छोटी बहन को चोदकर रखैल बनाया

क्यूट सिस्टर सेक्स का मजा मुझे मेरी छोटी बहन ने दिया. मैं नौकरी के कारण बाहर रहता था. मेरी बहन मेरे पास रहने आई तो गले मिली. उसकी चूचियों के दबाव से मेरा लंड खड़ा हो गया.

दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.

मेरी बहन का नाम सुष्मिता है.
उसकी उम्र 21 साल है. वह मुझसे 2 साल छोटी है. मेरी सिस्टर क्यूट है बहुत!
मेरे घर में मेरी मम्मी-पापा, मैं और छोटी बहन ही रहते हैं.

पापा एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं.

मैं नौकरी की वजह से गांव से बाहर रहता था.
एक दिन मां का फोन आया कि तुम्हारी बहन कुछ दिनों के लिए तुम्हारे साथ रहने के लिए आ रही है.

अगली सुबह मेरी बहन मेरे कमरे में आ गई और उसने प्यार से मुझे गले लगा लिया.

उसके मोटे मोटे दूध जब मेरी छाती से लगे तो मेरा उसके प्रति नजरिया बदल गया.

उसके मम्मों का साइज 36 इंच का रहा होगा.
वह मेरी तरफ बड़ी मोहक मुस्कान देती हुई मेरे हाल चाल पूछने लगी.

हम दोनों बातें करने लगे.
पर मेरी नजरों में मेरी बहन का कामुक जिस्म भर गया था और बार बार मेरी नजरें उसके मोटे मोटे मम्मों पर ही टिकी जा रही थीं.

उसने भी शायद मेरी नजरों को समझ लिया था.
तब भी वह मेरे सामने अपने दूध ताने हुई बैठी रही.

सामान्यतया लड़कियों की आदत को मैंने बड़े ध्यान से देखा है कि जब भी वे अपने जिस्म को टटोलने वाली आंखों को भांप लेती हैं तो तुरंत ही अपने जिस्म को ढकने का प्रयास करने लगती हैं, चाहे वह कितनी भी बोल्ड लड़की क्यों न हो.
हां बस उस स्थिति में लड़कियां अपने जिस्म की नुमाइश करती हैं, जब वे खुद ही किसी के सामने अपने दूध गांड आदि दिखाना चाह रही हों.

यह मेरा अब तक अनुभव रहा है.
जबकि आज मेरी क्यूट सिस्टर मेरे सामने अपने तने हुए दूध दिखा रही थी.

मेरी आंखों के द्वारा देखे जाने पर भी उसने अपने मम्मों को छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया था.
तो क्या इसका मतलब यह था कि मेरी क्यूट सिस्टर सेक्स के लिए मुझे अपने दूध दिखा रही थी!

यह बात मेरी खोपड़ी में जैसे ही आई, तो मेरा लंड एकदम से फनफनाने लगा कि मेरी बहन तो खुद ही चुदासी है.

मेरे पास सिर्फ एक ही कमरा था तो हमें उसी कमरे में रहना था.
मेरे अकेले रहने के कारण मेरे कमरे में सब कुछ अस्त व्यस्त था.

कमरे में से सिगरेट की गंध भी आ रही थी क्योंकि मैं अकेले रहने के कारण सिगरेट शराब पीने का शौक रखता हूँ.

कमरे में व्हिस्की की दो अलग अलग ब्रांड की बोतलें भी रखी थीं.
पर वे एक अलमारी में सामान से छिपा कर रखी हुई थीं.

रात को मैं ड्यूटी से वापस कमरे पर आया तो मेरी बहन ने खाना बना रखा था.

कमरा एकदम साफ और चकाचक था.
मेरी शराब की बोतलें भी सामने से रखी हुई थीं.

मैं यह सब देख कर थोड़ा सकुचाने लगा कि बहन को मेरी आदतों के बारे में पता चल गया है.

वह मुझे देख कर फिर से उठी और मेरे सीने से लग कर मुझे प्यार करने लगी.
मैं फिर से उसके मदमस्त मम्मों का अहसास करने लगा.

मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मैंने भी इस बार अपनी बहन को अपने सीने से चिपका कर रखे रखा.

उसने भी कोई प्रतिरोध नहीं किया.

कुछ देर बाद मैं उसके गाल पर चूमा लेकर अलग हुआ तो वह बड़ी खुश थी.

मैंने उससे कहा- सुष … तुमने तो कमरे की हालत ही बदल दी.

वह हंसी और बोली- हां और तुम्हारी छिपा कर रखी हुई चीजें भी सामने निकाल कर रख दीं. यदि तुम यह शौक करते हो, तो खुल कर करो. मुझे कोई दिक्कत नहीं है. बल्कि मैं कहूँ तो अपनी मैंने अपनी सहेलियों के साथ भी एक दो बार बियर पी है.

मैं उसकी बात सुनकर खुश हो गया और मैंने कहा- तो फिर चल आज पार्टी करते हैं.
वह भी हंस कर राजी हो गई.

हम दोनों ने दो दो पैग लगे और मैं सिगरेट पीने लगा.

वह भी मुझे सिगरेट पीते देख रही थी तो मैंने उसकी तरफ सिगरेट बढ़ा दी.
उसने मेरी उंगलियों से सिगरेट ली और कश खींचा.

पहले ही कश में उसे खांसी आ गई और उसने मुझे सिगरेट वापस कर दी.
मैं हँसने लगा और उसके गाल पर हाथ फेर कर उसे संभालने लगा.
वह जल्द ही ठीक हो गई.

फिर हम दोनों ने मिल कर खाना खाया.

उसके बाद मैंने उससे कहा- हमें एक ही कमरे में एक ही बिस्तर पर सोना पड़ेगा क्योंकि मेरे पास एक ही बिस्तर है.

सुष्मिता ने नशीली आवाज में कहा- ठीक है, उसमें क्या दिक्कत है.
उसके बाद हम दोनों बिस्तर पर लेट गए.

लेकिन मुझे तो दिन से ही उसके मोटे मोटे दूध का ख्याल आ रहा था.

रात के 12 बज चुके थे.
मेरी बहन सो चुकी थी.
मैं अभी भी उसके मोटे मम्मों के बारे में सोच रहा था.

मुझसे रहा न गया और मैंने हिम्मत करके उसके दूध के ऊपर हाथ फेरा तो मेरा एकदम से लंड खड़ा हो गया.

मैं भूल गया कि मेरे साथ बिस्तर पर मेरी बहन है.
कुछ देर के बाद मैंने उसके दूध को आराम से दबाया.

उसने टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मैंने धीरे धीरे उसकी टी-शर्ट ऊपर कर दी.

उसकी सफेद ब्रा मुझे अब साफ दिखाई देने लगी.
उसके बूब्स मानो ब्रा से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे.

मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी.
अब उसके मोटे मोटे दूध मुझे साफ दिखाई देने लगे.

मैंने उसके बड़े बड़े दोनों दूध को बारी बारी से पिया, बाद में मैंने उसके पजामा को भी खोल दिया.

लगभग 2 बजे तक मैंने उसके जिस्म से ऊपर ऊपर से खेला और उसके बाद उसके सारे कपड़े ठीक करके सो गया.
सुबह जब हम दोनों उठे तो सब सामान्य था.

नाश्ता करके मैं ऑफिस चला गया लेकिन मेरा मन तो सुष्मिता की चूत पर लगा था.

मैं आज जल्दी घर आ गया और साथ में सुष्मिता के लिए दो जोड़ी नाइटी भी ले आया.

मैंने घर जाकर वह नाइटी उसे दी तो वह बहुत खुश हुई.
उसने वह नाइटी पहनी और मुझे दिखाई.

सच में मेरी बहन बड़ी हॉट माल लग रही थी.
उसके हुस्न को देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

हम दोनों ने कल के जैसे दो दो पैग लिए और खाना खाया.

उस बीच हम दोनों मजाक मजाक में खेलने लगे.

तभी मैंने हाथ उसके दूध पर रख दिया तो उसने कुछ नहीं कहा.
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

मैं फिर से उसके बूब्स दबाने लगा.
लेकिन वह बिस्तर छोड़ कर बाहर चली गई.

मुझे लगा कि वह नाराज हो गई है.
पर उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.

रात को भी उसने अपना बिस्तर नीचे फर्श पर लगा लिया.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा.

सुबह मैं ड्यूटी चला गया और आज फिर शाम की जगह मैं दिन में ही घर आ गया.

हम दोनों ने खाना खाया और उसके बाद बिस्तर पर बैठे थे.

तभी उसने मुझे एक कागज पर कुछ लिखा हुआ दिया और कहा- पढ़ और तब जवाब दे.

मैंने कागज पढ़ा, तो उसमें लिखा था- जैसा तू चाहता है, वैसा हम कर सकते हैं. वही … तू परसों रात को करना चाहता था, पर नहीं कर पाया. वह अब कर ले. बस तू ये भूल जाना कि मैं तेरी बहन हूँ. हां बस इतना याद रखना कि यह सब किसी को पता नहीं चलना चाहिए. हम दोनों आगे भी हमेशा ऐसा करते रहेंगे, जब भी मौका मिलेगा.

मैं उसकी तरफ देखने लगा तो वह सर झुकाई हुई थी.

उसने कहा- मैंने आज से पहले कभी ये नहीं किया है … और न ही मैं किसी बाहरी मर्द से चुदवाना चाहती हूँ. इसलिए तू मुझे चोद कर अपनी हवस भी मिटा ले और मेरी आग भी बुझा दे. मैं तेरी रखैल बनकर भी रहने के लिए तैयार हूँ. तू बस हमेशा मेरी चूत में अपना लंड पेल कर सुख ले लेना, मैं तुझे कभी मना नहीं करूंगी.

मैंने उसकी तरफ देखा तो वह मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.
तब मैंने उससे जोर से खींचा और अपनी बांहों में जकड़ लिया.

मैंने कहा- तुझे मैं रखैल नहीं बल्कि रानी बना कर रखूंगा मेरी सुस्मिता जान!
उसने अब मेरे हाथ से वह कागज लेकर फाड़ दिया और कहा कि चल शुरुआत कर … कैसे करते हैं!

मैंने उसको जोर से पकड़ा और उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया.
उसने जल्दी से अपने और मेरे कपड़े उतारे.

मैंने पहले तो उसके बूब्स को अच्छे से दबाए और उन्हें जी भरके चूसा.

बाद में मैंने उससे कहा कि मेरा लंड अपने मुँह में ले लो.
उसने बिना हिचकिचाहट के लंड मुँह में ले लिया और आगे पीछे करने लगी.

कुछ देर बाद उसने कहा कि और क्या क्या करते हैं?
मैंने अपना हथियार उसकी चूत के ऊपर वाले दाने पर रगड़ा, जिससे उससे गुदगुदी होने लगी.

वह कहने लगी- और तेज रगड़ो … आह और तेज ऊऊऊ आह!
उसे मजा आने लगा.

मैंने उसकी चुत के छेद में जोर से लंड डाला तो वह जोर से चिल्लाने लगी- उई मां यूआईई मांआ … निकाल बाहर … आह बहुत दर्द हो रहा है!

पर मैं जोश में था और उसकी चूत में धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था.

तभी मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा है.
क्यूट सिस्टर सेक्स करने से निकले खून को देखकर डरने लगी.

मैंने उसे समझाया- अब तू कली से फूल बन गई. यह उसकी निशानी है.
यह कह कर मैंने धक्के और जोर से लगाने चालू कर दिए.

उसे भी मजा आने लगा, उसने मेरा पूरा साथ दिया.

करीब बीस मिनट बाद मैं झड़ गया और वह भी झड़ गई.

उसने मुझे कस कर पकड़ा.
वह मुझसे दूर नहीं होना चाहती थी.

उसकी सील टूटने के बाद से ही उसका मेरे साथ भाई का रिश्ता टूट गया.
एक नया रिश्ता जुड़ गया.

चुदाई के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
शाम को हम दोनों घूमने गए.

मैंने बाजार से उसको काली ब्रा और पैंटी दिलवाई.

रात को हम दोनों ने शराब का मजा लिया और उसके बाद उसने मेरी लाई हुई ब्रा और पैंटी पहनी, साथ में लाल नाइटी भी पहनी.

आज तो उसका हुस्न देख कर मेरा उस पर दिल ही आ गया था.

उस रात से हम अपने जीवन की नई शुरुआत करने वाले थे.
हम दोनों सीधे बिस्तर पर आए और शुरू हो गए.

मैंने काफी देर तक उसके होंठों की चुम्मी ली और उसके बाद उसकी चूत को चूसा.
उसने भी मेरा लंड मुँह में लिया और उसे खाने लगी.

वह कहने लगी- आज से तू ही मेरा पति है. मैं सिर्फ तुझसे ही हमेशा चुदवाऊंगी.

उस दिन से हमारा एक नया रिश्ता बन गया वह मेरी बहन नहीं बल्कि मेरी रंडी बन कर रहने लगी.

उसे अब रोज रात को मेरा लंड अपनी चूत में चाहिए होता है.
उसके दूध अब और भी मोटे हो गए हैं.

हम अब राजस्थान से उत्तराखण्ड में रहने लगे है, हम दोनों ने एक कमरा लिया है.
वहां मैंने सुष्मिता के लिए अस्पताल में नौकरी तलाश की.

दिन में हम दोनों भाई बहन की तरह रहते हैं और रात को पति पत्नी की तरह मस्ती करते हैं.

हम दोनों एक दूसरे के साथ नंगे होकर ही सोते हैं.
उसकी चूत को मैंने अब पूरी तरीके से फाड़ दिया है.

उसके लिए शादी का एक रिश्ता आया.

पर उसने उससे विवाह करने से मना कर दिया क्योंकि वह मेरे साथ ही रहना चाहती है.

इसके बाद मैंने उसके साथ ही अपना जीवन बिताने का तय कर लिया.

दोस्तो, इसके आगे की सेक्स कहानी को मैं आपके विचार मिलने के बाद लिखूँगा.
आप प्लीज मुझे अपने कमेंट्स लिख कर बताएं कि आपको मेरी क्यूट सिस्टर सेक्स कहानी कैसी लगी.
धन्यवाद.
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