हॉट नर्स फक कहानी में पढ़ें कि महिलाओं के डॉक्टर से उसकी नर्स ने बीमारी के बहाने सेक्स का मजा लिया. हालाँकि डॉक्टर भी उसे चोदना चाहता था पर डरता था.
मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है. मैं थोड़ा दुबला लड़का हूँ. मेरी उम्र 27 साल है.
अस्पताल में मैं जूनियर डॉक्टर हूँ. मैं महिलाओं का ही डॉक्टर हूँ.
यह हॉट नर्स फक कहानी तब की है जब मेरी ड्यूटी गर्भवती महिला जांच विभाग में थी.
अस्पताल का नियम होता है कि जब कोई पुरुष डॉक्टर महिला मरीज की जांच करता है तो उस समय वहां एक महिला नर्स जरूर रहती है.
मेरे साथ जो नर्स काम करती थी, वह नर्स देखने में गोरी थी और उसकी उम्र लगभग 24 साल की रही होगी.
उसके चूचे बड़े मस्त थे.
मेरा काफी मन करता था कि इसको पकड़ कर मरीज की जगह लिटा दूँ और दबा कर चोद दूँ.
उसकी नजरें भी कमीन किस्म की ही थीं, वह आसानी से मेरे साथ सैट हो सकती थी.
तब भी मैं जरा संभल कर रहता था कि कब कौन सी मुसीबत गले पड़ जाए.
वह मुझसे हमेशा हंसी मजाक करने की कोशिश करती रहती थी.
मैं उसके मजाक में बहुत काम शामिल होता ताकि नर्स और डॉक्टर के बीच का फर्क बना रहे.
उस दिन मैं एक महिला की जांच कर रहा था.
उसको सफ़ेद पानी आने की दिक्कत थी.
इस वजह से नीचे से उसकी जांच करना पड़ती है.
मैंने देखा कि जब मैं जांच कर रहा था, तो मेरी सहायक नर्स बड़ी बेकरारी से देख रही थी.
उस दिन मरीज ज्यादा थे तो मैंने पहले काम पर ध्यान दिया.
बाद में जब रोगी कम हुए तो उसी ने मुझसे बात करना चालू की.
उसने कहा- मुझको भी सफ़ेद पानी की दिक्कत है.
मैंने कहा- ऐसा है तो आओ लेटो … मैं तुम्हारी जांच कर देता हूँ और उसी के मुताबिक दवा लिख दूंगा.
लेकिन वह मना करने लगी- मुझे जांच नहीं करवाना, ऐसे ही दवा बता दो.
मैंने मना कर दिया कि बिना मर्ज समझे दवा नहीं दी जा सकती है.
दो तीन दिन ऐसे ही बीत गए.
एक दिन मैं अपने हॉस्टल में था.
उसका मैसेज आया कि मुझे ज्यादा दिक्कत हो रही है. आप मेरी नीचे से सफेद पानी निकलने वाली जांच कर दो.
मैंने कहा- अभी तो मैं हॉस्टल में आ गया हूँ. कल जांच कर दूंगा.
वह बोली- मुझे अभी दवा चाहिए.
तो मैं बोला- ठीक है हॉस्टल आ जाओ, मैं दवा लिख कर दे दूँगा.
एक घंटे बाद वह आई.
उसने काला टॉप और टाइट जींस पहनी थी.
वह गजब माल लग रही थी.
उसके चुस्त टॉप में से उसके चूचे ने केवल उभरे हुए थे बल्कि तोप से तने हुए नुकीले दिख रहे थे.
देख कर ऐसा लग रहा था मानो उसने ब्रा नई पहनी हो.
उस दिन मेरा मूड बन गया और मैंने सोचा कि आज तो ये खुद ही मेरे कमरे में चल कर आई है तो रिस्क कम है कि कोई लफड़ा हो पाए.
मैंने उसको पहले अन्दर बुलाया और बिठाया; उसे पानी पीने को दिया.
बाद में मैंने उससे पूछा- हां अब बताओ कि क्या दिक्कत है?
उसने बताया कि नीचे पेशाब की जगह पर खुजली होती है और सफ़ेद पानी बहता है. साथ ही छातियों में भी दर्द होता है.
जब उसने कहा कि छातियों में भी दर्द होता है तो मैं समझ गया कि आज इसका काम आसानी से उठ जाएगा.
मैंने कहा कि छातियों में दर्द किस तरह का होता है, ये देखना पड़ेगा कि कोई गांठ जैसी तो नहीं है!
उसने मस्ती से कहा- आपको जैसा ठीक लगे डॉक्टर साहब, वैसे देख लो और चैक कर लो.
यह कह कर उसने एक कातिलाना मुस्कान बिखेर दी.
मैं थोड़ा और समझ गया था कि वह किसी और खुजली की दवा लेने आयी है.
मैंने कहा- यहां कोई फीमेल नहीं है. ऐसे ही देखना पड़ेगा.
उसने बोला- हां, तो मैंने कब मना किया है. आप बस मेरे इस दर्द को ठीक कर दो.
मैंने उससे कहा- अपना टॉप ऊपर करो.
जैसे ही उसने अपना टॉप ऊपर किया तो बड़े बड़े चूचे बाहर आ गए.
चूचे ब्रा में कसे हुए थे.
उसने सच में नई ब्रा पहनी थी.
अब मुझको यकीन हो गया था कि ये यहां पर चुदवाने ही आयी है.
उसके तने चूचों को देख मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने बारी बारी से उसके दोनों चूचों को दबा कर देखा और उससे पूछा- कहां दर्द होता है?
उसने जानबूझ कर बोला- अभी तो दर्द हो ही नहीं रहा है बल्कि अभी तो अच्छा लग रहा है.
मैंने जानबूझ कर उसके दोनों दूध हॉर्न के जैसे दबाए और उसकी चूचियों के निप्पलों को भी मींज कर देखा.
हाथ से सहलाने और मींजने से उसके निप्पल टाइट हो गए थे.
मैंने हाथ हटाया तो बोली- और चैक करो न डॉक्टर साहब, बड़ा अच्छा लग रहा था.
तो मैंने कहा- अभी इतना काफी है. अब मुझे नीचे की भी जांच करनी है.
वह बोली- ठीक है.
मैंने कहा- चलो, मैं ऐसे ही दवा दे देता हूँ.
रब मैंने दवा लिख दी और कहा- ये दवा ले लेना.
उसने कहा- आपने नीचे की जांच तो की ही नहीं?
मैंने बताया- जिसकी शादी नहीं हुई हो, उसकी जांच ऐसे नहीं करते.
इस पर वह थोड़ी उदास हो गई.
उसने कहा- मुझे बहुत तकलीफ होती है.
मैंने कहा- कब कब तकलीफ होती है?
उसने कहा- जब मैं सेक्स करती हूँ तो बहुत दर्द होता है.
मैंने पूछा- कितनी बार सेक्स करती हो?
उसने बताया कि हफ्ते में 4-5 दिन.
मैंने यह सुनकर सोचा कि ये तो बहुत बड़ी चुदक्कड़ माल है. साली खुद ही सामने से चुदवाने आयी है तो क्यों जाने दूँ.
तो मैंने कहा- मतलब तुम वर्जिन नहीं हो … तो नीचे से जांच हो सकती है.
वह ख़ुश हो गई.
मैंने कहा- अपने नीचे के कपड़े उतार दो और लेट जाओ.
उसने नीचे पहनी हुई अपनी जींस को उतार दिया.
जींस के अन्दर भैन की लौड़ी पूरी नंगी थी.
उसने पैंटी पहनी ही नहीं थी.
अब उसने अपना टॉप भी पूरा बाहर निकाल दिया और ब्रा भी उतार दी.
वह पूरी नंगी मेरे सामने लेट गई थी.
सामने नंगी जवानी देख कर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था.
मैंने कहा- यहां पर कोई अन्दर डालने का साधन नहीं है, जिससे मैं जांच कर सकूँ!
उसने कहा- तो अब क्या करें?
मैं बोला- अन्दर उंगली डाल कर देखना पड़ेगा.
उसने कहा- हां ठीक है. उंगली ही डालो.
मैंने एक उंगली उसकी चूत में धीरे धीरे डाली.
उसकी चूत गीली हो गई थी तो आसानी से अन्दर चली गई.
उसने अपनी आंखें बंद कर दी थीं और वह अपनी चूत में मेरी उंगली का अहसास कर रही थी.
मैंने दूसरी उंगली भी अन्दर कर दी.
इस बार मेरी उंगली उसकी बच्चेदानी में जाकर लगी तो उसको थोड़ा दर्द हुआ.
वह कराह उठी- आह कितना अन्दर कर रहे हो डॉक्टर साहब … बड़ी सनसनी हो रही है.
मैंने कहा- हां वो तो होगी ही. बस कुछ देर और लगेगी.
मैं थोड़ी देर तक उसकी चूत में उंगली को अन्दर बाहर करता रहा.
इससे उसकी चुदास जाग गयी.
वह बार बार अपनी गांड उठाने लगी और अपने हाथों से अपने मम्मे दबाने लगी.
जिस तरह से वह मुझे देख रही थी और आवाजें निकाल रही थी, उससे मेरे अन्दर भी वासना का तूफान घुमड़ने लगा था.
मैंने सोचा कि अब इसको चोदने का टाइम आ गया है.
तब मैंने एक दवा की ट्यूब निकाली और कहा- ये ट्यूब तुम्हारी चूत के अन्दर लगानी पड़ेगी, तब अच्छा रहेगा.
वह बोली- लगा दो.
मैंने उसे याद दिलाया कि यहां कोई साधन नहीं है. वह सब अस्पताल में है.
वह चुप रही.
फ़िर मैंने आगे कहा- एक काम हो सकता है.
उसने मेरी तरफ देख कर पूछा- क्या?
तो मैंने बोला कि ट्यूब को अपने लौड़े पर लगा कर उसे तुम्हारी चूत के अन्दर डालना पड़ेगा.
वह बहुत ख़ुश हो गई.
उसने बोला- तो जल्दी से डालो न अन्दर! मैं तो कबसे चुदने मचल रही हूँ.
यह कह कर वह मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ने लगी.
मैंने कहा- मैं अपने लौड़े में ट्यूब की दवा लगा दूंगा, जिससे लौड़ा पूरा अन्दर तक जाएगा और तुम्हारी चूत में अन्दर तक दवा लग जाएगी. पर पहले तुम्हें मेरे लंड को चूस कर खड़ा और चिकना करना होगा.
वह झट से मान गई और उठ कर बैठ गई.
उसी ने मेरा पैंट निकाला और अंडरवियर भी निकाला.
मेरा 6 इंच का लौड़ा देख वह ख़ुश हो गयी.
उसने झट से लौड़ा मुँह में ले लिया और अन्दर बाहर करने लगी.
मैं उसका सर पकड़ कर लंड चुसवाने लगा.
कुछ मिनट लौड़ा चूसने के बाद वह बोली- अब तो डाल दो.
मैंने कहा- रुको तुम्हारी चूत को भी चाट कर गीला कर दूँ ताकि अच्छे से अन्दर तक चला जाए.
मैंने उसको लिटाया और उसकी चूत को चूसने लगा.
चूत में से नमकीन स्वाद आ रहा था.
अपनी चूत चुसवाने के बाद वह बोली- अब रहा नहीं जाता. प्लीज मुझे चोदो. चुदाई ही मेरी दवाई है … और लौड़े से ही मेरा दर्द मिटेगा.
मैंने लंड चूत पर सैट किया और एक धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
उसको दर्द हो रहा था.
मैं थोड़ा रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक धक्का और मारा.
मेरा पूरा लंड चूत में चला गया.
अब धीरे धीरे मैं उसको चोदने लगा.
वह कामुक सिसकारियां ले रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी और अब तो वह पागल सी हो गई थी.
वह बोल रही थी- कब से मन था आपसे चुदवाने का; आज सपना पूरा हुआ … आह और चोदो … फाड़ दो मेरी चूत.
मैं उसको धकापेल चोदता गया.
उसका एक बार स्खलन भी हो गया था.
फ़िर मैंने उसको घोड़ी बनने को बोला और पीछे से चुदाई की.
हम दोनों ने काफी देर तक चुदाई की.
अब मैं झड़ने वाला था तो उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
हॉट नर्स फक के बाद हम दोनों थोड़ी देर आराम करते रहे.
उसके बाद उसकी सहेली का कॉल आया तो वह उससे बाहर जाकर बात करने लगी.
दस मिनट के बाद उसने अन्दर आकर कहा- मुझको जाना पड़ेगा. नहीं तो अभी और मजा लेती.
उसने मुझे किस किया और चली गयी.
बाद में उसने मुझे मैसेज किया- मेरी सहली फ्रेंड का कॉल आया था. वह पूछ रही थी कि कहां है. तो मैंने उसको बताया कि मैं यहां हॉस्टल में इलाज करवाने आयी हूँ. इस पर मेरी फ्रेंड ने बोला कि उसकी चूत की खुजली भी बहुत जायदा परेशान करती है. उसका भी आप इसी तरह से इलाज कर दो.
मैंने बोला- उससे कह देना कि उसकी खुजली दवाई से सही नहीं होगी. उसके लिए और बड़ा इलाज करना पड़ेगा. उस विधि में पीछे से भी इंजेक्शन लगाना पड़ता है.
यह सुनकर वह हंस दी.
इसके आगे क्या हुआ, मैं अगली कहानी में लिखूँगा.
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