प्यासी भाभी की चुदासी कहानी में मैंने अपने घर के पास रहने वाली एक सेक्सी गर्म भाभी की चूत पास के जंगल में लेजाकर मारी. मैंने उसे कैसे सेट किया, पढ़ कर मजा लीजिये.
नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम देव कुमार है।
मैं छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव का निवासी हूं।
अभी मैं 28 साल का हूं और मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है।
मेरे औजार का साइज 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।
दिखने में भी मैं स्मार्ट हूं और कद काठी भी ठीक है।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है जो पूर्णतया सत्य है.
मैं आशा करता हूं कि यह प्यासी भाभी की चुदासी कहानी आप सभी को पसंद आएगी।
यह मेरे और एक प्यासी भाभी की कहानी है जिसे मैंने जंगल में ले जाकर मजे किये!
वह बहुत ही रोमांटिक किस्म की औरत है और उनकी आंखों में एक अजीब सा नशा है.
दोस्तो, सबसे पहले मैं उस भाभी के बारे में बताना चाहता हूं।
उनका नाम पिंकी है। पिंकी उम्र में मुझसे 2 साल की बड़ी है।
उनके जिस्म का साइज 32 30 32 होगा।
वह दिखने में बहुत ही कामुक है और जब चलती है तो गजब का कहर ढाती है।
उनका पति शराब बहुत पीता है और घूमता रहता है तो भाभी पर बहुत जिम्मेदारियां हैं.
यह घटना 2 साल पुरानी है जो अचानक से ही घटित हुई.
उस दिन मैं ऐसे ही घूमने निकला था तो एक किराने की दुकान के पास बैठकर गपशप लगा रहा था.
तभी पिंकी भाभी वहां कुछ सामान खरीदने आई।
वह अपना सामान खरीद रही थी और मैं अपने में मग्न था।
बातों बातों में मेरी नजर पिंकी पर गई जो पहले से ही मेरी और देख रही थी.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था तो मैं थोड़ा सा मुस्कुरा दिया.
और साथ ही साथ वह भी थोड़ा मुस्कुराने लगी।
यह सब देख कर मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगी।
मेरा मन मचलने लगा था और भाभी के साथ सेक्स का मजा करने का विचार आने लगा था।
उस रात मैंने उसे याद कर मुठ मारी थी।
अगले दिन मैं फिर से दुकान के पास गया और पिंकी का इंतजार करने लगा.
क्योंकि मुझे दुकानदार से पता लग गया था कि भाभी चोटी मोटी चीज लेने उसकी दूकान पर आती रहती है.
कुछ देर बाद ही वह दुकान पर कुछ खरीदने के लिए आ गई.
उसे पता था कि मैं पहले से ही वहां पर हूं.
उसे आती देखकर मेरे मन में बहुत खुशी हुई और मैं भी उनके साथ दुकान में कुछ खरीदने लगा.
फिर मैंने उससे कुछ बातें की और उसने भी मुझे रिप्लाई दिया.
और हम दोनों ही आपस में हंसी मजाक भी करने लगे.
मैंने उससे उस का मोबाइल नंबर ले लिया।
उस रात करीब 10:00 बजे मैंने उसे हाय करके मैसेज किया.
परंतु उसका कोई रिप्लाई नहीं आया.
मैंने करीब 1 घंटे तक इंतजार किया फिर भी रिप्लाई नहीं आया.
तो मैं सो गया.
अगले दिन सुबह 9:00 बजे लगभग उसका मैसेज आया, उसने कॉल करने के लिए कहा।
फिर हम दोनों कॉल पर बात करने लगे.
बातों बातों में ही मैंने हिम्मत करके उससे कह दिया कि मैं तुम्हारे साथ जी भर के सेक्स करना चाहता हूं.
मैं तो हैरान रह गया जब मुझे उसने हां में जवाब दिया.
पर उनके घर में बहुत से लोग रहते थे क्योंकि उनका परिवार जॉइंट था।
और कुछ दिनों के बाद वो दिन आ ही गया जब हम एक दूसरे के होने को थे।
उसको बैंक में कुछ काम से जाना था।
उस दिन उसका पति कहीं बाहर गया था और यह बात मुझे बता दिया था.
तो हमने बाहर जाने का प्लान पहले से ही बना लिया था।
वह अपनी सहेली के साथ बैंक जाने को निकल गई और मैं पहले से ही वहाँ पिंकी भाभी का इंतजार कर रहा था।
उसने अपनी सहेली को बता रखा था कि वह मेरे साथ घूमने जाने वाली है।
फिर वह अपना बैंक का काम पूरा करके मेरे पास आ गई।
कुछ देर हमने आपस में बात की, उसके बाद हम तीनों मेरे बाइक में सवार होकर जंगल की ओर चले गए।
थोड़ी दूर जाने के बाद मैंने बाइक रोक दी और उनकी सहेली को रास्ते में ही रोककर हम थोड़ा अंदर चले गए और एक दूसरे पर टूट पड़े और किस करने लगे.
कुछ देर के बाद मैं उसे अपनी गोद में उठाकर आगे चलने लगा।
एक पेड़ की छाँव में हम बैठ गए और फिर से किस करने लगे.
इस बार मेरे हाथ उसके चूचों को भी दबाने लगे थे.
बहुत ही करारे सख्त थे उसके स्तन!
मैं उसके कबूतरों को पूरा आजाद करना चाहता था.
पर उसने मना कर दिया कि कहीं कोई आ गया तो प्रॉब्लम हो सकती है।
मुझे पिंकी की बात ठीक लगी तो मैंने भी ज्यादा जिद नहीं की।
मैंने ऊपर से ही उनके बूब्स दबाना चालू रखा था और साथ ही साथ मैंने अपना हाथ उनके उनके पैंटी के अंदर डाल दिया, अपनी उंगली उसकी चूत में घुसा दी.
इससे उसे और भी मजे आने लगे।
चुदासी पिंकी की चूत पानी छोड़ने लगी थी और पूरी तरह से गीली हो गई थी।
अब हम दोनों सेक्स करने के लिए बहुत उत्तेजित होने लगे थे।
फिर मैंने अपना पैंट उतार दिया और उनके पेटीकोट को ऊपर करके पैंटी उतार दी.
अब पिंकी भाभी की चूत मेरे सामने पूरी नंगी थी और मैं भी पूरा नंगा हो गया।
क्या कमाल की चूत थी पिंकी की … उस पर एक भी बाल नहीं था.
शायद उसने पहले से ही अपनी चूत साफ करके चुदाई की तैयारी कर रखी थी।
अपना लौड़ा मैंने उसके हाथ में दिया.
वह कुछ देर आगे पीछे करने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
अब मैंने कह ही दिया- और न तड़पाओ भाभी … अब रहा नहीं जाता!
पिंकी की चूत से भी पानी निकल रहा था.
फिर उसने मेरे औजार को पकड़कर अपनी चूत के मुहाने पर रख दिया और मैंने जोर से धक्का दिया.
जिससे मेरा आधा औजार प्यासी भाभी की चूत के अंदर चला गया.
फिर एक बार धक्का देने पर मेरा औजार पूरी तरह से अंदर चला गया।
पिंकी वासना से तप कर बहुत गर्म लग रही थी और उसके गाल भी लाल हो चुके थे.
उसकी नजरों में कामुकता दिखाई दे रही थी.
साथ ही वह बहुत खुश नजर आ रही थी।
उसकी आंखों में खुशी के आंसू साफ नजर आ रहे थे।
लेकिन वह कुछ शर्मीली किस्म की थी क्योंकि जब भी मैं उसकी चूत को देखता नीचे मुंह करके तो वह मना करती और अपने हाथों से अपनी चूत ढक लेती थी।
हम दोनों अब पूरी तरह से एक दूसरे को मजे दे रहे थे.
वह भी अपनी गांड उठाकर मजे ले रही थी.
करीब 10 मिनट की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे पर झड़ गए.
मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अंदर डाल दिया।
और हम ऐसे ही कुछ देर एक दूसरे के बाहों में पड़े रहे थे.
तभी उनकी सहेली का कॉल आया कि कुछ लोग इधर आ रहे हैं मतलब जिधर हम आये हुए थे।
तो हम दोनों ने तुरता फुर्ती में अपने अपने कपड़े पहने और जंगल से निकल कर वापस आ गए।
वह तो अच्छा हुआ कि उसकी सहेली ने लोगों को आते देख लिया था.
शायद उन लोगों ने हमें जंगल के अंदर आते देख लिया था, तो वे लोग हमारा पीछा करते-करते आ रहे थे।
इसके बाद हमने कई और बार मजे किए।
मैंने उसके घर जाकर सेक्स किया …वह भी रात भर!
वह घटना मैं आगे की कहानी में बताऊंगा।
आज भी हम दोनों मिलने को तड़पते रहते हैं पर चुदाई का मौका नहीं मिलता।
तो यह था मेरी और कजरारे नयनों वाली भाभी की चुदासी कहानी।
उसने यह भी बताया था कि उसकी शादी के पहले वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ कई बार सेक्स कर चुकी थी.
यह बात मुझे अच्छी लगी कि उसने मुझसे खुलकर बात की।
आपको यह प्यासी भाभी की चुदासी कहानी कैसे लगी?
आप सभी के विचारों का मुझे इंतजार रहेगा।
आप मुझे अपना विचार ईमेल से कर सकते हैं।
आपका अपना देव
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