मुझे मिले एक साथ दो लंड

मुझे मिले एक साथ दो लंड गांड में! मैं रात के दो बजे स्टेशन पर था कि दो लड़के मुझे घूरने लगे. मैं भी उन्हें देखने लगा क्योंकि मैं गांडू हूँ. दोनों ने मिल कर मेरी गांड कैसे फाड़ी?

दोस्तो, बात तब की है, जब मैं अपनी दीदी के घर नासिक जा रहा था.
नागपुर से नासिक रोड स्टेशन पर उतरने के बाद मैं वहीं स्टेशन के वेटिंग रूम में था.

चूंकि ट्रेन रात के 2 बजे ही स्टेशन पर आ चुकी थी.
दीदी के घर जाने के लिए बस सुबह 6 बजे की थी तो मैं वहीं बैठा रहा.

तभी मेरी नजर सामने बैठे दो जवान मर्दों पर पड़ी.
उनमें से एक मुझे शायद काफी टाइम से घूर रहा था और दूसरे को नींद आ रही थी.

मैंने पहली बार में तो उसे देख कर नजर अंदाज कर दिया और अपने फोन में बिजी हो गया.
थोड़ी देर बाद मेरी नजर फिर से उस पर गई तो मैंने देखा कि वे दोनों मुझे घूर रहे थे.

उन दोनों की उम्र करीब 24-26 के आस पास की रही होगी.
वे दोनों ही देखने में अच्छे खासे गबरू जवान थे.

थोड़ी देर बाद उनको देख कर मेरी भी नीयत खराब होने लगी.

वे दोनों बार बार मुझे देख कर अपने लंड सहला रहे थे.
मैं उन्हें देखे जा रहा था.

थोड़ी देर बाद उसमें से एक उठ कर बाथरूम की ओर चला गया और पलट कर मुझे देखे जा रहा था.

मैंने भी थोड़ी हिम्मत जताई और उसके पीछे बाथरूम में चला गया.
वह कॉर्नर वाले साइड में खड़ा था.

मैंने देखा कि एक आदमी पहले से अन्दर था.
तो मैंने उस अन्य आदमी के बाहर जाने का इंतजार किया.

उसके बाहर जाते ही मैं उसके साइड में सिर्फ खड़ा रहा.
वह पेशाब करने के लिए अपना लंड निकाल कर खड़ा था.

उसका लंड पूरा खड़ा था और पूरे जोश में हिल रहा था.

लंड देख कर मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
मैंने इतना बड़ा लंड पहली बार देखा था और काफी मोटा भी था.

मेरे होश उड़ गए थे.

ये सार्वजनिक स्थल था तो आगे बढ़ने से डर लग रहा था.

उसने मेरी तरफ देख कर पूछा- कैसा लगा?
मैंने बिना कुछ सोचे अपने मुँह से वाओ कह दिया.

वह समझ गया.
फिर वह मेरे कान के पास आकर बोला- अगर तुम्हें लेना हो तो मेरा दोस्त बाहर बैठा है. उससे जाकर मिल लो. उससे बात करो, वह तुम्हें सब कुछ समझाएगा … और तुम्हें डबल मजा भी मिल जाएगा.

मेरी तो गांड में आग लग गई थी यह सोच कर कि दो लंड गांड में जायेंगे.
मैं सीधा बाहर आकर उस दूसरे वाले के बाजू में बैठ गया.

दूसरे वाले ने सीधा बोला- पास में ही हमारा फ्लैट है, चलोगे?
मैंने बिना कुछ बोले हां में सर हिला दिया.

उसने कहा- आमिर को आने दो, उसे शायद 15-20 मिनट लगेंगे.
बीस मिनट के बाद आमिर आ गया और बोला- खालिद, क्या हम सब चलने के लिए रेडी हैं?
खालिद- हां.

तब मुझे उन दोनों का नाम पता चला
आमिर 24 का होगा और खालिद 26 का.

बाहर से हमने ऑटो कर लिया और 10 ही मिनट में हम तीनों फ्लैट पर पहुंच गए.

खालिद मुझसे बोला- तुम थोड़ा फ्रेश हो जाओ.
मैं फ्रेश होने बाथरूम में चला गया.

मैं समझ चुका था कि आज तो मुझे जन्नत की खुशी मिलने वाली है.
मैंने अच्छे से अपनी गांड को पाईप के जरिए पानी डाल कर साफ कर लिया और पूरे बदन को साबुन लगा कर साफ कर लिया.

मैं नहा धोकर चुदने के लिए बिल्कुल तैयार था.
बाहर आया तो मेरे होश उड़ गए.

खालिद और आमिर दोनों पूरे नंगे मेरे सामने बेड पर लेटे मेरी राह देख रहे थे.

आमिर खड़ा हो गया और मेरे पास आ कर सीधे मेरे होंठों पर किस करने लगा.
उनके एक्शन देखने से लग रहा था कि उन दोनों को वक्त बर्बाद करने का कोई मतलब समझ नहीं आ रहा था.

आमिर मुझे किस किए जा रहा, मैं भी उसे साथ दे रहा था.
वह मुझे अपनी बांहों में कसके पकड़ कर अपनी ओर खींच रहा था.

उसके दोनों हाथ अभी मेरे पीछे गांड को सहलाने में व्यस्त थे.

आमिर का लंड आधा खड़ा था और वह मुझे मस्त कर रहा था.

तभी आमिर ने मुझे बेड की ओर लाकर खालिद के साइड में गिरा दिया.
खालिद बिना रुके मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा.

दूसरी तरफ आमिर भी बेड पर आ गया और उसने मेरे निप्पल को जोर जोर चूसना शुरू कर दिया.
मैं पागल हो गया था.

खालिद साइड में लेटा हुआ मुझे किस किए जा रहा था.
उसका लंड मुझे अपनी कमर में चुभ रहा था.

मैं अपना हाथ उसके लंड की तरफ लेकर गया और पकड़ कर हिलाने लगा.
उसका लंड पूरा जोश में आ गया था.

मैंने आमिर को नीचे किया और खुद नीचे खिसक कर खालिद का लंड मुँह में ले लिया.

दोनों के लंड करीब करीब एक जैसे थे, पर खालिद का लंड कुछ ज्यादा मोटा था.
क्योंकि उसका लंड मेरे मुँह में आसानी से जा नहीं पा रहा था.

फिर भी मैं पूरा अपना मुँह खोल कर अन्दर लेने की कोशिश किए जा रहा था.

उसी वक्त आमिर ने मेरी गांड में उंगली करना शुरू कर दिया.

आमिर ने तेल की बोतल उठा ली और उसने अपनी उंगलियों पर तेल लगा कर मेरी गांड में मलना शुरू कर दिया.
उसने पहले एक उंगली डाली, फिर दूसरी उंगली.

मुझे थोड़ा दर्द हुआ.
पर मैं उस समय खालिद का लुल्ला चूसने में व्यस्त था … तो विरोध नहीं कर पाया.

तभी आमिर ने अपनी तीसरी उंगली मेरी गांड में डाल दी.
अब जोर का दर्द हुआ.

मैंने चिल्लाने की कोशिश की तो खालिद ने अपना लुल्ला मेरे मुँह में और अन्दर ठूँस दिया.
अब तक मेरा छेद खुल चुका था.

तभी मैंने मुँह से लंड बाहर निकाल कर आमिर से कहा- बस कर भाई, गांड खुल चुकी है. तेरा लंड आराम से अन्दर चला जाएगा.
आमिर ने कहा- इतना काफी नहीं ही अभी इसे और ज्यादा खोलना होगा.

अब उसने अपने हाथ की चार उंगलियां ऐसे मेरी गांड में ठूँस दीं … मानो वह किसी महिला को चूड़ी पहना रहा हो.

उसकी चार उंगलियां मेरी गांड में घुसीं तो मेरी दर्दनाक चीख निकल गई.

उसी समय खालिद ने फिर से अपना लंड मेरे मुँह डाल दिया.
मेरी आवाज बन्द हो गई और मेरी आंखों से आंसू आने लगे.

शायद मेरी गांड फट गई थी, मुझे इतना दर्द हो रहा है.

पर मुझे क्या पता था कि आगे मुझे इससे दस गुना ज्यादा दर्द मिलने वाला है.

मैंने मुँह से लंड निकाला और आमिर पर चिल्लाया- बस कर, चला जाएगा तेरा … और खोलने की जरूरत नहीं है!

तभी आमिर बोलता- सोच ले, अभी दर्द सह लेगा तो अच्छा होगा, वर्ना बाद में बोलना नहीं!
मैंने बोल दिया- नहीं बोलूंगा.

आमिर- ओके ठीक है. जैसी तेरी मर्जी!

मेरी गांड पूरी तरह खुल गई थी, मैं बिना रुके खालिद के लंड पर बैठ गया.

‘आह … आह .. उफ्फ़ … खालिद.’ मेरे मुँह से मीठी सी आवाज निकली.
मेरा छेद खुल गया था.

खालिद का लंड मोटा था, फिर भी दर्द कम हुआ.
मैंने उसके लौड़े पर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.

खालिद ‘आहा … आहाहा … आ …’ की आवाज कर रहा था.

तभी आमिर सामने आ गया और उसने अपना आधा खड़ा लंड मेरे मुँह में डाल दिया.

सामने से मेरे मुँह में धक्के और नीचे से मेरी गांड में खालिद के लंड के धक्के लग रहे थे और मुझे बहुत ज्यादा आनन्द मिल रहा था.

काफी देर तक चूसने के बाद बड़ी मुश्किल से आमिर का लौड़ा खड़ा हुआ.

जैसे ही उसका लंड तन गया, तो मुझे मजा मिलना शुरू हो गया.
‘आह … क्या मस्त लंड चूसने को मिल गया था.’

खालिद भी कभी धीरे से और कभी तेजी से मेरी गांड मार रहा था.

मुझे एक साथ दो सुख मिल रहे थे.
एक चूसने का और दूसरा चुदने का.

तभी अचानक से आमिर ने मेरे मुँह से अपना लंड निकाल लिया.

मैं कुछ बोलूँ, उससे पहले उसने अपने लौड़े में तेल लगाना शुरू कर दिया.

खालिद नीचे लेटा था, उसके लंड पर मैं बैठ कर रुक गया था.
मेरी गांड की चुदाई रुक गई थी.

मैं कुछ बोलने ही वाला था कि तभी खालिद ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया.
उसने मेरी पीठ पर अपने दोनों हाथ जमा दिए और मुझे अपनी बांहों में कस कर पकड़ लिया.
वह मुझे किस करने लगा.

मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया कि ये क्या हुआ!
किस करने में मजा आने लगा था, तो मैं भी खालिद को किस करने में साथ देने लगा.

मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि कब आमिर अपना 8 इंच का लंड लेकर मेरे पीछे बैठ गया.

उसने मेरी गांड के छेद पर लंड रखा और मैंने उसके लंड के अहसास से अपनी गांड में हलचल की तो खालिद ने और कसके मुझे अपनी ओर खींच लिया.

मैं कुछ समझ पाता कि उससे पहले आमिर ने एक जोर का धक्का लगा दिया.
आमिर का आधा लंड मेरी गांड में घुस चुका था.

मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया और मैं कब बेहोश हो गया, मुझे पता ही नहीं चला.
जब होश आया तो गांड में आग लगी पड़ी थी. ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी गांड में आग जला कर मुझे छोड़ दिया है.

होश में आते ही खालिद ने मुझे फिर से किस करना शुरू कर दिया और पीछे से आमिर ने अपना हथियार चलाना शुरू कर दिया.
मेरे दर्द की सीमा को मैं बयान नहीं कर पाऊंगा, उतना ज्यादा दर्द हो रहा था.

आठ आठ इंच के दो मजबूत लंड मेरी गांड में एक साथ आगे पीछे हो रहे थे.
मैंने कराहते हुए आमिर से कहा- थोड़ा रुक जाओ … लंड बाहर निकाल लो … आह मेरा गला सूख रहा है. मुझे पानी पीना है.

तभी आमिर बोला- मुझे पता था तू पानी मांगेगा साले … मैंने पहले ही बोतल भर कर पास रख ली थी. लंड निकालने की जरूरत नहीं है. ले पानी पी ले.
यह कर उसने मुझे पानी की बोतल पकड़ा दी.

मैंने पूरी बोतल खाली कर दी.
आमिर बोला- हो गया जान पानी पीना! अब हम दोनों तेरी ठुकाई शुरू करें क्या?

मैं बोलूँ तो क्या बोलूँ.

खालिद ने फिर से वही किया. मुझे अपनी ओर खींचा और किस करना शुरू कर दिया.
उसी वक्त पीछे से दो लंड मेरी गांड में आगे पीछे चलना शुरू हो गए.

करीब 20 मिनट तक मेरी ठुकाई ऐसे ही हुई दो लंड एक साथ चलते रहे.
फिर आमिर ने मुझे अपनी तरफ मुँह करने का बोला.

मैं पलट गया और खालिद के लंड बैठ गया. मेरी दोनों टांगें को उठा कर आमिर ने अपने कंधे पर रख लीं और खालिद के लंड के साथ उसने अपना लंड भी मेरी गांड के अन्दर ठूँस दिया.
गांड काफी फैल चुकी थी तो अब मेरा दर्द कम होने लगा.

मैं खुद अब उन दोनों का साथ देने लगा.
करीब 15 मिनट तक लगातार तेजी से ठुकाई के बाद वह दोनों एक साथ मेरी गांड में ही झड़ गए.

मुझे परम सुख मिला और दर्द से छुटकारा भी.
क्या बताऊ दोस्तो, मेरा और एक परम सुख बाकी ही था. उन दोनों के झड़ जाने के बाद मैं उन दोनों के बीच में सीधा लेट गया.

खालिद मेरे सीने के एक निप्पल को चूसने लगा और आमिर मेरे सामने आकर बैठ गया.
उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
हाय … आह … आहा …

आमिर ने चूस चूस कर मेरी गुल्ली का रस निकाल दिया.
वह पूरा लंड रस अपने मुँह में भर कर खालिद को किस करने लगा.

फिर उन दोनों ने मेरा रस आधा आधा बांट कर मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने उन दोनों के थूक के साथ अपने लंड का पूरा रस पी लिया.

उसके बाद हम सब निढाल होकर सो गए.

सुबह 9 बजे मैं उठ कर अपनी दीदी के घर के लिए निकल गया.
मैंने उन दोनों का फोन नंबर भी ले लिया था.

दोस्तो, ये मेरी सच्ची गांड चुदाई की कहानी है. इसमें रत्ती भर की भी काल्पनिकता नहीं है कि दो लंड गांड में गए.
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