वाटर सेक्स का मजा मैंने घरेलू पानी की टंकी में अपने रिश्ते में मौसी के साथ लिया. वे मेरी मम्मी की उम्र की थी. बड़ी मुश्किल से मैंने उन्हें पटाया था.
दोस्तो, मैं सचिन आपको अपनी दूर की मौसी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मौसी को नंगी देखकर मुठ मारी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने मौसी को नंगी नहाते हुए देख लिया था और उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए तैयार हो गया था.
अब आगे वाटर सेक्स का मजा:
मैंने बाइक निकाली और उन्हें इशारा किया तो मौसी मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गईं.
हम चल दिए और जल्दी ही हम दोनों डॉक्टर के पास आ गए और उन्हें दिखा कर वहां से वापस घर आए.
घर वापसी में हमें कुछ टाइम लग गया था तो नानी कहीं चली गई थीं.
वे शायद अपने साथ वाली महिलाओं के साथ किसी कीर्तन मंडली में गई थीं.
अब घर में मैं और मौसी ही थे.
डॉक्टर ने मौसी को पीठ में लगाने के लिए क्रीम दी थी लेकिन मौसी खुद से नहीं लगा पा रही थीं.
चूंकि उस वक्त नानी भी नहीं थीं तो उन्होंने मुझे बुला कर कहा- तू ये क्रीम मेरे पीछे लगा दे.
मैंने कहा- हां लाओ.
मौसी बेड पर औंधी लेट गईं.
क्रीम लगाते हुए थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो मैंने उनसे कहा- मौसी, ये क्रीम आपकी पूरी पीठ पर नहीं लग पा रही है.
यह सुनकर उन्होंने लेटे हुए ही अपने ब्लाउज के बटन खोल कर ब्लाउज को ढीला कर दिया और ब्रा का हुक खोल दिया.
अब मैं मौसी की पीठ में क्रीम को धीरे धीरे लगाने लगा और उनके मम्मों को साइड से टच करने लगा.
उनके पीछे बैठ कर अपने लंड को उनकी गांड से टच करने लगा.
मैंने धीमे से कहा- मौसी, आप अभी भी बहुत सेक्सी हो.
इतना सुनते ही वे मेरा इरादा समझ गईं और बोलीं- तू अभी बच्चा है, ये सब मत सोचा कर!
मैं बोला- कल से आप बहुत अच्छी लगने लगी हो.
वे बोलीं- कैसी अच्छी लगने लगी हूँ? क्या कल से पहले अच्छी नहीं थी?
मैं बोला- नहीं, पहले आपके लिए मेरे मन में कोई फीलिंग नहीं थी. पर जब से आप मेरे लंड को बाम लगाने लगी हो, तब से बहुत जबरदस्त फीलिंग आने लगी है.
वे मुझे सुनती रहीं मगर कुछ बोली नहीं!
तो मैंने उनको यह भी बोल दिया- मौसी, मैंने आज आपको नहाते हुए भी देखा था, सच में आप बिना कपड़ों के बहुत सेक्सी लग रही थीं.
मौसी ने मेरी तरफ़ गुस्से वाली निगाहों से देखा और बोलीं- तू कितना बेशर्म हो गया है!
मेरे से रहा नहीं गया और मैंने कह दिया- मौसी, मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ.
इतना सुनते वे चुप हो गईं और उठ कर बैठ गईं.
मौसी कुछ पल रुक कर बोलीं- मैं ये सब तेरे साथ नहीं कर सकती.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे गाल पर एक चांटा मार दिया और उठ कर अपनी ब्रा और ब्लाउज ठीक करके रूम से चली गईं.
उतने में डोरबेल बज गई.
नानी आ गई थीं.
मैं भी बाहर घूमने चला गया.
रात में नानी को बुखार आ गया था तो वे बोलीं- मैं पंखे में नहीं सोऊंगी.
यह कह कर वह सबसे आखिरी वाले कमरे में सोने चली गईं.
अब आगे वाले कमरे में मैं और मौसी एक ही बेड पर सोए हुए थे.
रात के एक बजे मैं मौसी के करीब आया और उनके पेट पर हाथ रख दिया.
साथ ही एक पैर को उनकी जांघ के ऊपर रख दिया और गहरी नींद में होने का नाटक करने लगा.
कुछ देर तक मौसी की तरफ से कोई हलचल नहीं हुई तो मैंने अपना मुँह मौसी के गाल के पास टच कर दिया और सो गया.
मैंने भी मन बना लिया था कि आज कुछ भी हो जाए, मैं मौसी को चोद कर ही रहूँगा.
अब मैंने मौसी के गाल को किस किया तो वे नींद से उठ गईं और बोलीं- क्या कर रहा है नालायक!
मैंने कहा- शांत रहो मौसी, मैं आपके बिना नहीं रह सकता हूँ. आप बहुत अच्छी लगती हो मुझे!
बस इतना बोल कर मैं उनके मम्मों को एक हाथ से दबाने लगा और गाल पर किस कर दिया.
जब वे कुछ नहीं बोलीं.
तो मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों पैरों से उनके पैरों को दबा कर अपने दोनों हाथों से उन के दोनों हाथों को पकड़ लिया.
अब मौसी मुझे हटाना चाहती थीं लेकिन मैंने उनको लॉक सा कर दिया और गाल पर किस करना चालू कर दिया. साथ ही उनके होंठों पर किस करने लगा.
मौसी ने मेरा ज़्यादा विरोध नहीं किया और मेरे होंठों पर जोर से काट कर मुझे धक्का देकर खुद को छुड़ा लिया.
वे बाथरूम की तरफ भाग गईं, मैं उनके पीछे आ गया.
मौसी ने बिना बाथरूम की लाइट ऑन किए अन्दर जाकर बैठ गईं और पेशाब करने लगीं.
उन्होंने दरवाजा भी नहीं लगाया था.
मैं पीछे से गया और उनको बैठ कर घुमा दिया और उनके पीछे बैठ गया.
मौसी की पेशाब की आवाज आ रही थी ‘सर्र शर्र सुर्र …’
मैं उनके दूध दबाने लगा और एक हाथ को उनकी चूत में लगा दिया.
मेरा हाथ उनकी पेशाब से गीला हो गया.
मैं उनको पीछे से किस कर रहा था.
उनका मूतना खत्म हुआ तो वे अपनी चूत को पानी से साफ करने लगीं.
मैंने उनके हाथ से पानी का मग्गा छुड़ा कर उनको मना कर दिया.
वे खड़ी होकर चड्डी पहनने लगीं.
मैंने एक हाथ से उनकी चड्डी को पकड़ कर उन्हें पहनने से रोक दिया और पेटीकोट के अन्दर अपना मुँह डाल कर चूत में अपनी जीभ को रगड़ने लगा.
उनकी पेशाब से मेरा मुँह कुछ नमकीन और कसैला सा हो गया.
मैं उनकी चूत को चाटने लगा.
लगातार चूत चाटने की वजह से वे भी गर्म हो गईं और आवाजें निकालने लगीं.
उनकी तेज होती आवाजों से मुझे यह डर लगने लगा था कि कहीं तेज आवाजें सुनकर नानी ना आ जाएं.
मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और हम दोनों बिस्तर पर आकर लेट गए.
अब मैं उनको पकड़ कर किस करने लगा और उनके दूध दबाने लगा.
मैंने मौसी के पेटीकोट को उठाया और उनके पैरों में फंसी उनकी पैंटी को निकाल लिया.
फिर मौसी का ब्लाउज खोल कर ब्रा को भी उतार दिया.
मैंने एक चादर भी पास में रख ली ताकि चुदाई करते टाइम नानी आ भी जाएं तो हम लोग जल्दी से खुद को ठीक से ढक लें.
कुछ देर बाद मैं मौसी से बोला- सोफे पर चलते हैं. अगर रात में नानी रूम में आईं तो मुझे सोफे के पास वाले दरवाजे से दिख जाएंगी.
अब मैंने मौसी को सोफ़े पर लेटा दिया और उनकी साड़ी ऊपर करके चूत चाटना शुरू कर दिया.
मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के दाने में रगड़ना शुरू कर दिया; साथ ही एक उंगली को भी चूत के अन्दर पेल दिया.
तब मैंने मौसी की चूत को लगातार चाटना शुरू किया.
तो मौसी पूरी तरह से उत्तेजित हो गईं और तेज तेज सांसों से सौं सौं करने लगीं.
मैंने देखा कि मौसी की भट्टी सुलगने लगी है.
तो मैंने उनकी एक टांग को उठाया और अपने एक कंधे पर रख लिया.
अब मैं उनकी चूत के साथ गांड के छेद को भी चाटने लगा.
वे बेहद कसमसाने लगी थीं.
कुछ ही देर में मैंने मौसी की जांघ को भी चाटना शुरू कर दिया.
मौसी की जांघों पर मूत की बूँदें लग गई थीं इसलिए उनकी जांघों को चाटने पर मुझे एकदम खट्टा सा स्वाद आ रहा था.
जांघ चूमने और चूसने के बाद मैंने मौसी को उठा दिया और उनके चूतड़ पर काटना शुरू कर दिया.
मौसी चिल्लाईं- आह कुत्ते … मत कर हरामी …
मैं पलट कर बोला- चुप कुतिया … बोल मत रंडी.
मैंने ऐसा कहा तो मौसी चुप हो गईं.
अब मैं उनके पेट को किस करने लगा और उनकी नाभि में अपने मुँह से थूक डाल कर चाटने लगा.
मौसी पूरी गर्म हो गई थीं और चोदने की कहने लगी थीं.
मैं उनके पेट पर मुँह से काटते हुए मम्मों के ऊपर मुँह से चाटना चालू किया और एक निप्पल को धीरे धीरे चूसने लगा.
फिर दोनों निप्पलों को एक साथ करके अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
उसके बाद मैंने अपना लोवर नीचे कर दिया और लंड को खोल कर आजाद कर दिया.
मौसी लंड देखने लगीं, तो मैंने उनके हाथ में लंड दे दिया.
अब मौसी मेरे लंड को सहलाने लगीं और मुँह खोलती हुई बोलीं- आज तो तेरा कुछ ज़्यादा ही बड़ा हो गया है.
मैंने कहा- हां साली, तेरी चूत देख कर मूसल सा हो गया है. यह तेरा इंतज़ार कर रहा था कि कब मौसी को चोदने मिलेगा.
वे हंस दीं.
अब मैं दरवाजे की तरफ खड़ा हो गया और मौसी को घुटने के बल बिठा दिया.
वे समझ गईं और उन्होंने अपना मुँह खोल दिया.
मैंने उनके मुँह में लंड दे दिया.
मौसी धीरे धीरे मेरा लंड चूसने लगीं.
ये सब मैं पॉर्न देख कर याद कर रहा था और मौसी के साथ वैसा ही करता जा रहा था.
लंड चुसवाने के बाद मैंने मौसी के मुँह को एक हाथ से दबाया और दूसरे हाथ से उनके बालों को जोरों से पकड़ कर लंड को मुँह में तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.
लगभग 5 मिनट तक मौसी के मुँह में लंड पेला और उसके बाद में चूत में लंड डाल कर उन्हें चोदना चालू कर दिया.
मैं मौसी के मुँह से मुँह लगा कर उन्हें किस करते हुए उन्हें चोद रहा था.
लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मुझे पीछे से आवाज आई.
ऐसा लगा कि शायद नानी जाग गई थीं, तो हम दोनों बेड में आकर लेट गए.
नानी पानी पीने आई थीं.
कुछ देर बाद नानी के वापस सोने के बाद मैंने अपना लंड मौसी के मुँह में डाल दिया और मौसी लेटी हुई ही जोर जोर से लंड हिलाने लगीं.
मेरे लंड का माल उनके मुँह में गिर गया और मौसी तुरंत बाथरूम की तरफ भागीं.
फिर वे अपना मुँह साफ करके वापस आई और मेरे बाजू में लेट गईं.
हम दोनों चिपक कर सो गए.
अगले दिन मैं उठा तो देखा मौसी और नानी घर का काम कर रही थीं.
मुझे पता चला कि आज कोई रिश्तेदार के घर में कुछ कार्यक्रम था, तो हम दोनों को भी जाना था.
लेकिन नानी को उन्होंने जल्दी बुला लिया था, उस वजह से नानी सुबह से ही चली गई थीं.
अब घर में मैं और मौसी ही रह गए थे.
उस वक्त तक डॉक्टर के पास जाने का समय हो गया था तो मैं मौसी को लेकर डॉक्टर के पास आ गया.
वहां से जल्दी ही घर वापस आ गए.
घर में आते ही मैंने दरवाजे को बंद किया और मौसी से कहा- आज आपको कुछ नया खेल सिखाता हूँ.
वे बोलीं- क्या?
मैंने कहा- आज हम दोनों वॉटर सेक्स करेंगे.
वे बोलीं- कहां?
मैंने कहा- यहीं घर में.
हमारे घर के गार्डन में एक बड़ा सा टैंक था, जो जमीन के अन्दर बना था.
मैं बचपन से ही उसी टैंक में किसी लड़की के साथ नहाना चाहता था और आज मेरी वह कामना पूरी होने वाली थी.
मैंने और मौसी दोनों ने कपड़े उतार लिए.
मैं पूरा नंगा हो गया जबकि मौसी ब्रा और पैंटी में थीं.
उसके बाद हम दोनों सीढ़ी से टैंक में उतर गए. दोनों ने पहले एक दूसरे को हग किया और डुबकी लगाना चालू किया.
मौसी पानी के अन्दर मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगीं.
मैं उन्हें किस करने लगा.
हम दोनों किस करते हुए डुबकी लगाने लगे.
मैंने मौसी की ब्रा निकाल कर बाहर फेंक दी और उनके मम्मों को चूसने लगा.
फिर मौसी को मैंने सीढ़ी पर बैठा दिया और नीचे से चड्डी के ऊपर से चूत को चाटने लगा.
फिर मौसी की चड्डी को भी निकाल कर फेंक दिया.
फिर सीढ़ी पर ही मौसी की टांगें फैला कर मैंने पोजीशन बनाई और उनके साथ सेक्स करना चालू कर दिया.
चूत में लंड पेलते समय उनके दूध दबाने लगा.
लगातार दस मिनट तक चुदाई करने के बाद हम दोनों टैंक में घुस गए.
वहां मैंने मौसी को खड़े खड़े चोदा, उनको पीछे घुमा कर पीछे से सेक्स करने लगा.
हम दोनों एक लम्बी चुदाई करने के बाद टैंक से बाहर निकले.
उसके बाद मैं मौसी को दूसरे रूम ले गया और उन्हें एक चेयर पर बैठा कर सैटिंग बनाई.
ये चेयर वैसी थी, जो ब्यूटी पार्लर में इस्तेमाल होती है, जो पूरी खुल कर फ्लैट हो जाती है, मौसी को उस पर बैठा कर चेयर को फ्लैट कर दिया.
मौसी की जांघ के नीचे वाला भाग नीचे था, बाकी सब फ्लैट था. वे चित लेटी हुई थीं.
मैंने दोनों हाथ और पैर चेयर से बांध दिए और आंखों पर कपड़े की पट्टी बांध दी.
उसके बाद मैंने फ़्रिज से आइसक्रीम निकाल कर मौसी की पूरी बॉडी में लगा दी, कुछ चूत और गांड के पास भी लगा दी.
उसके बाद मैंने मौसी को चाटना शुरू कर दिया.
पूरी तरह से चाटने के बाद मौसी क्लीन हो गईं.
अब मैंने मौसी के हाथ पैर खोले और उनको उल्टी लेटा दिया. उनकी गांड में नारियल तेल लगा कर फिर से दोनों हाथ पैर बांध दिए.
अब वे कुछ नहीं कर सकती थीं.
मैंने लंड को उनकी गांड में पेल दिया.
हम दोनों ही बहुत जोर से चीखे और धीरे धीरे मैंने मौसी की गांड मारना चालू कर दिया.
काफी देर तक मौसी की गांड मारने के बाद मेरा माल झड़ने वाला था तो मैं मौसी की और जोर से गांड बजाने लगा.
अंतत: मैंने अपने लंड का माल मौसी की गांड में निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद हम दोनों वापस फ्रेश होकर उसी रिश्तेदार के घर के कार्यक्रम में चले गए.
अगले दिन भैया आ गए और मौसी अपने गांव चली गईं.
ये थी मेरी और मौसी की वाटर सेक्स की कहानी.
आपको ये रियल हॉट सेक्स स्टोरी कैसी लगी, प्लीज रिप्लाई जरूर करें.
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