ट्रेन में मिली जवान कसी चूत

रेल गाड़ी सेक्स कहानी में मुझे एक विवाहिता लड़की मिली. कोरोना के कारण ट्रेन की बोगी पूरी खाली थी. उस लड़की से बात शुरू हुई तो चुदाई तक पहुँच गयी.

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम राज है, मेरी उम्र 27 साल है.
मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूं.

अब मैं आपके लिए एक सत्य घटना बताने जा रहा हूं.

यह रेल गाड़ी सेक्स कहानी नवंबर 2020 की है.
उस समय मैं दिवाली की छुट्टी के बाद नागपुर से दिल्ली जा रहा था.

कोरोना की वजह से ज्यादा लोग सफर नहीं कर रहे थे तो ट्रेन में भी भीड़ नहीं रहती थी.

मैं जल्दी से रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया और ट्रेन का इंतजार करने लगा.
ट्रेन पांच बजे आने वाली थी.

कुछ इंतजार के बाद ट्रेन स्टेशन पर पहुंच गई.

मैंने ऐसी 2 टियर का टिकट निकाला था.
मैं भी सामान लेके बोगी में जाकर अपने सीट पर जाकर बैठ गया और देखा तो सब सीट खाली थी.
कोरोना की वजह सब ट्रेन खाली चल रही थी.

थोड़ी देर बाद ट्रेन स्टेशन से दिल्ली की ओर चल पड़ी.

कुछ समय बाद टी टी आया और मेरा टिकट चेक करके चला गया.
फिर मैं मोबाइल में गेम खेलने बैठ गया.

करीब एक घंटे के बाद ट्रेन एक स्टेशन पर रुक गई तो मैं चाय पीने स्टेशन पर उतर गया.

चाय पीने के बाद जब मैं अपनी सीट पर गया तो देखा एक लड़की मेरी सामने वाली सीट पर आ गई थी.
उसकी उम्र करीब 25 साल की होगी.

मैं अपनी सीट पर जाकर बैठ गया.
फिर मैं उसको चुपके से देखने लगा तो वह अपना सामान सेट कर रही थी

उसकी हाइट लगभग 5 फीट 4 इंच होगी और जिस्म का साइज 34 – 28 – 36 के करीब होगा.

उसने टॉप और जींस पहनी थी और उसमें वह और भी मादक लग रही थी.

तभी उसने मुझे पुकारा और बोली- सुनिए, जरा सामान सेट करने में मेरी मदद कीजिए.
मैं बोला- ठीक है.

सामान सेट करने के बाद उसने मुझे थैंक्स कहा.
मैंने कहा- कोई बात नही, मेरी जगह कोई और होता तो वह भी मदद कर देता.

फिर मैं अपनी सीट पर जाकर बैठ गया.
तभी मैंने ध्यान से देखा तो उसने ब्रा नहीं पहनी थी, टॉप में उसकी चूचियां हिल रही थी.
ये सब देखकर मेरा मन मचलने लगा.

तभी टी टी ने आकर उसका टिकट चेक किया और चला गया.
अब वहा पर सिर्फ हम दो ही लोग बचे थे.

तभी एक और स्टेशन आया और मैं नीचे जाकर दोनों के लिए चाय और पानी की बॉटल लेकर आया.
मैंने उसको चाय दी तो वह बोली- इसकी क्या जरूरत थी.

फिर हम चाय पीते समय एक दूसरे के बारे में जानकारी लेने लगे.
तभी पता चला कि उसकी शादी हुई है और वह मायके से अपने ससुराल जा रही थी.

उसने मुझे मेरा नाम पूछा तो मैंने राज बताया.
उसका नाम पूछा तो उसने श्रुति बताया.

अब आठ बज रहे थे और तभी उसने बैग से टिफिन निकालकर उसने मुझे खाने के लिए बुलाया.
मैं मना किया तो उसने जोर दिया तो हम दोनों ने एक साथ खाना खाया.

खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे तो वह परेशान दिख रही थी.
मैंने पूछा तो बोली- घर पर थोड़ी परेशानी है.

ज्यादा बात को जोर देकर पूछा तो वह बोली- ससुराल वाले बोल रहे हैं कि शादी को चार साल हो गए, फिर भी बच्चा नहीं हो रहा है.

तो मैं बोला- किसी डॉक्टर को दिखाने का तब पता चलेगा कि क्या समस्या है.
तब वह बोली- डॉक्टर बोल रहा है कि आपको कोई प्राब्लम नहीं है, आपके पति मैं प्राब्लम है. लेकिन ससुराल वाले मानते ही नहीं हैं.

उसके बाद वह रोने लग गई.
तब मैंने उसको शांत किया.

वह बोलने लगी- मेरी पति की कमजोरी से मैं परेशान हूं. उनके पास बच्चा पैदा करने की ताकत नहीं है.
हम दोनों एक ही सीट पर बैठे थे तो उसकी शरीर मेरे शरीर से टच हो रहा था.

उसके बाद मैं बोला- बहुत रात हो गई है, अभी सो जाते हैं.

तब मैं कपड़े बदलने चला गया.
रात को घर पर मैं सिर्फ बनियान और लुंगी में ही सोता हूं.

जब मैं सीट पर आकर बैठ गया तो वह भी कपड़े बदल कर सिर्फ नाइटी में थी.

अब ट्रेन सीधा दिल्ली में ही रुकने वाली थी तो कोई यहां पर आने वाला नहीं था.

तब हम दोनों लाइट बंद करके अपनी अपनी सीट पर लेट गए.

रात के बारा बजे मेरी नींद खुली तो देखा तो उसकी नाइटी उसके जांघ तक पहुंच गई थी.

यह सब देखकर मेरे लिंग में तनाव आने लगा.
उसके बाद मैं टॉयलेट जाकर पेशाब करके वापिस आया.

यह सब देखकर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
तब मैंने उसकी सीट के पास जाकर उसकी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

उसके बाद धीरे से मैंने उसके नाइटी को थोड़ा और ऊपर किया तो उसकी पैंटी दिखने लगी.
मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी योनि पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

योनि सहलाने से उसकी नींद खुल गई और झट से उठकर अपनी नाइटी सही की और मुझे बोली- यह क्या कर रहे हो आप?
मैं बोला- सॉरी, ये सब देखकर मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाया. लेकिन आप इतनी खूबसूरत हो कि किसी का भी मचल जाए.

तो वह बोली- ये सब गलत है मैं एक शादीशुदा औरत हूं.
ये सब बोलते समय उसका ध्यान मेरे तने हुए लिंग पर जा रहा था.

मैं समझ गया कि उसका भी मन है लेकिन ट्रेन में होने की वजह से उसको डर लग रहा होगा.

तब मैं बोला- कुछ गलत नहीं है!
और फिर मैंने हाथ उसकी जांघ पर रख दिया.
इस बार उसने मना नहीं किया.

अब मैंने धीरे धीरे हाथ नाइटी के ऊपर से उसकी योनि पर रख दिया और सहलाने लगा.
इस सब से वह भी अब गर्म होने लगी थी.

अब मैं उसकी चूचियों को सहलाने लगा और दबाने लगा और धीरे धीरे उसके कान के पास किस करने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी थी.

लगभग दो मिनट किस करने के बाद मैंने उसका हाथ अपने लिंग पर रख दिया.

लिंग पूरा तना हुआ था तो वह बोली- ये तो बहुत बड़ा है.
तो मैं बोला- तुमने इससे पहले इतना बड़ा लिंग नहीं देखा था क्या?
वह बोली- मेरे पति का तो बहुत छोटा है और जल्दी खड़ा भी नहीं होता है.

अब वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और धीरे धीरे मेरा लिंग सहलाने लगी थी.

मैंने नीचे बैठकर उसकी नाइटी को कमर तक ऊपर किया और उसकी पैंटी को उतार दिया.
हल्की रोशनी में उसकी योनि चमक रही थी और पानी भी छोड़ने लगी थी.

मैंने अपने होंठ उसकी योनि पर रख दिए और उसके योनि का रस पीने लगा.

पांच मिनट तक मैंने उसकी योनि का रसपान किया.
वह सिसकारियां लेने लगीं थी.

अब उसकी चूचियों को नाइटी से बाहर निकालकर उन पर होंठ रख दिये.
अब वह फिर से गर्म हो गई थी.

दो मिनट बाद मैं बोला- लिंग को मुंह में ले लो!
तो वह मान गई और लिंग मुंह में अंदर बाहर करने लगी.

पांच मिनट बाद मैंने उसको ऊपर उठाया और सीट पर लेटने के लिए बोला.
अब मैं उसके ऊपर लेट कर योनि में लिंग डालने लगा पर लंड फिसलकर बाहर आ रहा था.

उसकी योनि बहुत टाइट थी.
ऐसा लग रहा था कि उसकी अभी तक अच्छे से चुदाई नहीं हुई थी.

अबकी बार मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक जोर से झटका मारा.
तो उसकी मानो सांस ही अटक गई हो.

वह बोलने लगी- इसे निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैं दो मिनट ऐसे ही रुका.

अब लिंग आधा योनि में प्रवेश कर चुका था.
वह थोड़ी नॉर्मल लग रही थी.

तभी मैंने एक और जोर का झटका मारा तो उसकी चीख निकल गई.

मैंने तुरंत उसके होंठों पर होंठ रख दिए ताकि कोई और न सुन ले.
वैसे वहां था ही कौन जो आवाज सुनता.

दो मिनट बाद वो भी अब चूतड़ उठाने लगी तो मैं समझ गया कि इसे भी अब मजा आ रहा है.

मैंने भी अब धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी योनि को चोदने लगा.

वह भी अब मादक सिसकारियां लेने लगी थी और बोल रही थी- जोर से चोदो मुझे!

इसी बीच वह झड़ने लगी.
मेरा भी अब पानी निकलने वाला था तो मैंने उसको पूछा- कहाँ निकालूं?
तो वह बोली- अंदर ही डालो सारा पानी! बहुत दिन के बाद मेरी चूत को पानी मिल रहा है.

उसके एक मिनट बाद मैं भी झड़ गया और पूरा पानी उसकी योनि में छोड़ दिया.
तब रेल गाड़ी सेक्स के बाद उसके चेहरे पर खुशी दिख रही थी.

अब मैं उठकर टॉयलेट चला गया और आने के बाद उसको किस करने लगा.

उस रात हमने एक बार और चुदाई की.
कभी डॉगी स्टाइल तो कभी घोड़ी बनकर उसे बहुत चोदा.

अब ट्रेन भी दिल्ली पहुंचने वाली थी तो हम कपड़े बदल कर फ्रेश हो गए.

चुदाई के बाद उसके चेहरे पर चमक आ गई थी.
हमने एक दूसरे को अपना नंबर दे दिया.

अब ट्रेन भी दिल्ली पहुंच गई थी हम दोनों ने एक किस किया और दिल्ली में मिलने का वादा किया और हम अपने अपने रास्ते चले गए.

तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी मेरी रेल गाड़ी सेक्स कहानी?
धन्यवाद.