Xxx GF चुदाई कहानी में मैं एक लड़की की चुदाई किया करता था. वह ब्यूटी पार्लर चलाती थी. मैं जॉब पर चला गया तो 1 साल बाद उसे मिला. वह मेरी दीदी का फेशियल करते करते चुद गई.
नमस्कार, मेरा नाम अनुज है और मैं एक अच्छा खासा कसरती शरीर वाला व पहलवान जैसी कद काठी वाला मर्द हूँ.
दोस्तो, मैंने इससे पहले आपको एक ब्यूटीपार्लर वाली लड़की की चुदाई की कहानी
ब्यूटीपार्लर वाली की रगड़ कर चूत चुदाई
बताई थी.
उस घटना के बाद 5 दिन जब तक नूर के अम्मी अब्बू वापस नहीं आ गए, तब तक मैंने उसे रगड़ कर चोदा.
उसके बाद मैं अपने जॉब के सिलसिले में बाहर निकल गया था.
मैं एक साल बाद छुट्टी लेकर घर आया.
उस दिन दीदी को पार्लर जाना था और वह उसी पार्लर में जाना पसंद करती थी, जिसे नूर चलाती थी.
हम लोग कार से पास के शहर में गए.
नूर का पार्लर वहीं था.
मैं जानता था कि उधर नूर मिलेगी.
वह बहुत अच्छी लड़की थी, पार्लर चला कर अपने अम्मी अब्बू का ध्यान रखती थी.
जैसे ही हम दोनों पार्लर में अन्दर गए तो देखा कि नूर उधर थी और वह मोबाइल चला रही थी.
उसने दीदी के साथ मुझे देखा तो खुशी से फूली नहीं समायी.
वह पहले से भी ज्यादा हॉट हो गई थी.
नूर ने मेरी दीदी को मेन कुर्सी पर बिठाया और मुझे उनके पीछे बैठने के लिए एक कुर्सी डाल दी.
वह मुझे इशारे में पूछ रही थी कि और सुनाओ कैसे हो?
मैंने कहा- ठीक हूँ.
दोस्तो, वह सच में खुशी से मरी जा रही थी.
उसने दीदी की आंखों पर खीरा रखा और तुरन्त पीछे आकर मेरे गालों को पकड़ कर चुंबन करने लगी.
फिर वह दीदी को कुछ लगाने लगी और मेरे कान में बोली- तुमने अपना नम्बर बदल दिया क्या? मैं एक साल से तरस रही हूं.
इतने में मेरी दीदी बोलीं- हम लोग को थोड़ी जल्दी जाना है नूर, तुम थोड़ी जल्दी कर दो.
तब नूर बोली- यार, थोड़ा टाइम तो लगेगा ही.
नूर दीदी के फेस पर क्रीम लगाने लगी और मेरे लंड पर पैर फिराने लगी.
तभी उसका एक हाथ आगे आया, जिप खोल कर मेरा लंड निकालने लगा.
मैं नूर के पिछवाड़े को देख रहा था.
तब मैंने इशारे से कहा- नूर अभी रहने दो, अभी रिस्क है. कल या परसों मिलो तो अच्छे से रगड़ कर चोद दूंगा.
मगर नूर की चूत तो भभक उठी थी.
वह दीदी से बोली- स्टेप बाय स्टेप होना है तो आपको दस मिनट रुकना जरूरी है. यह जल्दी वाला काम नहीं है.
दीदी ने कहा- ठीक है.
नूर ने जल्दी से मेरे लंड को पकड़ कर बाहर निकाला और लंड देख कर आंखें सी फाड़ने लगी मानो उसे लंड कुछ और बड़ा लगने लगा हो.
उसने तुरन्त मेरे लंड के टोपे पर एक किस कर दिया.
पार्लर में दीदी को हमारी आवाजें सुनाई न दें, इसके लिए नूर ने दीदी के कान में ईयरफ़ोन लगा दिए कि आप गाने सुनो.
उधर दीदी के कान बंद हुए और इधर नूर जल्दी से मेरे लंड पर कोई क्रीम लगा कर मलने लगी.
फिर रगड़ कर कपड़े से साफ करने लगी.
नूर सच में मुझसे मिल कर बहुत एक्साइटेड लग रही थी.
लंड को साफ करके नूर ने तुरन्त उसको अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
वह ऐसे चूस रही थी मानो किसी बच्चे के हाथ में लॉलीपॉप पकड़ा दी हो.
वह लंड को लॉलीपॉप समझ कर चूसने लगी थी.
मुझे डर लग रहा था कि कहीं लफड़ा न हो जाए.
नूर लंड चूसती हुई उठी और उसने अपना शॉर्ट्स जैसा लोवर नीचे कर दिया.
फिर जल्दी से पैंटी को नीचे किया और मुझे अपनी चूत दिखाने लगी.
मैंने उसे दीदी के होने का इशारा किया तो वह दीदी के मुँह पर दूसरी क्रीम लगाने लगी और बोली- दस मिनट में ही काम हो जाएगा … बढ़िया ग्लो आ जाएगा. बस आप गाने सुनो.
इतना कह कर नूर ने मुझे उठने का इशारा किया.
मैं नूर के इशारे पर उठ गया और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर चुदाई के लिए रेडी हो गया.
नूर ने अपने पैरों को फैला लिया और वह चूत खोल कर खड़ी हो गई.
मैंने एक हाथ उसके मुँह में लगा दिया कि साली चिल्ला न दे.
उसका मुँह बंद करके मैंने एक करारा झटका दे दिया.
उसके मुँह पर मेरा हाथ था.
जैसे ही लंड अन्दर घुसा, नूर छटपटा कर मेरे हाथ पर काटने लगी.
मैंने दर्द के मारे जल्दी से हाथ हटाया और वापस उसके मुँह को दबा दिया.
मुझे गुस्सा आ गया था.
मैंने नूर को कुर्सी से दूर करके जोर जोर से दस झटके मारे.
नूर की एक साल से बिना चुदी चूत आज फिर से खुल गई थी.
वह रो पड़ी थी और मुझसे सॉरी कह कर मुझे किस करने लगी थी.
मैंने नूर से कहा- अब बस इतना ही ठीक है डार्लिंग … बाकी की चुदाई कल तेरे घर आकर करूंगा. तुम जल्दी से दीदी का फेशियल वगैरह करो.
वह झट से कहने लगी- प्लीज अनुज … थोड़ी देर और चोदो … मैं चुदते हुए ही फेशियल कर दूँगी.
नूर फेशियल करने में लग गई और मैं पीछे से उसको चोदने में लग गया.
कसम से नूर हुस्न की परी थी, वह मेरे शेर की दीवानी थी.
कुछ देर बाद वह फिर से नीचे बैठ कर लंड चूसने लगी.
मुझे यही डर लग रहा था कि कहीं कुछ लफड़ा न हो जाए.
मैंने उसके मुँह से लंड निकाला और जल्दी जल्दी नूर को चोदने लगा.
नूर की चूत मस्त टाइट थी लेकिन उसे चाटने का समय नहीं मिला था.
मैं टेबल पर बैठ गया और लंड सहलाने लगा.
नूर ने दीदी को कोई और क्रीम लगा दी और वह फिर से मेरे लंड पर बैठ गई.
उसकी चूत में पूरा लंड घुस गया और वह लौड़े पर ऊपर नीचे होने लगी.
कुछ मिनट तक लंड पर उछलने के बाद मैं झड़ने की कगार पर आ गया था.
उधर नूर भी अपना मौसम तोड़ने वाली थी.
नूर एकाएक जल्दी जल्दी उछलने लगी तो मैं समझ गया कि इसका काम उठने वाला हो गया है.
तभी वह शिथिल होने लगी.
मैंने तुरन्त अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे धकापेल चोदने लगा.
कुछ पल बाद मैं भी झड़ने लगा.
नूर मुझे चूमने लगी और मेरे लौड़े से अलग हो गई.
फिर वह मुझसे बोली- कल मैं अम्मी अब्बू को अपनी खाला के घर भेज दूँगी. तुम कल दिन और रात के लिए घर आ जाना.
मैंने कहा- हां ठीक है, अब जल्दी से दीदी को फ्री करो.
वह अपने दराज में से दो पांच पांच सौ के नोट निकाल कर मेरे लंड के करीब आई और लौड़े की न्यौछावर करके मेरे ऊपर की जेब में रखने लगी.
उसके बाद नूर ने एक पैड अपनी चूत में लगाया और बहती हुई चूत से रस को सोख कर काम करना शुरू कर दिया.
उसने जल्दी जल्दी दीदी का फेशियल पूरा किया और उनसे 200 रुपये लेकर मेरी पीछे की जेब में ठूंस दिए.
मैंने उसका मोबाइल उठा कर अपना नंबर डायल कर दिया.
इस तरह से हम दोनों के पास एक दूसरे के नम्बर आ चुके थे.
उधर से मैं अपनी दीदी के साथ वापस घर आ गया.
इससे आगे की घटना अलग कहानी में बताऊँगा.
मेरी इस कहानी पर आप अपने विचार मुझे बताएं.
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