स्टेप मॅाम सन Xxx कहानी में मैंने अपने पापा की जवान बीवी को चोदा. वे मेरे पापा से 20 साल छोटी हैं. पापा की बीमारी के कारण उन्हें सेक्स सुख नहीं मिलता था.
मेरा नाम सूरज है. मैं अभी 23 साल का हूँ.
यह मेरी और मेरी सौतेली मम्मी की स्टेप मॅाम सन Xxx कहानी है.
मेरी मॉम का नाम मालती है और वह 38 साल की हैं.
वे देखने में गजब की गोरी चिट्टी माल जैसी हैं और वे मेरी सौतेली मां हैं.
मेरी सगी मां के असमय गुजर जाने से डैड ने दूसरी शादी कर ली थी और उन्होंने अपनी उम्र से बीस साल छोटी महिला से शादी की थी.
इधर मैं कम उम्र से ही औरतों के चक्कर में पड़ गया था और लौंडियाबाज हो गया था.
मैंने बहुत सी औरतों लड़कियों को चोदा है.
मैं रंडी खाने में भी बहुत बार गया हूँ.
मेरे घर में जो भी औरत आती थी, मैं चुपके से उसे देखने लगता था.
खास तौर से तब, जब वह हमारे घर में बाथरूम करने गई होती थी.
उस वक्त मैं चुपके से उसे देखता था.
मैंने बाथरूम के अन्दर झाँकने के लिए एक छेद बनाया हुआ था जिसमें से मैं अपनी आंख लगा कर अन्दर की सारी गतिविधियां देख लेता था.
कई बार तो मैंने देखा था कि महिलाएं अपनी चूत में उंगली करके हस्तमैथुन करती हैं.
उस वक्त अधिकतर महिलाएं दीवार से टिक कर खड़ी हो जाती थीं और अपनी चूत के ऊपर से कपड़े हटा कर उंगली करने लगती थीं.
अपनी इसी आदत के चलते मैंने मैंने अपनी दीदी को भी नंगी नहाते और टॉयलेट जाते समय उनकी चूत गांड को देखा था और वह सीन देख कर मैं मुठ मारता था.
मेरी दीदी मुझसे बड़ी हैं. उनकी शादी हो चुकी है.
अब घर में मेरी मॉम डैड और मैं ही रहते हैं.
मेरे पापा रिटायर्ड पर्सन हैं और अब बीमार ही रहते हैं.
इसलिए उन्हें अक्सर डॉक्टर को दिखाने के लिए बड़े शहर में जाना पड़ता है.
एक बार मैंने सोचा कि कुछ ऐसी चीज अन्दर रख दूँ जो लंड के जैसी दिखने वाली हो और बाथरूम के अन्दर जाकर मुठ मारने वाली महिलाओं की कारगुजारी को देखूँ.
इसके चलते मुझे और दूसरी महिलाओं की तो छोड़ो, खुद अपनी सौतेली मॉम का खेल देखने मिल गया.
हुआ यह कि मैं एक शैंपू की गोल शीशी लेकर आया जो कि आमतौर पर भारतीय लंड से थोड़ी मोटी थी और चिकनी थी.
जिस दिन मैंने शैंपू लाकर रखा उसी दिन मॉम ने उसे अपनी चूत में लेकर खुद को ठंडी कर लिया और झड़ कर बाहर आ गईं.
मैंने उन्हें चहकते हुए देखा तो पहले तो बात समझ में नहीं आई.
फिर मॉम ने खुद ही जब मुझसे कहा- तुम ये शैंपू की शीशी लाए थे?
मैं तुरंत समझ गया कि मॉम ने उसे लंड मानकर अपनी चूत की प्यास बुझाई है.
चूंकि यह बात मुझ जैसे हरामी लड़के से छिपी नहीं थी कि अब मेरे डैड, मॉम की चुदाई नहीं करते हैं तो मॉम को लौड़े की तलाश है.
एक दिन सुबह जब मैं बाथरूम के लिए जा रहा था, तब बाथरूम का दरवाज़ा खुला था.
मेरी मॉम अन्दर नंगी होकर नहा रही थीं.
मैं तो मॉम को देखता ही रह गया.
जब मॉम नहा कर बाहर निकलीं, तब वे सिर्फ़ एक गमछा लपेट कर निकली थीं.
ये झीना सा गमछा था तो मॉम की नंगी देह साफ दिखाई दे रही थी.
उन्होंने मुझे देखा तो उसी हालत में पूछा- क्या हुआ, क्या तुम्हें बाथरूम जाना था? पहले क्यों नहीं कहा, मैं जल्दी से निकल जाती.
इतना कह कर वे कमरे में अन्दर चली गईं.
मैं जल्दी से बाथरूम में चला गया और पेशाब करके कमरे में आ गया.
मेरी मॉम अभी भी गमछे में ही थीं और अपने सर के बाल सुखा रही थीं.
उस गमछे में से मॉम के दूध पूरे खुल गए थे और गमछा अब केवल उनकी कमर पर बंधा हुआ था.
वह भी साला फटा हुआ था, जिसमें से मॉम की चूत और गांड दोनों साफ दिखाई दे रहे थे.
मैं मॉम की नंगी देह को देख रहा था.
मॉम ने मुझसे पूछा- क्या हुआ, मुझे टुकुर-टुकुर कर क्या देख रहा है? पहले कभी नहीं देखा क्या?
मैंने कहा- मॉम, आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.
मॉम ने थैंक्स कहा.
मैंने कहा- मॉम आपके बूब्स कितने सुंदर और सफेद हैं.
उनकी बगल और चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद मॉम उधर एकदम साफ सफाई रखती होंगी.
मेरी बात सुनकर मॉम ने कहा- इसी तरह के अपनी मॉम के दूध पीकर तो तू बड़ा हुआ है, फिर से मेरे पीना है क्या?
मॉम ने जब ये पूछा, तो मैंने हां कह दिया.
तो मॉम ने कहा- ठीक है, चल आ जा और दूध पी ले.
मैं झट से आगे बढ़ा और मॉम का एक दूध को पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया.
और मैं मॉम का दूध चूसने लगा; दूसरे हाथ से उसका दूसरा दूध दबाने लगा.
फिर मैं अपनी मॉम का एक निप्पल मुँह में भर कर चाटने लगा और उसे जीभ से कुरेदने लगा.
इससे मेरी मॉम एकदम से गनगना उठीं और उनके मुँह से कामुक सीत्कारें निकलने लगीं.
मैंने मॉम से कहा- मॉम अब आप बिस्तर पर लेट जाओ. मैं बचपन के जैसा बिस्तर पर लेट कर आपका दूध पियूंगा.
मॉम ने कहा- ठीक है बेटा … मैंने भले तुझे अपना दूध नहीं पिलाया मगर आज मैं तुझे तेरी सगी मां के जैसे अपना दूध पिलाऊंगी.
यह कह कर मॉम बिस्तर पर लेट गईं और उन्होंने अभी भी अपनी कमर से बंधा हुआ गमछा नहीं उतारा था.
जब मॉम लेट गई थीं तो उनकी चूत से गमछा जरा हट गया और चूत का छेद साफ दिखाई देने लगा था.
मॉम के बिस्तर पर लेटते ही मैंने उनके एक दूध को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
कभी मैं उनकी चूची के निप्पल को अपनी जीभ से सहलाते हुए खेलता तो कभी दोनों चूचियों को एक साथ पीने की कोशिश करता.
उस समय मैं भी सिर्फ कच्छे में था क्योंकि मैं भी बाथरूम से फ्रेश होकर आया था.
मैं मॉम के ऊपर चढ़ कर ही उनका दूध पी रहा था.
उसी समय कब मेरा लंड खड़ा हो गया, मुझे पता ही नहीं चला.
मैं अपने लौड़े को मॉम की चूत पर रगड़ने लगा.
पहले तो मॉम ने कुछ नहीं कहा, शायद उन्हें भी अपनी चूत को रगड़वाने में मज़ा आ रहा था या फिर वे इसे अनदेखा कर रही थीं.
जब काफ़ी देर तक मैं उनकी चूचियों से खेलता रहा. इसी खेल खेल में कब मेरा लंड उनकी चूत में घुस गया, कुछ पता ही नहीं चला.
वह तो जब लौड़े को चूत की गर्मी का अहसास हुआ, तो पता चला कि मेरा लंड मेरी सौतेली मॉम की भोसड़ी में गोता लगाने लगा.
साथ ही उसी समय मॉम के मुँह से भी आह की आवाज आई तो मुझे उनकी चूत में लंड रगड़ने में मजा आने लगा.
लौड़ा अन्दर लेने के बाद मॉम ने कहा- बस कर अब, कितना दूध पिएगा. छोड़ दे … मुझे काम है.
उनके ये कहते ही मैं लंड बाहर निकाल कर मॉम के ऊपर से उठ गया.
जब मैं मॉम के जिस्म से लंड निकाल कर उठा, तब मैंने महसूस किया कि मेरा लंड उनकी चूत से बाहर निकल रहा है.
मेरा लौड़ा मॉम की चूत के पानी से भीग गया था.
मैंने उठते ही मॉम से सॉरी कहा.
तो मॉम ने कहा- तू अब जवान हो गया है, तुझे भी औरत की ज़रूरत है मगर बेटा, अभी तेरे पापा जीवित हैं और उनके रहते मैं दूसरे मर्द से रिश्ता नहीं बना सकती.
इस घटना के बाद मॉम का मेरे प्रति और मेरा अपनी सौतेली मॉम के प्रति नजरिया बदल गया.
अब मैं अपनी मॉम को मॉम की नज़र से नहीं, एक प्यासी औरत की नज़र से देखने लगा था.
शायद मॉम भी मुझे एक जवान मर्द की नजर से देखने लगी थीं.
हम दोनों के बीच में मॉम और बेटे का रिश्ता नहीं के बराबर रह गया था.
जब पापा घर पर नहीं होते तो मैं मॉम के सामने नंगा होकर कपड़े बदल लेता.
नहाते समय मॉम को साबुन लगाने बुला लेता और नंगा होकर उनके सामने मुठ मार लेता.
मॉम भी टॉयलेट जाते समय और नहाते समय दरवाजा नहीं लगाती थीं.
यदि पापा घर पर नहीं रहते तो मॉम मेरे सामने पूरी नंगी होकर कपड़े बदल लेतीं.
जब भी पापा घर के बाहर रहते, तो मैं मॉम के कमरे में या मॉम मेरे रूम में आकर सो जातीं और मैं मौका पाकर मॉम के पास लेट कर उनकी नाइटी उठाकर उनकी चूत चाटने लगता.
वे भी सोने का नाटक करती हुई चूत चटवाती रहतीं मगर चूत में लंड नहीं डालने देतीं.
फिर एक दिन मेरे पापा को दिल का दौरा पड़ गया.
मैंने पापा को अस्पताल में अड्मिट कर दिया.
कुछ दिन बाद वे चल बसे.
मुझे बहुत अफसोस हुआ और साथ ही कहीं न कहीं मॉम के मिलने की खुशी भी थी.
अब मेरे और मॉम के बीच कोई अवरोध नहीं था.
मॉम शारीरिक रूप से मेरी बीवी होने वाली थीं.
पापा की त्रियोदशी के बाद घर से सभी रिश्तेदार चले गए.
उस दिन घर पर मैं और मॉम अकेले थे.
मैंने सोचा कि आज की रात ही मॉम को अपना बना लेता हूँ.
हम दोनों ने खाना खाया और मैं बिस्तर पर आ गया.
कुछ देर बाद मॉम भी आ गईं.
मॉम पापा की बातें करने लगीं और उनकी आंखों में आंसू आ गए.
फिर मैंने उनके आंसू पौंछे और उनको गले से लगा लिया.
मैंने मॉम का चेहरा हाथों में लिया और उनको किस करना चाहा.
पर मॉम ने मना कर दिया.
मॉम ने कहा- अभी तेरे पापा चल बसे हैं. क्या तुझे अभी ही अपनी मॉम की चूत चाहिए?
यह कह कर उन्होंने मुझे एक झापड़ रसीद कर दिया.
मैंने भी गुस्से में आकर कहा- अब क्या दिक्कत है. डैड तो चले ही गए. आज तो मुझे आपकी चूत में अपना लंड पेलना ही है.
यह कह कर मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और उनको नंगी कर दिया.
मैं भी नंगा हो गया और उनकी चूत चाटने लगा.
उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरा मुँह अपनी चूत से हटाना चाहा, पर हटा नहीं सकी.
मैं उनकी चूत चाटता रहा.
कुछ देर बाद वे भी साथ देने लगीं.
अब मैं मस्ती से मॉम की चूत चाटते चाटते उनकी चूचियों को भी पीने लगा.
फिर मैंने 69 में आकर अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया और खुद उनकी चूत चाटने लगा.
वे एकदम से गर्म हो चुकी थीं और अपनी चूत से पानी निकाल चुकी थीं.
मैंने उनकी चूत का रस पी लिया.
अब मैंने अपना लंड मॉम की चूत में डालकर उनको पेलने लगा. स्टेप मॅाम सन Xxx शुरू हो गया.
मैं चोदते समय मॉम को गालियां दे रहा था- रंडी, मैंने तुझे आज अपना बना ही ही लिया.
मॉम ने कहा- मैं जानती हूँ कि तूने पापा के जाने का कितनी बेसब्री से इंतजार किया है ताकि तू अपनी मॉम के जिस्म को पा सके.
मैंने कहा- हां मेरी रांड साली, तुझे भी तो मेरा लंड जल्दी से लेने की चाहत थी. अपनी इच्छा भी तो बताओ.
मॉम बोलीं- मैं तो उसी दिन से तेरी होना चाहती थी, जिस दिन तूने मेरा दूध चूसा था.
मैंने पूछा- मॉम आज से तू मेरी रखैल बनेगी या बीवी?
मॉम ने कहा- अब मैं तेरी हूँ, तेरी जो इच्छा है … मुझे बना कर रख!
मैंने कहा- मैं तुझे अपनी बीवी बनाना चाहता हूँ. इसलिए हम ये शहर छोड़ देंगे और किसी बड़े शहर में जाकर रहेंगे.
मॉम ने कहा- ठीक है.
मैंने कहा- तो चल, अभी मैं तेरी मांग भर देता हूँ.
फिर मैंने मॉम की मांग में सिंदूर लगाया और मेरी वे फिर से सुहागन हो गईं.
मॉम ने मेरे पैर छुए और आशीर्वाद लिया.
अब मॉम और मैं दुनिया के सामने मां और बेटे हैं लेकिन हम दोनों की नज़र में में मॉम का दूसरे पति और वे मेरी पत्नी हैं.
हम दोनों रोज दिन रात चुदाई करते रहते हैं.
जल्दी ही मैं इस मकान को बेच कर जाना चाहता हूँ ताकि मैं मॉम को अपनी बीवी बना सकूँ.
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