नौकरी के साथ चूत चुदाई का मजा

हॉट गर्ल ऑफिस फक स्टोरी में मैंने अपने साथ अस्पताल में काम करने वाली कमसिन लड़की को पटा के अस्पताल में ही चोदा. हालांकि वह पहले से ही चुदी हुई थी पर मजा पूरा दिया उसने!

दोस्तो, मेरा नाम आशीष है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं.
मैं आज आप सभी को अपनी जिन्दगी की पहली सेक्स घटना को एक कहानी के माध्यम से सुनाने जा रहा हूँ.

ये हॉट गर्ल ऑफिस फक स्टोरी तब की है, जब कोरोना का कहर चल रहा था.

मैं उस समय पहली बार नौकरी करने गया था.
वह करोना काल था और मेरी नौकरी हॉस्पिटल में लगी थी.

वहां पर मेरी तरह और भी लोग थे.
उन्हीं में से एक लड़की थी तबस्सुम.

यारो, उस लड़की तबस्सुम का हुस्न कितना कमाल का था, मैं बता नहीं सकता.
वह थी तो सिर्फ 5 फुट की हाइट वाली … मगर उसके दो रंग में रंगे लंबे बाल बड़ा जादू सा बिखेरते थे.

वह एकदम स्लिम थी और उसकी चूचियों का साइज पके हुए संतरों के जैसा था.
हम सब ये नौकरी उत्तरप्रदेश में नोएडा में कर रहे थे.

उसी दौरान हम दोनों की एक दूसरे से नजरें मिलीं.
मुझे वह पहली नजर में पसंद आ गई.
शायद मैं भी उसे पसंद आ गया था.

ऐसे ही हमारी ड्यूटी चलती रही पर कभी भी हमारी शिफ्ट एक साथ नहीं हो रही थी.

इसलिए मैंने फैसला लिया कि मैं ऐसे ही उससे अपने दिल की बात बता दूं.

कुछ दिन और बीते.

फिर एक दिन मैंने उसे अपने दिल की बात बता दी.
उस समय हम दोनों में हंसी मजाक चल रहा था और ऐसा पहले से ही काफी चलता था.

मैंने उससे अपने प्यार का इजहार किया.
तो उसने भी हां बोल दिया.

अब हमारा सिलसिला चल पड़ा.
हम दोनों को जहां भी मौका मिलता, मैं उसको पकड़ कर किस कर लिया करता था.
वह भी मेरा साथ देती थी.

हम दोनों को एक दूसरे के साथ रहने में काफी अच्छा लगता था. हम दोनों ही एक दूसरे के बिना नहीं रह पाएंगे, ऐसा लगने लगा था.

हालांकि अभी तक हम दोनों को चूमाचाटी और एक दूसरे को सहलाने से आगे कुछ भी करने का मौका नहीं मिला था.

उस वक्त चूंकि कोरोना के हालात थे तो न ही समय मिल रहा था और न ही जगह मिल रही थी कि जिधर जाकर हम दोनों अपने तन की प्यास को बुझा सकें.

फिर तभी हमको पता चला कि करोना के केस कम होने लगे हैं.
अब मैंने सोच लिया कि हमको जो भी करना है, अभी करना होगा क्योंकि कल को कोरोना के केस फिर से बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही थी.

उधर मेरा एक दोस्त भी बन गया था, वह चौकीदार था.
मैंने उसको पटाया और उसे एक बीयर पिलाई.
वह खुश हो गया.

मैंने उससे कहा- मुझे छत की चाबी दे दे, कुछ काम है.
उसने मुझे चाबी दे दी और कहा- अब मैं घर जा रहा हूँ. चाभी तू ही रख ले, बाद में दे देना.

मैंने ओके कहा और चाभी रख ली.

अब मैं अगले दिन का इंतजार करने लगा क्योंकि तबस्सुम की ड्यूटी अगले दिन की थी.

दूसरे दिन जब वह ड्यूटी पर आई तो मैंने अपने घर पर फोन करके बोल दिया कि मैं आज नहीं आ पाऊंगा; कल आऊंगा.

तबस्सुम को मैंने पहले ही बता दिया था कि बस छत पर आ जाना, उधर हम दोनों आज अपनी प्यास बुझाएंगे.
वह खुद से चुदासी थी तो झट से मान गई.

फिर मैंने तिकड़म लगाई और उसको सबकी नजरों से बचा कर छत पर बने एक कमरे में ले गया.

वहां जाकर मैंने उसको पकड़ लिया और किस करने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी क्योंकि आग दोनों तरफ बराबर से लगी थी.

हम दोनों किस करते करते एक दूसरे की जीभ को भी चूस रहे थे.
साथ ही साथ मैं उसके बूब्स को भी दबा रहा था और गांड भी सहला रहा था.

कुछ ही देर बाद मैं जल्दी जल्दी उसके कपड़े उतारने लगा.
पहले तो वह मना करने लगी पर मेरे बोलने पर तैयार हो गई.

जैसे ही वह अपने कपड़ों की कैद से आजाद हुई, मुझे वह जन्नत की हूर नजर आने लगी थी.
उसकी चूचियों की नोकें एकदम तनी हुई थीं और एकदम ऐसी लग रही थीं मानो सांचे में ढली हुई चूचियां हों.

उसकी चूचियां एक बाल बराबर भी नहीं ढलकी हुई थीं.
मैं उसकी चूचियों को देख कर हैरान था. गुलाबी निप्पल उसकी चूचियों की मासूमियत को मस्त झलका रहे थे.

मुझसे रहा ना गया और मैं फिर से उसे किस करने लगा.
वह कुछ देर तक मेरे साथ चुम्मियों का मजा लेती रही.

फिर मुझसे अलग होकर बोली- ये गजब तरीका ढूंढा है तुमने, मुझे तो पूरी नंगी कर दिया और तुम खुद कपड़े पहने खड़े हो?
मैंने भी जवाब दिया- तुम खुद उतार दो ना जान!

यह सुनते ही उसने मेरे कपड़े मेरे बदन से अलग कर दिए और मेरे लंड को देखने लगी.
वह मेरे लंड को देखकर बोली- तुम्हारा तो बहुत बड़ा है … यह कैसे अन्दर जाएगा?

मैं बोला- इससे पहले किसी का लिया नहीं है क्या तुमने?
उसने बताया- हां लिया तो है पर उसका तुमसे बहुत छोटा था. तुम्हारे लंड का साइज सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है. जबकि उसका तो तुमसे आधा ही रहा होगा. तुम्हारा लंड तो किसी भी औरत को सन्तुष्ट करने के लिए काफी है.

मैंने कहा- चल अब इसे मुँह में लेकर प्यार करो, फिर इसका कमाल देखना.

मेरी बात सुनकर उसने कुछ कहा तो नहीं पर मुझे समझ आ गया कि ये मुँह में लेने से हिचक रही है.

इधर मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा.
चूत में उंगली पेलते ही मुझे अहसास हो गया था कि ये कुतिया खेली खाई है और नाटक कर रही है कि मेरा लौड़ा मोटा है, चूत में कैसे लेगी.
तब भी मैंने सोचा कि मां चुदाए … अभी इसकी चूत पर ध्यान दो.

मैंने उसकी चूत को ध्यान से देखा तो उसकी चूत पर झांट का एक बाल भी नहीं था.
चूत एकदम आलूबंडा सी फूली हुई थी.

फूली सी चूत देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.
मैं नीचे बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा.
वह भी आह आह करने लगी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.

सच में उसकी चूत चाटने में एक अलग ही मज़ा आ रहा था.
मैं मस्ती से जीभ से चूत की मालिश कर रहा था.

वह भी बैचेन होने लगी थी.
उसकी मादक आवाजें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं ‘आह आह आह … बस अब और नहीं.’

मैंने उससे कहा- तुम भी मेरा चूस दो.
उसने इस बार मना नहीं किया और झट से लौड़े को मुँह में भर लिया.

दोस्तो, कसम से … लौड़े को चुसवाने में इतना मजा आ रहा था कि बता नहीं सकता.

अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
मैंने उसके एक चूचे को मुँह में लेकर चूसा उसके चूचे संतरे के जैसे एकदम गोल और सेब के जैसे सख्त थे.

चूचियों की चुसाई में बहुत मजा आ रहा था.
मुझसे अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था.

मैंने अपनी जेब से कंडोम निकाला और उससे कहा- तुम तैयार हो?
उसने कंडोम देखते हुए कहा- हां मैं तैयार हूँ. पर मुझे इसके बिना ही करना है. मुझे इसमें मज़ा नहीं आता है.

यह सुन कर तो मैं और ज्यादा खुश हो गया था.

इधर चूत चुसाई से उसका पानी निकल चुका था, तो चुदाई भी देर तक मजा देने वाली थी.

मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह में दिया और उससे एक बार फिर से अच्छे से चूसने के लिए कहा.
दो मिनट बाद मैंने पोजीशन बनाई और उसकी चूत पर लंड रख कर अन्दर कर दिया.

उसकी चीख निकल गई- आह अम्मी … रे मर गई … फट गई मेरी … निकाल लो प्लीज!
वह लंड बाहर निकालने के लिए बोल रही थी पर मैंने ऐसा नहीं किया.
मैं उसको किस करते करते झटक देता रहा.

कुछ देर बाद वह भी अपनी गांड उठा उठा कर जवाब देने लगी थी.

मैं कभी उसके दूध चूसता तो कभी उसको किस करता, कभी उसके कान को चूसने लगता.

मैंने सुना था कि कान चूसने से लड़की और बेचैन हो जाती है.
मैं ऐसा ही करता रहा.

उसकी चूत अच्छी तरह से कसी हुई थी और जो मैं सोच रहा था कि ये खेली खाई है, मेरी वो आशंका गलत थी.

कुछ देर तक मिशनरी पोज में चोदने के बाद मैंने उसको अलग स्टाईल में करने के बोला.
वह राजी हो गई.

मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड दे दिया.

मैं दे दनादन चोदने लगा.
वह चिल्लाती रही पर मैं नहीं रुका और इसी बीच उसका पानी एक बार और निकल गया.

मेरा भी होने वाला था तो मैंने उससे पूछा.
उसने कहा- अन्दर ही निकाल दो.

मैं बिना रुके दो मिनट तक शॉट मारता रहा.
फिर मेरा भी पानी निकल गया और मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसके ऊपर गिर गया.

मैं उसको अपने गले से लगा कर लेटा रहा.
फिर अलग होकर मैंने पूछा- कैसा लगा?
उसने मेरे सीने से चिपक कर कहा- सच में इतना मज़ा मुझको पहले कभी नहीं आया.

कुछ देर बाद मेरा फिर से मूड बन गया.
मैं उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था.

तबस्सुम- क्या इरादा है जनाब?
मैं- एक और बार हो जाए!

तबस्सुम- हां क्यों नहीं. मैं तो अब तुम्हारी ही हूँ. फिर ना जाने कब मौका मिले या न मिले.

हम दोनों फिर से किस करने लगे और एक दूसरे को खाने के लिए तैयार हो उठे.

मैंने उसको गोद में उठा लिया और किस करने लगा.
उसने अपनी टांगें मोड़ कर मेरी गांड से लपेट लीं और अपनी चूत मेरे लंड पर सैट करके ऊपर को होने लगी थी.

मैंने भी हाथ से लंड पकड़ कर सही से लगाया और उसकी चूत में पेल दिया.

लंड अन्दर जाते ही वह मुझसे किसी बच्चे की तरह चिपक गई.
मैं उसको उस पोज में ज्यादा देर तक नहीं कर पा रहा था.

मैंने पोजीशन चेंज की.
अब मैंने उसको लिटाया और उसकी टांग अपने कंधे पर रख कर चूत पर निशाना लगाते हुए एक ही झटके में पूरा पेल दिया.
वह चिल्लाई- आह अम्मी रे मर गई … आराम से करो … मैं कौन सा भागी जा रही हूं.

मैं बिना रुके धक्के लगाता गया और उसको किस करता रहा.
कभी मैं उसके चूचे चूसता तो कभी उसकी बगलों को चाट लेता या उसके होंठों को चूस लेता.

मुझे इस बार उसकी चुदाई में पहले से ज्यादा मजा आ रहा था.
मैं भी बिना रुके धक्के लगाता रहा और बीच-बीच में उसकी गांड में भी उंगली करता रहा.

ऐसा करने से वह नाराज हो जाती और बोलती कि प्लीज वहां मत करो.
पर मैं नहीं माना. मैं वहां पर भी उंगली करता रहा.

काफी देर से चुदाई करने के बाद मेरा और उसका एक साथ होने वाला था.

वह बोलने लगी- बस अब पानी आ रहा है.
मैंने भी बोला- बस मेरा भी होने वाला है डार्लिंग. थोड़ी देर और रुक जाओ.

एक मिनट बाद भी हम दोनों एक साथ झड़ कर निढाल हो गए.

हम दोनों ने अलग होकर कपड़े पहने.

पहले मैं, फिर वह नीचे आ गई.
किसी को कुछ पता नहीं चला.

कुछ दिन तक हम दोनों ऐसे ही हॉट गर्ल ऑफिस फक के मजे लेते रहे.
अब वह कहीं और चली गई है.

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