बड़ी गांड और मम्मों वाली अम्मी की चुदाई

स्टेप मॅाम Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी छोटी अम्मी के साथ उनके मायके गया. मेरी ये सौतेली अम्मी बहुत सेक्सी हैं. रात को मैं उसके साथ एक बिस्तर में सोया. तो क्या हुआ वहां?

दोस्तो, मेरा नाम फार्रूख है (बदला हुआ).
मैं बीटेक फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हूं.

मेरे घर में अम्मी अब्बू और दो बड़ी बहनें हैं.
मेरे अब्बू ने अम्मी से दूसरा निकाह किया था.
इसी वजह से अम्मी और अब्बू की उम्र में बीस साल का अंतर है.
हम तीनों बच्चे पहली अम्मी के हैं तो अब ये अम्मी सौतेली हुई.

अन्तर्वासना पर मेरी मां बेटे के बीच चुदाई की यह स्टेप मॅाम Xxx कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है कि किस तरह नानी के घर मैंने अम्मी के चूतड़ों और गांड को छूते और चूमते हुए उस पर अपने लंड को रगड़ दिया‌‌ और उसके बाद उन्हें सैट करके खूब चोदा.

तब मेरी अम्मी की उम्र 40 साल रही होगी. उनका नाम हसीना है.
उनके बड़े बूब्स और उभरी हुई बड़ी सी गांड दिखने में किसी को भी उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगने देती है.

मैं अम्मी का बेटा खुद भी अम्मी को चोदने की फिराक में था.
जैसा कि मैंने बताया कि अम्मी का नाम हसीना था और उनके नाम के अनुसार ही उनकी हसीन चूचियों का हर कोई दीवाना था.

आस पास के लौंडे उनको चोदने की फिराक में लगे रहते थे और भाभी भाभी कह कर उन्हें अपने जाल में फँसाने और बहकाने की कोशिश में लगे रहते थे.
तब वे घर में सिलाई का काम करती थीं.
कुछ लौंडे उनके पास सिलाई का काम लेकर आते और उन्हें अपनी आंखों से चोदने का सुख लेते.

एक बार की बात है. मैं और अम्मी ठंडी के मौसम में कुछ काम की वजह से नानी के घर ‌गए थे.
मैं घर में अकेला लड़का हूं, तो अम्मी कहीं भी जाती हैं … वे मुझे साथ लेकर ही जाती थीं.

नानी के घर पहुंचते ही हमारी आवभगत हुई.

रात में मेरा पसंदीदा खाना बना था.
मुमानी ने बिरयानी बनाई थी जिसे मैंने बड़े स्वाद से खाया था.

मामी मुझे बहुत ज्यादा ही मानती थीं और हमेशा बुलाया करती थीं.

खाने के बाद सब लोग सोने का इंतजाम करने लगे.

असल में मेरी नानी के घर जगह बहुत ज्यादा नहीं है, तो कई लोगों को एक साथ सोना पड़ता है.
एक कमरे में मैं, अम्मी और मौसी की लड़कियां और मौसी सोई थीं.

उधर का बेड काफी बड़ा था.
मामी के पास रजाईयां ज्यादा नहीं थीं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए अम्मी से कहा- आप और फार्रूख एक ही रजाई में सो जाइए.
अम्मी पहले थोड़ा हिचकिचाईं, फिर बोलीं- चलो ठीक है.

मुझे और अम्मी को एक ही रजाई में सोना था.
वैसे भी मैं अम्मी का बेटा था तो कोई बात नहीं थी.

खैर … सब लोग सोने लगे.
मैं और अम्मी एक ही रजाई में सोने लगे.

अम्मी ने अपने बड़े दूधों को मेरी तरफ किया था. मैं भी उनकी तरफ मुँह करके सोया था.

पहले तो मेरे दिमाग में कोई ख्याल नहीं आया, लेकिन एक घंटे सोने के बाद मुझे पेशाब लगी.
मैं उठने लगा.

उठते समय मेरा हाथ अम्मी की चूचियों से टच हो गया.
लेकिन वे नींद में थीं तो ज्यादा कुछ नहीं हुआ.

मैं पेशाब करके आया तो देखा अम्मी का कुर्ता ऊपर को उठ गया था और उनकी ब्रा हल्की सी दिख रही थी.
यह देखते ही मेरे दिल में ख्याल आने लगा कि इस तरह से कुर्ता कैसे ऊपर हो सकता है.
इसको शायद अम्मी ने ही ऊपर किया होगा.

शायद उनका भी मन अपने बड़े स्तनों और चूतड़ों को अपने लड़के के नाम करने का हो रहा हो.

यही सब सोचते हुए मैं धीरे धीरे रजाई के अन्दर चला गया.
अब मैं अम्मी को पेलने का प्लान बनाने लगा कि किस तरह अम्मी को पटाऊं.
मैंने सबसे पहले अपने मुँह को अम्मी के कुर्ते के ऊपर से ही उनके मम्मों पर टच कर दिया.

अब तक मैं सोए हुए आदमी की तरह ही ड्रामा कर रहा था.
इस वजह से बार बार मेरा हाथ अम्मी की कमर के नीचे लग रहा था.

इन सब पर अम्मी ने कोई रिएक्शन नहीं किया.
इससे मुझे भी हौसला मिलने लगा.

मैं हाथ को उनके उभरे हुए बड़े बड़े चूतड़ों की ओर ले गया और उस पर रख कर एक चूतड़ को अपनी तरफ खींचा.
मेरी अम्मी क्या गर्म और नर्म माल थीं.
मुझे जो अनुभूति ऊपर से ही सहलाने पर हो रही थी, उसे मैं बयान नहीं कर सकता.

मेरा हौसला और बढ़ने लगा था.
मैंने अम्मी के एक मम्मे को कुर्ते के ऊपर से ही अपनी जुबान से सहलाना शुरू कर दिया.
लेकिन इस बार सब सही नहीं था.

अम्मी दिखावे के लिए विरोध करने लगीं.
उन्होंने मेरे हाथ को अपने चूतड़ से हटा दिया और कुछ हिल सी गईं, जिस वजह से मैंने उनके मम्मे पर जीभ चलाना रोक दिया.

अब मेरे सामने दो विकल्प थे.
पहला यह कि मैं सो जाऊं … और दूसरा यह कि मैं अम्मी को चोदने का रिस्क लूं.

मैंने दूसरा विकल्प चुना.

मैं फिर से हाथ अम्मी की चूचियों पर रख कर सहलाने लगा.

इतने में अम्मी बोलीं- यह क्या कर रहे हो बेटा … तुम पागल हो गए हो क्या फार्रूख?
मैं बोला- कुछ नहीं अम्मी, बस ऐसे ही.

‘यह गलत है बेटा. यह गंदी बात है. तुम अभी छोटे हो और अभी से यह सब काम नहीं करते हैं बेटा.’
मैं बोला- पता नहीं क्यों अम्मी, मुझे यह सब करने का मन कर रहा है.

अम्मी बोलीं- क्या मन कर रहा है?
मैंने कहा- सुनकर आप बुरा मान जाओगी … आप आपको खराब लगेगा.

अम्मी बोलीं- बेटा, तुम मेरे बेटे हो. तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है. बस तू बोल, तुझे क्या चाहिए!
मैंने अम्मी से कहा- यहां सब सोए हैं. अभी जाग जाएंगे. चलो छत पर चल कर बात करते हैं.

वे मान गईं और हम दोनों एक एक करके छत पर आ गए.
छत पर जाते ही मैंने साफ शब्दों में कहा- अम्मी पता नहीं क्यों, मेरा लंड आपके साथ खेलना चाहता है.

मेरे मुँह से यह सब सुनकर अम्मी को भी जोश आया लेकिन वे कुछ नहीं बोलीं.
फिर इन्कार करने लगीं- मां बेटे में यह सब कैसे हो सकता है. तू अभी छोटा भी है और तेरा सामान भी छोटा ही होगा. तू कहां कुछ कर पाएगा?

अम्मी के मुँह से सामान शब्द सुना तो मैंने समझ लिया कि आज तो मेरी मां चुदेगी.
इतने मैंने अपने लोअर को नीचे करके 6 इंच का अपना काला लंड बाहर निकाल दिया.

अम्मी बोलीं- हाय … मेरा राजा बेटा तेरा तो लंड बहुत बड़ा हो गया है!
मैं बोला- हां अम्मी … जब आपके चूतड़ और दूध इतने बड़े बड़े होंगे, तो आपके बेटे का लौड़ा कम क्यों होगा!

अब शायद कामुक अम्मी का मन भी बदल रहा था.
वे बोलीं- मन तो मेरा भी करता है … तेरे अब्बू तो अब कुछ कर ही नहीं पाते हैं.

दोस्तो, आपको बता दूं कि मेरे अब्बू सरकारी टीचर थे. अब वे घर में ही रहते हैं.
चूंकि वे अम्मी से बीस साल बड़े हैं, तो कुछ सालों से अम्मी को खुश नहीं कर पा रहे थे.

अम्मी बोलीं- फार्रूख, मैं भी प्यासी हूं, लेकिन मैं अपनी प्यास कैसे बुझा सकती हूँ, तू यह सब छोड़ बेटा … और सो जा.

लेकिन अम्मी के मुँह से यह सब सुनने के बाद मुझे कहां चैन था.

मैंने कहा- अम्मी देखो आपको भी जरूरत है और मुझे भी … अगर हम दोनों साथ में चुदाई करेंगे तो किसी को शक भी नहीं होगा और दोनों खुश भी रहेंगे.
‘लेकिन बेटा, मां हूं तेरी मैं!’

मैं बोला- मां यह सब आज के जमाने में सामान्य है.
वे बोलीं- इसका क्या मतलब है फार्रूख … तू कैसे जानता है?
मैंने उन्हें अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी साईट पर मॅाम सन चुदाई कहानी पढ़वाई.

‌मां बेटे के बीच चुदाई की कहानी‌ पढ़ते ही उनका भी मूड शायद बन चुका था.
वे बोलीं- बेटा, किसी को यह बात पता नहीं चलना चाहिए.

मैं बोला- अरे क्या पागल हैं आप! मैं किसको बताऊंगा कि मैं अपनी अम्मी की चुदाई करता हूँ.
मेरी बात सुन कर अम्मी के चेहरे पर एक विशेष खुशी झलक रही थी.

मैं बोला- अम्मी, हम नीचे सबके बीच में अच्छे से सेक्स नहीं कर पाएंगे. चलो कहीं और चलते हैं.
अम्मी उंगली से इशारा करती हुई बोलीं- उस टपरे में चलो.

असल में छत पर एक रूम बना था, जो पूरी तरह से बना नहीं था. उसको हम लोग टपरा कहते थे.
हम दोनों वहां चले गए.

उसमें पहुंचते ही मैंने अम्मी को गले से लगा लिया और अपने होंठों को उनके होंठों से सटा कर पीने लगा.

‘आह आह आह अम्मी, कितना मजा आएगा आज‌‌.’
वे बोलीं- हां बेटा, कई सालों के बाद आज ऐसा सुख मिलने वाला है.

मैंने अम्मी को लिटा दिया और उन्हें किस करते हुए उनके सलवार के नाड़े को धीरे से खोल दिया.
उन्होंने भी अपनी गांड हिला कर सलवार को नीचे कर दिया.

अब मैंने अपने हाथों को काम पर लगा दिया और उन्हें गर्म करना शुरू कर दिया.

मैं अम्मी के मम्मों को ऊपर से ही मसलने लगा. एक हाथ नीचे ले जाकर उनकी चूत की फांकों में अपनी उंगलियां डाल कर रगड़ने लगा.
ऊपर अपनी जीभ को उनके मुँह में डालकर जी भर कर पी रहा था.

अम्मी बोलने लगीं- आज बेटा जल्दी से चोद दे अपनी मां को. बाद में पूरी तसल्ली से चोद लिया करना.

मैंने अम्मी को और ज्यादा तड़पाना जरूरी नहीं समझा, उनके कुर्ते को ऊपर करके निकाल दिया और नीचे सलवार को भी टांगों से खिसका कर अलग कर दिया.

अगले ही पल वे मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थीं और बिल्कुल सनी लियोनी लग रही थीं.
उनके बड़े बड़े बूब्स ब्रा के बाहर से निकल भागने को उतावले हो रहे थे,
नीचे पैंटी बिल्कुल गीली हो चुकी थी.

मैंने ब्रा का हुक खोल दिया और उसे यूं ही लटका रहने दिया.
अम्मी के मम्मों ब्रा के ऊपर से ही दोनों हाथों से पकड़ कर खूब दबाया और धीरे धीरे अपने होंठों से उनकी ब्रा को मम्मों से अलग कर दिया.
अम्मी गर्मा गई थीं, वे गाली देती हुई बोलीं- भोसड़ी के, आराम से कर और जरा जल्दी जल्दी कर. कोई नीचे हमें न पाकर ऊपर आ सकता है.

मैंने अम्मी के मुँह से पहली बार गाली सुनी … तो बहुत अच्छा लगा.

अपने मुँह में अम्मी के मम्मों को भर कर चूसने के सुख की प्राप्ति कर रहा था.
कुछ मिनट तक उनके दोनों दूधों को पीता रहा.
इधर उनकी बुर बेहाल होती जा रही थी.

मैं उनके मम्मों को चूमते चूसते नीचे आने लगा.
नाभि को चूमते हुए चूत के पास आकर अपने हाथों से पैंटी निकाल कर साइड में रख दी और उनकी चिकनी जामुनी सुगंधित बुर को अपने मुँह में भर लिया.
अम्मी की चीख निकल गई क्योंकि मैं जीभ को उनकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा था.

वे वासना से कराहने लगीं- आह अम्म उम्म ओह ओह और कर … जल्दी से मादरचोद बन जा और फाड़ दे अपनी अम्मी हसीना की हसीन गांड और चूत … बना ले मुझे अपनी घोड़ी … आह आह.

मैं बोला- साली रंडी … केवल चूमने से तुम्हारी आवाज इतनी ज्यादा निकल रही है. जब लंड जाएगा तब क्या हाल होगा मेरी जान!
अम्मी बोलीं- अब जल्दी से अपना काला लौड़ा मेरी रसीली चूत में डाल दे.

अम्मी इतना कहती हुई ही झड़ गई थीं.
मैंने अपने मुँह से उनकी भोसड़ी का रस चाटना शुरू किया और सारा माल पी लिया.

अब मैंने अपने लौड़े को निकाला और अम्मी की मुँह में भर दिया.
मुँह में जाते ही लंड तनकर टाइट हो गया.

मैं उनके सर को पकड़ कर लौड़े को अन्दर बाहर करने लगा.

वह कराहने लगीं और कहने लगीं- आह बेटा, अब जल्दी से चोद दे मेरी चूत … मेरा बुरा हाल होता जा रहा हैं … पेल दे अपने लौड़े को.
मैंने मुँह से लंड निकाला और अम्मी की चूत को हाथ से रगड़ कर तैयार कर दिया.

फिर अपने लंड को चूत की फांकों में एक बार रगड़ा, तो अम्मी आह आह आह करने लगीं.

मैंने उनकी चूत को दोनों हाथों से फैलाते हुए हथियार को सैट किया और हाथ से अम्मी की कमर को पकड़ कर धक्का मार दिया.
मेरा लंड पहली बार में ही आधा घुस गया.

अम्मी चिल्लाईं- आआअह ओम्म्ह्ह!
वे अपनी आवाज को रोकने की कोशिश कर रही थीं क्योंकि ज्यादा चिल्लाने से कोई भी जाग सकता था.

मैंने अपना लंड निकाल कर दोबारा सैट किया.
इस बार सैट करने से पहले मैंने अम्मी की चूत में थूक लगाया, जिससे उनकी चूत एकदम चिकनी हो गयी

अब मैंने लौड़े को धक्का देते हुए अम्मी में दूध पर मुँह रख दिया और मम्मी के मम्मों को काटने लगा.
इधर मेरा लंड पूरा का पूरा अम्मी की चूत में चला गया.

मेरी अम्मी अब तड़प रही थीं, ऐसे छटपटा रही थीं जैसे कोई मछली पानी के बाहर आ गयी हो.
मैं दूध से मुँह हटा कर अम्मी की गांड और कमर पकड़ कर हचाहच गचागच चूत की गहराई नापने लगा.

मैं मदरफकर अपनी अम्मी को बस पेले जा रहा था.

दस मिनट बाद मैं झड़ने को था तो मैंने उनसे पूछा.

अम्मी बोलीं- मेरी फुदी में ही अपना माल निकाल दे.
मैंने ऐसा ही किया.

उनकी चूत से अपना झड़ा हुआ हथियार निकालने के बाद मैंने अम्मी के मुँह में दे दिया.
अम्मी ने चूस कर लंड फिर से कड़क कर दिया.

इस बार लंड खड़ा होते ही मैंने मम्मों को चोदने का सोचा.
मुँह की ठुकाई के बाद मैंने अम्मी के दोनों बूब्स के बीच अपने लंड को टिका दिया.

उनके दोनों मम्मों को एक दूसरे से सटाकर लंड पेलने लगा.

कुछ मिनट बाद मेरा वीर्य अपने आप अम्मी के मुँह पर चला गया.
वे बड़े चाव से माल चाट रही थीं.

अम्मी के दूध, चूत और मुँह की चुदाई हो चुकी थी.
अब बारी थी अम्मी की सबसे मस्त छेद यानि उनकी गांड की धकापेल चुदाई की.

मैंने अम्मी से गांड ऊपर करके लेटने को बोला.
वे बोलीं- इसमें आराम से करना.

मैंने बोला- मेरी जान, जैसे भी करूंगा मजा बहुत आएगा.
इसके बाद मैंने गांड को पहले थपथपाया. उनके चूतड़ों के बीच में अपना मुँह डाल दिया और गांड के छेद को चाटने लगा.

छेद चाटने के बाद लंड को गांड के छेद में सैट कर दिया.
अपने हाथ आगे ले जाकर उनके मम्मों को पकड़ कर एक धक्का दे मारा.

मेरा पूरा का पूरा लौड़ा गच्च से अन्दर चला गया.

अम्मी कलप उठीं, वे मना करने लगीं.
मगर मैं नहीं माना.

फिर 5 मिनट की गांड चुदाई के बाद जब अम्मी चुप नहीं हुईं, तो मुझे दया आने लगी.
मैंने सोचा कि गांड में बाद में लंड में पेल लूंगा. ये तो घर का माल हैं और घर में ही रहेंगी. अम्मी भी मना नहीं करेंगी.

मैं अम्मी से बोला- आई लव यू जानेमन … अब और नहीं.
बस इतना कह कर मैं अम्मी की गांड में झड़ गया.

स्टेप मॅाम Xxx चुदाई करके हम दोनों अलग हो गए.

नीचे जाने से पहले अम्मी बोलीं- आज के बाद तू ही मुझे चोदेगा.
बाद में घर वापस जाते वक्त उन्होंने मेडिकल से सेक्स संबंधित दवाइयां खरीदीं.
इनमें गर्भ निरोधक और सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाएं थीं.

फिर घर जाकर हम दोनों ने खूब चुदाई की … और हम दोनों अब तक सेक्स कर रहे हैं.
अब्बू के सो जाने के बाद मेरी कामुक अम्मी नंगी होकर मेरे लौड़े के सामने आ जाती हैं. वे हम दोनों की प्यास बुझाने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं.

दोस्तो आपको मेरी मां की चुदाई की कहानी पसंद आई … तो मैं ढेरों रोमांचक कामुक कहानियां और रिश्तों में सेक्स की कहानियां लेकर आऊंगा.
मैंने बहन, बुआ, मौसी और उनकी लड़कियों से चुदाई की है.

उम्मीद है कि यह स्टेप मॅाम Xxx कहानी अच्छी लगी होगी.
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