बस ड्राइवर ने बुझाई मेरी चूत की प्यास

गर्ल स्टूडेंट सेक्स स्टोरी दो सहेलियों की बुर चुदाई की है. सहेली ने मुझे एक सेक्स वीडियो दिखाई तो मेरा मन भी चूत में लंड लेने के लिए करने लगा।

सभी को मेरा नमस्कार! मेरा नाम शफ़क है।
मेरी यह गर्ल स्टूडेंट सेक्स स्टोरी तब की है जब मेरा स्कूल खत्म होने ही वाला था।

स्कूल की मेरी एक सहेली जीवा को हमेशा सेक्स करने का मन किया करता था। उसको जब भी मौका मिलता था, वो मेरी चूत पर हाथ लगा देती थी।
बार-बार मेरी चूत पर हाथ लगना मुझे भी अच्छा लगता था।

एक रात की बात है कि मेरे व्हाट्सऐप पर एक मैसेज आया।
मैंने खोलकर देखा तो जीवा का ही मैसेज आया हुआ था।
मैसेज में उसने एक वीडियो भेजा था जिसमें इंडियन लड़की की चुदाई चल रही थी और कोई देसी लड़का ही उसको चोद रहा था।

देसी इंडियन चुदाई की वो वीडियो मैंने देखी तो मेरी चूत में भी गर्मी सी आने लगी और वो हल्की सी गीली भी हो गई।
मैंने जीवा को मैसेज किया कि मुझे ऐसी हॉट देसी चुदाई की और भी वीडियो देखनी हैं।
फिर उसने मुझे एक सेक्स वीडियो लिंक भेजा जिसमें लड़का-लड़की की चुदाई नहीं, बल्कि दो लड़कियां आपस में लेस्बियन सेक्स कर रही थीं।

मेरी चूत से पानी आने लगा था।
मैं बस उसी को देखती रही और फिर मैं सो गई।

सुबह उठी तो बस वो वीडियो ही मेरे दिमाग में घूम रही थी।

फिर मैं स्कूल के लिए तैयार होकर स्कूल बस में जाकर बैठ गई।

आज जीवा मेरे पास मेरी वाली सीट पर ही आकर बैठ गई।
उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा और पूछा- कैसी लगी रात वाली वीडियो?

मैं मुस्करा दी और बोली- यार बड़ा मजा आया, वो सेक्स वीडियो देखकर तो मेरी चूत से पानी भी निकला।
यह सुनकर वो हंसी और बोली- जवान हो गई यार तू तो!

इतना कहकर वो मेरी जांघ पर हाथ फेरने लगी।
मुझे भी अच्छा लग रहा था।

फिर वो अपना हाथ मेरी जांघों के बीच में अंदर ले गई।
हम दोनों अपनी ही मस्ती में थीं और बाकी चीजों पर ध्यान नहीं दे रही थीं।

बस में भी सब अपने में व्यस्त थे इसलिए किसी ने हम पर ध्यान नहीं दिया।

जीवा मेरी चूत के पास वाले एरिया को सहला रही थी जिससे मुझमें एक वासना सी जाग गई थी।
मैंने खुद अपने हाथ से अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया ताकि जीवा अपना हाथ मेरी सलवार के अंदर ले जाए और चूत को और ज्यादा मजा आए।

जीवा ने भी ऐसा ही किया, उसने अपना हाथ मेरी सलवार में अंदर डाल दिया और हल्के हल्के पहले मेरी जांघों पर फिराया, फिर मेरी पैंटी पर रख लिया। उसका हाथ ठीक मेरी चूत के ऊपर था और मैंने जांघों को भी फैला लिया था ताकि चूत को उसके हाथ का मजा ज्यादा से ज्यादा मिले।

वो धीरे धीरे मेरी चूत को सहला रही थी और मैं जैसे मदहोशी में बहने लगी थी।
ऐसा मन कर रहा था कि वो मुझे नीचे से पूरी नंगी कर ले और अच्छे से मेरी चूत को अपनी हथेली से रगड़े।

वो भी मेरे हाव-भाव देखकर शायद समझ रही थी कि मैं कितनी गर्म हो रही हूं।

मुझसे अब चूत की उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी।
मैं उससे बोली- यार … आज बहुत मन कर रहा है, आज अच्छे से पानी निकलवा दे इसका!
वो बोली- ठीक है, जैसे मैं कर रही हूं, तू भी वैसे ही कर!

हम दोनों ने अपने आगे बैग रख लिया ताकि दूसरे किसी देखने वाले को ये पता न लगे कि हमने सलवार खोलकर चूत पर हाथ रखा हुआ है।

जीवा ने भी अपनी सलवार खोल ली और मैंने भी उसकी सलवार में हाथ डाल दिया।
अब मैं भी सहेली की चूत को सहलाने लगी।

अब हम दोनों ही हवस में पागल सी होने लगी थीं।
उसने मेरी चूत के दाने को मसलना शुरू कर दिया।
मैं भी बिल्कुल वैसे ही उसकी चूत को सहलाती रही।

फिर उसने मेरी कच्छी को थोड़ा और नीचे किया और मेरी चूत में उंगली अंदर सरका दी।

अब तो मेरी उत्तेजना का ठिकाना नहीं रहा, मेरी जांघें फैल गईं और मैंने भी तेजी से उसकी चूत को रगड़ना चालू कर दिया।
हम दोनों के हाथ तेजी से हिल रहे थे।

ये देखने के लिए कि हमें कोई देख तो नहीं रहा, मैंने यहां वहां नजर दौड़ाई।
सामने देखा तो बस ड्राइवर हम दोनों को ही घूर रहा था।

ये देखकर कि कोई मर्द मुझे देख रहा है, मेरा मन उसका लंड लेने के लिए करने लगा।

मैं जीवा की उंगली को उस ड्राइवर के लंड की तरह सोचने लगी कि उसका लंड मेरी चूत में जा रहा है।
अब मैं और ज्यादा गर्म हो गई।
उस वक्त अगर बस खाली होती तो जरूर मैं खुद जाकर उस ड्राइवर से चुद लेती।

वो भी मुझे हवस भरी नजरों से देख रहा था और मैं भी उसको चुदास भरी निगाहों से देख रही थी।

इसी उत्तेजना में मेरी चूत से पानी छूट गया और उधर जीवा की चूत भी झड़ गई।
बस चलती जा रही थी।

हमारा स्कूल अब नजदीक था और हमने जल्दी से अपने आप को व्यवस्थित कर लिया।

उस दिन के बाद मैं जीवा से और ज्यादा खुल गई।
हम दोनों में अब सब कुछ शेयर होता था।

अब मेरा और जीवा का जब कभी स्कूल में सेक्स करने का मन करता तो जीवा मुझे अपने साथ टॉयलेट में ले जाती और हम दोनों एक दूसरे की चूत को उंगली से चोद कर शांत करते।
मगर एक लड़की अच्छी तरह जानती है कि उंगली से चूत शांत करने और लौड़ा लेकर चुदने में कितना अंतर है।
बिना लंड के मैं भी अधूरी ही थी।

बस अब मैं अपनी चूत को किसी लौड़े का रस पिलाना चाहती थी।
जब मैं स्कूल आती या स्कूल से घर जाती तो वो ड्राइवर हमेशा मुझे घूरता रहता था।
मैं भी उसे पूरी लाइन देती थी लेकिन जीवा मुझे बोलती रहती कि वो तेरी चूत को फ़ाड़ देगा लेकिन मजा भी इतना देगा जितना कभी न मिला हो।

जीवा की बातें सुनकर अब मैं बस उसी के लंड से चुदने के ख्यालों में खोई रहने लगी थी।

वैसे भी एक बात हमेशा मेरे मन में रहती थी कि जब उंगली से चुदने में इतना मजा आ सकता है तो लौड़े से चुदने में कितना मजा आता होगा।
मैं वो मजा चखना चाहती थी, चाहे लंड किसी का भी मिला जाए, लेकिन चूत में चला जाए बस!

इतना सोचकर मैं रोज ड्राइवर की ओर एकटक देखती रहती थी।
वो भी शीशे को गाड़ी चलाते टाइम मेरी ओर ही रखता था।
जीवा भी मेरी तरह उससे चुदना चाहती थी।

फिर हम दोनों का एक दिन उससे चुदने का मूड बन गया और मैंने ड्राइवर का फोन लेकर उसमें अपना नंबर सेव कर दिया जिससे हम बात कर सकें।
जब मैं रात को फ्री होती तो ड्राइवर से बात करती।
हम दोनों गंदी बातें भी करने लगे।

एक दिन ड्राइवर ने मुझे टॉयलेट के पास मिलने के लिए कहा।
उसने 11 बजे का टाइम दे दिया।

मैं अगले दिन स्कूल में टॉयलेट का बहाना लेकर जीवा के साथ वहां गई।

हम जब पहुंचे तो वहां पर कोई भी नहीं था।
मैंने जीवा से रुकने के लिए कहा और मैं अंदर चली गई।

तभी किसी ने मुझे पीछे से बहुत जोर से अपनी बांहों में कस लिया।
उसके हाथ सीधे मेरी चूचियों पर आकर रुके और पीछे उसने अपने लंड को मेरी गांड पर सटा दिया था।

मैं एकदम से उत्तेजना महसूस करने लगी।
वैसे भी मैं पहले दिन से ही चुदाई के ख्यालों में थी।

पीछे से मेरे कानों में आवाज आई- मैं ड्राइवर हूं।
इतना सुनकर मैं शांत हो गई और पीछे मुड़ गई।
ड्राइवर ने मुझे गले से लगा लिया और मुझे चूमने लगा।

साथ-साथ वो नीचे मेरी सलवार में हाथ डालकर मेरी चूत को सहलाने लगा।
उसकी उंगली मानो कोई 12वीं क्लास के लड़के का लंड हो, जो मेरी चूत को अच्छे से चोद रही थी।

ड्राइवर बोला- यहां अच्छे से नहीं चोद पाऊंगा, तू एक काम कर … बाथरूम से थोड़ी दूर स्कूल बस खड़ी है, उसमें जाकर छुप जा, मैं किसी बहाने से गाड़ी कहीं पर लेकर जाऊंगा और फिर अच्छे वाली चुदाई करूंगा तेरी। स्कूल की छुट्टी के टाइम मैं तुझे क्लास में भी घुसा दूंगा। अभी 2 घंटे हैं छुट्टी होने में।

इतना सुनकर मैं खुश हो गई और बाहर निकलकर जीवा को लेकर बस में चुपचाप से जाकर छुप गई।
अब ड्राइवर आया और बस को स्कूल से बाहर निकालकर किसी सुनसान इलाके में ले गया।
बस में हम तीनों ही थे।

उसने बस ले जाकर रोक दी।
मैं और जीवा बस में ड्राइवर के पास आ गए।

जीवा को देख कर वो और ज्यादा खुश हो गया और बोला- आज 2 कच्छी एक साथ फाडूंगा।

इतना सुनते ही मैंने ड्राइवर से कहा- पहले आप मुझे गाड़ी चलाना सिखाओ।
ड्राइवर ने मेरा हाथ पकड़ा और खींचकर मुझे अपनी गोद में बैठा लिया और बोला- तुम बस मुझे देखो, जहां मैं पैर रखने के लिए बोलूं वहां पैर रखना।

मुझे ड्राइवर का मोटा लौड़ा अपनी सलवार में से अंदर चुभता महसूस हो रहा था।

मैं बस जल्दी से लंड का मजा ले लेना चाहती थी।
उधर ड्राइवर भी दोनों को चोदने के लिए फड़फड़ा रहा था।

उससे भी रुका न गया और उसने अपना हाथ मेरी सलवार का नाड़ा खोलकर मेरी सलवार में डाला और मेरी छोटी सी, मासूम सी चूत को सहलाने लगा।
तभी जीवा ने मेरा शर्ट उठाया और मेरी ब्रा से मेरी चूचियां बाहर निकालकर मेरे निप्पल बारी बारी से चूसने लगी।
उससे मुझे बहुत मजा आ रहा था, मानो स्वर्ग बस सेक्स में ही हो।

अब ड्राइवर ने मुझे खड़ी किया और बोला- मेरे लंड को तुम दोनों एक एक करके अच्छे से चूसो।
मैंने बोला- मैं लौड़े को सहला दूंगी, बहला दूंगी लेकिन मुंह में नहीं लूंगी।
वो बोला- ठीक है, तू सहला ही दे प्यार से!

फिर मैंने उसकी पैंट की चेन खोली और अंडरवियर में हाथ देकर लंड को बाहर निकाल लिया।
उसका लौड़ा उसकी पैंट से निकाला तो जीवा और मेरा मुंह खुला का खुला रह गया।

इतने में जीवा ने नीचे घुटनों पर बैठकर ड्राइवर के लौड़े को प्यार करना शुरू कर दिया।

वो उसके लंड को चूमने लगी, सहलाने लगी, हाथ से हल्की मुठ भी मारने लगी।
लंड को सहलाते हुए वो कह रही थी- आह्ह … कितना बड़ा और मोटा है यार … मन कर रहा है पूरे दिन चुदती रहूं इससे!

उसकी बातों से मैं भी और ज्यादा गर्म हो रही थी और मैंने भी ड्राइवर के लंड को प्यार करना शुरू कर दिया।
फिर मैंने उठकर अपने सूट और सलवार को निकाल दिया।

जगह पूरी सुनसान थी इसलिए नंगी होने में भी कोई डर नहीं था।

मैंने जीवा के कपड़े भी उतरवा दिए। मैंने ब्लैक ब्रा-पैंटी पहनी थी और जीवा ने सफेद रंग का सेट पहना था।

तब मैंने ड्राइवर का लंड पकड़ा और उसकी मुठ मारने लगी।
वो मेरी पैंटी में हाथ देकर मेरी चूत में उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा, जिससे मुझे एक अलग सा ही नशा हो रहा था।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने सीट पर जाकर टांगों से अपनी कच्छी बाहर निकाली और ड्राइवर की तरफ चूत कर दी।
ड्राइवर भी बस मुझे चोद देना चाहता था, वो गर्ल स्टूडेंट सेक्स का मजा लेना चाहता था.

जीवा उससे बोली- मैं आपसे अपने घर चुदाई करवा लूंगी, आज रात को घर पर कोई नहीं रहेगा।
इतना कहकर जीवा ने अपनी चूत में उंगली डाली और तेजी से अंदर बाहर करने लगी।

अब बस मुझे चुदना था।

ड्राइवर ने अपने मोटे लंड पर थूक लगाया और धीरे से लंड को अंदर सरका दिया।
लंड बहुत मोटा था तो दर्द तो होना ही था।
मैं उसके लिए पहले से ही तैयार थी, लंड कुछ ज्यादा ही मोटा था इसलिए मुझे सांस लेना मुश्किल हो रहा था।

किसी तरह मैंने लंड के प्रवेश वाले दर्द को बर्दाश्त किया लेकिन मेरी छोटी सी चूत को फड़वाने में एक अलग ही मजा भी आया।
अब ड्राइवर मेरी चूत को चोदने में लग गया।

पहले तो वो हल्के धक्के लगा रहा था और फिर धीरे धीरे उसने लंड अंदर तक घुसेड़ना चालू कर दिया।

मेरी चूत फट रही थी लेकिन पहली चुदाई और पहली बार लंड का चूत के अंदर अहसास मुझे काफी हिम्मत दे रहा था।
इसके साथ ही जीवा मेरी चूत के दाने को सहलाने लगी जिससे मुझे इतना मजा आने लगा कि मेरी आंखें बंद होने लगीं।

अब मैं और ज्यादा टांगें फैलाकर लंड को अपनी चूत में रास्ता देने लगी।

चुदने में इतना मजा आ रहा था कि बस मैं बता नहीं सकती थी।
उसने लगभग 15 मिनट तक मुझे एक ही पोजीशन में चोदा और मेरी चूत सूजकर लाल हो गई।

कमसिन चूत थी और ड्राइवर का लौड़ा हैवी था।
उसने मेरी चूत को रगड़ कर रख दिया।

फिर वो सीट पर लेट गया और मुझे लंड पर बैठने को कहा।
मैं उसके लंड को चूत में लेकर बैठ गई और कूदते हुए चुदने लगी।

मैंने कई बार चुदाई के वीडियो में ये पोज देखा भी था।

अगले पांच मिनट मैंने मस्ती से उसके लंड की सवारी की।
उसने भी मेरी चूचियों को भींचते हुए नीचे से मेरी चूत में धक्के लगाए।
फिर वो एकदम से मेरी चूत में झड़ गया।

मेरी चूत अभी भी नहीं झड़ी थी।
फिर उसने लंड को निकाल लिया और मुझे सीट पर लेटाकर मेरी चूत में तेजी से उंगली करने लगा।
वो चूत की दीवारों को रगड़ रहा था और मैं बस पागल सी हुई जा रही थी।

वो उंगली करते हुए मेरी चूत पर झुक गया और उसके दाने को चूसने लगा; साथ ही उंगली को मेरी छोटी सी चूत में अंदर-बाहर करता रहा।
अब मैं स्वर्ग में थी, जैसे मेरे अंदर भी अजीब सी लहर उठने लगी थी।

फिर एकदम से मेरी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और मैं हांफने लगी।
मेरा बदन पसीने से भीग गया था।

उधर जीवा अपनी चूत में तेजी से उंगली कर रही थी और दो मिनट बाद वो भी झड़ गई।

हम तीनों को बहुत मजा आया।

चुदाई के बाद हमने अपने कपड़े पहने और ड्राइवर ने छुट्टी के टाइम पर हमें स्कूल में पहुंचा दिया।

मेरी चूत में मीठा मीठा दर्द और जलन हो रही थी।

मगर जो भी हो, चुदने में ऐसा मजा आया कि मैं उस दिन को आज तक नहीं भूली हूं।

उस रात मेरी सहेली जीवा ने भी घर बुलाकर ड्राइवर के साथ पूरा मजा किया, उसकी भी ड्राइवर ने जबरदस्त चुदाई की थी।

तो दोस्तो, ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी।
आपको ये गर्ल स्टूडेंट सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना। आप सब अपने फीडबैक कमेंट बॉक्स में दें।

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