मामी ने पहली चुदाई का अनुभव कराया

देसी सेक्स X फॅमिली कहानी में मैं मामी के घर पढ़ने जाने लगा. वाहना मामी ने मुझे पर डोरे डालने शुरू किया। मुझे भी मजा आया. मामी ने अपने सौंदर्य के जल में फंसा कर अपनी चूत चुदवा ली।

नमस्कार दोस्तो, मैं आज आपको मेरा पहला सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूं.
यह देसी सेक्स X फॅमिली कहानी मेरी दूर की मामी की है, जो हमारे ही गांव में रहती हैं.

मामी की हाइट 5 इंच 5 फुट है और मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच की है.
मामी की एकदम मस्त फिगर थी.

दरअसल मामी और मामा पिछले 10 सालों से मुंबई में रह रहे थे पर अभी वे दोनों गांव में शिफ्ट हो गए थे.

उनके तीन बेटे थे जो अभी गांव के ही स्कूल में पढ़ने जाते थे.

मामी को शहर की आदत थी तो उन्हें अभी खेत में काम करने की बिल्कुल भी आदत नहीं थी.
वे दिन भर अकेली ही रहती थीं.

यह बात गर्मियों के दिनों की है जब मैं कॉलेज की छुट्टियों हो जाने के कारण फ्री था और अपने गांव वापस आ गया था.

दरअसल मुझे गर्मी जरा सी भी बर्दाश्त नहीं होती थी तो घर में मुझे बड़ी गर्मी लगती थी और मेरी पढ़ाई भी कुछ नहीं हो पाती थी.

ऐसे ही मैं एक दिन गर्मी मैं घर पर बैठा था, तभी मामी कुछ काम के लिए हमारे घर आईं.

उन्होंने मेरी परेशानी समझी और मुझे अपने घर पर पढ़ाई करने आने को कहा.
उनका घर काफी बड़ा था और उनके घर एक नीम का पेड़ भी था, जिससे उनके घर में काफी ठंडक रहती थी.
मैं उनकी इस बात से राजी हो गया.

उनके जाने के बाद 10-15 मिनट बाद में उनके घर की ओर चल पड़ा.

उस दिन रविवार होने के कारण उनके बच्चे दोपहर की धूप की वजह से कमरे में कूलर के सामने सो रहे थे.
मैंने एक चारपाई ली और नीम के पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ाई करने बैठ गया.

अब ये मेरा हर दिन का रूटीन हो गया था.
मैं उनके घर में काफी घुल-मिल गया था और मुझे ये बात समझने देर नहीं लगी कि मामा मामी के बीच कुछ अनबन है.

मामी मुझसे हर रोज बात करती थीं.
मेरी उनसे काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी.

एक दिन की बात है, मैं पढ़ाई करते करते वैसे ही चारपाई पर सो गया.

पता नहीं कैसे … पर मेरे लौड़ा खड़ा हो गया.
मैं उस वक्त गहरी नींद में था.

पर जब मेरी आंख खुली, तो मैंने मामी को मेरे पैरों के पास देखा.
वे मेरे लौड़े वाले भाग को घूरे जा रही थीं.

मेरी आंख खुलते ही वे वहां से उठ कर चली गईं और थोड़ी देर बाद मेरे लिए चाय लेकर आ गईं.
मेरी तो नजरें शर्म के मेरे नीचे ही झुकी थीं पर मामी ने इधर उधर की बातें करनी शुरू कर दीं.

बातें करते करते उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है कि नहीं?
पर मैं तो था बाल ब्रह्मचारी.

उस दौरान मैंने उन्हें थोड़ा अजीब सा बर्ताव करते देखा जिससे मैं समझ गया कि मामी के नीचे आग बहुत जोरों की लगी है.
फिर मैंने सोचा कि इन्हें अभी न ही छेड़ा जाए तो बेहतर रहेगा.

अगले दिन जब मैं दोपहर एक बजे उनके घर गया तो दरवाजा अन्दर से बंद था.
मैंने दरवाजा बजाया तब भी पांच मिनट तक कोई नहीं आया.

पांच मिनट बाद जब दरवाजा खुला तो मैं अवाक ही रह गया.
मामी एकदम मस्त नई ग्रे कलर की साड़ी में एकदम मेकअप करके तैयार थीं.
उन पर ग्रे साड़ी में लाइट हरा ब्लाउज काफी जंच रहा था.
होंठों पर लाली तो चार चांद लगा रही थी.

मेरा हथियार वहीं खड़ा होने लगा था इसलिए मैंने जल्दी से चारपाई उठाई और अपनी जगह पर चारपाई लेकर बैठ गया.

मैंने मामी से पूछा- मामी आप कहीं जा रही हैं क्या?
मामी ने कहा- नहीं रे, मैं ऐसे ही मेकअप नहीं कर सकती क्या?

ऐसा कहते समय उनके आंखों में अलग ही नूर था जो मुझे कुछ बड़ा होने की कल्पना करवा रहा था.
वे वहीं मेरे पास में ही बैठ गईं.

अब तो मेरी हवा टाइट हो गई.
ऐसी बला पास में बैठी हो, तो किसकी पढ़ाई हो सकेगी.

मैं ऐसे ही किताब में मुँह डाल कर बैठा रहा.

आखिरकार मैंने मामी से कह ही दिया- मुझे बहुत नींद आ रही है.
उन्होंने कहा कि तुम आज अन्दर बेडरूम में ही सो जाओ, घर पर कोई नहीं है. कूलर की हवा में अच्छी नींद आ आएगी.

मैं कूलर की हवा के लिए उनके बेडरूम में सोने चला गया.
उनका रूम काफी साफ सुथरा और आज ही साफ किया हुआ लग रहा था.

मैं जाकर सीधा लेट गया पर मुझको अभी नींद नहीं आ रही थी तो मैं ऐसे आंख बंद करके पड़ा हुआ था.

लगभग दस मिनट बाद मुझे मेन गेट बंद होने की आवाज आई और बाद में मेरी नाक में मामी की परफ्यूम की महक बस गई.
फिर बेडरूम का दरवाजा बंद होने की आवाज आई.

मैंने धीरे से आधी आंख खोली तो देखा कि मामी मेरी तरफ ही बढ़ रही थीं.

रूम मैं अब थोड़ा अंधेरा हो गया था तो उनको मेरे जागने का पता ही नहीं चला.

वह मेरे पेट के पास आकर बैठ गई और वासना से मेरी ओर देखने लगीं.
उनका हाथ धीरे धीरे मेरे लौड़े के पास बढ़ता गया.

अब वे मेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से ही अपने हाथ से रगड़ रही थीं जो पहले से खड़ा हो चुका था पर अब अन्दर ही उफान मार रहा था.

उन्होंने धीरे से पैंट का हुक खोल दिया और पैंट नीचे खिसकाने लगीं.

मेरे लिए ये सब पहली बार था तो मैं झट से उठ गया.

अभी मैं कुछ बोल पाता कि रेखा मामी (मामी का नाम रेखा था) ने अपने रसीले होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और मेरे हाथ अपने हाथों से पकड़ लिए.

मैं अपना सर जब पीछे करने लगा तो उन्होंने अपने हाथों से मेरा सर पकड़ लिया.

उनके होंठ अब मेरे होंठों को पूरी शिद्दत से पी रहे थे.
इससे धीरे धीरे मेरा भी विरोध खत्म हो गया था और अब मैं भी उनके होंठों को चूस रहा था.

हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे.

रेखा मामी ने मेरे हाथों को पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिए.
मैं भी वासनावश पता नहीं कैसे उनके बूब्स दबाने लगा था.

वे अपनी जीभ को मेरे मुँह डाल रही थीं, साथ ही वे मुझे जगह जगह चूम रही थीं, कभी गालों पर तो कभी गर्दन पर.

इससे उनकी बरसों की प्यास साफ झलक रही थी.
मैं तो उनके बूब्स दबाने में मस्त था.

तभी उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी शर्ट को निकाल कर कुर्सी की ओर फेंक दिया.
मैं भी उनकी साड़ी के पल्लू को हटा कर उनकी गर्दन को चूम रहा था और मेरे हाथ उनके कमर को कस रहे थे.

फिर मैंने चूमते चूमते उन्हें नीचे ले लिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं उन्हें चूमता रहा.

बाद में मैंने उनकी साड़ी खोलनी शुरू कर दी और साड़ी को निकालकर साइड में फेंक दिया.

अब वे मेरे सामने सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में ही थीं जिस पर उनका मंगलसूत्र उनकी सुंदरता को निखार रहा था.

मैं उनके पेट को चूमने लगा तो उनकी आवाजें निकलनी शुरू हो गईं.

अपना एक हाथ उनकी चूत पर रखकर मैं पेटीकोट के ऊपर से ही मसलने लगा.
मामी अपने हाथों से मेरे सर को उनकी चूत की तरफ दबा रही थीं.

मैं पेटीकोट के नीचे अन्दर सर डाल कर चूत की तरफ बढ़ने लगा.
वे अपने पैरों से चूत को ढकने लगी थीं, पर जैसे तैसे मैं उनकी चूत के पास आ गया.

अब मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी और उसे चूसने लगा.
थोड़ी ही देर में मामी को भी मजा आने लगा.
वे भी मेरे सर को ऊपर से दबा रही थीं और कामुक आवाजें निकाल रही थीं ‘आ … आह … अह्ह …’

अब तो उनकी चूत से पानी भी निकलने लगा था.
मैं बाहर निकल आया.

उन्होंने मुझे नीचे गिराया और मेरे पैंट को निकालने लगीं.
मैं सिर्फ अंडरवियर में था और वे ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.

उन्होंने झट से मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया और मेरे लौड़े को आजाद कर दिया.
मेरा लंड अब उन्हें कामुक देखकर और उफान मारने लगा.

मामी लौड़े को देख कर और ज्यादा जोश में आ गईं.
वे बोलीं- आज तो बहुत चहक रहा है ये … इसका तो मैं पूरा माल निकाल दूंगी.

इसी के साथ वह अपने कोमल हाथों से मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाने लगीं.

मेरे लौड़े को आज तक किसी लेडी के स्पर्श का अनुभव नहीं था तो थोड़ी ही देर में उसने अपना फव्वारा मामी के मुँह पर मार दिया.

इस पर मामी जोरों से हंसने लगीं- मुझे पता था कि तेरा यह आज पहली बार है, फिर भी तेरा बहुत देर तक टिका रहा.
ऐसा कह कर वे फिर से मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों को चूसने लगीं.

उनके बूब्स मेरी छाती अब छूने लगे थे जो मुझे अलग ही अहसास दे रहे थे.

मैं उनके बूब्स को कपड़ों की कैद से आजाद करने लगा.
उनके ब्लाउज का हुक खोल दिया और उनका ब्लाउज मेरी छाती पर गिरा और साथ ही में मामी भी.

वे अपने बूब्स को अपने हाथों से छुपा रही थीं.
मैं भी उनके हाथ हटाकर उनको जोरों से दबाने लगा था.

नीचे से मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया था.
यह देख मामी की वासना और बढ़ने लगी.

अब उन्होंने मुझे नीचे लेटे रहने का कहा और खुद मेरे लौड़े के ऊपर चढ़ गईं.
मामी मेरे लौड़े को अपनी चूत में सैट करने लगीं.

उन्होंने धीरे धीरे करके अपना पूरा भार लौड़े पर डाल दिया.

मेरा लौड़ा भी उनकी चूत के अन्दर सरकने लगा था, जिससे रेखा मामी की दर्द भरी आवाज हल्की सी तेजी के साथ निकली.

मेरे लिए ये देसी सेक्स X अनुभव काफी रोमांचित करने वाला था क्योंकि मेरा लौड़ा पहली बार किसी की चूत के अन्दर जा रहा था.

हालांकि मेरा लंड भी थोड़ा दर्द करने लगा था पर मामी के इस अवतार के सामने कुछ नहीं था.

अब मेरा पूरा लौड़ा रेखा मामी की चूत के अन्दर धंस गया था.
रेखा मामी ने अब अपने हाथ मेरे छाती पर टिकाए और अपनी गांड को धीरे धीरे से ऊपर नीचे करने लगीं.

फिर उनकी स्पीड बढ़ने लगी थी और मैं भी नीचे से धक्के मारने लगा था.
इससे उन्हें भी काफी मजा आ रहा था.

इस दौरान उनके बूब्स और मंगलसूत्र मेरी तरफ झुक रहे थे जो मेरे हाथों से मसले जाने लगे थे.
हम दोनों लगभग 20 मिनट तक ऐसे ही चुदाई करते रहे.

इसके बाद मामी ने खुद नीचे लेटकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
मेरे लौड़ा अभी भी उनकी चूत के अन्दर ही था.

हम दोनों एक दूसरे को फिर से चूम रहे थे.
इस पोज में मामी को मेरा लंड कुछ ज्यादा ही दर्द दे रहा था.

इसी वजह से रेखा मामी ने पास रखी तेल की बोतल उठाई और मेरा लौड़ा बाहर निकालकर उस पर तेल चुपड़ दिया.
फिर वे उसे सहलाने लगीं और थोड़ा सा तेल अपनी चूत में भी डाल दिया.

इसके बाद मामी ने अपने दोनों पैर उठाकर मेरे कंधों पर रख दिए और बोलीं- अब तुम मेरी प्यास बुझा दो.

मैं भी अपना लौड़ा उनकी चूत के पास ले जाकर अन्दर सरकाने लगा, तो वह काफी आराम से चूत में समा गया.

लौड़ा अन्दर घुसते ही मैं मामी के होंठों में लग गया.
दोनों हाथों से उनके बूब्स मसलते हुए उन्हें जोरदार किस करने लगा और साथ ही मैं अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ाने लगा.

इससे रेखा मामी की कामुक आवाजें निकलने लगीं- आह … चोदो मुझे और जोर से चोदो … आह!

साथ ही में वे भी नीचे से अपनी गांड उठा रही थीं.

लगभग 20 मिनट के बाद उनकी चूत से गर्म पानी निकलने लगा और मामी झड़ गईं.

इसी के साथ मेरा भी निकलने वाला हो गया था.
मेरी अकड़न देख कर मामी बोलीं- अन्दर ही गिरा देना. आज मेरी चूत की बरसों की प्यास बुझा दो जो तेरे मामा से कभी नहीं बुझती.

मैंने भी अपना सारा माल रेखा मामी की चूत के अन्दर ही डाल दिया और वैसे ही उनके मम्मों पर सर रखकर उनके ऊपर सो गया.
हम दोनों भी वैसे ही नंगे सोए पड़े थे.

लगभग चार बजे हम दोनों नींद से उठे तो मामी ने जल्दी जल्दी कपड़े पहनने को कहा और खुद भी साड़ी पहन ली.
क्योंकि 4 बजे उनके बच्चों का स्कूल छूटता था.

कपड़े पहनने के बाद मैंने उन्हें फिर से पकड़ कर दीवार से चिपका दिया और उन्हें किस करने लगा.

मैंने मामी से पूछा कि दोबारा मुझे ऐसा मौका कब मिलेगा?
मामी ने कहा- अब तो मैं तेरी ही हूं. हम हर रोज मजा ले सकते हैं. कल तुमको मैं गांड मारनी सिखाऊंगी.

मैंने उन्हें चूमा और अपने घर चला गया.

दोस्तो, आपको मेरी देसी सेक्स X फॅमिली कहानी पसंद आई होगी. बताइएगा जरूर.
दूसरी कहानी लिखने के लिए मुझे मेरी मेल आईडी पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें.
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