बहन चोद सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं मामा के घर गया तो उनकी बेटी जवान हो चुकी थी, गजब माल लग रही थी. मेरा लौड़ा एकदम उसकी चुत के लिए मचलने लगा था.
मेरा नाम साजिद है. मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच है. रंग गोरा और बॉडी स्लिम है.
मेरी पिछली कहानी थी: चाचा का लंड लेकर की गांड चुदाई की शुरूआत
आज मैं आपको अपनी सच्ची बहन चोद सेक्स कहानी बता रहा हूँ.
मैं काफी समय से कहीं भी रिश्तेदारी में नहीं गया था.
एक बार जब मैं अपने मामा के घर पर गया, तब मैंने अपने मामा की लड़की को देखा.
मैंने पहले जब उसे देखा था तब वो छोटी सी थी, लेकिन अब वो पूरी जवान हो गई थी और एकदम से गदरा गई थी.
आज वो एक गजब माल लग रही थी. उसकी चुचियां बहुत बड़ी हो गई थीं. मेरा कटा हुआ लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया और उसकी चुत में घुसने के लिए मचलने लगा था.
आपको तो मालूम ही है कि हम लोगों में घर में रिश्तेदारों में निकाह हो जाता है और चुदाई चलती रहती है.
जब मैं उससे मिला, तो वो भी मुझसे भाईजान सलाम कर कर बात करने लगी.
उसने मुझे भाईजान कहा, तो मुझे याद आया कि वह मेरी बहन लगती थी और मैं उसको चोदने की सोच रहा था.
मगर हमारे में ये सब चलता है कि कब भाई किसी बहन की जान बन जाता है.
मैं उसके पास बैठ गया और उससे हंसी मज़ाक करने लगा. मैं उसको बार बार हाथ लगा रहा था, उसके बदन को टच कर रहा था.
उसको भी शायद मज़ा आ रहा था.
इसी दौरान मैंने एक बार उसकी जांघ पर हाथ रख कर उसे सहलाया, तो उसने कुछ नहीं कहा. इसका मतलब ये हुआ कि उसको भी मज़ा आ रहा था.
मैं उसकी तनी हुई चुचियों को देखे जा रहा था.
उसने ये भांप लिया था कि मैं उसकी जवान और रसभरी चुचियों को देख रहा हूँ और शायद वह भी मज़े लेना चाहती थी.
उसका फिगर 34-28-36 का था. अब मैं उसको चोदना चाहता था.
मैं एक कमरे में सो गया.
आधा घंटे बाद मेरी ममेरी बहन मेरे कमरे में आई, तो मैंने उससे पानी मांगते हुए पूछा- घर में बड़ा सन्नाटा सा लग रहा है … क्या सब सोए हुए हैं.
उसने बताया- नहीं भाईजान, आज सुबह में सब लोग बाजार चले गए थे. मैं और आप ही घर में बचे हैं.
इसका मतलब था कि इस समय सिर्फ हम दोनों अकेले थे. मैंने उससे पानी मांगा था.
जैसे ही वह पानी लेकर आई, मैंने उसको बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूसने लगा और उसकी चुचियों को मसलने लगा.
वह आहें भर रही थी. ‘आआ इह ..’ जैसी आवाज़ निकाल रही थी.
मेरा कटा हुआ लंड उसकी कामुक आवाज़ सुनकर पैंट में ही झड़ गया.
मैं जल्दी से बाथरूम में गया और अपने आपको साफ़ किया. बाहर आया तो मेरी बहन जा चुकी थी.
मैंने उसे आवाज दी तो वो आ गई. मैंने उसे पास आने के लिए कहा.
तो उसने कहा- अभी नहीं भाईजान, सब आते ही होंगे. हम दोनों रात को करेंगे.
मैं उसे अपनी बांहों में खींचने ही वाला था कि किसी ने आने की आहट हो गई.
सब लोग वापस आ चुके थे.
मैं कसमसा कर रह गया.
अब मैं रात का इंतज़ार करने लगा.
शाम के टाइम हम सबने खाना खाया. खाना खाकर सब अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए.
मैं भी अपने रूम में आ गया था. वह मुझको पानी देने के लिए आई, तो मैं उसको बांहों में लेकर बेड पर लेट गया और उसको चूमने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी और मेरी जीभ से जीभ लड़ाने लगी.
मैं उसकी चुचियों को दबा रहा था, उसके रसीले होंठों को चूस रहा था.
मैंने उसका हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया.
मेरे मोटे लंड पर हाथ रखते ही उसके मुँह से मादक आवाज़ निकल गई- हाय अम्मी … इतना बड़ा लौड़ा है … मेरी तो चुत ही फट जाएगी याल्ला मुझको भाईजान के कटे हुए लंड से बचा लो.
उससे मैं बोलने लगा- आज तो तुझको अपने भाईजान का कटा हुआ लौड़ा अपनी इस कटी हुई चुत में लेना ही होगा.
मैं उसकी चुत को मसलने लगा.
वह ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी- आह छोड़ दो भाईजान … इतना मत काटो … आह आह मेरी तो जान ही निकली जा रही है.
मगर मैं उसकी गर्म करता रहा.
फिर मैंने धीरे धीरे करके उसके कपड़े निकाले और उसको नंगी कर दिया.
अब वो सिर्फ एक चोली और कच्छी पहनी हुई थी. उसने काले रंग की तंग चोली पहनी हुई थी और लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
उसका एकदम गोरा बदन, इस समय ब्रा पैंटी में वो किसी ब्लू फिल्म की रंडी से कम नहीं लग रही थी.
मैंने उसकी चोली और चड्डी उतार दी.
वह अब नंगी थी. उसे नंगी देख कर मेरा नशा फट गया. मेरी बहन का एक एक अंग तराशा हुआ था. साली एकदम जन्नत की 72 हूरों में से एक हूर नजर आ रही थी.
मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और अब मैं भी पूरा नंगा ही गया था.
मेरा कटा हुआ लौड़ा खड़ा हो गया था.
मैं उसकी चिकनी चुत को अपने हाथ सहला रहा था.
वह सेक्सी आवाज़ निकाल रही थी- आह हम्म भाईजान … अब और मत तड़पाओ … अपना कटा हुआ लौड़ा अपनी इस बहन की प्यासी चुत में पेल दो.
मैंने कहा- हाँ, मगर पहले मेरे लंड को तुम मुँह में लेकर चूसो.
वह लंड चूसने से मना करने लगी.
मैंने कुछ नहीं कहा और उसको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया.
वो चुत पसार कर लेट गई. मैं अपनी बहन के ऊपर चढ़ गया और अपना कटा हुआ लौड़ा उसके मुँह में दे दिया.
वह लंड चूसने से मना कर रही थी. मैंने उसको अपना लौड़ा सिर्फ चाटने को कह दिया.
थोड़ी देर में वह मस्ती से लंड चूसने लगी. मेरा लंड उसके मुँह में ही चलने लगा.
मैंने उसका मुँह लंड से दबा दिया और उसको अपना सारा माल पिला दिया. उसने भी मेरा वीर्य पी लिया.
फिर मैंने उसकी चुत को चाटा, वह मस्ती में चिल्लाने लगी- आह ज़ोर से चूसो भाईजान … आह मज़ा आ रहा है.
वो अपने मुँह से कामुक आवाजें निकाल रही थी. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर हम दोनों ने 69 पोज़िशन बना ली और मुँह से एक दूसरे के लंड चुत को चूसने चाटने लगे.
हम दोनों की पछ पछ की आवाज़ निकल रही थी.
कुछ ही देर में मेरा लौड़ा दोबारा से खड़ा हो गया था.
मेरी बहन ने चुत फैलाते हुए कहा- भाईजान अब अपना लंड मेरी चुत में पेल दो … अब मुझसे सहन नहीं होता.
मैंने अपने लंड के ऊपर थूका और उसकी की गीली चुत में ठेलना शुरू कर दिया.
उसकी चुत बहुत टाइट थी, लंड आसानी से अन्दर नहीं जा रहा था. बार बार फिसल रहा था.
अचानक से मेरे लंड का टोपा उसकी चुत में घुस गया और चुत का दरवाजा सा खुल गया.
वो ज़ोर से चीखी- हायल्ला मर गई … मेरी चुत फट गई. आह बाहर निकालो इसको भाईजान … हाय अम्मी मर गई मैं … मुझको बचा लो.
लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और फिर से एक जोरदार धक्का दे मारा.
वह फिर से जोर से चीखी- हट जा मरदूद आह हायल्ला मर गई अम्मी रे … बचा लो … मर गई … बाहर निकालो भाईजान.
फिर मैंने जल्दी जल्दी दो तीन धक्के और मारकर अपना पूरा लंड उसकी चुत में पेल दिया.
वो छटपटा रही थी, मेरे नीचे से निकलना चाहती थी.
लेकिन मैंने उसको अपने बांहों में भर लिया ज़ोर ज़ोर से उसके होंठों को चूमने लगा.
मैं उसकी आवाज़ उसके मुँह में दबा कर उसे चुप कराने में लगा था.
वह अब गूं गूं कर रही थी.
फिर मैंने धक्के देने शुरू किए. पांच मिनट चोदने के बाद वह सही हो गई और नीचे से अपनी गांड को उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी.
मैं समझ गया कि अब उसको मज़ा आने लगा है. अब हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे और कमरे में पछ पछ की आवाज़ आ रही थी.
वह बोले जा रही थी- आह भाईजान …. ज़ोर से और जोर चोदो … आह तुम्हारी बहन 19 साल की हो गई है … आज तक लंड के बिना तरस रही थी. आह आज अपनी बहन की चुत की प्यास बुझा दो और तेज पेल दो … आह … मज़ा आ रहा है भाईजान.
कुछ देर बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चुत में अपने लंड को एक बार में ही पेल दिया.
उसने एक जोरदार चीख मारी- हाय अम्मी बचा लो … भाईजान ने मेरी चुत फाड़ दी.
मैं उसकी जोरदार चुदाई करने में लगा रहा. मुझे उसकी चिल्लपौं से कोई डर ही नहीं था क्योंकि मेरा ये कमरा सबसे अलग था और इस कमरे में होने वाली आवाजें बाहर नहीं जा सकती थीं.
धीरे धीरे उसको भी घोड़ी बनकर चुदने में मज़ा आने लगा. वह अपनी गांड को पीछे की तरफ धकेलती हुई धक्के मार मार कर मेरा साथ दे रही थी.
उसकी चुत से एक सफ़ेद चिकना चिकना सा पानी बहने लगा था. ये सफ़ेद पानी इस वक्त मुझे साफ़ दिख रहा था और ये ऐसा लग रहा था जैसे खीरे के मुँह को काट कर उसको रगड़ते हैं.
मुझे उसकी चुत से ये रस निकलते देख कर बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने आगे हाथ बढ़ा दिए और उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर उन्हें मींजते हुए उसकी चुत में ताबड़तोड़ लंड चलाने लगा.
कुछ देर इसी पोजीशन में अपनी बहन को चोदने के बाद मैं उसके ऊपर से हट कर सीधा लेट गया.
अब मैं नीचे लेटा था और उसको अपने ऊपर बैठने के लिए कह दिया.
पहले तो वह समझी ही नहीं.
फिर मैंने उसको अपने लौड़े पर बिठाया और उसकी चुत में लंड दे दिया.
लंड सटाक से उसकी चिकनी चुत में घुस गया और उसके मुँह से ‘आह … उच्च ..’ की आवाज़ निकल गई.
फिर धीरे धीरे वो मेरे लौड़े पर बैठ कर अपनी गांड को हिलाने लगी.
मेरी बहन मेरे लंड पर चढ़कर अपने मुँह से आवाज़ निकालने लगी- उउन्न्ञह … आआह इसस्स्स्श बहुत मस्त चुदाई कर रहे हो भाईजान … आह मजा दिला दिया आज आपने अपनी बहन को … वादा करो अपनी बहन को ऐसे ही चोदते रहोगे.
नीचे से मैं भी गांड उठा कर उसकी चुत में लंड पेलने लगा. उसकी हिलती हुई चूचियां मुझे बड़ी मस्त लग रही थीं.
मैंने हाथ से उसकी एक चूची पकड़ कर मसली, तो वो मेरे सीने पर झुक गई और अपने मम्मे बारी बारी से मुझे चुसाने लगी.
मैं भी उसकी चूचियों को चूसता हुआ उसकी चुत बजाए जा रहा था.
कुछ ही देर में वो तेज आह आह करने लगी और उसकी चुत झड़ने को हो गई.
वो जैसे ही झड़ी तो उसकी गर्मी से मैं भी पिघल गया और उसकी चुत में ही झड़ गया.
फिर जैसे ही उसने मेरा लौड़ा अपनी चुत से बाहर निकाला, तो उसकी चुत में गिरा हुआ मेरा माल और उसकी चुत का सारा पानी मेरे लंड के ऊपर बह गया.
अब मैंने अपना सना हुआ लौड़ा उसके मुँह में दे दिया और लंड चटवाकर साफ़ करवा लिया.
मेरी बहन ने भी मेरे लंड का सारा माल बड़े मजे से चाटा और खा गई.
वो लंड साफ़ करके मेरे ऊपर ही नंगी ही लेट गई.
मैं उसके होंठों को चूम रहा था था और मेरे लंड का माल और उसकी चुत का पानी उसके मुँह से मुझे स्वाद देने लगा था.
मैं भी उसके मुँह में जीभ देकर रस चाटने लगा.
बड़ा मस्त स्वाद आ रहा था.
दस मिनट बाद वो उठ कर अलग हुई और अपने कपड़े पहन कर चली गई.
मैं भी सो गया. कुछ दिन उधर रुक कर मैंने अपनी बहन की चुत को भोसड़े में तब्दील कर दिया था. वो भी मुझसे चुद चुद कर पक्की रांड बन गई थी.
अब मैं जब भी वहां जाता हूँ. उसको चोद कर ही आता हूँ. अब उसका निकाह हो गया है. वह जब भी अपने पीहर आती है, मैं भी उधर पहुंच जाता हूँ और उसको ताबड़तोड़ चोद कर ही आता हूँ.
आपको मेरी बहन चोद सेक्स कहानी कैसी लगी. यह मेरी एक सच्ची सेक्स कहानी है. कृपया कमेंट करके बताइए.
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