उन्नीस की चूत छप्पन का लंड- 3

न्यूड यंग गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे बेटे की साली मेरे साथ सेक्स करने के लिए मेरे फार्म हाउस में आ गयी थी. शाम को हमने एक एक पेग लिया और वो मेरी गोद में थी.

नमस्कार दोस्तो, मैं सुरेंद्र सिंह सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर आप सभी पाठकों के समक्ष उपस्थित हूँ.
मैं उम्मीद करता हूँ कि कहानी के पिछले भाग आप लोगों को अच्छे लगे होंगे और कहानी आपको पसंद आ रही होगी.

कहानी के पिछले भाग
बेटे की साली को बॉयफ्रेंड के साथ नंगी पकड़ा
में अभी तक आपने पढ़ा है कि मैं प्रिया से जो चाहता था उसके लिए मैंने किसी तरह से उसे तैयार कर लिया था.

हालांकि उसकी कुछ शर्तें थी मगर वो मेरे साथ चुदाई के लिए तैयार हो चुकी थी.
मैं प्रिया से उसकी सहमति के बिना कुछ नहीं करने वाला था, जो वो कहेगी, वैसा ही मैं करूंगा.

अब आगे न्यूड यंग गर्ल सेक्स कहानी:

फिर तीन दिन बाद मैंने अपने फार्म हाउस जाने का मन बनाया.

मेरा फार्म हाउस मेरे घर से 35 किलोमीटर दूर है. वहां मैंने रखरखाव और खेती देखने के लिए एक आदमी को रखा हुआ है.

रात को ही मैंने उसे फोन कर दिया और सारी व्यवस्था करने के लिए बोल दिया था.
मैंने प्रिया को भी बता दिया कि कब चलना है.

मैं जल्द से जल्द इस काम को अंजाम देना चाहता था क्योंकि पता नहीं कब लॉकडाउन खुल जाता और प्रिया अपने घर चली जाती.
मैंने अपने घर में यानि कि अपने बेटे और बहू को कहा- मैं एक दो दिन के लिए फार्म हाउस जा रहा हूँ और सोच रहा हूँ कि प्रिया को भी वहां घुमा लाऊं … उसका भी मन बहल जाएगा.

मेरे बहू बेटे दोनों की ही नई नई शादी हुई थी, उनको भी अकेले में समय बिताने का मौका चाहिए था.
उन्होंने भी तुरंत ही इस बात की सहमति दे दी.

अब मेरा सारा काम हो गया था.

4 अप्रैल को हम दोनों को फार्म हाउस जाना था.
उसके एक दिन पहले ही मैंने अपने गुप्तांगों की साफ सफाई की और तीन बार लंड की मालिश की.

प्रिया भले ही एक बार चुदाई के लिए तैयार हुई थी मगर मैं उसे पूरी रात चोदने की फिराक में था.
तब भी मैं कोई जबरदस्ती नहीं करने वाला था, मैं जो भी करता प्रिया की मर्ज़ी से ही करता.

उसके लिए मैंने सब सोच लिया था कि किस तरह से प्रिया को तैयार करना है.

मैं प्रिया की जवानी का पूरा मजा लेना चाहता था.
मगर ये तभी संभव हो सकता था जब प्रिया अपने आपको पूरी ख़ुशी और पूरे मन से मुझे सौंप देती.
क्योंकि चुदाई का असली मजा तब ही आता है, जब लड़की खुद अपने दिल से अपने जिस्म को सौंप देती है.

इसके लिए मैंने सब सोच लिया था कि प्रिया ख़ुद पूरी तरह से खुलकर मुझसे चुदेगी … वो भी पूरी रात.
मैं जानता था कि प्रिया जैसी माल मेरी जिंदगी में दुबारा नहीं आने वाली इसलिए इस मौके को मैं पूरी तरह से यादगार बनाना चाहता था.

ये चुदाई मेरी जिंदगी की सबसे हसीन चुदाई होने जा रही थी.
अगली सुबह मैं और प्रिया वहां जाने के लिए तैयार हो गए.

प्रिया ने एक छोटा सा बैग लिया था, जिसमें शायद उसके कपड़े थे.

मैंने भी अपना एक बैग तैयार किया था जिसमें मेरी जरूरत का सामान था.

कुछ ऐसा सामान भी था जिसको मैं चुदाई के लिए इस्तेमाल करने वाला था.
दारू की तीन बोतलें भी थीं.

क्योंकि उस समय शराब मिल नहीं रही थी और मेरे पास चूंकि हर समय स्टॉक रहता था तो मैंने सोचा कि एक बोतल अपने फार्महाउस के केयरटेकर को भी दे दूंगा.

सुबह 11 बजे मैं और प्रिया अपनी कार से फार्म हाउस के लिए निकल गए.
उस वक्त प्रिया ने गुलाबी रंग का फ्रॉक पहना हुआ था जो उसके घुटनों के थोड़े ही नीचे तक था.

उस फ्रॉक में किनारे की बांहें नहीं थीं जिससे उसकी गोरी और भरी हुई बांहें मेरा लंड अभी से हिला रही थीं.
कार में प्रिया मेरे बगल में ही बैठी हुई थी और मैं कार चला रहा था.

हम दोनों का सफर करीब डेढ़ घंटे का होने वाला था क्योंकि वो सड़क गांव की थी और बहुत सही हालत में नहीं थी.
प्रिया बिल्कुल शांत कार में बैठी हुई थी और न मैं ही कुछ बोल रहा था.
बस बार बार मैं प्रिया को देखते जा रहा था.

प्रिया ने बाल खुले रखे हुए थे, जो कि चलती हुई कार में बार बार उड़ रहे थे. प्रिया बार बार अपने बालों को संवार रही थी.

अचानक से मेरी नजर प्रिया के अंडरआर्म पर गई. उसके अंडरआर्म बिल्कुल साफ और चिकने थे.
मैं समझ गया कि उसने आजकल में ही अपने अंडरआर्म के बाल साफ किए होंगे. इसका मतलब था कि वो भी पूरी तैयारी से आई थी, तभी उसने बाल साफ किए थे.

इसी तरह हम आधे रास्ते का सफर तय कर चुके थे.
तब मैंने ही आगे बढ़ते हुए उससे बातें शुरू की.

मैं- तुम इतनी शांत क्यों हो?
प्रिया- आप भी तो कुछ नहीं बोल रहे.

मैं- मुझे ऐसा लग रहा है जैसे तुम मुझसे कुछ नाराज सी हो.
प्रिया- नहीं, ऐसा नहीं है. मैं क्यों नाराज रहूंगी.

फिर मैंने धीरे धीरे बातें करते हुए उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगा.
तब मुझे पता चला कि उसका बॉयफ्रेंड अभी कुछ महीनों पहले ही बना था. वो मेरे शहर में ही रहता था और उसके कॉलेज का फ्रेंड था. जिस वजह से उसे मेरे घर आने में सहूलियत हो गई थी.
और प्रिया भी अपनी बहन के साथ मेरे घर उसी से मिलने आ गई थी. वो होली की छुट्टियों में घर आया था और बाद में लॉकडाउन के कारण ये सब हुआ था.

उसके ब्वॉयफ्रेंड की जानकारी मिली तो मैंने समझ लिया कि उसने ज्यादा चुदाई नहीं की होगी.

मैं उससे रास्ते भर बातें करता रहा, जिससे कि उसकी जो झिझक थी, वो कम हो सके.
करीब एक बजे के आसपास हम लोग फार्महाउस पहुंच गए.

मेरा फार्महाउस गांव से अलग बना हुआ है.
वहां मेरी 15 एकड़ जमीन है, जहां मैं खेती करवाता हूँ.

मैंने अपने फार्महाउस में वो हर इंतजाम किए हैं, जिनका मुझे शौक है. एक तरह से मैंने अपनी अय्याशी के लिए पूरे इंतजाम किए हुए थे.
वहां वो सब कुछ था जो एक शानदार होटल में रहता है.

फार्महाउस पहुंचने पर किशोर ने बाहर का गेट खोला.
किशोर वही आदमी है, जिसको मैंने फार्महाउस और अपनी खेती के लिए रखा हुआ है.

हम लोग कार से उतरे और किशोर ने हमारा सामान अन्दर रखा.
कुछ देर बाद मैंने किशोर को बोतल दे दी, वो खुश हो गया.

कुछ समय आराम करने के बाद मैंने किशोर को बोला कि जब तक हम लोग हैं, हमारे खाने का इंतजाम अच्छे से करना. यहां प्रिया को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
इतने में प्रिया ने कहा- नहीं, खाना मैं खुद ही बनाऊंगी.

मेरे समझाने के बाद भी वो नहीं मानी और मैंने बोल दिया कि ठीक है तुम ही खाना बनाना.

उसके बाद मैं और किशोर खेत देखने के लिए चल पड़े.
प्रिया वहीं कमरे में ही रही.

करीब दो घंटे बाद हम वापस लौटे तो प्रिया ने खाना भी बना लिया था.

हम सबने मिलकर खाना खाया और फिर मैंने किशोर को कहा- जब खाना प्रिया बना लेती है, तो तुम ऐसा करो, छुट्टी ले लो … और अपने घर हो आओ. जब हम जाएंगे, तो मैं तुमको फोन कर दूंगा. तुम आ जाना.

किशोर ने भी वैसा ही किया और अपने घर चला गया. उसका घर पास के ही गांव में था.
उसके बाद वहां मैं और प्रिया ही रह गए थे.

कुछ समय बाद प्रिया अकेली ही खेतों की तरफ़ टहलने चली गई और मैं कमरे में आराम करने लगा.
किसी तरह शाम हुई और प्रिया ने शाम का खाना तैयार करने के लिए कहा. मगर अब तो मेरी भूख जैसे मर ही गई थी क्योंकि अब मेरे अन्दर चुदाई की भूख जाग उठी थी.

शाम 7 बजे मैंने सारे दरवाजे बंद कर दिए और अपना काम शुरू करने की सोची.
मैं और प्रिया सामने कमरे में बैठे हुए टीवी देख रहे थे.

मैं कमरे से व्हिस्की की एक बोतल, कोल्डड्रिंक, दो गिलास और काजू का पैकेट ले आया.
प्रिया को भी मैं व्हिस्की का नशा करवाना चाहता था.

मैं उसके अन्दर का डर, झिझक और शर्म को पूरी तरह से निकाल देना चाहता था, तभी वो मुझे अपना असली मजा देती.
पहले मैंने अपने लिए व्हिस्की का जाम बनाया और प्रिया के लिए कोल्डड्रिंक निकाली.

प्रिया उस वक्त मुझसे दूर बैठी हुई थी.
मैंने उसे अपने पास बुलाया और कोल्डड्रिंक दी.

मैंने अपना जाम खत्म किया और प्रिया से बोला- अगर तुम भी मेरे साथ व्हिस्की लो, तो अच्छा रहेगा.
प्रिया- नहीं नहीं … मैंने ये कभी नहीं पी.

मैंने उससे खुलकर कहा- देखो आज यहां जो भी होगा, उसका पता कभी किसी को नहीं चलने वाला. अगर तुम व्हिस्की लोगी, तो तुम्हारे लिए बहुत अच्छा रहेगा. मैं ज्यादा पीने के लिए नहीं कह रहा हूँ, जितना तुमसे हो सके, बस उतना ही पीना.
शायद वो पहले से ही इसकी शौकीन थी तो उसने बिना झिझक के कह दिया- ठीक है.

मैंने उसके कोल्डड्रिंक में थोड़ी थोड़ी व्हिस्की डालनी शुरू की.
शुरू में उसे पीने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

फिर मैं हर पैग के साथ व्हिस्की की मात्रा बढ़ाता गया.

चार पैग के बाद व्हिस्की ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और प्रिया की आंखें अब नशे के सुरूर में आ चुकी थीं.
अब कुछ समय के लिए मैंने पैग बनाना बंद कर दिया.

उस वक्त तक मैंने भी 4 पैग मार लिए थे और मुझे भी हल्का नशा होने लगा था.
अब मुझे प्रिया की जवानी ही दिख रही थी.

मैंने आहिस्ते से उसका हाथ अपने हाथों में लिया और बोला- प्रिया, मैं तुम्हें बेहद पसंद करता हूँ. शादी में पहली बार तुम्हें देखा था, तब से तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ. बस तुमसे ये बात तुमसे कह नहीं सका. और अगर उस तुम्हारे दोस्त वाली घटना नहीं होती तो शायद हम दोनों अभी यहां नहीं होते क्योंकि मैं कभी अपने दिल की बात तुमसे नहीं कह पाता. अब मेरी ऐसी उम्र नहीं है कि तुम जैसी जवान लड़की मेरी किस्मत में आए.

मैं प्रिया को अपने दिल की बात बोलता जा रहा था- प्रिया, मुझे तुम पहली नजर में ही इतनी पसंद आ गई थी कि मैं तुम्हारा दीवाना हो गया था, तुमको बार बार देखने के लिए मैं तुम्हारे आसपास रहने का बहाना ढूंढता था. किस्मत से तुम अपनी बहन के साथ मेरे घर पर रहने के लिए आ गई.

वो चुपचाप बैठी मेरी बातों को गौर से बस सर झुकाए सुन रही थी.

“प्रिया मैं तुम्हारे साथ कभी गलत नहीं करना चाहता था मगर अपने अनुभव से मैं जानता था कि तुम भी सेक्स को काफी पसंद करती हो. अगर ऐसा न होता तो तुम अपने दोस्त को मेरे घर तक नहीं बुलाती.”

इसके बाद मैंने बहुत इमोशनल होते हुए एक बात बोली- अंत में मैं तुमसे बस एक ही बात कहना चाहता हूं कि अगर तुम्हारा दिल नहीं चाहता कि तुम मेरे साथ कुछ करो, तो मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं करूंगा. लेकिन तुम इसके लिए तैयार हो तो मैं वादा करता हूँ कि ये बात जिंदगी में कभी किसी को पता नहीं चलेगी और तुम जब तक चाहोगी, मैं तुमको हर वो खुशी दूंगा, जो तुम चाहती हो. अब फैसला तुमको करना है कि तुम क्या चाहती हो. अगर तुम्हारी हां है, तो ठीक … नहीं तो तुम कमरे में जा सकती हो, मुझे बुरा नहीं लगेगा.

इसके बाद भी प्रिया चुप रही.
वो अपना फैसला लेने के लिए कुछ सोच रही थी.

फिर प्रिया ने अपना हाथ व्हिस्की की तरफ़ बढ़ाया और दोनों के लिए व्हिस्की का पैग तैयार किया.

इस बार उसने अपने लिए कोल्डड्रिंक न लेते हुए सोडे में ही पैग बनाया.
उसने अपने दोनों हाथों में दोनों गिलास उठाए और अपनी जगह से उठकर मेरी गोद में आकर बैठ गई.

उसने मेरी तरफ़ देखा और हल्की मुस्कान के साथ बोली- आप जैसा बोलेंगे मैं वैसा करूंगी लेकिन कभी भी हमारे संबंध के बारे में किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए.

मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर डाला और कहा- तुम इसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो. इसके बारे में मरते दम तक किसी को पता नहीं चलेगा.

फिर हम दोनों ने एक दूसरे को बड़े प्यार से व्हिस्की पिलाई.
अब वो पूरी तरह से मेरी थी.
इस वक्त मुझे इतनी ज्यादा खुशी हो रही थी कि बता भी नहीं सकता.

जिसको पाने के मैं सपने देखता था, वो आज स्वेच्छा से मेरी गोद में बैठी हुई थी.
जैसा मैं सोचकर आया था ठीक वैसा ही हुआ भी!

अब बारी थी उसे चोदने की, अपनी हसरत पूरी करने की, जिसके लिए मैं उसे यहां लाया था.
वो भी पूरी तरह से तैयार थी.

मैंने अपना एक हाथ उसके घुटनों पर रखा.
वो मेरी आंखों में देख रही थी.

फिर जैसे ही मैंने अपने हाथ उसके फ्रॉक के अन्दर करना शुरू किया, वो थोड़ा शर्मा गई और उसने मुस्कान के साथ अपनी नजरें नीचे कर लीं.

मैंने उसकी फ्रॉक के अन्दर आहिस्ते आहिस्ते अपना हाथ डाला और उसकी चिकनी जांघों पर चलाने लगा.
आआआ आह क्या गजब की जांघ थी उसकी बिल्कुल मक्खन!

मैं एक हाथ से उसकी कमर को थामे हुए था और दूसरे हाथ से उसकी गोरी जांघों को सहला रहा था.
वो मेरी जांघ पर बैठी हुई थी, उसकी गद्देदार गांड का स्पर्श मेरी जांघों पर हो रहा था.

धीरे धीरे मैंने अपना चेहरा उसके चेहरे के पास ले गया और उसके मुलायम होंठों को देखने लगा.
फिर जैसे ही मैंने अपने होंठ और आगे बढ़ाए, उसने अपना चेहरा घुमा लिया.
उसके गाल अब मेरे सामने थे.

मुझे याद आया कि उसने होंठ पर चूमने से मना किया था.
मैंने उसके गालों को चूमना शुरू कर दिया, गालों को चूमते हुए मैं उसके खूबसूरत कान को चूमने लगा.

वो अब मदहोश होना शुरू हो गई थी, हल्की हल्की सिसकारी उसके मुँह से निकलने लगी.
उसके गले को चूमते हुए मैंने उसके फ्रॉक की चैन खोल दी.

मैंने उसे खड़ा किया और आहिस्ते से उसकी फ्रॉक निकाल दी.
उसने सफेद ब्रा और गहरे लाल रंग की चड्डी पहनी हुई थी.

मैंने भी अपनी शर्ट और बनियान निकाल दी.
वहीं खड़े होकर मैंने उसे गले से लगा लिया.

मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ पर चलने लगे.
उसने भी मुझे अपने से चिपका लिया और अपने आपको मुझे सौंप दिया.

मैंने उसके गालों और गले को चूमते हुए अपनी पैंट नीचे सरका दी.
अब मैं केवल चड्डी में था.

मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम की ओर चल दिया.
उसने अपनी आंखें पूरी तरह से बंद की हुई थीं.

बेडरूम में जाकर मैंने बिस्तर के पास उसे खड़ा कर दिया और उसकी ब्रा को निकाल दिया.
उसके दूध देखकर मेरे तो होश उड़ गए, बिल्कुल सफेद रंग के उसके दोनों दूध और उसमें गुलाबी रंग की छोटे से निप्पल दूध की गोलाइयों पर नीले रंग की नसें साफ साफ दिख रही थीं.

सच में उसको तो भगवान ने फुर्सत से ही बनाया था.

वो मुझसे लम्बाई में कम थी, इसलिए मैं झुककर उसके एक निप्पल को अपने जीभ से चाटने लगा और दूसरे दूध को हाथ से हल्के हल्के सहलाने लगा.

प्रिया- आआ आह मम्मीईई … सीईई इई आआह!

उसके दोनों निप्पल बिल्कुल नुकीले हो कर तन गए.

उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को थाम लिया और मेरे सर को अपने दूध में दबाने लगी.
मैं समझ गया कि इसको भी मजा आ रहा है.

उसे मैं और भी जोश से भर देना चाहता था और उसके बदन को इतना गर्म कर देना चाहता था कि वो पूरी तरह से शर्म छोड़ कर अपने जिस्म को मुझे सौंप दे.

वैसे भी चुदाई का तो मैं इतना अनुभवी था कि प्रिया को आज मैं जन्नत की सैर करवाने वाला था.

ऐसे ही खड़े होकर मैं उस न्यूड यंग गर्ल के दोनों मम्मों पर टूट पड़ा और बारी बारी से दोनों दूध को चूमता और दबाता गया.
कुछ ही पल में उसके दोनों दूध पूरी तरह से लाल हो चुके थे.

उसकी सिसकारी थोड़े दर्द में बदलने लगी क्योंकि शायद मेरी कठोर हथेलियों के कारण उसके मुलायम दूध छिल रहे थे.
वो छटपटाने लगी- आआह मम्मीईई आआह ऊई बस्स करोओ आआह छोड़ दो.

मैं उसे अब और नहीं तड़पाना चाहता था इसलिए मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया.
वो शर्म के मारे तुरंत ही चादर खींचने लगी मगर मैं चादर हटाकर उसके पैरों के पास बैठ गया.

वो केवल चड्डी में मेरे सामने लेटी हुई थी और दोनों हाथों से अपने चेहरे को छुपाए हुई थी.

दोस्तो, न्यूड यंग गर्ल सेक्स कहानी के अगले भाग में आप पढ़िए कि किस तरह से मैंने उस हसीन जवान लड़की की खूबसूरत चूत को अपने फौलाद जैसे लंड से इतनी बुरी तरह से चोदा कि उसे मेरे पैर पकड़ने पड़ गए. आप चाहें तो कोमल को मेल कर सकते हैं.
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न्यूड यंग गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग: