ऐस्सहोल सेक्स कहानी में मुझे गांड मरवाने का शौक है. एक बार तेर की टिकेट विंडो पर एक लड़का दोस्त बन गया. उसके लम्बे मोटे लंड से मेरा गांड का छेद कैसे फटा?
दोस्तो, मेरा नाम राज है. मेरी उम्र 26 साल है और हाइट 5 फीट 8 इंच है. मैं दिखने में अच्छा-खासा हूँ, स्लिम-मीडियम बॉडी, गोरा रंग है.
पिछली कहानी
मुझे मिले एक साथ दो लंड
में आप लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया
इस बार भी एक सच्ची घटना लेकर ऐस्सहोल सेक्स कहानी के माध्यम से आपके सामने आया हूँ!
यह बात उस समय की है, जब मैं काम के सिलसिले में मुंबई गया था कोविड से पहले!
मैं ट्रेन से सुबह 4 बजे दादर पहुंचा.
मुझे बोरीवली जाना था तो मैं लोकल ट्रेन वाले प्लेटफ़ॉर्म की ओर चल पड़ा.
मुंबई में मेरा काम के कारण अक्सर आना-जाना रहता था इसलिए स्टेशन पर किसी से कुछ पूछने की ज़रूरत नहीं पड़ी.
मैं सीधे दादर के वेस्टर्न साइड की ओर बढ़ा.
तभी मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरा पीछा कर रहा है.
उस वक्त सुबह के 4 बज रहे थे, भीड़ थोड़ी कम थी इसलिए मुझे साफ समझ आया कि कोई मेरे पीछे-पीछे आ रहा है.
मैंने ज्यादा ध्यान न देते हुए सर झटकाया और लोकल ट्रेन के टिकट काउंटर की ओर बढ़ गया.
उधर से बोरीवली का टिकट लेने के लिए लाइन में लग गया.
मेरा पूरा ध्यान टिकट लेने में था.
लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि कोई मेरे बिल्कुल पीछे चिपक कर खड़ा है.
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो शायद वही बंदा था जो मेरा पीछा कर रहा था.
मुझे थोड़ा गुस्सा आया और मैंने उसे घूर कर ऊपर से नीचे तक देखा.
लेकिन उसे देखते ही मेरे मुँह में पानी भी आ गया.
जितना भी पानी मुँह में जमा हुआ था, उसे देखते-देखते मैं गटक गया.
वह भी मुझे देख रहा था और साथ में घूर भी रहा था.
तभी सामने वाले आदमी ने मुझे टोका- भाई, पीछे क्या देख रहा है? तेरा नंबर आ गया … टिकट ले न!
मैं होश में आया और काउंटर पर बोला- बोरीवली, रिटर्न टिकट!
मैंने पैसे दिए, टिकट लिया और साइड में जाकर खड़ा हो गया.
मैंने फोन देखने का नाटक शुरू किया ताकि देख सकूँ कि ये बंदा कहां जा रहा है.
बस वह भी मेरी तरफ हवस भरी नज़रों से देखने लगा और उसने विंडो में आवाज देते हुए टिकट माँगा- बोरीवली!
मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले वह मुझे घूरने लगा.
उसे देखकर तो मेरा बुरा हाल होने लगा था.
उसकी जिम टोन्ड बॉडी, उभरी हुई छाती, कसी हुई बांहें, फूली हुई दमदार जांघें थीं. उसका कद शायद 6 फीट से ज्यादा, सांवला रंग, चेहरे पर ट्रिम की हुई कटी दाढ़ी, सफेद हाफ शर्ट में कसे हुए बाइसेप्स और काली पैंट जो कि शर्ट इन करने के कारण मस्त लग रही थी.
कुल मिलाकर, वह कहर ढा रहा था.
वह अब भी मुझे लगातार घूर रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया.
जैसे ही उसने टिकट लिया और मेरी तरफ मुड़ा, मैं सीधे उसके सामने गया और पूछा- क्या मैं आपको जानता हूँ?
वह मुस्कुराया और बोला- नहीं!
मैं- अच्छा … ह्म्म!
वह- पर शायद जान जाओगे!
यह बात उसने हल्की आवाज़ में फुसफुसाते हुए कही.
मैं- क्या कहा तुमने?
वह- कुछ नहीं!
मैं- नहीं, मुझे लगा कि मैंने तुम्हें कहीं देखा है … क्या है ना, मैं यहां काम से आता रहता हूँ, तो शायद वहीं देखा होगा. वैसे तुम्हारा नाम क्या है?
वह- इमरान!
मैं- अच्छा नाम है मेरे एक कॉलेज फ्रेंड का भी नाम इमरान है.
वह हंसकर बोला- क्या वह मेरे जैसा दिखता है?
मैं- ह्म्म … ना … ना तुम तो बहुत हॉट हो!
वह- क्या … हॉट?
मैं चुप रहा.
अगले ही पल वह हंसा और बोला- हां, वह तो मैं हूँ!
फिर उसने अपने नीचे वाले होंठ को दाँतों से हल्का दबाया और कहा- ह्म्म … और मेरा … और भी कुछ हॉट है!
वह मुझे सीधे लाइन दे रहा था.
मैंने कहा- क्या कहा इमरान?
इमरान- नो नो … नथिंग!
मैं- नहीं, मुझे लगा कि तुम कुछ और कहना चाहते हो!
इमरान- कुछ और? हां … अगर तुम कुछ और समझ रहे हो, तो हां!
ये कहकर उसने आंख मार दी.
मैं मुस्कुराया और शर्माने लगा.
इमरान- ह्म्म … तो तुम शर्माते भी हो!
मैं- शायद हम दोनों सही समझ रहे हैं.
इमरान- हां, वह तो है … फिर इंतज़ार किस बात का? कह दो जो कहना है!
मैं- क्या … नहीं तो, मुझे कुछ नहीं कहना है. हां, अगर तुम चाहो तो कुछ कह सकते हो … और शायद मैं हां बोल दूँगा.
इमरान- अच्छा … ह्म्म … ऐसा है क्या? ठीक है ना क्या तुम मेरे घर आ सकते हो? मैं अकेला ही रहता हूँ, चाहो तो रात मेरे साथ रुक भी सकते हो!
यार, उसने मेरे दिल की बात कह दी.
मैं- वाह … क्या सच में? मैं तेरे घर पर, तेरे साथ … रात को रुक सकता हूँ?
इमरान- हां, क्यों नहीं … पक्का रुक सकते हो. वैसे भी मैं अकेला रहता हूँ, मुझे कोई आपत्ति नहीं. हां, अगर तुम रात में रुके, तो शायद तुम्हें पूरी रात आपत्ति हो सकती है!
यह बात वह मुस्कुराते हुए बोला.
मैं- क्या … मैं कुछ समझा नहीं?
वह हंसा और बोला- मैंने अभी कहा था ना कि मेरा और भी कुछ हॉट है!
यह कहते हुए उसने अपने लौड़े पर हाथ फेरा और जोर से हंस दिया.
मैं- इमरान यार, मुझे आज बोरीवली में ऑफिस का काम है, शायद पूरा दिन चला जाए … और शाम को मेरी नागपुर के लिए वापसी है … ट्रेन की टिकट भी बुक है मेरी!
इमरान- अरे तो ट्रेन की टिकट कैंसिल भी हो सकती है. चाहो तो मैं तुम्हें कल सुबह की टिकट बनाकर दे देता हूँ!
मैं- अरे नहीं, अगर तुम कह रहे हो, तो मैं खुद कल सुबह की टिकट ऑनलाइन बना लूँगा!
इमरान- नाइस … फिर आज तुम अपना ऑफिस का काम खत्म कर लो और शाम को बोरीवली में मिलो!
मैं- हां ये सही रहेगा!
इमरान- पक्का ना? मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा!
मैं- हां, पक्का यार, मैं खुद तेरे साथ रुकना चाहता हूँ.
इतने में बोरीवली की ट्रेन आ गई.
हम दोनों ट्रेन में चढ़ गए.
उसने मुझे अपना नंबर दिया और हम बातें करते-करते कुछ समय में बोरीवली पहुंच गए.
ट्रेन से उतरने के बाद उसने मुझे गले लगाया और कहा- जो मेरा हॉट है ना, वह 8 इंच का है.
यह कह कर उसने हल्के से मेरे गाल पर किस किया और ‘बाय’ कहकर चला गया.
मैं कुछ बोल पाता, उससे पहले वह भीड़ में कहीं खो गया.
मैं वहां से सीधे ऑफिस चला गया.
मेरे दिमाग और कानों में वही शब्द गूँज रहे थे.
हॉट, 8 इंच …
यह बात बार-बार वही मेरे जेहन में हथौड़ा सा मार रही थी.
किसी तरह पूरा दिन ऑफिस में काम किया लेकिन मेरा मन कहीं नहीं लग रहा था.
मुझे अपनी आंखों में सिर्फ़ इमरान ही दिख रहा था.
मन में हजारों अरमान जाग रहे थे.
क्या ही बोलूँ दोस्तो, आगे आप लोग समझ ही जाओगे.
शाम 6 बजे काम खत्म हुआ.
मैं ऑफिस के बाहर आया.
सबसे पहले मैंने इमरान को कॉल किया.
इमरान- हैलो राज, मैं तो तुम्हारे ही कॉल का इंतज़ार कर रहा था … तू कहां है?
मैं- वह … हां अभी-अभी मेरा काम खत्म हुआ.
पूरा दिन मैं तुम्हारे ही बारे में सोच रहा था.
वह हॉट वाली बात और 8 इंच वाली बात मेरे दिमाग से निकल ही नहीं रही थी!
इमरान- अरे हां बाबा, रुको ज़रा पहले ये तो बता, तू है कहां?
मैं- हां, मैं बोरीवली वेस्ट में चामुंडा सर्कल के पास ही हूँ!
इमरान- ओके तुम वहीं रुको. तुम मुझसे ज्यादा दूर नहीं हो, पास में ही हो मैं लेने आ रहा हूँ, बस 5 मिनट रुको वहां!
ये बोलकर उसने फोन काट दिया.
मैं वहीं उसका इंतज़ार करने लगा.
तभी मुझे फिर से याद आया … आठ इंच … मेरे होश उड़ गए क्योंकि मुझे कई महीने हो चुके थे सेक्स किए हुए.
मेरी ऐनस टाइट हो चुकी थी.
सामने मुझे एक मेडिकल स्टोर दिखा.
मैं वहां गया, जैली खरीदी और उसे अपने बैग में रख लिया.
तभी सामने से मेरा हीरो इमरान मुझे आते हुए दिखाई दिया.
आते ही उसने मुझे फिर से गले लगाया और मेरे गालों पर किस किया.
वह बोला- चलो!
मैं उसकी बाइक पर बैठा और हम उसके घर की ओर निकल पड़े.
उसके बदन से मर्दानी महक मुझे पागल कर रही थी.
उसका घर सिर्फ़ 5 मिनट की दूरी पर था.
घर पहुंचते ही उसने कहा- तुम पहले फ्रेश हो जाओ.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
उसके बेडरूम में जाते ही मैं उसके सामने पूरा नंगा हो गया.
इमरान मुझे घूरे जा रहा था.
मैं- पक्का … मैं अकेले जाऊँ फ्रेश होने?
इमरान- हां तो क्या मैं भी आऊँ? मैं तो अभी फ्रेश हुआ हूँ. तुम जाओ, जल्दी फ्रेश हो जाओ!
मैं नाराज़ होकर नंगा बाथरूम में चला गया.
वह मुझे देख रहा था.
शायद वह समझ चुका था कि मैं चाहता हूँ वह मेरे साथ आए.
मैंने गीज़र ऑन किया और शॉवर में नहाने लगा.
पहले मैंने पीछे छेद में पानी का पाइप डालकर ऐनस साफ़ की, फिर पूरे बदन और चेहरे पर साबुन लगाने लगा.
तभी मेरे हाथ से साबुन गिर गया.
बाथरूम का दरवाज़ा खुला था. मैं नीचे बैठकर साबुन ढूँढने लगा. मेरी आंखों में साबुन चला गया था, जिससे आंखें जलने लगीं.
काफी स्ट्रगल के बाद साबुन मिला.
जैसे ही मैं खड़ा हुआ, मेरे सिर पर कुछ टकराया.
आंखों में साबुन था, जलन हो रही थी. मैंने शॉवर ऑन किया और नीचे बैठकर आंखें साफ़ करने लगा.
जैसे ही मेरी आंखें साफ़ हुईं, मैंने देखा … इमरान पूरा नंगा मेरे सामने खड़ा था.
उसका आधा खड़ा लंड मेरी आंखों के सामने था.
मैं उसे देखता ही रह गया.
वह पूरा खड़ा भी नहीं था, फिर भी करीब 8 इंच का था.
मैंने ऊपर देखा, तो इमरान बोला- सॉरी.
मैं समझ चुका था कि वह अपने हॉट लंड की बात कर रहा था.
उसने मुझे पकड़ा, खड़ा किया और शॉवर में गले लगा लिया.
बिना कुछ बोले उसने मेरे मुँह में अपना मुँह डाल दिया और पागलों की तरह किस करने लगा.
मुझमें भी उतनी ही आग लगी थी, सो मैं भी उसका साथ देने लगा.
हम दोनों जैसे एक जिस्म दो जान बन गए.
मुझे लगा जैसे मुझे सात जन्मों का प्यार मिल गया हो.
इमरान ने इतने प्यार से मेरे पूरे बदन पर साबुन लगाया और अपने हाथों से मुझे साफ़ किया.
कभी वह मुझे किस करता, तो कभी मेरे निप्पल चूसने लगता.
मैं पागल हो रहा था.
हमने बाथरूम में काफ़ी देर तक रोमांस किया, जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो.
लेकिन मुझे क्या पता था कि कुछ ही समय में मेरे अरमानों पर पानी फिरने वाला था.
मुझे अहसास हुआ कि इमरान की आंखों में प्यार की जगह अब हवस दिखने लगी थी.
इमरान ने भूखे हैवान की तरह मुझे देखा.
उसने मेरा चेहरा पकड़ा और नीचे दबाया … अपने खड़े लंड के सामने, जो अब तनकर 9 इंच से भी बड़ा हो चुका था और काफ़ी मोटा भी.
चूंकि इमरान सांवले रंग का था, तो उसका हथियार काले रंग का था, बिल्कुल देखने में ऐसा लग रहा था मानो काले घोड़े का लंड हो.
उसका यह मूसल मेरी आंखों के सामने झूल रहा था.
इमरान- सॉरी. मैंने तुझे इस बात के लिए हल्का सा झूठ बोला था कि मेरा हॉट लंड 8 इंच का है … अगर मैं कहता कि ये 9 इंच से भी बड़ा और घोड़े जैसा मोटा, काला है, तो शायद तू नहीं आता!
उसने झूठ बोला था और तब उसने अपना असली रंग दिखाया.
मैं उसके लंड को पकड़ कर बोला- मस्त है.
वह मदभरी आवाज में गाली देते हुए बोला- मस्त है तो साली रंडी, चूस न मेरा हॉट काला लवड़ा!
मैं उसके मुँह से ये गाली सुनकर चौंक गया.
इमरान- तुझे क्या लगा, मैं तुझसे प्यार करूँगा? नहीं मेरी रानी, मैं तो आज तेरा वह हाल करूँगा कि तुझे समझ आ जाएगा कि लंड क्या चीज होता है. आज पूरी रात … तू चाहे या न चाहे, मेरा हथियार तेरी गांड का गोदाम बना देगा.
बस इतना बोलते ही उसने मेरे मुँह में अपने दोनों हाथों की उंगलियां डाल दीं, ऊपर और नीचे अपने हाथों से मेरे मुँह को फैलाया और सीधा उसका केला मेरे मुँह में जाने लगा.
मैं उसके लौड़े का अहसास अपने मुँह में करते ही मुस्कुरा दिया और शर्माने लगा.
इमरान- ह्म्म … तो तुम शर्माती भी हो मेरी रंडी!
कुछ देर तक लंड चूसने के बाद हम दोनों की काम पिपासा अपने चरम पर आ गई और चुदाई का मूड बन गया.
उसका मोटा नौ इंच का अरबी घोड़े जैसा काला लंड मेरे अन्दर एक भय सा पैदा कर रहा था और मुझे झुरझुरी सी आ रही थी.
पर अब क्या हो सकता था … शायद कुछ नहीं हो सकता था.
मैंने सोच लिया और मन ही मन में खुद से बोला कि राज, आज अपनी गांड का भोसड़ा बनने के लिए तैयार हो जा. यह एक मस्त लंड है, सारे जीवन भर याद आएगा.
बस फिर क्या था… मैं खुद ही बेड पर सीधा लेट गया और अपनी दोनों टांगें उठा लीं.
मैंने इमरान के सामने अपनी गांड को फैलाकर रख दिया.
इमरान ने अपने मुँह से ढेर सारा थूक अपने हाथ में लिया और मेरी गांड के छेद पर लगाने लगा.
मुझे डर भी लग रहा था और उत्सुकता भी थी कि इतना बड़ा काला लंड मेरी गांड में जा भी पाएगा या नहीं!
मैं अभी यही सोच ही रहा था कि तभी इमरान ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा और पूरी ताकत से ज़ोरदार धक्का दे मारा.
जैसे ही उसने धक्का दिया, उसका करीब 6 इंच लंड, बड़े टोपे के साथ, मेरी गांड के छेद को चीरता हुआ आधे से ज़्यादा अन्दर चला गया.
मैं इस झटके से एकदम से बेहोश हो गया.
मुझे पता ही नहीं चला कि इमरान ने अपना 9 इंच से भी बड़ा लंड एक ही बार में पूरा का पूरा मेरी गांड में डाल कर अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया था.
शायद पूरा बेड खून से भर चुका था.
मैं होश में नहीं था लेकिन उसे पता था कि मैं बेहोश हूँ.
फिर भी वह बिना रुके मेरी गांड बजा रहा था.
उसका लंड मेरी गांड के खून से लथपथ हो चुका था.
वह पूरा लंड बाहर निकालता और फिर ज़ोरदार झटका मारकर पूरा का पूरा लंड अन्दर तक डाल देता.
शायद उसका लंड मेरी गांड से होता हुआ मेरे कलेजे तक पहुंच रहा था.
मैं बेहोश था, फिर भी वह भूखे जानवर की तरह मेरी गांड मार रहा था.
करीब 30 मिनट बाद मुझे होश आया.
तब मुझे समझ आया कि उसका 9 इंच से भी बड़ा लंड मेरी गांड में चल रहा था और गांड से खू.न की धार बिना रुके बहे जा रही थी.
इमरान ने जैसे ही देखा कि मुझे होश आया, वह बोला- क्या राज … होश में आ गया! तुझे पता है, मैं तेरी गांड को आधा घंटा से मार रहा हूँ … कैसा लग रहा है? मज़ा आ रहा है या नहीं?
अब मैं इमरान को क्या बोलता कि कैसा लग रहा था.
मुझे यही समझ आ रहा था कि मेरी गांड में किसी ने लोहे की भट्टी जला दी हो.
मैंने पीछे हाथ लगाकर देखा, तो मेरा हाथ खू.न से भर गया.
मैं डर गया.
इमरान हंस कर बोला- जान, डर मत आज तेरी गांड का भोसड़ा बन गया है … तू आज मेरे से चुद गया है. अब तू एक साथ तीन लंड भी ले सकता है … इतना बड़ा भोक बना दिया है मैंने तेरा! तुझे तो मुझे थैंक्स बोलना चाहिए!
वह ऐसे बोलता जा रहा था और दनादन मेरी गांड भी मार रहा था.
कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम हुआ.
मैंने कहा- इमरान, ज़रा रुक!
वह रुका.
मैंने उसे अपना लंड बाहर निकालने को कहा और बोला- सीधा लेट जा!
इमरान बेड पर सीधा लेट गया.
उसका लंड मुझे सलामी दे रहा था.
मैं खड़ा हुआ और उसके लंड पर बैठने गया.
मैंने अपनी गांड को हाथ से छुआ.
हे मेरे मालिक यह क्या हुआ … मेरी चार उंगलियां सीधी अन्दर घुसती चली गईं.
मैंने सोचा- राज साले आज तू बड़ा वाला गांडू बन गया!
अब मैंने बिना कुछ सोचे इमरान का लंड एक हाथ से पकड़ा और उस पर बैठ गया.
अपनी आंखें बंद करके मैंने पूरा लंड अन्दर तक ले लिया और उसके लंड पर खूब उछलने लगा.
दर्द की कोई सीमा नहीं थी, फिर भी मैं खुद ऊपर-नीचे होने लगा.
कुछ देर बाद मैंने खुद अपनी गांड मरवाना शुरू किया.
दर्द कम हुआ.
फिर मैंने इमरान से कहा- पोज़ीशन बदलते हैं!
बेड के साइड में एक टी-टेबल थी.
मैंने एक पैर ज़मीन पर और एक पैर टेबल पर रख दिया और खड़े होकर तैयार हो गया.
मैंने कहा- आ जा इमरान, डाल दे पूरा लंड मेरी गांड में!
उसने ना आव देखा ना ताव, बिना रुके पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और आगे-पीछे करने में शुरू हो गया.
मैं भी जोश में आ गया और चिल्लाने लगा- आह और ज़ोर से और ज़ोर से चोद मादरचोद … आह भोसड़ा बना दो मेरी गांड का … चोदो राजा और चोदो!
पूरे कमरे में मेरी चुदने की आवाज़ें गूँजने लगीं.
‘पच-पच … पचा-पच … आहा … ह्म्म्म … और ज़ोर से मारो.’
मेरी गांड से खू.न बहता हुआ मेरी टांगों से नीचे आ रहा था.
मैं उस धार को देख रहा था.
‘आहा … ह्म्म्म … मज़ा आ रहा है इमरान … आह डाल दे पूरा!’
मैंने सोच लिया था, आज कुछ भी हो जाए, मैं पूरा मज़ा लूँगा.
इमरान बोला- राज, रुको बेड पर उल्टा लेट जाओ.
मैं तुरंत उल्टा लेट गया और बोला- आ जा मेरे राजा … डाल दे!
इमरान मेरे ऊपर लेट गया और बिना रुके पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया.
‘आहा … हम्म … मर गया!’
उसका पूरा का पूरा लंड गांड में घुस गया और उसने अपना इंजन मेरी गांड में आगे-पीछे चलाना शुरू कर दिया.
इमरान बोलते हुए शुरू हो गया- हां … हाय … लगाओ राजा, पूरा ज़ोर!
वह लगातार आगे-पीछे कर रहा था.
मेरी आंखों से पानी बह रहा था, फिर भी मैं उससे कहे जा रहा था- मारो और मारो … बुझा दे मेरी गांड की प्यास!
इमरान ‘ह्म्म्म … गप … आह’ करते हुए इमरान लगातार मेरी गांड मार रहा था.
उसे गांड मारते हुए एक घंटे से भी ज़्यादा समय बीत चुका था.
रात के 9 बज चुके थे.
वह बोला- राज, बस अब मेरा पानी निकलने वाला है … जल्दी बोल … कहां निकालूँ?
मैंने कहा- राजा, मेरे मुँह में निकालो!
उसने कुछ और धक्के मारे, फिर अपना लंड बाहर निकाल कर सीधा मेरे मुँह में डाल दिया.
वह मेरे मुँह को चोदने लगा और बोला- आ रहा है गन्ने का रस … तैयार हो जा मेरा पानी पीने!
ये बोलते ही उसने पूरा लंड मेरे हलक में डाल दिया.
उसकी पिचकारी छूटी जो सीधा मेरे गले से होते हुए पेट में चली गई.
आहा … उसका पानी थोड़ा नमकीन और खट्टा था.
मैंने उसका पूरा लंड चाटकर साफ़ किया.
इमरान का लंड ढीला पड़ने के बाद भी 7-8 इंच का दिख रहा था.
वह पूरी तरह थक चुका था.
फिर हम दोनों वापस बाथरूम गए, नहाए, फ्रेश हुए और खाना खाने के बाद सो गए.
सुबह में भी उसने मेरी बजाई पर वह कहानी फिर कभी लिखूँगा.
धन्यवाद.
ऐस्सहोल सेक्स कहानी कैसी लगी आपको?
आप मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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