एक्स गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी में मेरी पुरानी GF लॉकडाउन के दिनों में मुझे मिल गई. हम पुराने दिन याद करने लगे और मौक़ा पाकर सेक्स कर लिया. उसकी सहेली भी साथ थी.
फ्रेंड्स, मेरा नाम अभय है. यह बदला हुआ नाम है.
मेरी उम्र 24 साल है और हाइट साढ़े पांच फिट की है. लंड की लंबाई इतनी है कि किसी भी लड़की या भाभी का बुरा हाल कर दे.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
आज की यह सेक्स कहानी मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड की शादी के बाद उस वक्त की है जब वह मुझसे मिलने लखनऊ आई थी.
एक्स गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ.
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी अभी शादी नहीं हुई है.
यह बात पिछले साल की है. वह दीपावली का समय था.
मैं अपने घर नहीं जा पाया था क्योंकि लखनऊ में लॉकडॉउन लगा हुआ था.
पर मुझे क्या पता था कि मुझको मेरी फ्रेंड के घर जाना पड़ जाएगा.
जब मैं उसके घर गया तो वहां पर मुझको काजल मिली.
काजल मेरी गर्लफ्रेंड थी.
मैं काजल और प्रिया हम तीनों लोग साथ में रहते थे.
उसी दौरान मेरे और काजल के बीच में प्यार हुआ, पर उस टाइम इससे आगे कुछ नहीं था.
कुछ समय बाद वह अपने घर चली गई और बाद में पता चला कि उसकी शादी कहीं और हो गई.
मुझको बुरा तो बहुत लगा, पर क्या कर सकता था.
फिर जब मैंने उसको प्रिया के घर पर देखा तो उसको देख कर पुराना प्यार वापस से जाग उठा.
मैंने काजल से हाय कहा और उससे उसकी शादीशुदा लाइफ के बारे में पूछा.
वह एकदम से रोने लगी.
उसने कहा- अभय मैंने अपना वादा अभी तक याद रखा है.
मैंने पूछा- कौन सा वादा?
उसने कहा- जो मैंने कहा था कि मेरा पहला बच्चा तुम्हारा होगा.
यह सुनकर मैंने सोचा कि लगता है, इस बार इसकी चुदाई में ही करूँगा.
मैंने उसको इशारा करके बालकनी में बुलाकर कहा- कल शाम 6 बजे मेरे घर पर आ जाना.
वह खुश हो गई.
मैं भी वहां से चला गया और अगले दिन मैं उसके आने का इंतजार करने लगा.
वह ठीक 6 बजे मेरे घर पर लाल साड़ी में आई.
मैंने उसको अन्दर आने को कहा और उसे बिठा कर उसके लिए पानी लाया.
वह पानी पीने लगी.
कुछ पल रुकने के बाद मैं उससे बात करने लगा.
वह मेरे होंठों की तरफ बढ़ी तो मैं भी आगे आ गया और धीरे से उसके होंठों पर किस करने लगा.
मेरी इस तरह की हरकत से वह कसमसाने लगी.
पहले पहल तो वह अपने आपको अलग करने कि कोशिश करने लगी पर कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी.
अगले 5 मिनट तक खूब किस के बाद हम दोनों अलग हुए और कमरे में चले आए.
इधर मैं फिर से उसके होंठ का रस पान करने लगा. इस बार वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
धीरे धीरे हम दोनों बिल्कुल ना के बराबर कपड़ों में आ गए थे.
वह सिर्फ पैंटी में रह गई थी और मैं सिर्फ एक हाफ लोवर में.
मैं उसके मम्मों को एक एक करके चूसने लगा और निप्पल की बाइट लेने लगा.
वह भी पागलों की तरह चिल्ला रही थी और मुझसे धीरे चूसने की कह रही थी.
मगर मैं उसकी एक नहीं सुन रहा था, बस उसको काटे जा रहा था.
कुछ देर बाद मैं उसकी चूत के पास आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा.
वह मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई करने में लगा था.
दस मिनट के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और वह ढीली पड़ गई.
मैं उसका सारा पानी पी गया.
अब मैं उसकी चूत में क्रीम लगा कर अपना लंड उसकी चूत में डालने की कोशिश कर रहा था.
पर उसकी चूत टाइट होने के कारण मेरा लंड फिसल रहा था.
मैंने कुछ सोचा और अपने लंड को एक जोरदार धक्का देते हुए अन्दर को धकेल दिया. तेज धक्के से मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
वह जोर से चिल्लाने लगी और रोने लगी.
उसकी चूत से खून निकलने लगा.
वह चुदवाने से मना करने लगी.
पर अब मैं कहां रुकने वाला था.
मैं उसको किस करके रुक गया.
फिर जब उसका दर्द कम हुआ, तब मैं धीरे धीरे से अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
वह मस्त होने लगी तो मैं उसकी चुदाई करने लगा.
वह कमाल कर रही थी.
साली रोने भी लगी थी और यह भी कह रही थी कि और जोर से उसकी चूत चुदाई करो.
एक्स गर्लफ्रेंड सेक्स करते करते मुझसे अपनी चूत का कीमा बनाने का कह रही थी.
कुछ बीस मिनट के बाद हम दोनों अपने चरम पर आ गए और हम दोनों ने एक साथ अपना पानी निकाल दिया.
चुदाई के बाद हम दोनों अलग हो गए.
उसके बाद वह तीन दिन तक मेरे घर पर रही. हम दोनों ने खूब सेक्स किया.
चूत में लंड ने बीज बो दिया था तो वह पेट से हो गई.
समय आने पर वह मेरे बच्चे की मां बनी.
उसके बाद एक बार हम दोनों ने प्रिया के घर पर चुदाई का प्लान बनाया.
मैं काजल को प्रिया के रूम में ले जाकर उसकी चुदाई कर रहा था.
तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी.
मैं दरवाजा बंद करना भूल गया था.
तभी प्रिया अन्दर आ गई और वह यह सब देख रही थी.
वह भी गर्म हो गई और हम दोनों के सामने नंगी हो गई.
उसी नंगी देख कर मुझे न जाने क्या हुआ कि मैंने काजल की चूत से लंड खींच लिया और अपने रस से भिड़े लौड़े को हाथ से ही मुठियाने लगा.
चूंकि काजल भी मेरे लंड से चुदने का मजा ले चुकी थी और वह इस वक्त अपनी सहेली के आ जाने से और भी ज्यादा कामुक हो गई थी.
काजल ने अपने एक दूध को मसलते हुए प्रिया से कहा- आ जा मेरी रंडी … चूस ले मलाई वाली कुल्फी!
यह सुनकर प्रिया हंस दी और वह इठलाती हुई अपनी गांड मटकाती हुई मेरे करीब आई और उसने झुक कर मेरे लौड़े को सीधे अपने मुँह से चूम कर जीभ से चाट लिया.
मुझे उसकी झूलती चूचियों ने मोह लिया था तो मैंने उसकी एक चूची को हाथ से पकड़ कर सहलाया और जोर से भींच दिया.
उसने लंड मुँह से निकाला और अपने होंठ सिकोड़ कर उन्ह की आवाज निकालते हुए कहा- धीरे मसलो न राजा … दूध की फैक्ट्री है, कोई पत्थर की गेंद नहीं है.
मैंने उसको अपनी बांहों में खींचा और उसके होंठों से अपने होंठ लगा कर अपने ही लंड के रस का स्वाद लेने लगा.
उधर मेरे लंड पर काजल ने कब्जा जमा लिया और वह मेरे टट्टे सहलाती हुई लंड चूसने का मजा लेने लगी.
एक साथ दो दो हसीनाओं को अपने साथ मस्ती करते देख कर मैं अपने नसीब को सराहने लगा कि आज का दिन तो मेरे लौड़े का दिन है.
कुछ देर बाद मैंने प्रिया को घोड़ी बनाया और उसकी चूत में पीछे से लंड ठांस दिया.
वह आह की आवाज करती हुई आगे को हुई लेकिन मेरी मजबूत पकड़ के कारण वह आगे सरक ही न पाई.
चूत के गीली होने के कारण मेरा रसीला लंड एकदम सट की आवाज के साथ अन्दर सरकता चला गया.
प्रिया पहले से ही अपनी चूत चुदवा रही थी, तब भी मेरे मोटे लंड के कारण उसकी आह निकल गई.
मैंने उसकी आह से आनन्द लिया और उसकी कमर पकड़ कर सटासट चुदाई करना शुरू कर दी.
करीब दस मिनट तक की चुदाई के बाद प्रिया झड़ने लगी और वह मेरे सामने ही पलंग पर पसर गई.
इस वजह से मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया.
उसकी चूत के रस से सन कर मेरा लंड कांच जैसे चमक रहा था.
मेरी सांस भी धौंकनी सी चल रही थी.
यह सब देख कर काजल प्रिया को हटा कर उसकी जगह घोड़ी बन गई.
उसे घोड़ी बना देख कर मैंने ठीक वैसे ही महसूस किया कि एक घोड़ी हट जाने के बाद जैसे दूसरी जुत जाती है, काजल ठीक वैसी ही मेरे लौड़े के सामने आ गई थी.
मैंने अपने कड़क लंड को बिना हाथ लगाए काजल की चूत के छेद में लगाने की कोशिश की तो उसी वक्त काजल ने पीछे को होकर अपनी चूत के मुँह में मेरा लंड लेना चाहा.
बस यहीं खेल हो गया.
चूंकि काजल की चूत चुदने को मचल रही थी और मैं भी अपने बिना झड़े लंड का रस निकलवाना चाह रहा था.
लंड ने धक्का तो मारा … मगर भोसड़ी का चूत में न जाकर काजल की गांड में घिस गया.
उसकी गांड भी उस वक्त ढीली हुई पड़ी थी तो मेरे लौड़े ने उसकी गांड को चीरते हुए अन्दर प्रवेश कर लिया.
मुझे उसी पल ऐसा लगा कि मेरे लौड़े को किसी कसी हुई बोतल के मुँह में फंसा दिया गया हो.
मैंने चूंकि काजल की कमर पकड़ी हुई थी और धक्का भी दोनों तरफ से जोर का लगाया गया था, तो लंड गांड में घुसता चला गया था.
जैसे ही लंड गांड के पहले छल्ले को पार करके अन्दर घुस कर फंसा, काजल की समझो मां चुद गई.
वह आह आह करके आगे को हुई.
मगर उसकी कमर मेरे हाथों से जकड़ी हुई थी, तो वह आगे जा ही नहीं पाई.
यह सारा खेल जिस पल हुआ था, उसके अगले ही पल मेरी समझ में आ गया था कि लंड को उसकी सही जगह नहीं मिली है बल्कि गांड मारने का अवसर प्राप्त हुआ है.
मैंने भी अपने लौड़े के दर्द की प्रवाह न करते हुए एक और झटका मार दिया और मेरा लंड काजल की गांड को फाड़ता हुआ उसकी जड़ तक घुस गया.
यह हुआ तो काजल चीखी.
उसकी चीख सुनकर प्रिया एकदम से चौंकी और वह भी नजारा देख कर समझ गई कि गांड का गड्डा बनने लगा है.
उसने भी बिना एक पल की देर किए दौड़ लगाई और वह ड्रेसिंग टेबल से सर में लगाने वाले खोपरे के तेल की बोतल उठा लाई.
वह मेरे लंड व गांड के जोड़ पर तेल टपकाने लगी.
दोस्तो, दरअसल चूत और लंड की चुदाई को प्राकृतिक चुदाई कहा जाता है और गांड मारने को अप्राकृतिक मैथुन कहा जाता है.
इन दोनों किस्म के सेक्स में प्राकृतिक और अप्राकृतिक शब्द इसलिए जुड़ा है क्योंकि चूत में लंड पेलने से चूत रस छोड़ती है. जबकि गांड में से रस नहीं छूटता है तो तेल लगाना जरूरी होता है ताकि चिकनाई मिल जाए … और इसी लिए गुदा मैथुन को अप्राकृतिक मैथुन की संज्ञा दी गई है.
फिर काजल की गांड में जब प्रिया के द्वारा खोपरे का तेल टपकाया गया, तो लंड और गांड की रगड़ में तेल के कारण सुख मिलने लगा.
उससे कुछ ही देर में काजल सामान्य हो गई और हम दोनों गांड चुदाई का मजा लेने लगे.
उस वक्त तक अपने ब्वॉयफ्रेंड से अपनी गांड चुदाई का अनुभव ले चुकी प्रिया ने मुझसे कहा कि वीर्य अन्दर मत छोड़ना.
मैंने उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखा, तो वह बोली कि वीर्य छोड़ने से दर्द होता है.
मुझे यह बात समझ में नहीं आई. पर बाद में प्रिया ने बताया कि पहली बार गांड मराने से गांड में वीर्यपात करना दर्द का कारण बनता है.
कुछ देर बाद मैंने काजल की गांड से लंड खींचा तो वह गंदा हो गया था.
प्रिया को शायद इस बात का अंदाजा था तो वह पहले से ही कपड़ा लिए खड़ी थी.
उसने मुझे कपड़ा पकड़ा दिया और मैंने लंड को कपड़े से लपेट लिया.
मैं कपड़े मे ही वीर्य छोड़ने के साथ साथ बाथरूम की तरफ चला गया और उधर अपने लंड को साफ करके आ गया.
दोस्तो, इसके कुछ देर के बाद मैंने प्रिया की गांड भी बजाई और हम तीनों थक कर सो गए.
आगे आपको काजल और प्रिया की चुदाई की कहानी के कुछ और मजेदार किस्से भी सुनाने का मन है.
आपको यह एक्स गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी अच्छी लगी होगी.
तो मुझे कमेंट्स करके जरूर बताएं.