इंडियन Xxx लेडी सेक्स कहानी में अपनी सगी भाभी के मायके में मैंने भाभी की बड़ी बहन को उस वक्त चोदा जब मेरी भाभी हमारे ही साथ सोयी हुई थी. लेकिन हमें भाभी ने पकड़ लिया।
दोस्तो!
मैं राजकुमार, प्रयागराज से।
कैसे है आप लोग?
मैं आज फ़िर से हाज़िर हूँ आप लोगों के सामने अपनी एक नई कहानी को लेकर।
पिछली कहानी
भाभी की बड़ी बहन की चूत फाड़ चुदाई
में मैंने अपनी भाभी की बड़ी बहन रजनी की उसके मायके में चुदाई की.
और उन्होंने मुझसे मेरी भाभी की भी चूत दिलवाने का वादा किया था।
यह कहानी थोड़ी लंबी हो सकती है इसलिए मैंने इसके 2 पार्ट बना दिए हैं लेकिन धैर्य रखकर पढ़ें।
मैं इस बात की गारंटी मैं लेता हूँ कि कहानी पढ़ने के बाद महिलाएं चूत में उंगली करके और मर्द हिलाकर पानी निकाले बिना नहीं रह पायेंगे।
लेखन में कुछ गलतियाँ हो तो माफ कर दे।
अब सीधे इंडियन Xxx लेडी सेक्स कहानी पर आता हूँ।
मैंने अपनी भाभी के मायके में रुककर 4 दिन तक उनकी दीदी की खूब चुदाई की।
इसके बाद मैं घर आ गया।
पहले की तरह दीदी से फोन पर बातें होने लगी।
क्योंकि जाने का मौका ही नहीं मिल रहा था तो हम फोन पर ही सेक्स चैट करने लगे।
फ़िर लगभग 3 महीने बाद दीदी के छोटे भाई की शादी तय हुई।
जो कि पिछले साल मतलब 2023 के जनवरी महीने में थी।
मेरी भाभी अपने भाई की शादी की तैयारी के लिए 1 महीने पहले ही मायके चली गई।
उनका भाई बंगलौर में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता है।
प्राइवेट कंपनी की हालत तो हम सभी जानते ही है इसलिए उसको शादी के लिए केवल 5 दिन की ही छुट्टी मिली।
जैसा कि आप लोग जानते ही होंगे कि शादी के घर में सैकड़ों काम होते हैं।
तो वे सब काम करने के लिए भाभी की दीदी ने शादी के 15 दिन पहले मुझे बुला लिया।
मैं भी खुशी–खुशी भाभी के मायके चला गया।
पहले दिन मेरा बिस्तर भाभी की माँ के कमरे में लगा दिया गया।
मैंने रात जैसे–तैसे कटा।
सुबह मैंने रजनी दीदी (भाभी की दीदी) को बुलाया और उनसे बोला– ऐसे काम नहीं चलेगा।
जिसके बाद वे बोलीं– रुको कुछ करते हैं।
अगली रात 2 तख्त एक साथ लगाकर 4 लोगों के लेटने की व्यवस्था हुई।
मैं, भाभी, रजनी दीदी, और मेरा भतीजा हम चार साथ में लेटे हुए थे।
मैं बता दूं, मेरी भाभी की उम्र 28 साल है।
उनका 2 साल का एक लड़का है।
उनका शरीर एकदम मस्त भरा हुआ है।
मैं तकरीबन रात के 9 बजे खाना खा कर लेटने चला गया।
चुकी गाँव में शादी के समय रात में गाना–बजाना होता है।
तो रजनी दीदी और भाभी देर रात को कमरे में आये।
रजनी दीदी मेरे बगल में लेट गयी और उनके बगल में भाभी और अंत में भाभी का बच्चा।
जैसा कि मुझे पहले से पता था कि आज हम सब साथ में सोने वाले थे।
तो मैंने पहले से ही सारी व्यवस्था कर रखी थी।
रजनी दीदी लेटने के कुछ देर बाद अपना कंबल छोड़ कर मेरे कंबल में आ गई।
फिर उन्होंने मुझे धीरे से जगाया।
मैं जाग गया।
फ़िर हम एक–दूसरे को चूमने लगे जिससे ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … सी’ की आवाज़ आने लगी।
चूंकि बगल में ही भाभी लेटी हुई थी।
तो हम ज्यादा तेज आवाज़ नहीं कर सकते थे।
फ़िर मैंने धीरे से रजनी दीदी के चूचे दबाने शुरू कर दिया।
जिससे उनके मुंह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … आह … सी’ की आवाज तेज हो गयी।
फ़िर मैंने रजनी दीदी के शूट को ऊपर करके उनके दूध पीने लगा।
रजनी दीदी सिसकारियां लेने लगी– उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … आह … सी!
मैं पूरे जोश से रजनी दीदी की चूचे पी रहा था।
पीते–पीते मैंने रजनी दीदी के दूध पर तेजी से दांती काट लिया।
तो वे चीख़ पड़ी– मम्म … मी!
फ़िर थोड़ी देर में धीरे–धीरे ‘आह … सी … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी’ की आवाजें निकालने लगी।
फ़िर मैं उठा और अपने बैग से (जो कि पहले से मैं उस कमरे में ला कर रख दिया था) कॉण्डम निकाला और कंबल में आ गया।
फ़िर मैं धीरे से नीचे आकर रजनी दीदी के सलवार और पैंटी को नीचे करके चूत को चूसने लगा।
अब रजनी दीदी कुछ ज्यादा तेज ही सिसकारियां लेने लगी– उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी!
मैं उनकी चूत को अभी चूस ही रहा था कि रजनी दीदी उठी और मुझे लिटा कर खुद मेरे ऊपर आ गयी।
फ़िर मेरा लोवर और अंडरवियर नीचे करके मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।
उस वक़्त मैं कैसा महसूस कर रहा था यह शब्दों में नहीं बता सकता।
बस मेरे मुंह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … शक इट बेबी’ जैसी आवाज़ें निकल रही थी।
कुछ देर बाद रजनी दीदी ने कॉण्डम मेरे से लिया और लंड पर लगा दी।
फ़िर लंड पर बैठे कर घुड़सवारी करने लगी।
थोड़े ही देर में वे ‘उम्ह … उम्ह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … आह … सी’ जैसी आवाज़ें निकाल रही थी।
लगभग 10 मिनट बाद रजनी दीदी बहुत तेजी से लंड अंदर–बाहर करने लगी।
वे बहुत तेजी से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी’ जैसी आवाजें निकालने लगी।
तभी हमें लगा कि भाभी जाग गयी है।
तो रजनी दीदी ने झट से बिना आवाज़ किए मेरे ऊपर लेट गयी।
फ़िर साइड में होकर वे अपने कपड़े पहनने लगी।
उधर भाभी ने अपना हाथ रजनी दीदी की तरफ बढ़ाया।
लेकिन वे रजनी दीदी को नहीं पायी।
तो वे उठकर बैठ गयी और कमरे की लाइट ऑन कर दी।
लाईट ऑन होते ही वे मुझे और रजनी दीदी को देख लिए।
पहले तो उन्होंने गुस्सा किया।
फ़िर हमको डांटा और बोलीं– सुबह बात होगी।
इसके बाद हम सब सो गए।
सुबह जब मैं उठा तो सब लोग घर में अपने–अपने काम में लगे हुए थे।
मैंने भाभी की माँ से काम पूछा और बाइक लेकर घर से निकल गया।
क्योंकि मुझे भाभी से डर लग रहा था।
मैं दोपहर तक घर नहीं आया।
इस बीच भाभी ने 2-3 बार कॉल किया पर मैंने नहीं उठाया।
लगभग 1 बजे तक मैंने सारे काम निपटा कर एक दुकान पर चाय पी रहा था।
तभी रजनी दीदी का फोन आया।
मैंने तुरंत उठाया।
वे बोलीं– डरो मत, तुम्हारी भाभी से मैंने बात कर ली है। घर आ जाओ और हाँ रात के लिए व्यवस्था करके आना!
मैं बहुत खुश हुआ कि आज भाभी की चूत चोदने को मिलेगी।
मैं तुरंत एक मेडिकल स्टोर पर गया।
वहां जा कर रिब्बेड कॉण्डम लिया और सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवा भी ली।
उसके बाद मैं एक बेकरी गया।
वहां पर 500ml लिक्विड चॉकलेट और कई सारी और भी चॉकलेट लेकर घर आ गया।
घर पहुँचा तो घर के सामने ही भाभी ही मिल गयी।
मैं बिना कुछ बोले सीधा अंदर चला गया।
मैंने चॉकलेट ले जा कर फ्रिज में रख दिया।
थोड़ी देर में भाभी आयी और मुझे खाना देकर चली गयी।
मैं खाना खाकर बाहर टहलने निकल गया।
शाम को लौट कर जब मैं घर वापिस आ रहा था तब रजनी दीदी मिली।
वे बोलीं– आज तुमको मेरी और अपनी भाभी दोनों की सेवा करनी है रात में!
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन आप दोनों लोग रात में लाल रंग की साड़ी पहनना!
रजनी दीदी ने बोला- ठीक है!
मैं अब रात की तैयारी करने लगा।
मैंने फ्रिज में बर्फ जमने के लिए रख दिया।
मैंने जल्दी से रात का खाना खाकर लेटने आ गया और मोबाइल चलाने लगा।
उस रात में गाने का प्रोग्राम जल्दी खत्म हो गया शायद दोनों बहन जल्दी मजा लेने के लिए गाने के प्रोग्राम को जल्दी खत्म कर दी।
लगभग 11 बजे रजनी दीदी कमरे में आयी।
वे लाल साड़ी में कमाल लग रही थी।
मैंने पूछा– कब पहनी?
तो वे बोलीं– आज गाने के समय से ही पहन रखी थी।
फ़िर वे पूछी– तैयार हो सेवा के लिेए?
मैंने बोला- आइए तो पहले सही!
फ़िर वे बाहर चली गयी।
मैं उठा और सेक्स पॉवर बढ़ाने की दवा खा ली।
लगभग 20 मिनट बाद भाभी और रजनी दीदी दोनों साथ में आयी।
मेरी भाभी भी लाल साड़ी में कयामत ढा रही थी।
भाभी की 36 का चूतड़ निकला हुआ देखकर मन कर रहा था अभी ही उनको पटक कर चोद दूं।
फ़िर सोचा सब्र करना ज्यादा अच्छा होगा।
क्योंकि सब्र का फल मीठा मिलने वाला था।
रजनी दीदी मेरे बाईं तरफ आकर बैठ गयी।
भाभी भतीजे को ठीक से कंबल ओढ़ाने लगी।
फ़िर वे आकर मेरे दायीं तरफ बैठ गयी।
थोड़ी देर तक एकदम पिन ड्रॉप सन्नाटा था।
फ़िर रजनी दीदी मुझे पकड़कर चूमने लगी.
मैं भी रजनी दीदी को चूमने लगा।
फ़िर अपने एक हाथ से मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा।
भाभी मेरे एकदम पास आ गयी।
फ़िर मैं रजनी दीदी को चूमना छोड़कर भाभी को चूमने लगा।
भाभी सिसकरियां लेने लगी– उम्ह … उम् … आह … आह … आह … सी!
मैं भाभी को चूमते हुए उनको पूरा लेटा दिया।
फ़िर मैं खुद उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा।
अब बस कमरे से ‘उम् … आह … मु … मु … उम्ह … उम्ह … आह … सी’ की आवाज़ें आ रही थी।
पीछे से रजनी दीदी आकर मेरे बालों पर हाथ घुमाने लगी।
मैं तब भाभी को चूम रहा था।
मैंने हल्का घूमते हुए अपने एक हाथ से साड़ी के ऊपर से रजनी दीदी के चूचे दबाने लगा।
अब सब के मुंह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … आह … सी’ की आवाज़ निकल रही थी।
अब मैं भाभी के गले पर चूमने लगा।
भाभी ने मुझे कसकर पकड़ लिया।
उनके मुंह से जोर–जोर से ‘आह … आह … ईई … आह … आह … सी … आह … ईई … आह … सी …’ जैसी कामुक आवाज़ें आ रही थी।
धीरे–धीरे मैं भाभी के चूची तक पहुँच गया।
उनकी चूची को मैंने साड़ी के ऊपर से ही काट दिया जिससे भाभी चीख़ उठी।
मैंने भाभी की पूरी साड़ी निकाल दी।
फ़िर मैं उनके पेट पर चूमने लगा।
अब मैं अपने दोनों हाथों से भाभी की चूचियां दबा रहा था और उनके पेट पर चूम रहा था।
जिससे उनके मुंह से ‘आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … ईई … आह … सी …’ जैसी कामुक आवाज़ें आ रही थी।
फ़िर मैंने रजनी दीदी से फ्रिज से आइस क्यूब और चॉकलेट लाने को कहा।
रजनी दीदी उठकर चॉकलेट और आइस क्यूब लाने चली गयी।
इसी बीच भाभी ने मेरी टीशर्ट और लोवर निकाल कर फेंक दिया।
फ़िर वे मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चूमने लगी।
फ़िर मैंने भी भाभी का साया और ब्लाउज निकालकर फेंक दिया।
अब वे सिर्फ ब्रा और पैंटी में और मैं केवल बरमुडा में था।
आगे की कहानी अगले भाग में बताऊंगा।
तो दोस्तो, यह थी मेरी इंडियन Xxx लेडी सेक्स कहानी।
अपना कीमती सुझाव आप जरूर दें।
धन्यवाद!
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