बायोलोजी क्लास टीचर हूँ मैं! मेरे मामा की जवान बेटी 12वीं में थी. वह मेरे पास प्रजजन वाला चैप्टर समझने आई. उसे शब्दों में समझाने पर कुछ समझ नहीं आ रहा था.
मेरा नाम मनीष है. मैं एक कोचिंग में बायोलोजी क्लास टीचर हूँ.
मेरा कद 5 फुट 10 इंच है. मेरा बदन एकदम गोरा और कड़ियल है. मेरा लंड 6 इंच का है.
आज मैं आप सबको मेरी बहन यानि मामी की बेटी यामिनी की सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
तो आप सब अपना अपना लंड पकड़ कर बैठ जाएं और लड़कियां चुत में उंगली डाल कर कथा का रसास्वादन करें.
अब मैं आपको अपनी बहन मतलब मामी की बेटी के बारे में भी बता देता हूँ.
उसका नाम यामिनी है और वह अभी बारहवीं क्लास में पढ़ती है.
उसने अभी अभी ही जवानी की दहलीज पर कद रखा है.
उसका फिगर एकदम भर गया था और वह अपनी उम्र से दो साल बड़ी किसी गर्म माल के जैसे लगने लगी थी.
उसके बूब्स 34 इंच के थे, कमर 30 की थी और गांड 36 इंच की हो गई थी.
इतनी छोटी उम्र में ये सब कैसे हुआ, मुझे भी नहीं पता था.
यह बात उन दिनों की है जब उसके बोर्ड के एग्जाम आने वाले थे.
वह साइन्स साइड की छात्रा थी.
पढ़ाई के लिए वह मेरे घर आने की सोच रही थी क्योंकि मैं बायोलोजी क्लास लेता था कोचिंग में.
मेरा सारा दिन छात्रों को पढ़ाने में ही निकलता था.
उसने फोन पर कहा- भैया, क्या आप मुझे जीवविज्ञान पढ़ा दोगे? मेरी बायो बहुत कमजोर है.
मैं- अरे ये भी कोई पूछने की बात है, तू घर पर आ जा … और यहीं एक दो वीक रुक जाना, मैं सब पढ़ा दूँगा.
उसने हामी भर दी.
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ क्योंकि यामिनी यहां आ रही थी और मैं उसके रसभरे बूब्स को चूसना चाहता था.
दो दिन बाद.
मेरी मां- बेटा, आज यामिनी आ रही है. लेकिन मैं कुछ दिन के लिए तेरे पापा के साथ बाहर जा रही हूँ. तेरे शर्मा अंकल जी के घर में फ़ंक्शन है.
मैं- ठीक है मम्मा … आप आराम से जाएं. मैं यामिनी को संभाल लूँगा, उसकी चिंता आप बिल्कुल मत करो. वह मेरी बहन है.
शाम के समय दरवाजे पर घंटी बज उठी.`
मैं- कौन आया है?
यामिनी- अरे भैया मैं हूँ … दरवाजा खोलो.
मैंने दरवाजा खोलते हुए कहा- अरे यामिनी, तुम आ गईं!
मैं मन में कहने लगा ‘क्या लग रही है तू यामिनी … तुझे गले लगकर तेरे मम्मों को अपनी छाती से मसलने का मन कर रहा है.’
दोस्तो, उस दिन यामिनी काले रंग के एक चुस्त सूट में आई थी. खुले बाल करके वह एकदम हॉट बिल्लो रानी लग रही थी.
वह उस वक्त बारिश में से आई थी तो कुछ गीली सी हो गई थी और गीली होने से वह और भी हसीन लग रही थी.
जब वह चल रही थी तो उसके बूब्स मस्त थिरक रहे थे.
उसके शर्ट से चूचों की थिरकन नदी की लहरों के जैसे दिखाई दे रही थी.
साथ ही उसकी गांड तो मानो जैसे एकदम तरबूज के जैसे लग रही थी.
उसे इस तरह से देख कर मेरे तो समझो होश ही उड़ गए थे.
यामिनी- भैया … भैया … कहां खो गए … गले तो मिलो यार!
मैं हंसते हुए आगे बढ़ा- आ जा यामिनी … आ जा. कब से तेरी वाट जोह रहा था.
मैंने अपनी बहन को कसके अपने गले से लगा किया.
अगले ही पल उसके बूब्स मेरे सीने में गड़ रहे थे.
मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था.
यामिनी मुझसे चिपकी हुई ही बोली- बुआ कहां हैं भैया?
मैं- वे तो शर्मा जी के फ़ंक्शन में गई हैं. तीन चार दिन बाद वापस आएंगी. क्यों मैं तुझे अच्छा नहीं लगता क्या?
यामिनी मुझसे अलग होकर बोली- ऐसा नहीं है भैया, आप तो मेरे फेवरिट हो.
मैं- चल चल अब नाटक मत कर … जा चेंज कर ले, मैं तेरे लिए खाना लगा देता हूँ … आ जा जल्दी से.
यामिनी- ठीक है भैया. रास्ते में बारिश हो रही थी तो मेरे सारे कपड़े गीले हो गए. मैं खुद भी चेंज करना चाह रही थी. मगर मैं अपने कपड़ों में नाइट ड्रेस रखना भूल गई. अब मैं क्या पहनूँ?
मैं हंसते हुए बोला- अच्छा एक काम कर, मम्मी के रूम में चल कर देखते हैं, कुछ होगा तेरे साइज़ का … तेरी साइज़ थोड़ी बढ़ गई है. देखते हैं कुछ आता है या नहीं!
यामिनी- क्या भैया आप भी … कुछ भी बोलते हो! कहां पर साइज़ बढ़ी है!
मैं उसके दूध देखते हुए कहने लगा- हां, कहां कहां साइज बढ़ी है, वह तो साफ दिख रहा है.
यामिनी हंस पड़ी.
मैंने मम्मी की अल्मारी से कुछ कपड़े निकाले नाइटी, मैक्सी, सलवार सूट.
‘ये ले … देख.’
यामिनी- नहीं भैया ये नहीं आएंगे.
मैं- अरे यार अब तो सिर्फ़ साड़ियां हैं मम्मी की, वह तू पहन सकती है तो पहन ले!
यामिनी- हां चलेगा भैया, आज तो साड़ी ही पहन लूँगी.
मैं सोचने लगा कि अरे वाह आज तो हॉट सीन दिखेगा.
मैंने कहा- ठीक है, फिर इनमें से कोई सी भी देख ले. ये साड़ी साड़ियां हैं और ये इनके ब्लाउज और पेटीकोट रखे हैं. … ठीक है अब तू रेडी होकर आ जा, मैं नीचे खाने के लिए तेरा वेट कर रहा हूँ.
यामिनी- ठीक है भैया.
वह सोचने लगी कि अब क्या पहनूँ … हम्म … चलो ये वाइट ब्लाउज और ब्लैक साड़ी पहन लेती हूँ. ब्रा तो बुआ की आएगी नहीं, मेरी बुआ की तो 30 डी हैं, जबकि मेरे तो बुआ से काफी बड़े हैं.
मैं- यामिनी जल्दी आओ यार, क्या कर रही हो!
यामिनी- बस अभी आई.
मैं जैसे ही यामिनी को देखा, उसने मम्मी का ब्लाउज पहना हुआ था, जो उसे छोटा था क्योंकि मम्मी की साइज़ छोटी थी और यामिनी के बूब्स गुब्बारे से तन कर फूल रहे थे. इसी वजह से उसने ब्रा पहनी ही नहीं थी. जिसके कारण उसके चूचुक भी साफ दिख रहे थे.
उसने मॉम की काली पारदर्शी साड़ी पहनी थी जिसमें वह एकदम हॉट माल लग रही थी.
मेरी आंखें उसके ऊपर से हट ही नहीं रही थीं.
मैंने बोल दिया- यामिनी यार, तू तो हॉट लग रही है.
यामिनी शर्मा कर बोली- चुप रहो भैया, कुछ भी …
हम दोनों ने खाना खाया और बाद में कुछ देर बातचीत करने के बाद कमरे में चले गए.
यामिनी बोली कि भैया मुझे साइन्स पढ़ा दो!
मैं- अभी क्यों … कल पढ़ लेंगे ना!
यामिनी- नही भैया, अभी तो मुझे बहुत सारा पढ़ना है. आज से ही शुरू करते हैं.
मैं- चल ठीक है. कौन सा टॉपिक पढ़ना हैं. बुक और कॉपी लेकर आ जा.
यामिनी- मुझे बायो का ये ‘जीवों में प्रजनन.’ वाला विषय समझ नहीं आ रहा है. माँ ने भी सही से नहीं समझाया.
मैं सोचने लगा कि अरे ये तो वह सेक्स वाला टॉपिक है.
‘अच्छा ये वाला … चल कोई बात नहीं. मैं समझा देता हूँ.’
मैं मन में बहुत खुश था क्योंकि ये तो वही बात हो गई कि जो चाहिए, वह सब अपने आप आ रहा था.
मैंने उसको पूरा टॉपिक किताब से समझाया और पूछा कि यामिनी समझ आया क्या!
यामिनी- भैया थोड़ा सा आया, पर ये चित्र और इसके स्टेप्स समझ नहीं आ रहे हैं. आप प्लीज सीधी भाषा में बताओ ना भैया … ये जनन, शुक्राणु, निषेचन वगैरह क्या हैं … कुछ समझ नहीं आ रहा है.
मैं- अच्छा रुक, चल मैं सिंपल भाषा में बताता हूँ.
‘हां भैया.’
‘अब देख टॉपिक है जीवों में जनन मतलब जीव मतलब प्राणी या अभी सिर्फ इंसान समझ … उनमें आगे की पीढ़ी कैसी बनती हैं?
यामिनी- मतलब?
मैं- बच्चे कैसे होते हैं?
यामिनी- कैसे होते हैं?
मैं- तुझे नहीं पता क्या?
यामिनी- नहीं भैया, बस ये पता हैं कि बच्चे लड़की की वेजाइना से निकलते हैं. पर उसके अन्दर कैसे बनते हैं. वह कैसे होते हैं … ये सब नहीं पता!
मैं- सेक्स के बारे में पता है?
यामिनी- छी: भैया, ये सब कैसे वर्ड बोल रहे हो?
मैं- ये ही तो टॉपिक है.
साथ साथ मैं उसके बूब्स को घूरे जा रहा था.
धीरे से मैंने अपना हाथ टेबल पर आगे किया जहां पर यामिनी झुक कर बैठी थी और उसके बूब्स टच हो रहे थे.
मैंने टेबल को थोड़ा हिलाया तो उसके बूब्स भी दबने लगे और साड़ी खिसकने लगी.
इतने में मेरा पेन नीचे गिर गया.
मैंने यामिनी से पेन उठाने के लिए कहा.
वह जैसे ही पेन उठाने के लिए झुकी तो उसकी साड़ी खिसक गई और वह केवल ब्लाउज में खड़ी हो गई.
मैं उसके मम्मों को निहार रहा था. इतने में उसने अपने मम्मों को ढक लिया.
वह बोली- भैया, नहीं समझ आ रहा है. कोई प्रॅक्टिकल करके बताओ ना!
मैं उसकी बात सुनकर एकदम भौचक्का रह गया … प्रजनन को मैं कैसे प्रॅक्टिकल करके बताऊं!
मैंने कहा- देख, जब मेल अपने स्पर्म को फीमेल के अन्दर छोड़ता है, तो बच्चा हो जाता है.
यामिनी- स्पर्म से बच्चा कैसे? और स्पर्म कैसे होते हैं … कहां से आते हैं. … सब बताओ ना भैया, प्लीज?
मैं- रुक, बताता हूँ. मैंने फ़ोन में पॉर्न का वीडियो चला कर उसे दिखा दिया.
वह हंसने लगी- ये सब क्या है. ये लोग ऐसे नंगे होकर क्या कर रहे हैं?
मैं- ये लोग सेक्स कर रहे हैं.
यामिनी- अच्छा ऐसे बच्चा होता है?
मैं- हां ऐसे ये स्पर्म अन्दर आते हैं और फिर बच्चा बनता है.
यामिनी- अच्छा भैया.
मेरा तो ये सब बताते हुए लंड खड़ा हो गया और एक हाथ मेरे पैंट में चला गया.
मैं लंड सहलाने लगा.
यामिनी मेज के दूसरी ओर बैठी थी.
वह किताब में कुछ पढ़ने लगी.
थोड़ी देर में मेरा निकलने वाला हो गया था क्योंकि मैं ज़ोर ज़ोर से लंड हिला रहा था.
मेरा लंड पूरा टाइट हो गया और वीर्य बाहर निकल गया. लंड में से साला दूध बाहर निकल कर यामिनी के ऊपर चला गया.
यामिनी- ये सब क्या है … ये कहां से आया और क्या है?
मैं खड़ा हो गया … और बाथरूम में जाने लगा.
मेरा मोटा लंड यामिनी ने देख लिया और उसे पता चल गया कि ये इसी से निकला हुआ स्पर्म है.
वह लड़की उसको अपने ऊपर से हटाने लगी और उंगली से हटा कर सीधी बैठ गई.
मैं लंड साफ करके बाथरूम से आया तो यामिनी ने पूछा- भैया ये अभी कैसे आया, आपने तो सेक्स किया ही नहीं?
तो मैं हंसने लगा- सॉरी यामिनी.
यामिनी- क्यों भैया सॉरी क्यों?
मैं- मैं तुम्हारे बूब्स को देख कर हस्तमैथुन करने लगा था और तभी ये निकल गया.
यामिनी- भैया आप मेरे बूब्स को देख रहे थे और ये बाहर आ गया … ऐसा भी होता है क्या?
वह बहुत भोली थी दोस्तो. वह जवान जरूर हो गई थी पर अभी उसने दुनिया नहीं देखी थी.
यामिनी- तो भैया अब मुझे ये वापस सामने से देखना है … क्या पता मेरे एग्जाम में काम आ जाए.
मैं सोचने लगा कि अरे ये तो पागल है- पर यामिनी ये सब तू कैसे … एम्म …
यामिनी- अरे भैया मैं आपकी बहन हूँ ना तो इसमें क्या है, आप ही सिख़ाओगे तो अच्छा रहेगा.
मैं- तो मैं अब क्या करूं?
यामिनी- वही, जो अभी किया था … देखो मेरे बूब्स को और निकलने दो उसको.
मैं- अब इतने में नहीं होगा वह. एक बार ही होगा. उसके लिए अब कुछ ज़्यादा करना पड़ेगा.
यामिनी- ज्यादा क्या करूं भैया बोलो आप … मैं सब करूंगी.
मैं- अच्छा तू सब करेगी, पक्का!
यामिनी- हां भैया.
मैं- तो अपना ब्लाउज खोल दे.
यामिनी- ठीक है भैया … ये लो.
दोस्तो मैं अब क्या ही कहूँ. ऐसा नज़ारा मेरे सामने था कि मानो दो कश्मीरी सेब लटक रहे हों और वह भी एकदम टाइट.
मैं- मेरा लंड खड़ा हो रहा है पर ये अभी निकलेगा नहीं यामिनी!
यामिनी- क्यों भैया?
मैं- इसको हिलाना पड़ेगा … और मैं तो एक बार कर चुका हूँ. अब मन नहीं है. चाहो तो तुम हिला सकती हो.
यामिनी- मैं भैया … पक्का आपको कोई प्राब्लम तो नहीं है न?
मैं- नहीं, बिल्कुल नहीं. तू कुछ भी कर. एक काम करते हैं. तुझे पूरी प्रक्रिया समझनी है ना … तो मैं एक वीडियो चलाता हूँ. तू बस उसके देख कर सब वैसी की वैसी करती जा.
यामिनी- ठीक है भैया, मैं सब कर दूँगी.
मैंने मीया खलीफा का सेक्स वीडियो लगा दिया.
उस वीडियो में वह भोली सी लड़की बनी थी मेरी बहन के जैसी. बहन वीडियो को देख कर मेरा लंड हिलाने लगी थी.
थोड़ी देर बाद उसने लंड को मुँह में ले लिया और अच्छे से ब्लोजॉब देने लगी थी.
यामिनी ने कहा- भैया, इसमें भी ऐसा ही कर रही है न ये?
मैंने कहा- हां हां, तू बस करती रह.
यामिनी- ठीक है भैया.
दोस्तो, कुछ देर बाद तो यामिनी ने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल लिया.
पहली बार होने से थोड़ी दिक्कत हुई, पर जल्द ही सब सैट हो गया.
उसको भी चुदने में मज़ा आने लगा. मेरे साथ उसका ये पहला सेक्स था.
मैंने भी उसको जम कर चोदा और सारा माल उसके मुँह पर छोड़ दिया.
उसने कहा- भैया, ये तो बहुत मज़ेदार है. इसमें तो बहुत मजा आता है. अब रोज करेंगे अपन.
ये सुनकर मेरी तो मानो लॉटरी लग गई थी.
उस रात मैंने अपनी बहन को चार बार चोदा और जब तक मम्मी वापस नहीं आ गईं, मैंने अपनी बहन को घर में नंगी ही रखा.
मैं अब अपनी हॉट बहन को चोदने वाला चोदू हो गया था.
दोस्तो, ये थी मेरी छोटी सी सेक्स कहानी बायोलोजी क्लास टीचर की … आपको कैसी लगी. प्लीज मुझे कमेंट्स में बताएं.
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