चार बेवा और एक कुंवारी बीवी को चोदा- 1

पोर्न फॅमिली Xxx कहानी में मेरी दादी, मेरी अम्मी और मेरी चाची तीनों विधवा थी. एक बार मैं चची के साथ था तो हम दोनों के बीच सेक्स हो गया. उसके बाद क्या हुआ?

हैलो मेरे दोस्तो, कैसे हैं आप सब लोग?
मैं दुआ करता हूँ कि सब बढ़िया ही होंगे.

वैसे आज जो सेक्स कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ, वह एक मिडिल क्लास परिवार की है.

इस परिवार में एक जवान लड़का और तीन बेवा औरतें हैं.
लड़के का नाम शोएब है. उसकी उम्र 24 साल है, कद लगभग 5 फुट 7 इंच और लौड़ा 8 इंच का है.

शोएब के अलावा इस घर में तीन बेवा औरतें हैं.

पहली हैं उसकी दादी रजिया बी … जिनकी उम्र 58 साल है.
दूसरी हैं उसकी अम्मी आयशा, जिनकी उम्र 42 साल है.
तीसरी हैं शोएब की चाची आलिया, जिनकी उम्र महज 30 साल है.

इन तीनों का निकाह कम उम्र में हो गया था.

अब आगे की पोर्न फॅमिली Xxx कहानी मैं आपको शोएब बनकर ही सुनाता हूँ ताकि आपको मजा लेने में आसानी हो.

मैं और मेरी चाची आलिया एक निकाह में शामिल होने के लिए अजमेर आए हुए थे.
उस समय बहुत तेज बारिश हो रही थी.

जब निकाह खत्म होने के बाद हम स्टेशन पहुंचे, तो पता चला कि हमारी ट्रेन बारिश की वजह से कैंसिल हो गई थी.

दूसरी ट्रेन भी बारिश रुकने के बाद ही आने वाली थी.

लेकिन जिस तरह बारिश हो रही थी उससे लग नहीं रहा था कि आज बारिश रुकेगी.
हम दोनों ने सोचा कि वापस अपने रिश्तेदार के घर चले जाते हैं.

लेकिन बारिश की वजह से कोई रिक्शा उस इलाके में जाने को तैयार नहीं हुआ.

तब चाची ने कहा- शोएब, यहीं स्टेशन के पास किसी होटल में ही रुक जाते हैं.

हम दोनों पहले ही भीग चुके थे.
हमने 3-4 होटलों में रूम पूछा लेकिन कहीं कोई रूम खाली नहीं था.

फिर जब हम पांचवें होटल में गए तो वहां एक रूम खाली था.
हमने जल्दी से वह रूम ले लिया.

रूम में पहुंचकर चाची तुरंत बाथरूम में कपड़े बदलने चली गईं.

मैंने भी अपने गीले कपड़े उतार कर सुखाए और तौलिया लपेट कर चाची के बाहर आने का इंतज़ार करने लगा.
जब चाची बाथरूम से निकलीं, तो मैं तुरंत अन्दर घुस गया और शॉवर लेने लगा.

तभी मेरी नज़र वहां रखे कपड़ों पर पड़ी, जो चाची की ब्रा-पैंटी और उनका सूट थे.
उनकी ब्रा-पैंटी देखकर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.

मैंने चाची की ब्रा-पैंटी उठाई और ब्रा को सूँघने लगा.
उसमें से चाची के पसीने की खुशबू आ रही थी.

फिर मैंने उनकी पैंटी को अपने लौड़े पर रखा और लंड को हिलाना शुरू कर दिया.

जल्दी ही माल छूटने को हुआ तो मैंने उसी पैंटी पर अपना माल गिरा दिया.
फिर मैं पैंटी को वैसे ही छोड़कर बाहर आ गया.

कुछ देर बाद जब चाची अपने कपड़े लेने बाथरूम गईं तो मुझे याद आया कि मैंने तो उनकी पैंटी पर माल गिराया था.

मुझे लगा कि चाची मुझे डाँटेंगी, लेकिन उनका चेहरा कुछ और ही बता रहा था.
वे मुझे देखकर मुस्कुराईं.

फिर हम दोनों ने चाय पी और सोने की तैयारी करने लगे.

मैंने चाची से कहा- चाची आप ऊपर बेड पर सो जाइए, मैं नीचे सो जाऊंगा.
चाची बोलीं- बेटा, ऊपर बेड पर ही इतनी जगह है, तो तू नीचे क्यों सोएगा? तू भी ऊपर बेड पर ही आ जा, दोनों साथ में सो जाएंगे.

मैं मान गया.

हम दोनों बेड पर सो गए.
कमरे में एकदम अंधेरा था.

आधी रात को मेरी नींद खुली.
मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे पैरों पर कुछ है.

ध्यान से देखा तो चाची का पैर था.
वे अपने पैरों से मेरे पैरों को मसल रही थीं.

मैंने कोई हरकत नहीं की और सोने का नाटक करने लगा.

फिर उनका हाथ धीरे-धीरे मेरे सीने पर आ गया.
अब वे अपने हाथ को धीरे-धीरे नीचे की ओर सरकाने लगीं.

मेरी तो हालत खराब होने लगी थी.
उनका हाथ मेरे लौड़े पर आकर रुक गया था.

मेरा लौड़ा उनके छूने से ही फड़फड़ाने लगा.
चाची ने मेरा लौड़ा लोअर के ऊपर से ही पकड़ लिया और मसलने लगीं.
मुझे अब सहन नहीं हो पा रहा था.

मैंने उनका हाथ पकड़ा और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं उनके होंठों को चूमने लगा.
चाची भी इसमें मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

अब हम दोनों इतने पागल हो गए थे कि एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने लगे.

कपड़े फटने के बाद जब हम दोनों पूरे नंगे हो गए तो मैंने चाची के मुँह में अपना लौड़ा दे दिया.

चाची भी उसे मजे से चूसने लगीं.
वे मेरा पूरा लौड़ा अपने गले तक लेने लगीं.

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ देर लौड़ा चुसवाने के बाद मैं उनके पैरों के बीच में आ गया.

उनकी चूत पर बाल थे और चुत गीली भी हो रही थी.
चुत में से मादक ख़ुशबू आ रही थी.

मैं अपने आप को रोक न सका और उनकी चूत को चाटने लगा.
चाची मानो पागल सी होने लगीं.

कुछ ही मिनट में चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैंने सारा पानी चाट लिया और उनकी चुत को चाट चूस कर वापस गर्म कर दिया.

अब मैंने अपने लौड़े पर थूक लगाया और चाची की चूत पर रगड़ने लगा.

चाची बोल पड़ीं- अब तड़पा मत मुझे. जल्दी अन्दर डाल अपना लौड़ा और मेरी प्यास बुझा दे!

मैंने भी देखा न ताव, झट से एक ही धक्के में पूरा लौड़ा उनकी चूत में डाल दिया.
चाची की चीख निकल पड़ी.

मैंने अपने हाथ से उनका मुँह बंद किया और जोरदार तीन-चार झटके दे मारे.
चाची कराह रही थीं.

कुछ ही देर में मेरा लौड़ा उनकी चूत में सैट हो गया था.
चाची भी मेरा साथ देने लगीं.

उन्होंने अपनी दोनों टांगें मेरी पीठ पर रखकर मुझे जकड़ लिया और अपने पैरों से मेरी गांड को धक्का देने लगीं.

मैं भी फुल स्पीड में चुदाई करने लगा.
कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने अपना लौड़ा चाची की चूत से निकाला और बेड पर लेट गया.
मैंने चाची को अपने ऊपर चढ़ा लिया.

अब चाची अपनी गांड ऊपर-नीचे करके मेरा लंड लेने लगीं.
मैं उनके बड़े-बड़े बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा.
कुछ देर तक ऐसे चुदाई करने के बाद अब हम दोनों झड़ने वाले थे.

मैंने चाची को कुतिया बनाया और पीछे से उनकी चूत मारने लगा.

पांच मिनट चूत मारने के बाद मैंने अपना माल उनकी चूत में ही गिरा दिया और उनके ऊपर लेट गया.

हम दोनों पसीने-पसीने हो चुके थे.
उसके बाद हम नंगे ही सो गए.
सुबह नौ बजे मेरी नींद खुली तो देखा चाची बेड पर नहीं थीं.

वे बाथरूम में नहा रही थीं.

हमारे फटे हुए कपड़े इधर-उधर पड़े थे.

मैं उठा और बाथरूम में घुस गया क्योंकि बाथरूम का दरवाजा खुला था.

चाची मुझे देखकर मुस्कुराईं और बोलीं- आ जाओ … दोनों मिलकर नहाते हैं.
मैं भी उनके साथ शॉवर लेने लगा.

शॉवर लेते लेते मैंने उनकी चूत में पीछे से अपना लौड़ा घुसा दिया और उन्हें खड़े खड़े ही शॉवर के नीचे ही चोदने लगा.
चाची भी मस्ती में चुद रही थीं.

चुदाई के बाद हम दोनों बाहर आ गए.

हम दोनों ने कपड़े पहने, फिर बाहर आकर नाश्ता किया और स्टेशन पहुंच कर ट्रेन पकड़ी.

हम वापस अपने घर लौट आए.

अब मैं रोज़ रात को अम्मी और दादी के सो जाने के बाद अपने रूम से चाची के रूम में जाता और उन्हें चोदता.

ऐसे ही एक महीना बीत गया.
एक दिन जब चाची किचन में काम कर रही थीं, अचानक उन्हें उल्टी आने लगी.
वे भागकर बाथरूम में गईं.

यह दादी ने देख लिया.
दादी तुरंत समझ गईं कि कुछ गड़बड़ है.
पर उन्होंने चाची से कुछ कहा नहीं.

इतने में शाम हो गई.

हम चारों खाना खा रहे थे.
तब दादी चाची से बोलीं- क्या हुआ आलिया? आज सुबह से तू बहुत थकी-थकी-सी लग रही है?

तो चाची थोड़ा घबरा गईं और अपने आप को संभालती हुई बोलीं- नहीं तो अम्मी, ऐसा कुछ नहीं है!

तब मेरी अम्मी ने कहा- अरे आलिया, बेचारी पूरा दिन अकेले घर का काम करती है, तो थकती है ना … आलिया तू जा जाकर आराम कर ले, बाकी सब काम मैं अब कर लूँगी.

चाची अपने रूम में चली गईं और सो गईं.
फिर अम्मी ने बाकी बचा हुआ काम किया और वे भी रात के 11 बजे सोने चली गईं.

मैं अपने रूम से बाहर निकला और चाची के रूम में गया.
चाची मेरी आहट से जाग गईं और झट से बिस्तर से उठीं.
वे मेरे सीने से लग गईं और रोने लगीं.

मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?
चाची बोलीं- शोएब मुझे लगता है कि मैं पेट से हूँ.

पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि मैं क्या बोलूँ.
फिर कुछ देर बाद मैंने चाची को चुप करवाया और कहा- तो इसमें रोने की क्या बात है? यह तो बहुत अच्छी बात है.

चाची ने जवाब दिया- मैं एक बेवा हूँ. मेरे शौहर को गुजरे कई साल हो गए हैं. यह समाज मुझे बदजात कहेगा.

मैंने उन्हें चुप करवाया और उनके गालों को चूमने लगा.
कुछ देर ऐसे ही करने पर चाची चुप हो गईं.

अब मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से लगाया और उन्हें चूमने लगा.
मैंने चाची की मैक्सी उतार दी और उन्हें बिस्तर पर लिटा कर उनकी ब्रा के ऊपर से उनके बूब्स चूसने लगा.

तभी अचानक किसी ने रूम का दरवाजा खोल दिया.

चाची ने तुरंत बिस्तर पर रखी चादर से अपने बदन को ढक लिया.
जैसे ही हमने दरवाजे की ओर देखा, वहां कोई और नहीं बल्कि मेरी दादी रजिया थीं.

उन्हें देखकर हम दोनों सन्न रह गए.

चाची अपनी नजरें नीचे झुका कर बिस्तर पर बैठी रहीं और मैं भी नजरें झुकाकर खड़ा रहा.

तभी दादी ने गुस्से में कहा- अरे कलमुंही, अपने भतीजे पर ही डोरे डालते हुए तुझे शर्म नहीं आई, नाशमिटी कहीं की!

चाची ने कुछ नहीं कहा.

जैसे ही मैंने कुछ बोलना चाहा, दादी ने मेरा हाथ पकड़ा और बोलीं- तू पहले बाहर चल. इस कलमुंही से मैं सुबह बात करूँगी!

दादी मुझे चाची के कमरे से बाहर ले आईं और अपने रूम में ले गईं.

फिर वे बोलीं- शोएब बेटा, तूने उस रंडी में ऐसा क्या देख लिया, जो उसके बिस्तर में घुस गया?

मैंने जवाब दिया- दादी, मैं और आलिया चाची प्यार करते हैं. वे मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है. मैं उनसे निकाह करना चाहता हूँ.
दादी बोलीं- बेटा तू अभी जवान है. यह तेरा प्यार नहीं, तेरी जवानी की आग है बस!

मैंने कहा- दादी हम दोनों सच्चे में एक-दूसरे से प्यार करते हैं!

मेरा लंड तन गया था और वह मेरे लोअर में तंबू बनाकर खड़ा था.
दादी मेरे लोअर को देखने लगीं और अपने होंठों को काटने लगीं.

फिर बोलीं- अगर उसकी जगह तू मेरे साथ भी सोया होता, तो तुझे ऐसा ही लगता कि तुझे मुझसे प्यार है?

दादी की यह बात सुनकर पहले तो मैं चुप हो गया.

फिर जब मैंने देखा कि दादी की नजर मेरे लंड पर है तो मैंने भी लोअर के ऊपर से अपना लंड मसलना शुरू कर दिया और कहा- तो आज आपके साथ भी सोकर देख लेता हूँ.

यह बोलकर मैंने अपना लोअर एक ही झटके में नीचे उतार दिया और अपना लंड दादी के सामने खड़ा कर दिया.

अब दादी हंस दी और मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ कर बोलीं- उस रंडी से ज्यादा मजा दे सकती हूँ मैं तुझे!
मैंने कहा- तो रोका किसने है आपको?

यह सुनते ही दादी मेरे और नजदीक आ गईं.

मैंने भी मौका न गँवाते हुए उन्हें अपनी बांहों में जकड़ लिया और उनके होंठों को चूमने लगा.
दादी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

फिर हम दोनों ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके.

मैंने दादी को कुर्सी पर बिठाया और खुद उनके सामने घुटनों पर बैठ गया.
मैं उनकी चूत चाटने लगा.

इस पोर्न फॅमिली Xxx से दादी तो मानो पागल-सी हो गईं.
कुछ ही देर में उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया जो बहुत नमकीन और स्वादिष्ट था.

फिर मैं खड़ा हुआ और अपने लंड को उनके मुँह पर फेरने लगा.

दादी ने अपनी आंखें बंद कर इस सुख का आनन्द लेना शुरू कर दिया.

अचानक मैंने उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया और वे उसे बड़े चाव से चूसने लगीं.
जल्दी ही उन्होंने मेरे लंड को पूरी तरह कड़क कर दिया.

अब मैंने दादी को दीवार से सटा कर खड़ा किया और उनकी एक टांग को कुर्सी पर रखा.
मैंने उनके चूत के दाने पर अपना लंड फेरना शुरू किया और हर बार जब मेरा लंड उसे छूता, दादी और ज्यादा कामुक हो जातीं.

फिर दादी ने खुद ही मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखकर मेरी गांड को पकड़ लिया.
उन्होंने मुझे अपने बदन से चिपका लिया, जिससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया.

मुझे ऐसा लगा मानो जन्नत मिल गई हो.
मुझे कुछ करने की जरूरत ही नहीं थी, दादी खुद ही अपनी चूत में मेरा लंड ले रही थीं.

कुछ देर ऐसे ही चुदाई के बाद दादी ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गईं.
वे अपनी गांड ऊपर-नीचे करने लगीं और मेरे हाथों को अपने बूब्स पर रखकर उन्हें दबवाने लगीं.

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
सच में दादी की चूत तो चाची की चूत से भी ज्यादा सेक्सी और गर्म थी.

उनकी चूत के सामने मैं ज्यादा देर टिक नहीं सका और अपना पानी छोड़ने को तैयार हो गया.
मैंने दादी को झटके से अपने नीचे लिया और उनकी दोनों टांगों को पूरी तरह खोल दिया.

मैं जोर-जोर से धक्के लगाने लगा.
दादी भी अपना पानी छोड़ने लगीं, उनकी चूत और गर्म हो गई और ऐसा लगा मानो उन्होंने मेरे लंड को जकड़ लिया हो.

पर मैं रुका नहीं और धक्के देता रहा.
आखिरकार हम दोनों एक साथ झड़ गए.

मेरे लंड ने दादी की चुत के अन्दर ही उलटी कर दी थी.
दादी और मैं पसीने में पूरी तरह भीग चुके थे.
उनकी पसीने की महक ने मुझे फिर से जोश से भर दिया.

मैंने तुरंत उन्हें घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत चोदने लगा.
इस तरह मैंने दूसरी बार भी उनकी चूत में अपना माल गिराया और उनके ऊपर ही लेट गया.

हमें पता ही नहीं चला कि कब हमारी आंख लग गई.

दोस्तो, इस सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी अम्मी को चोदा और उसके बाद एक काली लड़की से शादी करके उसे चोदा और उसकी ताजा ताजा हुई बेवा अम्मी यानि अपनी सास को भी पेला.

आपको यह पोर्न फॅमिली Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करें और पूरी डिटेल में चुदाई की कहानी के बारे में जानना चाहें तो मुझे मेल कर सकते हैं.
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