थ्रीसम सेक्स हॉट स्टोरी में पढ़ें कि मेरी दोस्ती अपने पड़ोस के एक कपल से हो गयी. मैं उनके साथ सेक्स कर चुकी थी. अगले दिन मैं फिर गयी तो वहां क्या क्या हुआ?
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं फिर आ गई अपनी कहानी के पिछले भाग
बेशर्म पड़ोसी मेरे सामने आपस में चिपक गये
से आगे की कहानी लेकर!
पिछले भाग में मैंने बताया था कि किस तरह मैंने, निधि ने और तपिश ने सेक्स किया और हमने एक चैट ग्रुप बनाया।
निधि, मैं और तपिश रोज रात को सेक्स चैट करने लगे और कभी निधि अपनी कुछ सेक्स की पिक्चर्स शेयर करती और कभी हम तीनों नंगे होकर एक दूसरे को अपनी चूत गांड और लंड दिखाते।
अब आगे थ्रीसम सेक्स हॉट स्टोरी:
हम तीनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी.
पर अभी भी तपिश कहता था- जान पहचान इतनी अच्छी तरह नहीं हुई कि मैं तुम्हें माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी में जॉब दिलवा दूँ।
तब शुक्रवार को निधि ने कहा- कल तुम लंच हमारे साथ करना।
अगले दिन शनिवार को मैं एक बजे तैयार होकर लंच से पहले निकलने लगी.
मॉम ने पूछा- आज लंच नहीं करना?
तो मैंने कहा- आज लंच निधि के यहां है।
मैंने एक सफ़ेद टैंक टॉप और सफेद छोटी सी शॉर्ट्स पहनी थी। ब्रा और पैंटी आज नहीं पहनी थी।
मुझे तपिश की शर्त याद थी।
मैं निधि के फ्लैट पर गई और घंटी बजाई।
निधि ने की होल से देखा और दरवाजा खोला।
वो पूरी नंगी थी।
मैं दरवाजे से अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया।
निधि किचन में चली गई और मैंने चुपचाप अपने कपड़े उतार दिए और पूरी तरह नंगी हो गई।
तभी निधि की आवाज आई- तुम्हें शर्त याद है?
मैंने कहा- हाँ!
उसने कहा- तो किचन में आ जाओ और सर्व करने में मेरी मदद करो।
मैं किचन पहुंची तो मुझे नंगी देखकर वो मुस्करा दी।
वो मेरे पास आई और मेरे होंठों पर किस करने लगी।
मैंने भी उसकी चूत पकड़ कर जोर से दबा दी।
उसके मुँह से उफ्फ निकला।
फिर हम लोग खाना लगाने में लग गए।
तभी मेरे पीछे से तपिश ने आकर मेरे दोनों बूब्स पकड़ लिये और उन्हें नीम्बू की तरह निचोड़ने लगा।
कभी वो मेरे निप्पल खींचता और कभी उन्हें मसल देता।
उसका लंड मेरे चूतड़ की दरार में फंस रहा था।
मुझे एक्साइटमेंट हो रही थी।
तभी तपिश ने मुझे छोड़ और मुझे घुमा कर अपनी तरफ मुँह कर लिया और उसने निधि के बाल पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया।
तब उसने निधि का सिर पकड़कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और अपने दूसरे हाथ से मेरा एक बूब दबाना शुरू कर दिया।
वो कभी निधि के होंठ काटता कभी उसके मुँह में अपनी जीभ डालता।
अब उसने निधि को छोड़कर मेरे होंठों पर किस करना शुरू कर दिया और निधि को कंधे से दबाकर नीचे बिठा दिया और अपना लोड़ा उसके मुँह में दे दिया।
तभी उसने एक हाथ से मेरी चूत पकड़ ली और उसको मसलने लगा।
मैंने भी अपने एक हाथ से तपिश के निप्पल पर चूंटी काट दी।
उसे अच्छा लगा।
तब उसने मेरा कंधा दबाया और नीचे बिठा दिया।
मैंने तपिश का लंड निधि के मुँह से खींच लिया और अपने मुँह में ले लिया।
शायद इस चक्कर में तपिश को दर्द हुआ और वो चिल्लाया- मार दिया।
निधि ने सॉरी कहा।
अब हम दोनों तपिश का लंड बार बार चूसने लगी।
10 मिनट बाद तपिश ने अपना लंड हमारे मुँह से बाहर खींच लिया और हमारे दोनों के मुँह पर अपने गर्म पानी की धार मारनी शुरु कर दी।
उसका सफेद गाढ़ा पानी हमारे मुँह पर और चूची पर गिरा।
तपिश के जाने के बाद हमने एक दूसरे को चाट चाट कर साफ़ किया।
फिर हमने खाना डाइनिंग टेबल पर लगा दिया।
फिर हमने तीनों ने नंगे ही डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खा लिया।
तपिश कभी मुझे कहता कि मेरी 36 साईज की चुची बड़ी मस्त है. और कभी कहता तुम्हारे काले अंगूर जैसे निप्पल काट के खाने का मन कर रहा है।
ऐसा सुनकर निधि और मैं हंस देती।
खाना खाने के बाद हम तीनों ने डाइनिंग टेबल साफ़ की और मैं और तपिश ड्रॉइंग रूम में आकर बैठ गये।
तब निधि तीन कटोरी में वनिला आइस क्रीम लेकर आई और एक एक कटोरी मुझे और तपिश को दी और हम दोनों के बीच में बैठ गई।
तब तपिश ने कहा- यार ऐसे आइस क्रीम खाने में मजा नहीं आएगा.
तो हमने पूछा- कैसे आएगा?
तब तपिश उठा और हम दोनों की कटोरी लेकर टेबल पर रख दी और कहा- तुम दोनों अलग अलग तरफ़ सोफ़े पर लेट जाओ. फिर मैं बताऊंगा कैसे!
हम दोनों चुपचाप लेट गई।
तब तपिश ने एक कटोरी उठाई और निधि की चूचियों पर, नाभि पर और चूत पर एक एक चम्मच आइस क्रीम रखी.
अपने मुँह से पहले उसने निधि के बूब्स पर से आइस क्रीम चूसी और आइस क्रीम के साथ कभी वो निधि के निप्पल काटता और कभी चूसता।
निधि के मुँह से उफ्फ आह आह की आवाज आ रही थी।
फिर तपिश निधि की नाभि चूसने लगा।
निधि की आवाजें तेज होने लगी।
अंत में वो निधि की चूत की आइसक्रीम चाटने आया।
आइसक्रीम पिघल कर निधि की चूत के छेद में घुस गई थी।
तब तपिश ने निधि के दोनों पैर ऊपर उठा के खोल दिये, उसकी खुली चूत में अपनी जीभ डाल दी और उसकी चूत चूसने लगा।
निधि पागलों की तरह चिल्ला रही थी।
तभी निधि चिल्लाई- मैं गई, मैं गई!
और उसकी चूत से पानी का फव्वारा निकला और उसने तपिश के मुँह को पूरा गीला कर दिया।
तब तपिश ने उसे छोड़ दिया और वो निहाल होकर सोफ़े से नीचे गिर गई।
अब तपिश दूसरी कटोरी लेकर मेरे पास आया. उसने मेरे भी उसने बूब्स और नाभि पर आइस क्रीम लगाई.
जब वो मेरी चूत के पास आया तो उसने चम्मच में आइसक्रीम लेकर दो तीन बार मेरी चूत को आइसक्रीम से भर दिया।
चूत के अंदर ठंडी ठंडी आइसक्रीम का अहसास मेरे रोंगटे खड़े कर रहा था।
तब तपिश ने पहले मेरे बूब्स से आइसक्रीम चाटी और फिर मेरे निप्पल चूसने लगा।
कभी वो मेरे निप्पल काटता और कभी दांतों से पकड़ कर खींचता।
तब उसने कहा- तेरे इतने बड़े निप्पल तो छोड़ने का मन नहीं कर रहा!
और उसने बहुत तेज निप्पल पर काट लिया।
मेरे मुँह से आह आह निकल रहा था।
अब वो मेरी नाभि पर आया और वहां से आइसक्रीम चूसने लगा।
जब वो मेरी नाभि चूसता तब मेरी चूत में करंट लगता।
अब वो मेरी नाभि छोड़कर मेरी चूत पर आ गया।
उसने मेरी दोनों पैर उठा कर मेरे सिर की तरफ़ कर दिये। तब मेरे चूतड़ ऊपर उठ गये।
अब मेरी चूत और चूतड़ दोनों के छेद उसके सामने थे।
उसने कहा- अपने दोनों पैर पकड़ो।
मैंने पकड़ लिये।
उधर निधि भी अब उठकर मेरे दोनों छेद देख रही थी।
तब तपिश ने कटोरी उठाई और चम्मच से मेरी गांड में आइस क्रीम भरने लगा और फिर कटोरी मेज पर रख दी।
निधि बोली- देख तेरी भोंसड़ी भी आइस क्रीम खा रही है।
मैं कुछ नहीं बोली।
तब तपिश ने आकर मेरे पैर पकड़ लिये और अपनी जीभ मेरी खुली चूत के छेद में डाल दी और वहाँ से आइसक्रीम चूसने लगा।
फिर उसने अपनी जीभ निकाली और मेरे चूतड़ के छेद में डालकर वहां से आइसक्रीम चाटने लगा।
तभी निधि मेरे मुँह की तरफ बैठ कर मेरी चूत चाटने लगी।
उसकी फुद्दी बिल्कुल मेरे मुँह के पास थी।
अब मेरी चूत और गांड एक साथ चाट रहे थे।
मैंने थोड़ा सा पुश करके अपनी गांड से आइस क्रीम तपिश के मुँह में डाल दी।
उधर मैं भी क्लाईमेक्स पर पहुंच गई और चिल्लाई- मैं गई!
और एक फव्वारा निधि और तपिश के मुँह पर मार दिया, दोनों का मुँह गीला कर दिया।
तब तपिश बोला- मैंने तो खा ली आइसक्रीम … अब तुम दोनों को खिलाता हूं।
तपिश ने निधि को इशारा किया और वो दो कटोरी आइस क्रीम और ले आयी।
अब तपिश सोफ़े पर लेट गया और एक कटोरी आइसक्रीम अपने लोड़े पर डाल दी और मुझे कहा- लो आइसक्रीम खाओ।
मैंने उसके लोड़े से आइसक्रीम चाटनी शुरू कर दी। उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में उसका लंड पूरा खड़ा हो गया, तब मैंने उसे मुँह से निकाला।
निधि ने कहा- मुझे भी आइसक्रीम खानी है।
मैंने उसके लोड़े की स्किन पीछे करी और उसके लाल सुपारे पर जीभ फिराई।
तपिश बोला- हाय मार डाला!
मैंने आइस क्रीम की कटोरी उठाई और उसके सुपारे को आइसक्रीम से भर दिया, पूरी कटोरी उसके लोड़े पर डाल दी।
तब मैंने निधि को कहा- ले खा आइसक्रीम।
निधि ने आकर लोड़े के सुपारे पर से आइसक्रीम चाटनी शुरु करी और तपिश ने आँखें बंद कर ली।
तब मैंने भी उसके गोटों पर से आइसक्रीम चाटी और उसका एक गोटा मुंह में लेकर चूस लिया.
तपिश बोला- यार अंजलि तू क्या चूसती है … इस निधि को भी सिखा!
तब मैंने निधि का सिर पकड़कर उसके लोड़े पर दबा दिया और तपिश का लोड़ा उसके गले में फंसा दिया.
जब तक निधि साँस लेने के लिये हाथ पैर नहीं मारने लगी तब तक नहीं छोड़ा।
तब मैंने तपिश से पूछा- अब कैसा लगा?
तपिश बोला- जन्नत।
तब मैंने निधि को कहा- जान अपने मुँह से इसका लंड चोद!
वो चोदने लगी।
मैं निधि के पीछे बैठ गई और अपने एक हाथ से उसका चूचा पकड़ा और उसका निप्पल खींचा और दूसरे हाथ से उसकी चूत और गांड में उंगली करने लगी।
जैसे जैसे मैं उसको उंगली करती वो तपिश का लंड और तेज चोदने लगती।
थोड़ी देर में तपिश बोला- रुको!
और खड़े होकर उसने पिघली हुई आइस क्रीम की कटोरी निधि को पकड़ाई, अपना लंड उसमें रखा और मुझे उसके लोड़े को रगड़ने को कहा।
तब मैंने उसका लंड रगड़ना शुरू कर दिया।
उसने आँखें बंद कर ली और थोड़ी देर के हस्तमैथुन के बाद उसने अपना सारा पानी आइसक्रीम की कटोरी में छोड़ दिया।
उसका सफेद गाढ़ा पानी पिघली हुई आइस क्रीम पर तैरने लगा।
तब उसने चम्मच से दोनों को मिला दिया और कहा- चलो ये नए फ्लेवर की आइस क्रीम खाओ।
निधि ने चम्मच ली और खाने लगी।
मैंने भी थोड़ी सी अपने मुँह में ली और निधि के होंठों पर होंठ रखे और उसके मुँह खोलते ही उसमें थूक दिया।
वो चुपचाप खाने लगी।
फिर तपिश ने अपना लंड कटोरी में भिगोया और निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया और मुझे बोला- चल साफ़ कर!
मैंने उसका लंड चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
उधर निधि ने भी कटोरी खाली कर दी और उंगली से रगड़ रगड़ कर चाट ली।
अब हम तीनों सोफ़े पर बैठ गये।
तपिश हम दोनों के बीच में बैठा था और हम दोनों की चूचियों से खेल रहा था।
हॉट थ्रीसम सेक्स के बाद अब तीन बज गए थे।
मैंने कहा- अच्छा अब मैं चलती हूं.
तभी मैंने तपिश से कहा- अब तो अच्छी दोस्ती हो गई है। अब तो मुझे अपनी कंपनी में जॉब दिलवा दोगे?
तब तपिश बोला- दोस्ती तो हो गई … पर गहरी भी तो होनी चाहिये। तुम कल जब आओगी तब कुछ नयी चीज देखेंगे। और जॉब तो मैं दिलवा दूँगा, चिंता मत करो पर जब तक लॉकडाउन है तब तक आती रहो।
मैंने ओके कहा और अपनी शॉर्ट्स और टैंक टॉप पहना और घर आ गई।
अगले दिन क्या हुआ, वो बाद में बताऊंगी।
तब तक लड़के अपने लंड रगड़ो और लड़कियां अपनी चूत में उंगली करो।
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थ्रीसम सेक्स हॉट स्टोरी का अगला भाग: लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा- 3