बहन को मां बनाकर उसका घर बसाया- 3

Xx सिस्टर चुदाई कहानी में मैंने अपनी शादीशुदा कुंवारी बहन को चोदा माँ के कहने पर! बहन को गर्भ नहीं ठहर रहा था क्योंकि उसका पति नामर्द था. तो मैंने उसे चोदा.

पाठको और पाठिकाओ, मैं राहुल आपको अपनी सगी बहन की चुदाई की कहानी में पुन: स्वागत करता हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
माँ ने मुझे दीदी को प्रेग्नेंट करने को कहा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी बहन को बिस्तर पर लिटा कर उसके होंठों का रस चूसने लगा था.

अब आगे Xx सिस्टर चुदाई कहानी:

कुछ पल बाद दीदी मेरे होंठों से अपने होंठ हटा कर कहने लगीं- आज तुम बिल्कुल मुझे वैसे ही चोदना, जैसे तू अपनी पत्नी की सुहागरात पर चोदने की सोचता है.
मैंने कहा- हां दीदी, मैं आपको एक पत्नी की तरह ही चोदूंगा.

दीदी ने मुझे अपने पास खींच लिया.
हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में भर लिया और चूमाचाटी करने लगे.
कुछ देर बाद मैं दीदी की लाल रंग की चोली को उतारने के लिए बटन खोलने लगा.

उनके चिटकनी वाले बटन पल भर में खुल गए.
मैंने उनकी चोली को अलग फेंक दिया.

अब दीदी मेरे सामने अपनी काली रंग वाली रेशमी ब्रा में थीं.
उनके दूध से सफेद आधे चूचे काली ब्रा में कैद दिख रहे थे.

मैंने दीदी के बूब्स को उनकी ब्रा के ऊपर से दबाना और मसलना शुरू कर दिया.
साथ ही दीदी के गुलाबी रंग के होंठों को भी चूसना शुरू कर दिया.

दीदी भी मेरे होंठ चूस रही थीं.
उन्होंने मुझसे कहा- मेरी चूत गीली हो रही है!

मैंने दीदी का लहंगा भी उतारना चाहा.
पर मेरी कुतिया बहन ने अपने लहंगे का नाड़ा बहुत टाइट बांधा था.

वे शायद देखना चाह रही थीं कि मैं उनका नाड़ा खोल पाऊंगा या नहीं… या लहंगा यूं ही ऊपर उठाकर उनको चोद दूंगा.

पर मैं तो पुराना खिलाड़ी ठहरा. अब तक मैं छह लड़कियों के साथ सेक्स करके चुदाई का मजा ले चुका था.

मैंने दीदी का नाड़ा खोल दिया और उनका लहंगा भी उतार कर अलग कर दिया.
दीदी कहने लगीं- तुम तो बहुत तेज हो!

लहंगा हटते ही मैंने देखा कि दीदी ने काले रंग की पैंटी पहनी थी.
उनकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी क्योंकि उनकी चूत पानी छोड़ रही थी.

अब दीदी मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थीं.
वे एकदम चिकनी, गोरी और एकदम बेदाग नजर आ रही थीं.

मैंने कहा- दीदी, मैं आपको कब से चोदना चाह रहा था … आखिर आज यह इच्छा भी पूरी हो जाएगी.
दीदी बस मुस्कुरा रही थीं.

मैंने दीदी की ब्रा की खोलकर उतार दिया और अब मेरी सगी बहन की मस्त चूचियां मेरे सामने तनी हुई थीं.

अपने दोनों हाथ मैंने उनके मम्मों पर रख दिए और उनके होंठों को चूसने लगा था.

दीदी बोलीं- राहुल पहले मुझे तू जल्दी से नीचे से खुश कर दे.
मैंने कहा- हां जरूर दीदी, पर जल्दी क्या है. मैं सब तरह से आपको खुश कर दूंगा. आज तो आप मेरी कुतिया हो.

उन्होंने मुझे स्माइल करते हुए एक हल्का सा थप्पड़ मार दिया और बोली- चल नीचे को जा और चूत चाट!

मैं बेड पर पीछे को हटते हुए उनकी टांगों के पास पहुंच गया और उनकी पैंटी उतारने लगा.

पैंटी उतार कर मैंने देखा कि उनकी एकदम चिकनी झांट रहित चूत मेरे सामने आ गई थी.
मैं उनकी सील पैक चूत देखकर बहुत खुश हो गया और चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.

दीदी एकदम से सिहर रही थीं.

मैंने कुछ देर चूत चाटने के बाद अपना मुँह हटा लिया और अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी.
वह एकदम से चिहुंक उठीं. उनकी दर्द भरी आह निकल गई.

मैंने कहा- क्या हुआ?
वे बोलीं- मैं अभी तक सील पैक हूं.

मैंने कहा- क्या सच में आपने अभी तक किसी का लंड नहीं लिया?
वे बोलीं- नहीं.

मैंने सोचा कि यदि सच में दीदी की चूत सील पैक निकली तो आज तो मेरी बल्ले बल्ले हो जाएगी.

यह सोचते हुए मैं खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतारने लगा.
मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी.

दीदी बोलीं- रुक, तेरा अंडरवियर मैं उतारूंगी.
मैंने कहा- हां क्यों नहीं मेरी जान, आप ही उतारो.

मैं दीदी के पास पहुंच गया और मेरा लंड किसी सख्त लोहे की रॉड जैसा खड़ा हो चुका था.
मैं यह भूल गया था कि मैंने अपने लंड पर स्प्रे लगाया हुआ है.

जब मैंने अपना लंड देखा तो मेरा लंड और लम्बा लंबा और काफी मोटा हो चुका था.

दीदी लौड़ा देखकर एकदम हैरान हो गईं और कहने लगीं- आज तो तू मेरी चूत को फाड़ ही देगा.
मैंने कहा- नहीं दीदी, ऐसा कुछ नहीं होता है. चूत में बहुत गजब का जादू होता है, वह जरूरत के अनुसार फैल जाती है!

दीदी बोलीं कि तू मुझे मत बता, मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म में देखा है कि अगर लंड मोटा और लंबा हो, तो लड़की की चूत फट जाती है.
मैंने कहा- ठीक है, जैसा आप समझो.

अब मैंने अपना लंड अपने हाथ से सहलाते हुए अपनी दीदी के मुँह पर रख दिया.
पर उन्होंने मुँह घुमा लिया.
वे लंड चूसने के लिए मना कर रही थीं.

मैंने उनसे थोड़ा प्यार जताते हुए कहा- मुँह से चूस कर देखो तो दीदी… बहुत मजा आता है.
वे बोलीं- नहीं नहीं.

मैंने उनका मुँह पकड़ा और अपने लंड को उनके मुँह पर रखते हुए अन्दर घुसेड़ने लगा.
उन्होंने हल्का सा मुँह खोला और मैंने लंड उनके मुँह के अन्दर धकेल दिया.

वे मेरा आधा लंड अपने मुँह तक ले गईं और हल्के हल्के से चूसना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद दीदी बोलीं कि सच में लंड चूसते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा है.
मैंने कहा- साली कुतिया, तू तो लंड चूसने से मना कर रही थी और अब कह रही है कि मजा आ रहा है.

वे हंसने लगीं.

तभी मैंने अपनी दीदी का सर पकड़ते हुए अपना पूरा लंड उनके मुँह में धकेल दिया.
मेरा लंड जाकर उनके गले तक पहुंच रहा था और वे सही से सांस भी नहीं ले पा रही थीं.

मैं अपना लंड आगे पीछे आगे पीछे करके उनके मुँह को चोदने लगा.
उन्हें क्या पता था मैं अपना लंड पर इस पर स्प्रे लगा कर आया हूं. इसमें से आसानी से पानी नहीं निकलेगा.

अब मेरी दीदी भी बिल्कुल गर्म हो चुकी थीं और कह रही थीं कि राहुल अब तो मुझे चोद कर अपने बच्चे की मां बना दे.

मैं नीचे आया और उनकी चूत को देखने लगा.
सच में कुंवारी चूत कितनी मस्त लगती है. लंड से फटने ले बाद इसका क्या होगा.

मैंने दीदी से टांगें फैलाने को कहा तो उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं.

मैंने Xx सिस्टर चुदाई के लिए दीदी की कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया.
इससे उनकी चूत उठकर ऊपर आ गई थी.

मैं अपना लंड सैट करने लगा.
लंड सैट करते ही मैं धक्का लगाने लगा.

पर दीदी की चूत तो बिल्कुल एक कुंवारी चूत थी.
वे अभी तक किसी से नहीं चुदी थीं और सील पैक माल थीं.

मैं धक्का मारने लगा पर मेरा लंड दीदी की चूत के अन्दर नहीं जा रहा था.
ज्यादा मोटा होने के कारण लंड बार-बार फिसला जा रहा था.

फिर मैंने दीदी को उठने को कहा.
वे उठ गईं और मैं लेट गया.

मैंने कहा- दीदी तुम अपनी चूत मेरे लंड के ऊपर रखकर अपने आप ही अपनी सील तोड़ो.
वे बोलीं- ठीक है.

फिर दीदी ने वैसा ही किया.
दीदी को दर्द होने के कारण वे अपने आप ही मेरे लंड से दूर हटी जा रही थीं.

मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं.
मैंने दीदी को अलग किया और उनको बेड पर घोड़ी की तरह बना दिया.

उसके बाद अपने लंड को उनकी चूत की फांकों में फंसा कर मैंने एक जोरदार धक्का मारा. इस बार मेरे लंड की टोपी उनकी चूत को फैलाती हुई अन्दर चली गई.
इससे दीदी की चीख निकल गई.

वे दर्द से कराहती हुई कहने लगीं- बाहर निकालो!

दीदी की चीख सुनकर मां कमरे के बाहर दरवाजे के पास आकर बोलीं- क्या हुआ बेटा?
मैं बोला- कुछ नहीं मां, आपकी बेटी की चूत फट गई.

मां बोलीं- बेटा, आज चोदता जा इस रंडी को … और बना दे अपने बच्चे की मां!
यह बोल कर वे अपने कमरे में चली गईं.

और मैंने देर न करते हुए दूसरा धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड दीदी की चूत में घुस गया.

कुछ देर रुकने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और जोर का धक्का मारते हुए अपना पूरा लंड दीदी की चूत में घुसेड़ दिया.

दीदी की चीख निकल गई और वह तेज तेज रोती हुई कहने लगीं- आह मर गई … राहुल प्लीज अपना लंड बाहर निकालो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है … मेरी चूत फट गई.

मैं कुछ देर वैसे ही रुका रहा.

थोड़ी देर बाद दीदी शांत हो गईं और मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया.
दीदी आह आह की आवाज करती हुई मेरा साथ देने लगीं.

कुछ देर मुझे याद आया कि मैंने ब्लू फिल्मों में जिस तरह से लड़की की चुदाई करते हुए देखा था, वैसे ही करना चाहिए.

अब मैं अपनी दीदी को सोफे पर ले आया.
उधर मैंने उनका एक पैर सोफे पर रखा और एक नीचे रख लिया.

अब मैंने लंबे लंबे शॉट मारते हुए दीदी की चुदाई करना शुरू कर दी.
उनकी चूत बहुत टाइट थी इसलिए मेरे लंड में भी दर्द हो रहा था, पर मैं कहां मानने वाला था.

एक तो मैंने अपने लंड पर स्प्रे लगा दिया था, तो वह और ज्यादा मोटा हो गया था.
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद दीदी ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया.
उससे उनकी चूत बहुत ज्यादा चिकनी हो गई और सूज कर लाल भी हो गई थी.

लंड सटासट अन्दर बाहर होने लगा था. मुझे दीदी को चोदते हुए अभी 20 मिनट हुए थे. इन 20 मिनट में दीदी दो बार झड़ चुकी थीं.
मैं अभी भी दीदी को चोदता जा रहा था.

दीदी के मुँह से लगातार आह आह की आवाज निकलती जा रही थी. दीदी कामुक सिसकारियां भी लेती जा रही थीं.

काफी टाइम बाद अब मुझे लग रहा था कि मैं भी झड़ने वाला हूं, तो मैंने दीदी से कहा- तुम जल्दी से सीधी लेट जाओ.

दीदी भी जल्दी से सीधी लेट गईं और मैं देसी स्टाइल में दीदी की चुदाई करने लगा था.

कुछ देर बाद ही दीदी की सिसकारियां और बढ़ गई थीं.
उनकी आवाजें मुझे और ज्यादा कामुक कर रही थीं.

उनके झड़ने के साथ ही मेरे लंड ने भी अपना पानी उन्हीं की चूत में छोड़ दिया था.
मेरे लंड ने दीदी की चूत में कम से कम आठ दस पिचकारियां छोड़ी थीं.

चूंकि पिछले एक महीने से मैंने किसी की भी चूत नहीं मारी थी और न ही मुठ मारी थी.
इसलिए मैंने दीदी की चूत में बहुत सारा अपना माल छोड़ दिया.

झड़ कर मैं दीदी के ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर लेटने के बाद जब मैं खड़ा हुआ तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.

मैंने दीदी की चूत की तरफ देखा तो उनकी चूत से मेरा माल निकल रहा था.
दीदी की पैंटी उठाकर मैंने उनकी चूत से निकल रहा माल पौंछ दिया.

फिर मैंने देखा कि Xx सिस्टर चुदाई से बेडशीट खून से लाल हो चुकी थी.
इसका मतलब साफ था कि दीदी की सील आज मेरे लंड ने तोड़ दी थी.

उस रात मैंने अपनी दीदी को चार बार चोदा और अपना सारा माल दीदी की चूत में ही निकाल दिया था.
सुबह जब मैं उठा, तो मैंने देखा कि दीदी उठ गई थीं और वे मुझसे लिपटी हुई थीं.

मैं उन्हें चूम कर उठा और बाहर आने लगा.
तभी मैंने देखा कि दीदी कमरे में खड़ी तो हो गई थीं, पर उनसे सही से चलना नहीं हो पा रहा था.

रात को मैंने दीदी की इतनी ज्यादा चुदाई की थी कि वे चल नहीं पा रही थीं.

बाहर खड़ी मां ने मुझे अपने पास बुलाया और बोलीं- कैसा रहा रात का इंतजाम?
मैंने उनसे कहा- अपनी कुतिया से ही पूछ लो कि उसको मैंने कैसे ठोका!

यह कह कर मैं हँसते हुए फ्रेश होने के लिए अपने कमरे में चला गया.
मां ने बेटी से सारी सेक्स कहानी पूछ ली कि रात को क्या क्या हुआ.

दीदी ने मां को सब बता दिया.
फिर मां ने दीदी से कहा कि सुबह से सेक्स करने पर बच्चा जल्दी ठहर जाता है.

मैं फ्रेश होकर आया तो दीदी ने फिर से चुदवाने की इच्छा जताई.
उस बार मैंने कमरे का दरवाजा खुला रख कर ही अपनी बहन को चोद दिया.
मां ने भी मुझे अपनी बहन को चोदते हुए देखा.

इस तरह से एक महीने तक लगातार मैंने अपनी बहन को चोदा.
सुबह शाम दोपहर, जब भी मेरा मन करता, मैं तब दीदी को कहीं भी चोद देता था.

अब तो दीदी भी रांड हो गई थीं वे मम्मी के सामने ही नंगी होकर लंड चूसने लगती थीं और चुदवाने लगती थीं.

एक महीने बाद जब बहन अपनी ससुराल गई, तो उसे माहवारी नहीं हुई.

उसने डॉक्टर से अपना चेकअप कराया, तो डॉक्टर ने उसे प्रेग्नेंट होने की खुशी देते हुए कहा कि बधाई हो, आप मां बनने वाली हो.
दीदी ने फोन लगाकर मुझको बताया कि मैं तेरे बच्चे की मां बनने वाली हूं.

मैं बहुत खुश हुआ और कहा- हां मेरी रानी, जल्दी से मेरे बच्चे को जन्म दो.

हम दोनों भाई बहन की चुदाई के 9 महीने बाद बहन ने एक लड़के को जन्म दिया, जो कि मेरे लंड से निकले बीज से हुआ था.

जब मेरा बेटा 5 साल का हो गया था, उसके बाद मेरी बहन ने मुझसे दो और बच्चे पैदा करवाए.

मेरी बहन बच्चे के बच्चों की शक्ल मुझसे ही मिलती जुलती थी.
मैं अपनी बहन को अब अपनी बीवी की तरह रखता था और समय-समय पर चोदता रहता था.

जब भी मुझको मौका लगता, मैं अपनी बहन की ससुराल में जाकर चोद आता. तो कभी अपने घर पर बुलाकर खूब चोद लेता था.

दोस्तो, आपको मेरी Xx सिस्टर चुदाई कहानी कैसी लगी.
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