सेक्सी चाची की चूत चुदाई की मेरे ताऊ के बेटे ने! यानि उसने मेरी मम्मी को चोदा और मैंने अपनी मम्मी की चूत गांड की चुदाई कमरे की खिड़की से देखी.
दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है. मैं 19 साल का हूँ. मैं एम पी का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार में मैं और मेरे मॉम-डैड ही हैं.
मेरे डैड सरकारी कर्मचारी हैं और वे अपने काम की वजह से हमें बहुत कम टाइम दे पाते हैं.
मॉम हाउस वाइफ हैं, उनकी उम्र 40 साल की है. मॉम का रंग एकदम गोरा है और उनका फिगर 36-30-38 का है.
वे देखने में केवल 30-32 साल की लगती हैं.
सेक्सी चाची की चूत चुदाई की कहानी 2 साल पहले उस वक्त की है, जब मेरी बुआ की शादी की पच्चीसवीं सालगिरह थी.
मेरी बुआ बिलासपुर में रहती हैं तो उन्होंने हम सभी को उस कार्यक्रम में बुलाया था.
मेरा एक कज़िन है जो मेरे बड़े पापा यानि ताऊ का बेटा है.
उसका नाम वासू है. उसकी उम्र भी मेरे बराबर की ही है.
एक दिन उसका मेरे पास कॉल आया और उसने मुझसे पूछा कि मैं फंक्शन अटेंड करने जा रहा हूँ या नहीं?
मैंने कहा- हां जाना तो है, पर पापा की व्यस्तता के चलते मैं सीधा फंक्शन वाले दिन आऊंगा.
फिर उसने पूछा- चाची जा रही हैं या नहीं?
मैंने कहा- मॉम फंक्शन से 3 दिन पहले ही चली जाएंगी. उन्हें कुछ शॉपिंग आदि करनी है.
बस मैंने इतना ही कहा था कि उसने ओके कहकर फोन कट कर दिया.
मुझे थोड़ा अजीब सा लगा.
फिर फंक्शन में जाने के लिए मॉम घर से निकल ही रही थीं तो वे बहुत खुश थीं.
पता नहीं क्यों, मुझे उनके चहरे पर बहुत ज्यादा खुशी दिखाई देने का मतलब समझ में नहीं आ रहा था.
अगले दिन जब मैंने मॉम को यह पूछने के लिए कॉल किया कि वे सकुशल पहुंच गईं अथवा नहीं.
उधर से उनका फोन वासू ने उठाया.
तो मैं और ज्यादा हैरान हो गया कि वह वहां बिना बताए चला गया है.
फिर मैंने उससे पूछा कि वह वहां इतनी जल्दी कैसे आ गया?
उसने कहा- कॉलेज में छुट्टियां हैं. बुआ बोलीं कि जल्दी आ जा और काम देख लेना, तो मैं यहां आ गया.
मैंने उससे मॉम को फोन देने को बोला तो उसने कहा- चाची नहा रही हैं. अभी आ जाएंगी तो उन्हें बता दूंगा.
अब फोन कट हो गया.
मैं सोचने लगा कि वासू वहां जल्दी जाएगा, यह बात उसने मुझे क्यों नहीं बताई!
खाना खाकर रात एक बजे मैंने मॉम को मज़ाक में गुड नाइट लिख कर मैसेज किया तो मॉम का भी गुड नाइट वाला रिप्लाई आ गया.
मैंने सोचा कि मॉम इतनी रात को जाग रही हैं.
तो मैंने उनको कॉल लगा दिया.
मॉम ने थोड़ा टाइम लेकर फोन उठाया.
मैंने मॉम से बात की- आप बिलासपुर कब पहुंची?
मॉम- सुबह 7 बजे.
मैं- और वासू वहां क्या कर रहा है और वह उधर कब आ गया था?
मॉम- अभी वह सो रहा है और वह इधर दोपहर को आ गया था.
मैं- अच्छा!
मॉम- चलो, अब मैं रखती हूँ. कल बात करेंगे.
फिर मॉम ने फोन ऐसे ही रख दिया.
वे शायद फोन कट करना भूल गई थीं.
मुझे फोन पर वासू की आवाज़ सुनाई देने लगी.
उसने कहा- चाची यार, साड़ी ऊपर करो ना!
उसकी इस आवाज पर मुझे शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है.
उसके बाद मॉम की सेक्स वाली सिसकारियां लेने की आवाज़ आने लगी और उन दोनों की बातें सुनाई देने लगीं.
मॉम ने कहा- ऐसे ही में कर लो न. बाद में होटल में अलग कमरे में खुल कर मजा ले लेना.
वह बोला- हां, उधर तो आगे पीछे सब तरफ से मजा लूँगा.
मॉम- हां यार, पीछे से भी ले लेना … तू भी क्या याद करेगा.
तभी वासू ने कहा- यार चाची, दूध तो पीने दो ना.
मॉम की आवाज आई- ले पी ले … पर जरा धीमे आवाज कर, किसी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.
वासू की आवाज आई- अरे कोई नहीं सुनेगा. बुआ भी घपाघप में लगी होंगी.
इस पर मॉम के हंसने की आवाज आई.
वे बोलीं- तेरे फूफा जी कितनी देर तक घपाघप कर लेते होंगे?
वासू हंस कर बोला- किसी दिन कंपटीशन करवा लो … एक पलंग पर बुआ फूफा और एक पर मैं और आप!
मॉम की आवाज आई- साले, तू बहुत बड़ा कुत्ता है.
उसी समय वासू ने कुछ किया होगा तो मॉम की कराहने की आवाज आई ‘आई अहह ओह … धीरे कर न … आहह.’
शायद उसी समय वासू ने देख लिया होगा कि फोन स्पीकर पर है और फोन चालू है.
उधर से अभी पलंग की हिलने की आवाज़ आ रही थी ‘चें चें’
तभी वासू दबी आवाज़ में बोला- चाची, फोन काटा नहीं था क्या?
तो उधर एकदम से चुप्पी सी छा गई.
फिर मॉम ने घबराई हुई आवाज फोन में हैलो कहा.
मैंने कोई रिप्लाई नहीं किया.
उसके बाद फोन कट गया.
मैं सोच रहा था कि वासू वहां क्या कर रहा होगा!
इसी सोच में मुझे पूरी रात मुझे नींद नहीं आई.
फिर फंक्शन वाले दिन मैं भी बिलासपुर गया.
उस दिन सब लोग एक होटल में आ गए थे और सभी को अलग अलग रूम मिले थे.
वहां मैं सबसे मिला और मॉम को देखा तो वे सलवार सूट में बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं.
सब उन्हें ही देख रहे थे.
मॉम भी मुझे देखकर बहुत खुश हुईं.
मैंने मॉम से पूछा कि वासू कहां है?
उन्होंने कहा- वह ऊपर टॉप फ्लोर वाले अपने रूम में है.
मैं उसके रूम में गया तो वासू बेड पर सिर्फ़ अंडरवियर पहन कर सोया था.
बाकी इधर उधर देखा तो एक बैग के साइड में मॉम की ब्रा और पैंटी पड़ी हुई थी.
मैं समझ गया कि ये दोनों तीन दिनों से रोज चुदाई का खेल खेल रहे हैं.
कुछ देर बाद वासू भी उठ गया.
वह मुझे वहां देख कर बहुत खुश हुआ.
रात में जब फंक्शन में सब बिज़ी थे तो मैं सबको डिनर सर्व कर रहा था.
उस वक्त मेरी मॉम लहंगा चुनरिया पहनी हुई थीं और वे एक शोख हसीना सी लग रही थीं.
कुछ देर बाद मुझको मॉम होटल की तरफ जाती हुई दिखीं.
मैंने मॉम से पूछा- आप कहां जा रही हैं?
उन्होंने कहा कि उनके सिर में दर्द हो रहा है, तो वे रूम में आराम करने जा रही हैं.
थोड़ी देर बाद मुझे वासू भी होटल की तरफ जाता हुआ दिखाई पड़ा.
मैंने उसे भी रोक कर पूछा तो वह बोला कि वह सिगरेट पीने छत पर जा रहा है.
मैं समझ गया कि क्या होने वाला है.
तो मैं भी चुपके से वासू के पीछे पीछे चला गया.
वासू का कमरा होटल के टॉप फ्लोर पर था, वह वहां पर गया.
उसने कमरे में घुस कर दरवाजा अन्दर से लॉक कर दिया.
मैं विंडो से देखने लगा.
अन्दर देखा तो मेरी मॉम और वासू एक दूसरे को पागलों की तरह किस किए जा रहे थे.
मॉम की चुनरी उतर गई थी और वे सिर्फ लहंगा और चोली में थीं.
उनकी चोली बहुत ही गहरे गले वाली थी जिसमें से उनकी आधी से ज्यादा चूचियां दिख रही थीं.
मॉम ने उससे कहा कि प्लीज थोड़ा जल्दी करना क्योंकि कोई भी ऊपर आ गया, तो मुसीबत हो जाएगी.
वासू मॉम के दूध मसलते हुए बोला- सब फंक्शन में बिज़ी हैं. कोई नहीं आएगा.
मॉम ने कहा- ठीक है.
फिर मॉम ने वासू की पैंट खोल कर उसका लंड बाहर निकाला.
उसका लंड काफी बड़ा दिख रहा था.
मॉम ने उसके लंड को एक बार चाटा और मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
वासू आहह आह करके अपनी कमर आगे पीछे करने लगा.
कुछ मिनट के बाद मॉम ने अपना लहंगा ऊपर किया और वे वासू को अपनी सफ़ेद रंग की पैंटी दिखाने लगीं.
वासू ने पैंटी को बिना उतारे उसे साइड में कर दी और अपना लंड मॉम की चूत में पेल कर आगे पीछे होने लगा.
मॉम को भी उसके लंड से चुदवाने में मज़ा आने लगा.
उसने मॉम का मुँह दीवार पर सटा कर पीछे से उनकी कमर को पकड़ लिया था और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.
मॉम भी ‘आहह आहह चोद दे मुझे … आह ऑश यसस्स …’ कह कर चुदवाने लगी थीं.
कुछ देर बाद वासू ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मॉम को भी नंगी करके बेड पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
वासू ने मेरी मॉम की टांगों को फैला दिया और उनकी चूत में लंड पेल कर चोदने लगा.
दस मिनट बाद उसने मॉम को घोड़ी बनने को कहा. मॉम घोड़ी भी बन गईं.
उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मॉम के पीछे धीरे से आगे पीछे होने लगा.
मॉम भी थोड़ा तेज़ स्वर में ‘आहह आह …’ करने लगीं.
मैं समझ गया कि ये साला मेरी मॉम की गांड मार रहा है.
फिर उसने थोड़ा तेज़ तेज़ धक्के मारना चालू किए.
वह 20 मिनट तक मेरी मॉम की गांड मारता रहा.
उसके बाद मॉम का शरीर थोड़ा अकड़ने लगा.
मॉम झड़ने लगीं.
उसने तुरंत गांड से लंड निकाल कर मॉम की चूत में डाल दिया.
अब मॉम को भी बहुत मज़ा आने लगा.
वासू ने सेक्सी चाची की चूत चुदाई और तेज़ कर दी.
मॉम भी अपनी गांड आगे पीछे करके धक्का देने लगीं.
उनके मुँह से आह आहह ऑश बस हो गया यारर छोड़ दे अब आहह … कितना चोदेगा!
फिर वासू ने एकदम तेज़ झटका दिया और मॉम की कमर को अपनी ओर खींच लिया.
फिर मॉम ने कहा- कितना गर्म है तुम्हारा पानी!
मैं समझ गया था कि वासू ने मॉम की चूत में रस झाड़ दिया होगा इसी लिए मॉम को वासू के वीर्य की गर्मी का अहसास हो रहा है.
मैंने देखा कि वासू ने मॉम की चूत में ही लंड डाल कर रखा था.
कुछ देर बाद वासू ने एक सिगरेट सुलगाई और कश लेते हुए मॉम की तरफ बढ़ा दी और कहा- मैं 3 दिन से आपको चोद रहा हूँ, पर आज असली मज़ा आया.
मॉम ने भी सिगरेट का कश लेते हुए कहा- हां यार, तुमने सही बोला. आज सच में मुझे भी बहुत मजा आया.
इसी तरह उन दोनों में सिगरेट के खत्म होने तक बातें होती रहीं.
फिर जब वे दोनों अलग हुए तो मॉम ने उसको किस किया और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर रस का आदान प्रदान किया.
फिर मॉम उससे बोलीं- चल, बहुत टाइम हो गया है. अब हम दोनों नीचे चलते हैं.
वे दोनों कपड़े पहनने लगे.
मैं उधर से हट गया और तुरंत नीचे आ गया.
कमरे से निकल कर पहले वासू नीचे पार्टी में आया.
उसके थोड़ी देर बाद मॉम भी नीचे आ गईं.
वे पसीने से थोड़ी भीगी थीं और उनके बाल भी थोड़े बिखरे हुए थे.
मैंने मॉम से पूछा- कैसा है आपका सिरदर्द?
वे बोलीं- अब ठीक है.
मैं समझ गया कि मॉम की चूत चुदाई से ही उनकी खुशी संभव है.
वे मेरे भाई से चुदवा कर संतुष्ट हो रही हैं तो यह कम से कम बाहर वाले किसी आदमी से चुदवाने से ज्यादा ठीक है.
फिर पार्टी खत्म हुई तो हम सब घर आ गए.
अब मॉम जब भी वासू से किसी फंक्शन या कहीं भी, कभी भी मिलती हैं, तो उससे ज़रूर चुदवा लेती हैं
दोस्तो, आपको सेक्सी चाची की चूत चुदाई की कहानी पर क्या कहना है, प्लीज बताएं.
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