खाला के चक्कर में अम्मी को चोदा

मॅाम सन चुदाई कहानी में मैं अपनी मौसी यानि खाला को चोदना चाहता था. वे हमरे घर आई हुई थी और सेट भी हो गयी थी. वे मेरी अम्मी के साथ सोई हुई थी. और मुझसे गलती हो गयी.

मेरा नाम इरफान है, मेरी उम्र 22 साल है.
मेरे लंड का साइज 6 इंच है.
मैं बहुत ही शरारती हूं.

मेरे घर में मेरी तीन बहनें और अम्मी हैं.

मेरी अम्मी बहुत ही सेक्सी हैं.
उनके चूचों का साइज़ 42 है और चूतड़ भी बहुत बड़े हैं.

मेरी तीनों बहनें भी बिल्कुल अम्मी की तरह ही सुंदर हैं.

आपको मैं अपने जीवन की एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ.
यह उस वक्त की बात है, जब मैं अपनी खाला (अम्मी की बहन) को चोदने के चक्कर में था … और गलती से अम्मी को चोद दिया था.

यह मॅाम सन चुदाई कहानी उन दिनों की है जब मेरी खाला छुट्टियों के दिनों में अपनी बेटी नायरा के साथ मेरे घर पर आई हुई थीं.

मेरी खाला का नाम आशिया है और वे बिल्कुल मेरी अम्मी की तरह ही सेक्सी हैं.
उनके दूध बहुत बड़े हैं, दिखने में वे किसी हूर से कम नहीं लगती हैं.
ऐसा लगता है कि कोई जन्नत की परी धरती पर आई हो.

उनको जब भी देखता हूं, मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
मैं उन्हीं के सपने देखता हूं, उनके बारे में सोच सोच कर कई बार मुट्ठ भी मार चुका हूं.

लेकिन इससे मेरा मन नहीं भरता.
इसलिए इस बार मैंने खाला को चोदने का पूरा मन बना लिया था और तैयारी भी शुरू कर दी थी.

मैं खाला के पास ज्यादा समय बिताने लगा था.
उनको इंप्रेस करने की कोशिश करने लगा, उन्हें यहां वहां छूने लगा था.

वे भी समझने लगी थीं कि मैं क्या चाहता हूं … लेकिन वे अपने ऊपर पूरा कंट्रोल कर रही थीं और मैं आउट ऑफ कंट्रोल होने लगा था.

हालांकि उनकी दबी हुई मुस्कान से मुझे साफ समझ आने लगा था कि ये जल्दी ही मेरे लंड के नीचे आने के लिए मान जाएंगी.

मैंने एक दो बार सीधे सीधे उनके दूध से टकरा कर और दूध को अपने सीने से दबाते हुए उनके साथ मजाक किया था,
तब भी वे सिर्फ हंस कर रह गई थीं.

उनके दूध हाथ दबाने पर जब उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मुझे कुछ देख कर एक आइडिया आ गया.
उस दिन उन्होंने अपनी ब्रा में अपना पर्स रख लिया था और मुझे उसी समय ख्याल आ गया कि किस तरह से खाला के दूध दबाए जा सकते हैं.

दोपहर के समय बाहर सड़क पर कुल्फी वाले ने आवाज लगाई तो समझो मेरा काम बन गया.
उसी समय मेरे नसीब से अम्मी ने अन्दर से आवाज लगा कर मुझसे कहा- इरफान जा, खाला के लिए कुल्फी ले आ.

अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था.
मैंने उसी वक्त खाला के कुर्ते से अन्दर हाथ डाल कर उनकी एक चूची को दबा दिया.

खाला अचानक इस हमले से घबरा गईं.
तो मैंने कहा- अरे यार खाला … मैं तो बस कुल्फी के लिए पर्स में से पैसे निकाल रहा हूँ.

खाला ने भी हंस कर धीमे से कह दिया- तो क्या मेरे दूध से ही कुल्फी बनाएगा!
मैंने उनके दूध को और जोर से दबा दिया और कहा- रात को बताता हूँ कि दूध से रबड़ी कैसे निकलती है. आपको तो रात को रबड़ी खिलाऊंगा.

वे हंस दीं और उन्होंने पर्स से पैसे निकाल कर मुझे दे दिए.

उनकी तरफ से हरी झंडी मिलने से मुझे बड़ी राहत मिल गई थी और मैं रात को ही खाला की चुदाई का प्रोग्राम बनाने लगा था.

मेरा घर छोटा है, इसमें कुल तीन कमरे ही हैं.

अब तो बस रात होने का इंतजार था.
दिन कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था.
सब लोगों ने डिनर कर लिया, अब सब लोग सोने जा रहे थे.

रात को मैंने उनकी लड़की नायरा को अपनी अप्पी के कमरे में सोने के लिए बोल दिया.

अम्मी ने मुझसे नींद की दवा मांगते हुए कहा- दो दिन से नींद नहीं आ रही है. आज दवा खाकर सोऊंगी, तब शरीर की थकान दूर हो पाएगी.

यह और सही हो गया था कि अम्मी सो जाएंगी तो खाला की चुदाई बेखौफ हो जाएगी.

अम्मी दवा लेकर अपने कमरे में चली गईं.
मेरी खाला भी अम्मी के कमरे में जाकर सो गईं.

सारे घर की लाइट बंद हो चुकी थी.

अब मैं रात गहराने का इंतजार कर रहा था ताकि मैं खाला को चोद सकूं.

जैसे ही 2:00 बजे मैं अपने कमरे से निकला और अम्मी के कमरे में चला गया.
उधर इतना ज्यादा अंधेरा था कि पता ही नहीं चला कि अम्मी कौन हैं और खाला कौन हैं.

पर मैं मन बना चुका था, तो मैंने थोड़ा ध्यान से देखा कि मेरी खाला कौन हैं.
खाला सो रही थीं.

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने खाला का हाथ पकड़ा और पैंट के ऊपर से ही लंड को सहलवाने लगा.

जैसे ही लंड खड़ा हुआ, मैंने उसे पैंट से बाहर निकाला और खाला के मुँह में डाल दिया.

मैं लंड को धीरे-धीरे से अन्दर-बाहर करने लगा, खाला अभी भी सोई हुई थीं.

कुछ ही देर में मैंने लंड का सारा माल खाला के मुँह में निकाल दिया.
उसके बाद मैंने चादर ऊपर की और खाला का गाउन ऊपर कर दिया. उनकी पैंटी उतारी और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

फिर मैंने अपना लंड खाला की चूत में डाल दिया और धीरे धीरे से अन्दर-बाहर करने लगा.
धीरे धीरे झटकों की स्पीड तेज होने लगी.

झटकों की स्पीड तेज होने की वजह से खाला की नींद खुल गई.

तभी अम्मी की कराहने की आवाज आई.

मैं बहुत ही डर गया क्योंकि जिसको मैं चोद रहा था, वे मेरी अम्मी थीं.

डर की वजह से मेरा लंड भी बैठ गया था.

अम्मी- यह क्या कर रहे हो?
मैं- गलती हो गई मुझसे!

अम्मी- तुम्हें शर्म नहीं आती यह सब करते हुए?
मैं- मुझे लगा खाला हैं.

अम्मी- तो तुम्हारी नजर खाला पर थी?
मैं- हां मैं जब भी उन्हें देखता हूं, मुझसे रहा नहीं जाता है.

अम्मी- अगर यह बात खाला को बुरी लग जाती तो?
मैं- नहीं लगती.

अम्मी- क्यूँ?
मैं- बहुत दिनों से उन्हें सेट करने की कोशिश कर रहा था, वे हो भी चुकी हैं.

अम्मी- अच्छा तो मेरी पीठ पीछे यह सब हो रहा है!
मैं- ऐसा कुछ नहीं है अम्मी, सेक्स के लिए तो ये सब करना ही पड़ता है.

अम्मी- तो क्या तूने आज तक सेक्स नहीं किया?
मैं- नहीं अम्मी … कोई मिली ही नहीं.

अब मैं कैसे बताऊं कि मैं अप्पी के साथ बहुत बार सेक्स कर चुका हूँ.

अम्मी- तो मुझसे बोल देता, मैं तेरी मदद कर देती. ऐसे किसी के साथ सेक्स नहीं करते बेटा.
मैं- सॉरी अम्मी, अब से ये गलती नहीं करूंगा.

अम्मी ने मेरा लंड पकड़ा और बोलीं- आ, आज मैं तुझे सेक्स का सुख देती हूँ.

वे मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगीं.
मुझे भी मज़ा आने लगा.

मैं अभी अम्मी को लंड चूसते हुए देखकर उत्साहित हो रहा था.
मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे अम्मी के साथ सेक्स करने का मौका मिलेगा.

मैंने अम्मी का सिर पकड़ा और लंड से झटके मारना शुरू कर दिया.

अम्मी- आराम से धीरे धीरे करो, ऐसे कामों में जल्दबाजी नहीं करते. जल्दबाजी से मजा नहीं आता है.
यह सुनकर मैं आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

अम्मी- उम्म … उम्म्म्म … अहह.

मैं झड़ने ही वाला था.
मैंने अम्मी से कहा- मेरा निकलने वाला है, मैं कहां निकालूं?
अम्मी- मेरे मुँह में ही निकाल दे, जैसे इसके पहले निकाला था.

मैं चौंक गया कि अम्मी को यह भी मालूम है.
मैंने सारा माल अम्मी के मुँह में ही निकाल दिया.

अम्मी ने मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.
अब हम दोनों मेरे कमरे में चले गए.
अम्मी बिस्तर पर लेट गईं.

मैंने अपने लंड को अम्मी की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
अम्मी- अब इतना भी मत तड़पाओ … जल्दी से अन्दर डाल दो.

मैंने लंड अम्मी की चूत में डाल दिया और धीरे धीरे से अन्दर बाहर करने लगा.
अम्मी- थोड़ा स्पीड बढ़ाओ!

मैंने स्पीड बढ़ा दी तो अम्मी की सिसकारियां निकलने लगीं- अह … अह्ह्ह … अहह!

कुछ देर तक झटके मारने के बाद मेरा होने वाला था.
मैंने अम्मी से बोला कि मेरा माल निकलने वाला है.
अम्मी- तो मेरे मुँह में निकाल दे.

मैंने सारा माल अम्मी के मुँह में निकाल दिया.
वे सारा माल पी गईं.

मैं- अम्मी, अब तुम्हारी गांड मारनी है.
अम्मी- नहीं.

मैं- क्यों?
अम्मी- गांड नहीं, चूत ही फिर से मार ले!

मैं- नहीं, मुझे तो गांड मारनी है.
अम्मी- तुझे एक बार की बात समझ नहीं आती क्या?

मैंने उदास सा मुँह बना लिया.
अम्मी- इतना सब करने के बाद भी मुँह बना रहा है.

मैं- मुझे गांड भी मारनी है, मैंने सुना है गांड मारने में बहुत मजा आता है.
अम्मी- किससे सुना है तूने?

मैं- दोस्तों से.
अम्मी- अच्छा, मुझे भी मिलवा अपने दोस्तों से … मैं भी तो देखूं कि कौन कौन से दोस्त हैं तेरे, जो ये सब सिखाते हैं?

मैं- मिलवा दूँगा लेकिन अभी मुझे गांड मारनी है.
अम्मी- ठीक है मार ले.

मैंने अम्मी को उल्टा लिटाया और उनकी गांड में लंड डालने लगा.
अम्मी की गांड टाईट होने की वजह से लंड अन्दर ही नहीं जा रहा था.

मैं- अम्मी, आपकी गांड बहुत टाईट है … क्या करूं?
अम्मी- बहुत समय से किसी ने नहीं मारी न इसलिए टाईट हो गई.

मैं- तो मैं क्या करूं, मुझे बताओ न!
अम्मी- तेल की बोतल लेकर आ.

मैं तेल की बोतल लेकर अम्मी के पास आ गया.
अम्मी ने तेल को हाथ में लिया और लंड की मालिश शुरू कर दी.

अम्मी अब फिर से उल्टी लेट गईं.
अम्मी- अब तो ये तेल मेरी गांड में अन्दर तक अच्छे से लगा दे.

मैंने भी वैसा ही किया.
उसके बाद मैंने लंड को अम्मी की गांड पर रखा और झटका दिया.
मेरा आधा लंड अम्मी की गांड में घुस गया.

अम्मी की चीख निकल गई- आह … आहह … मार डाला तूने तो! आराम से कर न साले!
मैं- आराम से ही कर रहा हूँ. वो तो तेल की वजह से एक झटके में आधा चला गया.

अम्मी- हां तो अब आराम आराम से झटके मार!
मैंने आराम आराम से झटके मारना शुरू कर दिया.

अब अम्मी की चीख निकलना भी बंद हो गई.
अम्मी को मॅाम सन चुदाई में मजा आने लगा- अह … अहह … अहह ह्ह मजा आ गया आज तो … आह.

इस बार मैंने अपना सारा माल अम्मी की गांड में ही निकाल दिया.

चुदाई में पसीना निकल आया था और ऊपर से गर्मी भी बहुत थी.
उसके बाद हम दोनों नहाने के लिए चले गए.
नहाते समय मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

मैं- अम्मी फिर से खड़ा हो गया!
अम्मी- रुक, इस भोसड़ी वाले को अभी शान्त करती हूँ.

ऐसा बोलते ही वे घुटने पर बैठ गईं और मेरा लंड चूसने लगीं.

लेकिन इतने से मेरा मन थोड़ी भरने वाला था.
मैंने अम्मी को खड़ा किया और उनकी गांड मारना शुरू कर दिया.

अम्मी ने कहा- इस बार माल को मैं पियूँगी. इसको बर्बाद मत करना.
मैंने कहा- ठीक है अम्मी.

जब मैं झड़ने लगा तो मैंने अम्मी को झुकाया और लंड उनके मुँह में दे दिया और सारा माल निकाल दिया.

फिर हम दोनों नहा के बाहर निकले.

मैं- अम्मी, मुझे खाला को भी चोदना है.
अम्मी- अभी तू सो जा. मैं तेरी खाला से बात करूँगी.

ऐसा बोलते ही अम्मी अपने कमरे में जाकर सो गईं और मैं भी अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया.

अब तो मैं सिर्फ खाला की चूत चुदाई के सपने ही देख रहा था.

मैंने कैसे अम्मी की मदद से खाला आशिया को चोदा, ये मैं आपको अपनी अगली सेक्स कहानी में सुनाऊंगा.

आपको यह मॅाम सन चुदाई कहानी कैसी लगी?
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