रात में बुआ की बेटी की चुदाई

ब्रो सिस फक कहानी में मेरी बुआ की बेटी को चोदा मैंने! वह हमरे घर आई हुई थी और रात को हम दोनों साथ साथ सो रहे थे. वासना वश मैंने उसके बदन को सहलाना शुरू कर दिया.

दोस्तो, मेरा नाम तरुण है और मैं राजस्थान के राजसमंद का निवासी हूँ. मैं अभी कोई कार्य नहीं कर रहा हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरे लंड का साइज 7 इंच है.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है अगर इस ब्रो सिस फक कहानी पर आपका प्रोत्साहन मिलेगा तो मैं आप सभी का शुक्रगुजार रहूँगा.

मैं अपनी बुआ की बड़ी बेटी के बारे में बता दूँ, वह 19 साल की जवान लड़की है और 5 फुट 1 इंच लम्बी है.
वह थोड़ी सांवले रंग की है और उसका फिगर 32-28-34 का है.

उसकी एक छोटी बहन भी है.

एक दिन की बात है. तब सर्दी का मौसम था. बुआ और फूफा जी कहीं बाहर गए हुए थे.

चूंकि हम लोग उसी गांव में रहते हैं तो बुआ फूफा जी अपनी दोनों लड़कियों को मेरे घर छोड़ कर गए थे.

शाम के समय उन दोनों ने मेरी मम्मी की खाना बनाने में मदद की और हम सभी ने साथ में खाना खाया.
खाना खाकर मैं अपने कमरे में आ गया और थोड़ी देर में वे दोनों भी मेरे ही कमरे में आ गईं.

मैं मोबाइल चला रहा था, तभी वे दोनों मेरे पास आ गईं और मेरे पास बैठ कर मोबाइल में देखने लगीं.

उस वक्त रात के लगभग 10 बज गए थे.
छोटी वाली बहन को नींद आने लगी और वह मेरे ही बिस्तर पर सो गई.

मैं बड़ी वाली बहन से बोला- छुटकी इधर सो गई है, चल हम उधर दूसरे वाले बिस्तर पर लेट जाते हैं.
वह हां बोली और अब हम दोनों दूसरे वाले बिस्तर पर आ गए.

हम दोनों पास पास बैठ गए थे.
थोड़ी देर तक मोबाइल देखते रहे, फिर सोने की तैयारी करने लगे.

मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं यूं ही लेटा रहा.
मेरी बुआ की लड़की मेरे बाजू में ही लेट गई.

थोड़ी देर में मुझे शरारत करने का सूझी, तो मैं उसके पास चिपक कर सो गया.

उसकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई तो मुझे लगा कि वह शायद सो गई है.
मैंने भी नींद में होने का नाटक करते हुए उसके पेट पर हाथ रख दिया.

वह कुछ नहीं बोली, तो मैंने अपने हाथ को थोड़ी देर ऐसे ही रहने दिया.
काफी देर तक उसकी ओर से कोई प्रतिक्रिया ना आने पर मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं धीरे धीरे उसके पेट को सहलाने लगा.

मेरा हाथ धीरे धीरे सरकता गया और उसके दूध पर आ गया.
मैं उसके दूध पर हाथ फेरने लगा.

उसी समय मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे वह जाग रही है.
यह चैक करने के लिए मैंने अपने हाथ को दबाया और थोड़ा जोर से उसके दूध को दबा दिया.

इस कारण से उसके मुँह से आवाज़ निकल गई ‘आह …’

मैं थोड़ा डर भी रहा था क्योंकि कहीं वह जाग कर किसी से कुछ कह ना दे या हल्ला ना कर दे.
पर उसने ऐसा कुछ नहीं किया तो मैंने उसके कान में हिम्मत करके कहा- जाग रही हो क्या?

उसने बस हम्म कहा और लेटी रही.
मैं भी उसके दूध पर हाथ फेरता रहा.

वह गर्म होने लगी थी और उसकी सांसें तेज चलने लगी थीं.

मुझे वीडियो देखने का और स्टोरी पढ़ने का बहुत शौक है, तो मैंने उससे कहा- उठ जाओ और वीडियो देखेगी मेरे साथ?
तो उसने मेरी तरफ देख कर कहा- जब हम लोग खुद ही कर ही सकते हैं, तो वीडियो क्या देखना!

बस यह कह कर वह मुझ पर टूट पड़ी.
शायद वह बहुत गर्म हो गई थी और मुझे किस किए जा रही थी.

मैंने आज पहली बार किसी लड़की को किस किया था.
मैं भी वासना से तप गया और उसके होंठों से अपने होंठ लगा कर चूमने में लग गया.

हम दोनों ने करीब दस मिनट एक दूसरे के होंठों को चूमा और चूसा.
सच में उस वक्त बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था.

मैं भी उसको बराबरी से साथ देने की कोशिश कर रहा था और उसके चूचों को दबाए जा रहा था.
थोड़ी ही देर में मैंने उसका कुर्ता उतार कर अलग कर दिया और उसको चूमते हुए उसके एक दूध को पीने लगा.

वह धीरे धीरे ‘उम्म आह’ की आवाज़ कर रही थी.
मैं उसके दोनों मम्मों बारी बारी से पिए जा रहा था.
वह भी मेरे सर को पकड़ कर अपने दूध पर दबा रही थी.

अब मैं उसके एक दूध को पीने लगा और दूसरे दूध के निप्पल को अपनी दो उंगलियों से मींजने लगा.
इससे वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और उसकी आवाजों का शोर बढ़ने लगा.

फिर मैंने धीरे से उसकी सलवार में अन्दर हाथ डाला और हाथ को चूत पर हाथ ले गया.
उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और पानी छोड़े जा रही थी.

मैंने उसकी चूत को रगड़ा और अपनी एक उंगली को चूत की दरार में अन्दर डाल दी.
वह आह कहती हुई कसमसाई और उसने अपनी टांगों को कस लिया.

मैं धीरे धीरे से उंगली को चूत में चलाने लगा.
कुछ ही देर में उसे चूत की रगड़ाई में मजा आने लगा और उसने अपनी दोनों टांगों को फैला दिया.

मैंने भी अपने एक हाथ की हथेली को उसकी चूत पर पूरी तरह से रख कर अपनी मध्यमा उंगली को चलाने लगा.
इससे वह और ज्यादा गर्म हो गई और मुझसे छूट कर अलग हो गई.

वह मेरे ऊपर चढ़ गई और उसने मेरी पैंट को खोल दिया.
मैंने अपनी गांड को उठाया तो उसने मेरी पैंट को खींचते हुए बाहर निकाल दिया.

साथ ही उसने मेरी चड्डी को भी निकाल दिया और मेरे लंड को देखने लगी.
वह एकटक मेरे लंड को देख रही थी.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- तेरा मेरे ब्वॉयफ्रेंड से काफी बड़ा है.

तब मुझे मालूम हो गया कि इसने पहले भी लंड लिया हुआ है.

मैंने उससे लंड को चूसने के लिए कहा, पर उसने चूसने से मना कर दिया.
तो मैंने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया और उससे पूछा- आगे भी बढ़ना है या बस यही सब देख कर खत्म करना है?

वह कुछ नहीं बोली और लेट गई.
मैं समझ गया कि चूत की चुदाई करवाना चाहती है.

मैं उसके ऊपर आ गया और मैंने उसकी सलवार निकाल दी, साथ ही पैंटी भी हटा दी.
मैं उसके ऊपर चुदाई की पोजीशन में आ गया.

वह बोल रही थी कि जल्दी से डाल दे अब रहा नहीं जाता.
पर मैं लंड चूत में नहीं डाल रहा था क्योंकि यह मेरा पहला अनुभव था और मुझे नहीं मालूम था कि कैसे क्या होता है. बस मूवीज में … और पोर्न में ही सेक्स होते देखा था.

मैं डर भी रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए क्योंकि वे दोनों मम्मी पापा के कमरे में सोने वाली थीं और इधर ही लेट गई थीं.
मैंने ज्यादा देर करना सही नहीं समझा और उसकी चूत पर लंड को सैट करने लगा.
पर मुझसे नहीं हो पा रहा था.

फिर उसने समझ लिया कि मैं अनाड़ी हूँ.
वह कुछ नहीं बोली, बस अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सैट कर दिया.
तब वह बोली- अब घुसेड़ दे.

मैंने एक जोरदार धक्का लगाया.
पर लंड चूत के अन्दर नहीं गया, वह साइड में फिसल गया था.

उसने फिर से लौड़े को सैट किया, पर फिर भी अन्दर नहीं गया.

अब वह बहुत गर्म हो गई थी और लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
उसने बहुत दिनों से चुदवाया नहीं था तो चूत एकदम कसी सी हो गई थी.

इधर मेरा भी पहला अनुभव था तो घबराहट में लंड संभले नहीं संभल रहा था.

कुछ देर बाद वह मुझे गुस्से से देखने लगी और बोली- तुम नीचे आओ.
मैं उसकी बात से सहमत हो गया और बाजू में लेट गया.

वह मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट करने लगी.
चूत की दरार में लौड़े का सुपारा सैट करके वह बैठने लगी.

मगर कमाल हो गया था कि मेरा लंड अब भी चूत के अन्दर नहीं जा रहा था.
शायद मेरा लंड मोटा था और बड़ा भी, तो काम फतेह नहीं हो पा रहा था.

वह फिर से लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
इस बार मेरा टोपा अन्दर घुस गया और उसकी आह निकल गई.

वह धीरे धीरे बैठने लगी.
उसने मेरा आधा ही लंड अन्दर लिया था और धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी.
मुझे भी उसकी चूत की गर्मी का अहसाह हो रहा था.

तभी मैंने उसको कमर से पकड़ा और जोर से नीचे दबा दिया.
इस दबाव से मेरा 7 इंच का लंड उसकी गहराई में पूरा घुसता चला गया.

वह थोड़ी सी चिल्लाने को हुई लेकिन मैंने उसके मुँह को दबा दिया.
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी और लंड बाहर निकालने के कोशिश कर रही थी.
पर मैंने उसको कसके पकड़ लिया था तो वह नहीं निकल पाई.

मैं लंड अड़ाए लेटा रहा और उसको किस करने लगा.

थोड़ी ही देर में वह सामान्य हो गई और गांड हिलाने लगी.
मैं भी उसको नीचे करके उसके ऊपर आ गया और उसकी चुदाई करने लगा.

कुछ मिनट तक मैंने उसको ताबड़तोड़ चोदा. इससे वह एक बार झड़ चुकी थी.
अब मेरा निकलने को हुआ, तो मैंने उससे पूछा- क्या करूँ?

उसने कहा- अन्दर नहीं करना.
मैंने 4-5 शॉट और मारे और लंड बाहर निकाल लिया.

लंड भनभना रहा था तो मैंने उसकी चूत के ऊपर ही रस झाड़ दिया.
कुछ देर यूं ही रहने के बाद मैं उसके ऊपर से हटा और एक कपड़े से उसकी चूत को साफ करके उसके ऊपर एक टांग रख कर बाजू में ही लेट गया.

थोड़ी देर में मुझे ठण्ड लगने लगी क्योंकि बिना कपड़ों के और बिना कंबल ओढ़े हम दोनों चुदाई कर रहे थे.
मैं उससे चिपक गया और वह भी मेरे साथ अपने बदन को रगड़ने लगी.

थोड़ी देर में ठण्ड जाती रही और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने उससे इशारे से कहा- एक और बार हो जाए?

उसने इशारे से हां की और हम दोनों फिर से किस करने लगे, एक दूसरे को चूमने लगे.
कुछ ही देर में लंड वापस उसकी चूत में घुस गया और मस्त चुदाई होने लगी.

इस बार मैंने उसको ज्यादा देर तक चोदा और झड़ कर हम दोनों अलग हो गए.
ब्रो सिस फक के बाद अपने अपने कपड़े पहन कर हम दोनों अलग अलग लेट गए.

उस वक्त रात के करीब डेढ़ बजे का समय हो गया था.
हम दोनों सोने लगे तो उसने मुझे अपने पास बुलाया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो रहे थे.

करीब दो बजे पापा कमरे में आए और उन दोनों बहनों को उठाया.
उन्होंने कहा- बेटा, तुम दोनों इधर क्यों सो गई थीं.

वे दोनों कुछ नहीं बोलीं और दोनों को पापा अपने कमरे में ले गए.

अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता था, तो हम दोनों भाई बहन चुदाई कर लेते थे.
हालांकि आजकल हमारी बात होना थोड़ी कम हो गई. हम दोनों भी कम ही मिल पाते हैं.

ये थी मेरी ब्रो सिस फक कहानी!
आप मुझे ईमेल भेज पर जरूर बताइएगा कि आपको सेक्स स्टोरी कैसी लगी.
मैं आपके लिए अब ऐसी ही स्टोरी लाता रहूँगा.
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