बहन को मां बनाकर उसका घर बसाया- 1

माय हॉट सिस्टर तब कुंवारी थी. मैं उसकी जवानी को देख कर मुठ मारता था, उसे चोदना चाहता था. मेरी हरकतों को देख कर वह भी मेरी मंशा जान चुकी थी.

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र 23 साल है.

यह सेक्स कहानी आज से दो साल पहले की है और मेरी बहन के साथ हुई चुदाई की कहानी है.

माय हॉट सिस्टर का नाम कनक है जो 25 वर्ष की है.
उसकी शादी हो चुकी थी.

जब यह घटना शुरू हुई थी, तब मेरी बहन 23 वर्ष की थी.

मैं अंतर्वासना डॉट कॉम पर बहुत सारी सेक्स कहानियां पढ़ता रहता था.
उसमें भाई बहन की चुदाई की बहुत सारी कहानियां आती थीं.

पहले मैं यह सब झूठ समझता था. फिर एक बार भाई बहन की चुदाई की कहानी को पढ़ कर मुझे बड़ी मस्ती चढ़ गई थी.
अब मैं उन सेक्स कहानियों को बड़े चाव से पढ़ने लगा था और अपना लंड हिला लिया करता था.

मैंने एक दिन अपने एक दोस्त राज से पूछा कि क्या कोई भाई अपनी बहन को चोद सकता है?
उसने मुझसे कहा कि हां अगर उसकी बहन की इच्छा हो, तो यह हो सकता है.

उसकी बात सुनकर मेरे मन में कामुकता जाग गई और मैंने भी ठान लिया था कि अब मैं अपनी बहन की चुदाई करूंगा.

मैं उसी वक्त से अपनी बहन को चोदने के लिए तरीके सोचने लगा.
यही सब सोचते हुए मैं घर आ गया.

घर में जाते ही मैंने अपने कमरे का रुख किया और मोबाइल पर अन्तर्वासना का पेज खोल लिया.

मैं उधर एक सेक्स कहानी पढ़ने लगा और अपने कमरे में बने बाथरूम में जाकर मुठ मारने के लिए लंड को तैयार करने लगा.

फिर मैं बाथरूम में जाकर नंगा हुआ और वाशबेसिन के सामने अपने मोबाइल में सेक्स कहनी को पढ़ते हुए लंड हिलाने लगा.

कुछ ही देर में लंड से वीर्य छलक गया और मैं कपड़े पहन कर बाहर आ गया.
अब मैं जाकर अपने घर के मेन हॉल में बैठ गया.

तभी कनक दीदी अपने कमरे से आकर मेरे पास सोफे पर बैठ गईं.
मैं उन्हें देखने लगा.

मैंने देखा कि कनक दीदी ने बहुत छोटे-छोटे कपड़े पहने हुए थे, जिससे उनकी ब्रा साफ दिख रही थी.
उन्होंने नीले रंग की ब्रा पहनी थी.

इधर मैं आपको अपनी दीदी के बूब्स के बारे में बता दूं.
उनकी चूचियां 34 इंच की हैं. वे 34-30-36 की फिगर वाली मस्त माल हैं. उनकी चूचियां एकदम टाइट और सामने को तनी हुई हैं.
जब मेरी दीदी चलती हैं तो उनकी गांड गजब थिरकती है.

वह एकदम दूध की तरह सफेद माल हैं.
अगर कोई मेरी कनक दीदी को एक बार देख भर ले, तो बगैर मुठ मारे नहीं रह पाएगा.
जब वे किसी काम से बाहर जाती थीं, तो लोग उन्हें देख देख कर अपना लंड पकड़ कर सहलाने लगते थे.

मैंने खुद एक दो बार कुछ लोगों को कहते सुना था.
अधिकतर की यही चाह समझ आती थी कि मेरी बहन एक बार उनके हाथ लग जाए, तो उनके लौड़े को मजा ही आ जाए.

अब तो मैं भी कनक दीदी को चोदना चाहता था.
मैं रोजाना दीदी को याद करता और बाथरूम में जाकर मुट्ठ मार लेता.

कुछ ही दिनों में स्थिति यह हो गई थी कि मैं उन्हें छिप कर देखने लगा था और उन्हें देख कर पागल हो जाता था.

कुछ दिन ऐसे ही चलने के बाद मैंने अपनी बहन को अनजाने में टच करना शुरू कर दिया था.
मेरी दीदी को कुछ भी अहसास नहीं होता था कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूँ.

दीदी जब भी मेरे कमरे में आतीं, तो मैं उन्हें बहुत घूर घूर कर देखता था.
कभी कभी जब दीदी ने ब्रा नहीं पहनी होती थी, तब उनकी चूचियां बहुत मस्त हिलती थीं.

एक बार मैंने दीदी को नहाते हुए भी देखा था.
मेरी बहन की चूत एकदम से सफेद थी. उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.

उस दिन हुआ यह था कि दीदी अपने कमरे के बाथरूम में नहा रही थीं.
मैं किसी काम से उनके कमरे में गया था.

उन्होंने अपने कमरे के बाथरूम का दरवाजा लॉक नहीं कर रखा था, दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ भी था.

तो मैंने देख लिया था कि दीदी नहा रही हैं.
वे बिल्कुल ही नंगी थीं तो मैंने देखा कि दीदी की चूत बिल्कुल साफ थी.
दीदी खुद भी बहुत ज्यादा गोरी थीं.

मैं कुछ देर तक उनके कमरे से उन्हें नंगी नहाती हुई देखता रहा.
फिर मैं बाहर निकलकर अपने कमरे में आकर अपने बाथरूम में चला गया.

मैंने फिर से मुट्ठ मार ली.

फिर एक दिन दीदी बाहर हॉल में बैठकर टीवी देख रही थीं तो मैं भी उनके पास आकर बैठ गया.
मैं दीदी के बाजू में बैठ कर टीवी देखने लगा.

मैं दीदी को देख रहा था.
तो दीदी मुझसे बोलीं- राहुल तू अब उठ, मैं लेट कर टीवी देखूंगी.

मैं फट से उठ गया और दीदी लेट गईं.

जब दीदी लेट गईं तो मैं उनके पास बैठ गया.
उनका पेट मेरी पीठ की तरफ हो गया था और मेरा एक हाथ दीदी की चूचियों की तरफ था, दूसरा हाथ दीदी की चूत की तरफ था.

मैंने दीदी के बूब्स को टच करने का सोचा तो अपना हाथ मैं दीदी की तरफ धीरे-धीरे ले जाने लगा था.

हाथ ले जाकर मैंने हल्के से दीदी के बूब्स टच कर दिए.
मेरा हाथ दीदी के मस्त मम्मों को छू रहा था.
उसने कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं की.

तभी मैंने सोचा कि क्यों ने एक खास तरीके उनकी चूत पर अपना हाथ रखूँ.
तो मैं अपना दूसरा हाथ धीरे-धीरे उनकी चूत की तरफ ले गया.

पर उसी समय अचानक से दीदी ने अपनी टांगें सिकोड़ लीं.
मैंने तुरंत अपने दोनों हाथ अलग कर लिए.

शायद दीदी को मुझ पर शक होने लगा था.
उन्होंने कहा- जरा उठना, मैं अपने कमरे में जा रही हूं.

मैं उठ कर सीधा हो गया और दीदी वहां से अपने कमरे की ओर चली गईं.
वे जाकर अपने कमरे में लेट गईं.

मैं भी समझ गया कि दीदी को मुझ पर शक हो गया है.
पर मैं तो हवस के दरिया में बह रहा था और इस विषय पर ज्यादा कुछ ना सोचते हुए अपने कमरे में जाकर लेट गया.

उधर मैंने अंतर्वासना डॉट कॉम पर स्टोरीज पढ़ना शुरू कर दी.

कुछ समय ऐसे ही बीतता गया.
मैं अपनी बड़ी बहन के जिस्म से खेलने की कोशिश करता रहा पर सफलता नहीं मिली.

हालांकि उनको इस बात का आभास हो गया था कि मैं उन्हें चोदना चाहता हूँ.

फिर एक दिन पापा और मम्मी आपस में बात कर रहे थे कि कनक दीदी अब बड़ी हो चुकी हैं. उनकी शादी कर दी जाए.
यह सब सुनकर मैं एकदम से हैरान हो गया कि मेरी बहन की शादी हो जाएगी, तो मेरी हवस कैसे पूरी होगी.

मैं कनक दीदी को अब जल्दी ही चोदने के लिए कुछ और तरकीब सोचने लगा.
मगर तब भी मेरे हाथ कुछ न लग सका.

कुछ दिन बाद पापा बोले- मैंने कनक के लिए एक रिश्ता ढूंढा है. यह रिश्ता बहुत ही अच्छे घर से है. लड़के का बहुत ही बड़ा बिजनेस चलता है.
मां बोलीं- ठीक है, चलो कनक से बात करते हैं.

मम्मी पापा कनक दीदी के पास गए और उनसे शादी के बारे में बात करने लगे.
उन्होंने दीदी को लड़के के बारे में बताया और उनसे पूछा कि तुम शादी के लिए तैयार हो?

तो कनक दीदी मैं भी सर हिलाकर हां में जवाब दे दिया.
इसके बाद दो महीने बाद दीदी की शादी हो गई और वे अपनी ससुराल चली गईं.

माय हॉट सिस्टर को चोदने की इच्छा अधूरी ही रह गई.

मैं अब अपनी गर्लफ्रेंड बनाने लगा.
एक लड़की को मैंने सैट भी कर लिया और उसे चोदने लगा.

यूं ही समय निकलता गया.
मेरी दीदी की शादी को 2 साल हो चुके थे.

एक दिन दीदी का फोन आया और उन्होंने मुझसे मां से बात करवाने के लिए कहा.
मैंने दीदी की मां से बात करा दी.

दीदी ने बात की और उन दोनों में यह तय हुआ कि वे अपने मायके वापस आ रही हैं.
उस समय दीदी काफी रो रही थीं.

मैंने मां से पूछा कि क्या हो गया?
तो मां ने कहा- कल तू अपनी दीदी के घर जाकर अपनी दीदी को ले आ!

तो मैंने कहा- बताओ तो क्या दिक्कत हो गई… कोई बात हो गई क्या?
मां बोलीं- तेरी बहन के घर पर उसकी अपने पति से लड़ाई हो गई है.

माने मेरे जीजा जी से बहन की लड़ाई हो गई थी.
मैंने कहा- ठीक है मां, मैं कल जाकर दीदी को ले आऊंगा.

फिर अगली सुबह होते ही मैं अपनी बहन की ससुराल पहुंच गया और अपनी दीदी को लेकर अपने घर वापस आ गया.

मैंने देखा कि अब मेरी दीदी और भी ज्यादा मस्त हो गई थीं.
वे एकदम कड़क माल जैसी दिख रही थीं.

दीदी मां के पास आकर गले लग कर रोने लगीं और मां दीदी को अपने साथ कमरे में ले गईं.

मां ने दीदी से पूछा कि क्या हुआ?
तो दीदी ने पहले मां दरवाजा बंद करने को कहा.

मां ने दरवाजा बंद कर दिया और बोलीं- अब बता, क्या हुआ?
तो दीदी बोलीं- मां मैं अपनी ससुराल वालों से परेशान हूं. मेरे सास-ससुर कहते हैं कि तू अभी तक हमें बच्चा क्यों नहीं दे पाई. इस पर मैंने अपने पति से डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराने के लिए कहा. मैं पति के साथ डॉक्टर के पास गई और अपना चेकअप भी करा लिया. मेरी रिपोर्ट्स बिल्कुल सही आई थीं. मेरे अन्दर कोई कमी नहीं निकली.

इस बात को सुन कर मेरी मां दीदी से पूछने लगीं- तो क्या तेरे और तेरे पति के बीच संबंध नहीं बनते हैं?
दीदी बोलीं- मां, मैं आपको कैसे बताऊं कि मेरे पति एक नामर्द हैं.
मां बोलीं- इसका क्या मतलब है कि वे ऐसे हैं? क्या अभी तक तेरे पति ने एक भी बार तेरे साथ संबंध नहीं बनाया?

बहन ने सर हिलाते हुए हां कहा और यह जान कर मां एकदम से चौंक गईं.
मां बोलीं- अब क्या करना है?
बहन ने कहा- मां, मैं अपनी ससुराल के ऐशो आराम को नहीं छोड़ सकती हूं.

मां बोलीं- वह सब ठीक है, पर अब तूने इस बारे मे क्या सोचा है कि तू बच्चा कहां से देगी?
दीदी मां से कहने लगीं- आप कोई जुगाड़ क्यों नहीं करतीं?

मां कहने लगीं- तू किसी अपने दोस्त से संबंध बना ले!
दीदी कहने लगीं- मां, अगर मैं अपने किसी दोस्त से सेक्स कर लेती हूं, तो आगे चलकर वह मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर देगा, तब क्या होगा?

मां कहने लगीं- हां यह तो तू बिल्कुल सही कह रही है.
तभी मेरी दीदी के दिमाग में एकदम से मेरे बारे में ख्याल आया.

वे मां से बोलीं- मां यदि तुम राहुल को मना लेती हो, तो मेरा काम बन सकता है.
मां ने सोचते हुए कहा- लेकिन वह तेरा तो भाई है, वह कैसे मानेगा?

दीदी ने मां से खुल कर कहा- मां, राहुल पहले से ही मुझे चोदने की इच्छा रखता था. मैंने देखा था कि राहुल ने मुझे देखकर कई बार मुठ मारी थी और वह मेरी पैंटी ले जाकर अपने मुठ के सारे माल से उसे खराब करके वापस रख जाता था.

यह सब बातें हुईं.
तो मां ने कहा- चल ठीक है, मैं कल राहुल से तेरे बारे में बात करती हूं.

उन दोनों के बीच हुआ यह सारा वार्तालाप मैंने सुन लिया था.
अगले ही दिन मां मुझे लेकर अपने कमरे में आईं और वहां ले जाकर बोलीं- बेटा, तेरी दीदी बहुत ज्यादा परेशानी में है.

मैंने मासूम बनते हुए कहा- क्या हुआ दीदी को … उनके पति यानि कि मेरे जीजाजी उन्हें मारते हैं क्या … या फिर उनके ससुराल वाले परेशान करते हैं?
मां ने कहा- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है.

फिर मैंने पूछा- जब ऐसा नहीं है, तो हुआ क्या है?
मां बोलीं- बेटा तुझे एक काम करना है.

मैंने कहा- क्या हुआ मां, आप जो बोलोगी, मैं दीदी के लिए कोई भी काम करने के लिए तैयार हूं.
मां बोलीं- बेटा, देख हम एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं और यह जो मैं कहने जा रही हूँ … बड़ा ही गोपनीय है.
मैंने कहा- मां आप बताओ तो?

मां बोलीं- बेटा, तेरी दीदी अभी तक मां नहीं बनी है!
तो मैंने कहा- क्यों, ऐसा क्या हुआ?

मां ने कहा- तेरी दीदी मुझसे कह रही थीं कि वह ऐशो आराम नहीं छोड़ सकती है और उसके ससुराल वाले उसे बच्चे के लिए परेशान कर रहे हैं. वे यह कह रहे हैं कि अगर उसने बच्चा नहीं दिया तो उसके पति की दूसरी शादी करा देंगे.

मैंने कहा- अरे … तो आप बताओ न मां कि मुझे क्या करना होगा?
मेरी मां बोलीं- बेटा, तुझे अपनी दीदी को अपने बच्चे की मां बनाना होगा!

यह सुन कर मेरे लौड़े ने तुरंत एक झटका मार दिया.
मैंने मन ही मन खुश होते हुए मां की तरफ सवालिया नजरों से देखना शुरू कर दिया.

दोस्तो, माय हॉट सिस्टर अब जल्द ही मेरे लौड़े के नीचे होने वाली थी. दीदी के साथ मेरी चुदाई की कहानी का रस मैं आपको सविस्तार सुनाऊंगा.
आप अपने विचार मेरी मेल पर जरूर भेजें.
[email protected]

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