Xxx सिस्टर की चुदाई कहानी में दीदी की पैंटी देखकर मैंने मुठ मार कर उसमें वीर्य छोड़ दिया. दीदी को पता लग गया. उसके बाद मैंने दीदी को चूत में उंगली करते देखा.
दोस्तो, मेरा परिवार एक मिडल क्लास परिवार है.
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.
मेरे परिवार में कुल चार लोग हैं, पापा, मम्मी, मेरी प्यारी बहन सोनिया और मैं बिट्टू.
मेरी बहन सोनिया 12वीं क्लास में पढ़ती है, वह देखने में बहुत ही सुन्दर है. उसकी फिगर बहुत मस्त है.
पहले मेरे मन में बहन के लिए ऐसा ख्याल नहीं था. धीरे-धीरे मेरी उम्र बढ़ती गयी और मेरे दोस्तों से सेक्स के बारे में जानकारी हो गयी.
मैं कभी कभी मुठ भी मार लेता था.
यह Xxx सिस्टर की चुदाई कहानी मेरी दीदी की है.
मेरे घर में दो बेडरूम हैं.
मैं और मेरी दीदी एक ही कमरे में सोते हैं.
दीदी और मैं दोस्त की तरह रहते हैं.
सोते समय दीदी नाइट सूट पहन कर सोती हैं.
एक दिन की बात है, सुबह में मेरी नीन्द खुली, मैं उठकर बाथरूम गया.
वहाँ एक बाल्टी में दीदी के कपड़े पड़े थे.
तभी मेरा ध्यान दीदी की मदमस्त लाल रंग की पेंटी पर गया.
मैं उसको उठा कर सूंघने लगा और दीदी को याद करते हुए मैं आंखें बंद करके मुठ मारने लगा और मेरे आँखों के सामने दीदी की बड़ी बड़ी चूची और गांड दिख रही थी.
लंड हिलाते हिलाते मैंने मेरा सारा माल दीदी की पैंटी पर गिरा दिया.
तब मैं पैंटी को बाल्टी पर रखकर बाहर चला गया.
उस समय हम दोनों के स्कूल में गर्मी की छुट्टी चल रही थी.
मैं बाहर खेलने के लिए गया.
जब खाना खाने के समय मैं घर आया तो दीदी मुझको गुस्से में लग रही थी.
फिर ऐसे ही तीन या चार दिन तक चला.
उसके बाद एक दिन मेरी नींद बहुत जल्दी खुल गई.
दीदी बाथरूम में नहा रही थीं.
मैंने दरवाजे के एक छेद से देखा.
दीदी की केवल आधी शरीर ही दिख रहा था.
दीदी हल्के आवाज में सी … सीसी … आई आह की आवाज निकाल रही थी.
वे एक हाथ से अपनी चूची मसल रही थीं और एक हाथ उनकी चूत पर था. वे जोर से अपनी चूत रगड़ रही थीं, मादक सी आवाज निकाल रही थीं- आह ओह सीसी ईए!
य़ह देख कर मेरा लंड पूरा टाइट हो गया था.
दीदी को इस अवस्था में देखकर मेरा दिमाग एकदम खराब हो गया.
मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि दीदी ऐसा करेगी.
मैं जल्दी से कमरे से निकल कर हाल में आ गया.
उसके बाद दोपहर को हमने खाना खाया और उसके बाद मैं खेलने चला गया.
शाम को जब मैं घर आया तो दीदी रोटी बना रही थीं. उनकी चूचियां एकदम हिल रहीं थीं.
यह दृश्य देख कर मेरा लंड खंडा हो गया.
दीदी ने भी इसे नोटिस कर लिया.
फिर मैं वहां से चला गया और टीवी देखने लगा.
8 बजे हम सबने खाना खाया.
मैं बहुत ही जल्द सोने चला गया.
उसके बाद दीदी कमरे में आयी, बाथरूम में कपड़े बदल करके मैक्सी पहन ली.
अक्सर वे रात में मैक्सी ही पहना करती थी.
तब सोनिया दीदी आकर मेरी बगल में लेट गयी.
दीदी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था.
रात में 12 बजे के बाद मेरे लंड पर कुछ महसुस हुआ.
वो दीदी का हाथ था.
दीदी का एक हाथ मेरे लंड पर था और एक हाथ से वे अपनी चूची मसल रही थी.
यह देख कर दीदी के लिए मेरा मन एकदम उनकी चूत चोदने का करने लगा.
दीदी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थी.
यही सिलसिला कुछ दिन तक चलता रहा.
अब मैंने सोच लिया था कि दीदी की चूत और गांड में अपना लंड डाल के ही रहूँगा.
मैं बहुत ही बेसब्री से रात होने का इंतजार कर रहा था.
संडे की रात थी, सबने खाना खाया और मम्मी पापा अपने बेडरूम में चले गए.
मैं और दीदी भी सोने के लिए जाने लगे.
एक घण्टे बाद दीदी ने आवाज लगाई.
उनको लगा कि मैं सो गया हूँ.
तब वे अपनी चूची सहलाने लगी और बुर रगड़ने लगी.
उसके बाद दीदी अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरा लंड सहलाते हुए सिसकारी लेने लगी- आह उ ह हए सी ई!
आवाज सुनकर मेरा लंड और बड़ा और टाइट हो गया.
दीदी मेरा लंड सहलाती गयी.
फिर मैंने एकदम से अपना एक हाथ दीदी की चूत पर रख दिया.
दीदी की बुर बहुत ही ज्यादा गर्म थी. ऐसे लग रहा था कि मैंने आग पर हाथ रख दिया हो.
फिर दीदी एकदम से हाथ हटा के मुझको दूर करने लगी.
मैंने दीदी की एक भी नहीं सुनी, मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनको होठों को चूसने लगा, चूची को दबाने लगा.
दीदी मना करती रहीं.
उसके बाद दीदी ने भी साथ देना शुरु कर दिया.
तब दीदी ने भी जोर से मुझको बाहों में ले लिया और किस करने लगी.
मैं उनकी चूची चूसने लगा.
वे ‘आह आ स्श सी एसीई’ जैसे मादक आवाज निकलने लगी.
वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं, मेरे लंड को हिला रहीं थीं और शरीर पर हाथ सहला रही थीं.
उसके बाद मैं चूची सहलाते हुए मैं उनकी चूत चाटने लगा.
मेरी दीदी सिसकारी निकलने लगी.
5 मिनट चूत चाटने के बाद दीदी ने पानी छोड़ दिया.
मैं उनकी चूची चूस रहा था, वे मेरा लंड सहला रही थीं.
मैंने दीदी को बोला मेरा लंड चूसने को!
तो उन्होंने मना कर दिया.
उसके बाद मैंने जोर से उनके मुख में अपना लंड घुसा दिया और उनका मुंह चोदने लगा.
दीदी के मुख से ‘गु गु’ की आवाज आ रही थी.
5 मिनट तक मुंह चोदने का बाद मैंने अपना सारा माल दीदी के मुंह में ही छोड़ दिया.
दीदी की आंखें लाल हो गयी थी.
वे एकदम गर्म हो गयी थी.
उसके बाद मैं दीदी की चूची को चूसने लगा, वे मेरा लंड हिलाने लगी.
फिर मेरा लंड टाइट हो गया.
अब मैंने लंड दीदी की चूत पर सेट कर दिया, धीरे-धीरे अंदर करने लगा.
दीदी की चूत में मेरा लंड नहीं जा रहा था.
तो मैंने जोर से दीदी की चूत में आधा लंड घुसा दिया.
दीदी की आँखों से आंसू आने लगे.
फिर मैं उसको किस करने लगा और चूची दबाने लगा.
उसके बाद दीदी को मजा आने लगा.
मैं लंड को दीदी की चूत में अंदर बाहर करने लगा.
दीदी सा आ आह एसीई की आवाज निकलने लगी.
10 मिनट चूत चोदने के बाद मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी.
दीदी ने अपना पानी छोड़ दिया था.
5 मिनट और चोदने के बाद मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया और दीदी के बगल में लेट गया.
रात के 2 बज चुके थे.
मैंने दीदी को बोला- मुझको एक बार और चूत चोदना है!
दीदी ने बोला- ठीक है मेरे राजा भाई, फाड़ दो मेरी चूत!
तभी दीदी मेरा लंड चूसने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा.
उसके बाद दीदी को घोड़ी बनाकर मैं उनकी चूत को चोदने लगा.
चोदते चोदते मैं दीदी के गांड में भी उंगली करने लगा.
दीदी को बहुत मजा आ रहा था.
वे अपने बड़े बड़े चूतड़ हिला हिला कर आगे पीछे कर रही थीं.
15 मिनट दीदी की चूत चोदने के बाद दीदी झड़ गयी.
कुछ देर स्पीड बढ़ाने के बाद मैं भी झड़ने वाला था.
तो मैंने दीदी को बोला- कहाँ माल झाड़ दूँ?
मेरी रानी दीदी ने बोला- मुझको तेरा माल पीना है!
उसके बाद चूत से निकाल कर मैंने उनके मुंह में लंड डाल दिया और सारा माल उनके मुंह में गिरा दिया.
Xxx सिस्टर की चुदाई से हम दोनों बहुत ज्यादा थक गए थे.
उसके बाद हम कब सो गए पता ही नहीं चला.
8 बजे मेरी नींद खुली तो दीदी बेड पर नहीं थी.
मैं उठा और हाल में गया.
दीदी मुझे देख कर मुस्करा रही थीं.
सबने एक साथ नाश्ता किया.
सब कुछ सामान्य था.
उसके बाद हमें जब भी मौक़ा मिला, मैंने दीदी की टाइट चूत की चुदाई की.
कैसी लगी आपको मेरी Xxx सिस्टर की चुदाई कहानी?
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