दीदी के दूध और मेरे बड़े लंड का मेल

भाई बहन की सेक्स स्टोरी में मैंने अपनी विवाहिता बहन को उसके घर में चोदा. मैं छुट्टियां बिताने दीदी के घर गया तो उन्होंने मुझे अपने बिस्तर पर सुलाया. वे अपने बेटे को दूध पिला रही थी.

दोस्तो, मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ.
मेरा नाम रवि है. मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूँ.
मेरा लंड बहुत बड़ा है और कद काठी में भी मैं अच्छा खासा पहलवान सा लगता हूँ.

यह पूरी भाई बहन की सेक्स स्टोरी मेरी दीदी की चुदाई पर आधारित है.
फिर कुछ ऐसा हुआ कि मैंने अपनी शादीशुदा दीदी बहन की पलंग तोड़ चुदाई कर डाली.

उन दिनों मेरे 12वीं के एग्जाम हो चुके थे और छुट्टियां चल रही थीं.

मैंने सोचा क्यों न अपनी बड़ी दीदी के घर घूमने चला जाऊं.
तो मैंने मम्मी-पापा से परमिशन ली और बड़ी दीदी के घर पहुंच गया.

मेरी बड़ी दीदी दिल्ली में रहती हैं और उनका एक साल का बच्चा भी है.

मैं जैसे ही वहां पहुंचा, दीदी मुझे देखकर बहुत खुश हो गईं क्योंकि हम दो साल बाद मिल रहे थे.

जीजू ने मेरा हाल-चाल पूछा और बोले- हाथ-मुँह धो लो, रात बहुत हो गई है. आकर सबके साथ खाना खा लो!

मैंने भी हाथ-मुँह धोया और खाना खाने बैठ गया.

खाना खाते समय मेरी नजर दीदी पर पड़ी.
मैंने देखा कि दीदी के स्तन पहले से बहुत बड़े हो गए हैं.
उन्हें देखकर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा.

पहले दीदी के स्तन बहुत छोटे थे लेकिन अब वे बदल चुके थे.

खाना खाते-खाते दीदी बोलीं- रवि, तुम मेरे पास सो जाना!
यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ.

जीजू भी कुछ नहीं बोले, उन्होंने सोचा कि इतने सालों बाद भाई-बहन मिल रहे हैं, तो सोने दो.

थोड़ी देर बाद सब खाना खाकर अपने-अपने कमरे में चले गए.

जीजू अलग कमरे में गए और मैं, दीदी, और मेरा भांजा अलग कमरे में.

जब मैं कमरे में पहुंचा, तो मैंने देखा कि वहां सिंगल बेड था.
इससे मुझे और खुशी हुई कि अब दीदी के पास सोने को मिलेगा.

दीदी कमरे में आईं, वे पहले बाथरूम गईं और उधर से एक नाइटी पहन कर आ गईं.

उस नाइटी में दीदी के बूब्स साफ-साफ दिख रहे थे.
वे बहुत ही सेक्सी लग रही थीं.

दीदी भी उसी बेड पर लेट गईं और भांजे को सुलाने के लिए मेरी तरफ मुँह करके दूध पिलाने लगीं.

उनके स्तन बहुत बड़े थे और मैं उन्हें देख रहा था.
लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था क्योंकि मेरा भांजा बीच में लेटा हुआ था.

इसलिए मैं दूसरी तरफ मुँह करके सो गया.

मैंने अपने बाक्सर में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगा.
मैं लंड सहलाते हुए ही सो गया.

उसी बीच मेरी दीदी कब उठीं और उन्होंने कब मेरा लंड देख लिया, मुझे मालूम ही न चला.

फिर रात में जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थीं.

शायद उनके एक तरफ के स्तन का दूध खत्म हो गया था, इसलिए वे दूसरी तरफ मुँह करके भांजे को दूध पिला रही थीं.

जैसा कि मैंने बताया, वह सिंगल बेड था.
मेरा लंड उनकी गांड के ऊपर था.

यह महसूस करते ही मेरे अन्दर की कामवासना जागने लगी.

मैंने एक बार सर उठा कर दीदी को देख कर चैक किया कि वे सो रही हैं या नहीं.

दीदी सो रही थीं, तो मैंने सोचा अब मैं जो चाहूँ, वह कर सकता हूँ.

मैंने अपने लंड को दीदी की गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैं अपने लंड को दीदी की गांड में घुसेड़ते हुए रगड़ने लगा.

वे तब भी सो रही थीं.
चूंकि वे मेरे भांजे को दूध पिला रही थीं तो उनका एक स्तन बाहर ही निकला हुआ था.

मैंने हाथ आगे बढ़ाया और उनके स्तन को दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि दीदी जाग चुकी थीं लेकिन वे कुछ बोल नहीं रही थीं.
तो मैं जो कर रहा था, वही करता रहा.

थोड़ी देर बाद दीदी मेरी तरफ मुड़ीं और उन्होंने अपनी आंखें पूरी तरह खोल लीं.

उनकी आंखों को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे उनकी कामुकता भी जाग चुकी हो.
शायद उनकी कामवासना बस ने और जवान लंड से चुदाई माँग रही थी.

उनकी नशीली आंखें कह रही थीं कि मेरे होंठों का रसपान करो!

मैंने भी बिना देर किए उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनके होंठों का रसपान करने लगा.

दीदी ने पलट कर मुझे अपने आलिंगन में भींच लिया.
उनका बेटा उनके पीछे की तरफ था.

मैंने कहा- दीदी आपके दूध बहुत बड़े बड़े हो गए हैं. देख कर मुझसे रहा ही गया!
दीदी बोलीं- मुझे भी किधर पता था कि तेरा लंड इतना बड़ा हो गया है, वर्ना अब तक तो कब कच्चा चबा जाती.

मैंने कहा- आपने लंड कब देख लिया मेरा?
वे हंसने लगीं और बोलीं- रात को जब तू हिला रहा था न मैं तभी समझ गई थी कि तू मेरे दूध देख कर गर्म हो गया है और अपने लौड़े को हिला रहा है.
मैंने उनके दूध को मसल कर कहा- अरे वाह!

दीदी ने आगे कहा- हां फिर मैंने तेरे सो जाने के बाद तेरे लंड को देखा. उसे देख कर मेरी चुत में आग लग गई और मैंने अपने दूध खुले छोड़ दिए.

मैंने कहा- यदि मैं आपके साथ हरकत न करता तो क्या करती आप?
दीदी- मैं खुद तेरे लंड को पकड़ लेती.

यह कहते हुए दीदी ने मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैं मुस्कुरा दिया.

बहुत देर तक होंठों का रसपान करने के बाद दीदी बोलीं- अब तुम अपना लंड मेरे मुँह में डालो!
मैंने कहा- ठीक है, डालता हूँ!

मैं खड़ा हो गया और दीदी नीचे बैठ गईं.
फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर हाथ से सहलाना शुरू किया.

थोड़ी देर तक वे ऐसे ही करती रहीं और फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया.

इसके बाद मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया और उन्हें पूरी तरह नंगी कर दिया.

मैंने दीदी की दोनों टांगें फैला दीं और अपने लंड को उनकी चूत पर ले जाकर ऊपर-नीचे सहलाने लगा.

एक हाथ से मैं उनका स्तन दबाता रहा. ऐसा करते-करते मैंने अपने लंड को उनकी चूत में ज़ोर से अन्दर डाला.

मेरे ऐसा करते ही दीदी ज़ोर से चिल्लाईं- आह!
मैंने तुरंत उनके मुँह पर हाथ रखकर दबा दिया और अपने लंड को तेज़ी से अन्दर-बाहर करते हुए अपनी कामुक दीदी की चुदाई शुरू कर दी.

मैं उन्हें खूब चोद रहा था और उन्हें भी मज़ा आ रहा था क्योंकि उनके मुँह से संतुष्टि के शब्द निकल रहे थे.

‘आह आह ओह रवि … आ … आ!’

ये सुनकर मैं और ज़्यादा जोश में आ गया और उनकी ज़बरदस्त चुदाई करने लगा.
अपनी बहन को चोदते-चोदते मैंने उनके बड़े-बड़े बूब्स से दूध भी पीना शुरू कर दिया.

दीदी बोलीं- नहीं रवि, मेरा दूध मत पियो, ये दूध मुन्ना के लिए है!
मैंने कहा- क्या हुआ दीदी? आज हमें भी माँ के दूध का मज़ा लेने दो!

बस मैं उन्हें ऐसे ही चोदता रहा और उनका मीठा-मीठा दूध भी पीता रहा.
सचमुच उनके दूध का स्वाद इतना मज़ेदार था कि मुझे और भी ज़्यादा उत्तेजना हो रही थी.

फिर मैंने उन्हें उल्टा कर दिया और घोड़ी बनाकर पीछे से उनकी गांड मारने लगा.

वे बस यही कहती जा रही थीं- और तेज़ आह … और तेज़ और तेज़ रवि … आह और तेज़!
उनकी बातें मेरे अन्दर की उत्तेजना को और बढ़ा रही थीं.

उस रात मैंने दीदी को हर पोज़ में चार बार चोदा.
और यह सिलसिला हर दिन चलता रहा, जब तक मैं वहां रुका.

एक हफ़्ते बाद मैं वहां से चला गया.
अब वह रात मुझे बहुत याद आती है.

दीदी का भी कॉल आता है और वे कहती हैं- मुझे भी बहुत मज़ा आया था. वह रात मुझे बहुत याद आती है. तुम्हारी याद में तो मैंने हिन्दी सेक्स कहानियों की साइट को रोजाना पढ़ना शुरू कर दिया है!

फिर उन्होंने कुछ ऐसा कहा, जिसे सुनकर मुझे फिर से दीदी के पास जाने का मन करने लगा.
उन्होंने कहा- रवि, अब जब भी छुट्टी हो, यहां आ जाना. हम फिर से वही रात गुज़ारेंगे और सेक्स स्टोरीज़ की तरह नई-नई पोजीशनों में चुदाई करेंगे!

अब मैं फिर से छुट्टियों में दिल्ली जाने वाला हूँ और तुम्हारा भाई फिर से अपनी सेक्सी दीदी को चोदेगा!

तो कैसी लगी आप लोगों को भाई बहन की सेक्स स्टोरी?
प्लीज अपने मेल भेजें.
[email protected]