सेक्सी मौसी की चूत चोदने का मौक़ा मुझे मिला जब मैं उनके साथ घर में अकेला था. मैंने खाला के फोन में पोर्न साइट्स देखी थी तो पता था कि वे चुद जायेंगी.
दोस्तो, मेरा नाम सुलेमान है. मैं मुंबई का रहने वाला हूँ और हाल ही में मैंने बी.टेक पूरा किया है.
मैं दिखने में काफी लम्बा हूँ मेरा कद छह फुट एक इंच का है.
रंग गोरा है और मेरा जिस्म कसरती है.
महिला पाठकों की जानकारी के लिए ये बताना बहुत आवश्यक है कि मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.
कोई लड़की अगर मेरे लौड़े को एक बार देख ले, तो बिना चुदे उसका मन ही ना माने.
यह सेक्सी मौसी की चूत की कहानी मेरी और मेरी खाला शाहीन की है और मेरी लाइफ की बिल्कुल सच्ची घटना है, जिसने मेरी पूरी ज़िंदगी बदल दी थी.
घटना करीब 2 साल पहले उस समय की है जब मेरी खाला की शादी नहीं हुई थी यानि उस वक्त वो कुंवारी माल थीं.
मेरी खाला घर में सबसे छोटी और लाड़ली हैं.
तब उनकी उम्र लगभग 27 साल की रही होगी. उनका रंग दूध जैसा सफेद, हाइट 5 फुट 10 इंच और फिगर 36 डी-32-38 का है.
जी हां दोस्तो, आप सब सही सोच रहे हैं, वो एक कांटा माल हैं.
उनके बूब्स बहुत ही अच्छे सुडौल आकार में हैं और काफ़ी बड़े हैं.
जब वो बाहर निकलती हैं तो सब लड़कों की पैंट में उनका लंड फूल कर तंबू बना देता है.
हर किसी की नज़रें बस उनके भरे हुए रसीले चूचों और उठी हुई गांड पर ऐसे लगी रहती हैं कि जैसे ही उनको मौका मिलेगा, वो मेरी खाला को वहीं चोद देंगे.
मैंने इसके पहले कभी भी अपनी खाला के बारे में ऐसा सब कुछ नहीं सोचा था.
पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी सोच बदल गई.
मैं शाम को जब सोफे पर बैठ कर चाय पी रहा था और मेरी खाला फर्श पर झाड़ू लगा रही थीं.
वो हमेशा सलवार सूट ही पहनती हैं.
वैसे वो मुझसे बहुत खुली हैं तो मेरे सामने बिना दुपट्टे के ही रहती हैं.
वो जैसे ही मेरे सोफे के नीचे जमे कचरे को निकालने के लिए झुकीं तो कसम से ऐसा लगा जैसे मैं आम के पेड़ पर बैठा हूँ और ताज़े रसीले आम मेरे सामने लटक रहे हैं.
उनका क्लीवेज मुझे साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था. उनकी तकरीबन आधी चूचियां बाहर आ गई थीं.
उस दिन के बाद से मैंने मन बना लिया था कि मैं कैसे भी करके अपनी खाला को एक दिन ज़रूर चोदूंगा.
तब से मैं बस उन्हें चोदने के मौके की तलाश में था.
मैं जब भी उनके घर जाता, तो सिर्फ़ उन्हें ही देखता रहता और मेरी नज़रें हमेशा ही उनकी चूचियों पर लगी रहती थीं.
शायद उन्हें भी इस बात का पता चल गया था कि मैं क्या देखता रहता हूँ पर उन्होंने कभी ऐसा ज़ाहिर नहीं होने दिया.
इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई और मैं बहाने से कभी उनकी गोल-मटोल गांड पर अपना हाथ टच कर देता.
वो कुछ भी रिएक्ट नहीं करती थीं.
शायद उन्हें भी मज़ा आता था.
एक दिन की बात है.
उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि उनके फोन में शायद स्टोरेज फुल हो गया है और फोन थोड़ा हैंग हो रहा है, तो इसकी मेमोरी क्लियर कर दो.
मैंने कहा- ठीक है खाला, मैं कर देता हूँ. मैंने उनका फोन 50% क्लियर कर दिया.
पर मेरे दिमाग़ में एक खुराफाती आइडिया आया और मैंने सोचा कि चलो इनकी ब्राउज़र हिस्टरी देखी जाए.
तो दोस्तो जैसे ही मैंने क्रोम ब्राउज़र ओपन किया.
भाईजान, मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. लगभग सारे टॅब्स पॉर्न वेबसाइट्स से भरे पड़े थे.
मुझे उस दिन पता चला कि मेरी खाला को पॉर्न देखने में कितना ज्यादा मजा आता है और शायद उन्हें भी चुदवाना है.
बस उस दिन मैंने सोच लिया कि मैं अपनी खाला को मस्त चोदूंगा.
अब मैं बस ऐसे मौके की तलाश में था, जब उन्हें अकेले में पकड़ कर चोद दूँ.
फिर वो दिन आ ही गया, जब मेरा सपना शायद सच होने वाला था.
उस दिन घर के सभी लोग किसी शादी में शहर के बाहर जा रहे थे.
मैं भी बहुत उत्साहित था.
लेकिन उस दिन दोपहर में मुझे मेरे फ्रेंड का मैसेज आया कि दो दिन बाद मेरा इंटरव्यू है, जो ऑफलाइन होने वाला है.
और मैं खुश भी था कि मुझे जॉब का अवसर मिल रहा है और उदास भी था क्योंकि मैं भी शादी में जाना चाहता था.
मेरी अम्मी ने कहा- मैं तुम्हारे पास रुक जाती हूँ.
नानी ने कहा- तुम नहीं, सुलेमान के पास शाहीन रुक जाएगी.
वैसे भी शाहीन खाला को शादियों में जाना पसंद नहीं था.
मैं नानी की बात सुन कर बहुत ही ज़्यादा खुश हो गया और सोचा कि शायद अब मुझे मेरी खाला को चोदने का मौका भी मिल सकता है. ऊपर वाला मुझे एक साथ सारी खुशियां देने के मूड में है.
मैंने महसूस किया कि उस बात से मैं और खाला, हम दोनों ही बहुत खुश थे.
खाला क्यों खुश थीं, ये मैं तब नहीं समझ पाया था.
फिर सब लोग रात की ट्रेन से निकल गए और खाला और मैं घर पर अकेले रह गए.
मैंने सोचा इंटरव्यू तक मुझे थोड़ा पढ़ लेना चाहिए, उसके बाद देखेंगे जो भी करना है.
फिर दो दिन बाद मेरा इंटरव्यू हुआ और में पहले राउंड में ही सिलेक्ट हो गया.
मैंने खाला को आकर बताया तो उन्होंने मुझे बधाई दी.
हम दोनों वहीं कुछ देर बैठ कर बातें करने लगे.
फिर मेरी खाला ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारे लिए कुछ मीठा बनाती हूँ.
ये बोलकर वो किचन में चली गईं.
मैंने सोचा कि एक ट्राई मार ही लेते हैं, क्या पता आज ही मुझे चुदाई का मौका मिल जाए.
तो मैं बावर्चीखाने में अन्दर आ गया.
खाला हम दोनों के लिए खीर बना रही थीं.
मैं उनके पीछे से जाकर उनके साइड में खड़ा हो गया और उनसे बातें करने लगा.
फिर मैंने पानी पीने के बहाने साइड में रखे वॉटर कॅन से पानी निकालते हुए उनका एक कूल्हा दबा दिया.
तो मानो जैसे उन्हें करेंट सा लगा.
उन्होंने मेरी तरफ हैरानी से देखा और फिर से काम में लग गईं.
मैंने कनखियों से देखा कि उनके होंठों पर मुस्कान सी दौड़ गई थी.
मैं हॉल की तरफ चल दिया.
फिर वो हमारे लिए खीर लेकर आईं.
मैं हॉल में ही बैठा था.
वो मेरे बाजू में आकर बैठ गईं और हम दोनों खीर का स्वाद लेने लगे.
उन्होंने मुझसे पूछा- तूने किचन में क्या हरकत की थी?
मैं थोड़ा डर गया और उनसे माफी मांगने लगा.
तो वो हंस पड़ीं और बोलीं- पागल, मैं तो तुझे ऐसे ही सता रही थी.
उनकी हंसी से मेरी जान में जान आई.
मैंने कहा- क्या खाला आप भी ना!
तो वो बोलीं- वैसे तेरे हाथ काफ़ी सॉफ्ट हैं और उन्होंने मेरा एक हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसे सहलाने लगीं.
मैंने फिर से चांस लेते हुए अपना दूसरा हाथ उनकी एक जांघ पर रख दिया.
अब उन्होंने मुझे एक कातिलाना स्माइल दी, जो कि ग्रीन सिग्नल था.
मैंने खीर का कटोरा टेबल पर रखा और उनकी तरफ देखा.
खाला ने भी मुझे पढ़ लिया और उन्होंने भी अपना कटोरा रख दिया.
अगले ही पल हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े.
हम पागलों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूस और चूम रहे थे.
मैंने चुम्बन तोड़ते हुए कहा- खाला क्या बात है, आपके होंठ तो बहुत ही रसीले हैं.
उन्होंने मुझे आंख मारी और हम दोनों फिर से स्मूच करने लगे.
फिर मेरी खाला मेरी गोद में आकर बैठ गईं.
इस समय उनका सामना मेरी तरफ था और मैं उनकी गर्दन और कंधे पर किस कर रहा था.
अब मैंने उनका दुपट्टा उनके मम्मों के ऊपर से हटा दिया तो मेरे सामने उनके 36 डी साइज़ के बूब्स पूरे तने हुए थे.
एकदम टाइट मम्मे देख कर मैं बौरा गया.
खाला के ब्रा पहने होने के बावजूद मुझे उनके निप्पल का उभार साफ़ नज़र आ रहा था.
मेरा लंड फुल साइज़ में तन कर खड़ा था और उन्हें चोदने के लिए बिल्कुल तैयार था.
मेरे लंड का उभार खाला की चूत से रगड़ खा रहा था.
मैंने धीरे से उनका कुर्ता ऊपर करके निकाल दिया और सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया.
उन्होंने गांड उठा कर अपने हाथों से अपनी सलवार भी निकाल दी.
अब वो मेरी गोद में सिर्फ़ काले रंग की ब्रा और पैंटी में थीं.
मेरी खाला एकदम सेक्सी, हॉट बॉम्ब लग रही थीं.
मैं उनकी पूरी बॉडी को चूम रहा था और वो कामुक सिसकारियां ले रही थीं- आह … उम्म!
उनकी मादक आवाजें मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.
फिर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को अलग कर दिया.
दोस्तो, ऐसा लग रहा था कि मैं किसी जन्नत की हूर को अपनी गोद में लिए बैठा हूँ.
उनके बड़े बड़े सफेद मिल्की बूब्स मेरे सामने थे.
मैं मन भर कर उन्हें देख रहा था.
तभी खाला बोली- सिर्फ़ देखोगे ही, या इनसे खेलोगे भी!
यह सुनते ही मैं उनकी चूचियों पर टूट पड़ा और पूरे जोर से उन्हें मसल रहा था, साथ ही खाला की गर्दन पर किस कर रहा था.
मैंने अब धीरे से अपनी जीभ उनके एक दूध पर फेरना शुरू की.
मैं निप्पल के चारों तरफ अपनी जीभ फिरा रहा था, जो खाला को बहुत मदहोश कर रहा था और वो सिसकारियां ले रही थीं- उम्म … आह … ओह या बेबी … मेरे निप्पल चूस लो … आहह … कितना मजा आ रहा है.
मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में भर लिया और उसे खींच खींच कर चूसने लगा.
साथ ही दूसरा वाला दूध अपने हाथ में भर कर ऐसे मसल रहा था मानो जैसे वो पके हुए आम हों और उनमें से रस निकलने वाला हो.
खाला के चूचे बहुत मीठे थे.
मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मैं आम चूस रहा हूँ.
खाला की वासना भरी सिसकारियां बढ़ गई थीं और वो जोर जोर से ‘आहह आहह या अम्मी बहुत अच्छे … और जोर से दबाओ … पूरा रस निकाल दो मेरी चूचियों का … आह…’ कर रही थीं.
उसी वक्त मुझे अपनी गोद में कुछ गीला सा महसूस हुआ. मैं समझ गया कि खाला की चूत से पानी निकल रहा है.
मैं काफी देर तक उनके दोनों मम्मों को भर भर कर बारी बारी से चूसता रहा.
फिर मैंने एक बूब को अपने मुँह में काफी अन्दर तक भर लिया और किसी छोटे बच्चे की तरह उसे पीने लगा था, उससे खेलने लगा था और निप्पल को काट रहा था.
उनके चूचे बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट थे, बहुत मीठे भी.
मैंने काफी देर तक सिर्फ़ उनके चुचे ही चूसे और इसी मस्ती में खाला भी दो बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैंने उन्हें झुकाया और नीचे होते हुए उनकी नाभि पर जीभ फेरने लगा.
वो और मदहोश होने लगीं.
फिर मैंने उनको गोद में उठाया और उन्हें बेडरूम में ले गया, उन्हें बेड पर पटक दिया और धीरे से उनकी पैंटी निकाल दी.
खाला की पैंटी उनकी चूत के रस से बिल्कुल गीली हो चुकी थी.
मेरी खाला अब पूरी नंगी हो चुकी थीं.
मैंने उनकी दोनों टांगों को फैलाया और उनकी चूत की फांकों को खोलने लगा.
खाला की चूत की पुत्तियां खुल कर अन्दर का गुलाबी नजारा दिखाने लगीं.
उनकी चूत से बड़ी मीठी सी महक आ रही थी.
मैं मदांध हो गया था.
अगले ही पल मैंने खाला की चूत में अपनी जीभ पेल दी और रस चूसने लगा.
खाला को तो मानो जन्नत का मजा मिलने लगा था, वो अपनी गांड उठाती हुई जन्नत की सैर कर रही थीं.
खाला की आंखें मुंदी हुई थीं और उनके मुँह से जोर जोर से मदभरी सिसकारियां निकल रही थीं- आहह … ओह … यसस्स मेरी जान … और जोर से चूसो डार्लिंग.
वो ऐसे ही मस्ती से गांड उठाती हुई आवाजें कर रही थीं.
कुछ ही मिनट में खाला की चूत का पानी फिर से छूट गया और मैंने सारा पानी पी लिया.
चूत का रस थोड़ा नमकीन था, पर उसमें एक अलग ही नशा था दोस्तो.
फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ चड्डी में आ गया था.
मेरी चड्डी मे मेरे लंड का फूला हुआ आकार साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था.
तभी खाला बेड से उठीं और उन्होंने मेरी चड्डी को एक झटके में उतार दिया.
चड्डी हटते ही मेरा तना हुआ लंड एकदम से खाला के सामने आ गया.
लंड बिल्कुल फन फैलाए हुए नाग की तरह फनफना रहा था.
खाला मेरा लंड देखती ही रह गईं, उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि इंडियन लंड भी इतने बड़े हो सकते हैं क्योंकि उन्होंने पॉर्न में सिर्फ़ अमेरिकन और अफ्रीकन लंड ही लंबे देखे थे.
उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और धीरे धीरे टोपे को सहलाने लगीं.
फिर उसे थोड़ा थोड़ा हिलाने लगीं.
उन्होंने पहली बार किसी का लंड अपने हाथ में पकड़ा था और उसी वजह से उनके हाथ कांप रहे थे.
थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो गईं और मुँह आगे बढ़ा कर उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने होंठों से चूम लिया.
मैंने भी लाइफ में पहली बार अपने लंड के लिए ब्लोजॉब का स्पर्श लिया था, मेरी तो आह निकल गई.
फिर वो मेरे लंड को जोर जोर से लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगीं.
मैं भी उनका सिर पकड़ कर उनका मुँह चोदे जा रहा था.
वो बहुत अच्छा ब्लोजॉब दे रही थीं जैसे खाला कोई पोर्नस्टार हों.
कुछ मिनट तक उन्होंने मेरा लंड चूसा.
फिर मैंने उन्हें बेड पर सीधा लेटा दिया.
मैंने कहा- खालाजान तैयार हो जाओ, सातवें आसमान पर उड़ने के लिए.
उनकी आंखों में एक चमक सी आ गई और उन्होंने खुद अपने हाथ से मेरा लंड अपनी चूत पर सैट कर लिया.
मैंने धीरे से अपना लंड सेक्सी मौसी की चूत में अन्दर कर दिया.
खाला की चूत एकदम टाइट थी इसीलिए सिर्फ़ टोपा ही अन्दर घुस पाया.
मैंने एक जोर का झटका दिया और मेरा करीब आधा लंड चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
खाला की चीख निकल गई- आह मर गई … उई अम्मी रे मर गई … आंह निकालो जल्दी सुलेमान … मैं अपने हाथ जोड़ती हूँ … आह निकाल लो जल्दी से वर्ना मैं मर जाऊंगी.
वो रोने लगीं.
मैंने उनका दर्द समझा और थोड़ा रुक गया लेकिन मेरा लंड अभी भी उनकी चूत में आधा घुसा हुआ था.
मैं उन्हें सहलाने लगा.
इससे खाला थोड़ी शांत हुईं और मेरी तरफ देखने लगीं.
मैंने एक और जोर का झटका दे मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया.
खाला फिर से दर्द से चीख पड़ीं.
इस बार मैंने उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और हल्के हल्के धक्के देना शुरू कर दिया .
कुछ ही देर में खाला का दर्द थोड़ा कम होने लगा.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से अपना लंड खाला की चूत में पेलने लगा.
अब खाला को भी मज़ा आ रहा था और वो अपनी कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं.
साथ ही वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं- आहह … ओयया … ओ माय गॉड आआहह … फक मी हार्डर माय बॉय … फक मी हार्डर बेबी … तुम मस्त चोद रहे हो … मजा आ गया मेरी जान.’
मैं किसी मदमस्त घोड़े की तरह अपनी खाला की बुर का भोसड़ा बनाता रहा.
काफी देर तक मैंने उनकी चूत चोदी और उनकी चूत में ही अपना सारा माल निकाल दिया.
उनकी चूत में से गाढ़ा गाढ़ा सफेद माल निकल रहा था.
मैं झड़ कर उनके ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और खाला फिर से मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
उनके चूसने से मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया.
मैंने कहा- खाला गांड मरवाने का इरादा है क्या?
वो बोलीं- गांड रात में मार लेना, अब मुझे थोड़ा काम है, खाना भी बनाना है.
मैंने पूछा- मजा तो आया न!
खाला बोलीं- साले, फाड़ कर रख दी है और पूछ रहे हो कि मजा आया?
मैं हंस दिया.
मैंने फिर से उनके चुचे चूसे और हम दोनों ने एक दूसरे को कपड़े पहना दिए.
रात में हम दोनों ने नंगे होकर ही खाना खाया.
मैंने उनकी चूचियों पर खीर डाल कर चूसी और उन्होंने भी मेरा लंड सॉस में डुबा कर चूसा.
उस पूरी रात हम दोनों ने खुल कर चुदाई की और मैंने उनकी गांड भी मारी.
जब तक हमारी फ़ैमिली घर वापस नहीं आई, तब तक हम दोनों ने सुबह शाम चुदाई का खेल खेला.
मेरी सेक्सी मौसी की चूत की कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताना दोस्तो!
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