी बुर में डालने की कोशिश करने लगा.
तो मुझे एकदम दर्द महसूस हुआ.
मैंने उसे रोका रोका और उसको जाने के लिए कहा.

तबी उसने कहा- मुझे होठों पर किस करने दे एक बार … फिर मैं चला जाऊंगा!
उसके लिए उसने मुझे पकड़ कर पीछे पलटाया.

जैसे ही मैं पलटी, मैंने देखा कि वह एकदम नंगा था.
अपने होंठ मेरे होठों से लगा कर वह धीरे धीरे चूसने लगा.

मुझे एकदम से वासना का नशा छा गया.
उसकी जीभ मेरे मुंह में अंदर चारों तरफ घूम रही थी.

लेकिन मैंने उसका ज्यादा साथ नहीं दिया.
पर वह मुझे किस करते करते मेरे बूब्स दबाने लगा और मेरी चूत में उंगली करने लगा.

इससे मैं गर्म हो गई.
और तब उसने मुझे दूसरे कमरे में चलने के लिए बोला, कहा- मैं तुझे नंगी देखना चाहता हूँ और रोशनी में किस करना चाहता हूँ.
तो मैंने कहा- तुम जाओ, मैं आती हूं।

उसके जाने के बाद मैंने कपड़े ठीक किये और उसके धीरे धीरे उसके कमरे में गई.

उसने झट से गेट बंद कर लिया.
वह एकदम नंगा खड़ा था।

उसने मुझे झट से पकड़ कर किस करना शुरू किया और मेरे कपड़े उतार दिए.
मैंने शर्म के मारे आंख भी नहीं खोली और उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया और पूरे शरीर पर किस करने लगा और ढंग से चूसने लगा.

फिर किस करते करते पता नहीं कब मैं भी उसका साथ देने लगी.

तब उसने मुझे बेड पर बैठाया और एकदम नजदीक आ गया.
उसका लंड एकदम मेरे मुंह के पास था. उसका लंड लगभग 7 इंच और 2.5 इंच मोटा होगा.

उसने मुझे इशारा किया लंड मुंह में लेने को!
पर मैंने मना कर दिया.

फिर उसने कहा- शुरू में थोड़ा अजीब लगेगा, फिर तुम खुद मांगोगी.

तो मैंने सोचा कि कोशिश की जाए.
मैंने उस पर किस किया … पर मुझे अच्छा नहीं लगा.

तो उसने कहा कि ऊपर के टोपे पर किस कर दो!

जैसे ही मैं करने के लिए मुंह पास ले गई, उसने एकदम बाल खींच दिए.
जैसे ही मैं थोड़ा चिल्लाई, उसने एकदम लंड मेरे मुख में डाल दिया और सिर पकड़ लिया.

लेकिन उसने फिर एकदम लंड मेरे मुंह से निकाल लिया.
तब वह मेरे ऊपर आया और मेरे बूब्स को सक करते हुए किस करने लगा और अपना लंड मेरी चूत के द्वार पर फेरने लगा.
जिससे मेरे मन में उत्तेजना बढ़ती जा रही थी.
लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा. इससे हॉट वर्जिन चूत की चुदाई का रास्ता साफ़ हो गया.

उसने हल्का झटका लगाया और उसके लंड का टोपा एकदम चूत में फंस गया और मेरे मुंह से चीख निकल गई.

एकदम उसने मेरे मुंह पर हाथ रखा.
मुझे बहुत दर्द होने लगा था तो मैं रोती रही और उसे लंड निकलने के लिए कहती रही.
मुझे आँखों के आगे तारे नाचते नज़र आने लगे थे और चूत में से खून टपकता हुआ महसूस हो रहा था.

लेकिन तब कार्तिक ने मेरी एक ना सुनी और एक दो झटके में आधा लंड अंदर चला गया.

अब वह किस करने लगा.
मेरे आंसू नहीं रुक रहे थे.

फिर थोड़ी देर ऐसे ही किस करता रहा और फिर एक झटके में पूरा लौड़ा मेरी बुर के अंदर डाल दिया.
मैं एकदम चित पड़ी रही और उसका सारा वजन मेरे ऊपर था.

और उसने धक्के लगाने शुरू किए.

थोड़ी देर में मुझे थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा.
लेकिन उसके साथ जलन और दर्द भी बहुत था.

कार्तिक ने धक्के चालू रखे और मेरी दर्द वाली सिसकियां अब मीठे दर्द की सिसकारी में बदल गई।

मैं थोड़ी देर में 2 बार झड़ गई.
फिर थोड़ी देर में मेरी चूत में उसका गर्म गर्म लावा महसूस हुआ.
बड़ा ही अच्छा अनुभव था … एकदम जन्नत की सैर वाली फील आ गई.

उसके बाद वह मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा, किस करता रहा.

थोड़ी देर में उसका लंड फिर से उठने लगा.
पर मैंने मना कर दिया.
और फिर उसने भी जोर नहीं दिया.

मैंने अपने कपड़े पहने और वापस कमरे में आकर सो गई.

मेरे नीचे चूत में जलन और दर्द के साथ वीर्य निकलता हुआ महसूस दे रहा था।

इससे आगे की कहानी अब अगली कहानी में!

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