ब्रो फक सिस स्टोरी में मैं अपने छोटे भाई से चुद गयी. मुझे सेक्स का बहुत शौक है. एक दिन मेरा छोटा भाई मुझे बाथरूम में नंगी नहाती देख रहा था. उसके बाद मुझे उसने कैसे चोदा?
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मेरे अज़ीज़ दोस्तो, मेरा नाम सना सैयद है.
मैं 29 साल की हूँ. मेरा साइज़ 34-30-36 का है.
यह ब्रो फक सिस स्टोरी उस वक्त की है जब मैं सिर्फ़ 20 साल से कुछ महीने ऊपर की थी और मेरा भाई 19 का हुआ ही था.
मुझे हमेशा से ही चुदने का बहुत ज़्यादा शौक रहा है.
मैं स्कूल टाइम से ही सेक्स की तरफ काफ़ी ज़्यादा आकर्षित रहती थी.
सेक्स के लिए मैं अपने बदन को उघाड़ कर दिखाने में जरा भी परहेज नहीं करती थी.
मेरे भाई को भी सेक्स काफ़ी पसंद है.
यह मुझे तब मालूम चला, जब मैंने उसके कमरे में एक बार अपनी एक अधनंगी तस्वीर देखी.
पहले तो मुझे थोड़ा अजीब लगा.
पर मैंने कोई एक्शन ना लेते हुए वह तस्वीर फाड़ कर फेंक दी.
सब कुछ सामान्य चल रहा था.
फिर एक बार मैंने महसूस किया कि कोई मुझे नहाती हुई देख रहा है.
जब मैंने चुपके से उस ओर देखा तो वह मेरा अपना भाई ही था.
मैं एकदम से घबरा गयी और मैंने चिल्ला कर उसको भगा दिया.
इसके बाद मैं थोड़ी सतर्क रहने लगी.
फिर एक दिन मुझे चुदने की ठरक चढ़ गयी और मैं अपने बेड पर पैंटी उतार कर अपनी चूत सहलाने लगी.
मैं अपनी चूत के साथ खेल ही रही थी कि मैंने फिर नोटिस किया कि मेरा छोटा भाई कमरे के दरवाजे पर खड़ा ये सब देख रहा है.
उस वक़्त मैं इतनी ज्यादा गर्म हो चुकी थी कि मुझसे रुका नहीं जा रहा था.
भाई की नज़रें मेरे यौवन पर टिकी थीं और उसके वे वासना भरी निगाहें मुझे और भी ज़्यादा उतेज़ित कर रही थीं.
मैंने अपनी टांगें और ज़्यादा फैला दीं और अपनी चूत उसको दिखाती हुई रगड़ना शुरू कर दी ताकि वह अच्छे से अपनी बहन की गर्म चूत देख सके.
हालांकि बाद में मुझे थोड़ा अजीब लगा कि यह मेरा छोटा भाई है.
पर उस वक़्त ठरक दिमाग पर चढ़ी हुई थी तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.
उस दिन के बाद से मैं अपने भाई को कभी भी अपनी चूत दिखाने में नहीं हिचकिचाई क्योंकि मुझे लगता था कि जैसे उसने एक बार चूत देखी, वैसे बार बार चूत देखी.
फिर एक बार हमारे पेरेंट्स को किसी काम से एक हफ्ते के लिए बाहर जाना था.
उस वक़्त पूरे हफ्ते के लिए हम दोनों भैया बहन ही घर में अकेले थे.
मैं उसके कमरे से कुछ सामान लेने गयी तो मैंने देखा कि उसके पास फिर से मेरी एक चूत रगड़ने वाली नंगी तस्वीर पड़ी थी.
मेरे से रहा नहीं गया और मैंने उससे पूछने का इरादा पक्का कर लिया.
उस वक्त वह बाथरूम में था.
मैंने दरवाजे की झिरी से अन्दर झांक कर देखा तो वह एक हाथ से अपना 7 इंच लंबा और करीब करीब 2.5 इंच मोटा लंड सहला रहा था.
लंड सहलाते वक़्त उसके दूसरे हाथ में एक तस्वीर थी.
उसकी ओर देखते हुए वह बड़बड़ा रहा था- सना दी, कितनी गुलाबी चूत है आपकी … काश मैं इसे एक बार चाट पाऊं.
दोस्तो, मेरा रंग बहुत ज़्यादा गोरा है जिस वजह से मेरी चूत का रंग गुलाबी है.
उसका लंड देख कर मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी.
पर मैं गुस्से में भी थी कि मेरा छोटा भाई मेरे बारे में ऐसा सोचता है.
इसी ध्यान में कब मेरा हाथ दरवाजे पर जोर से लगा, मुझे मालूम ही नहीं चला … और बस बाथरूम का दरवाजा खुल गया.
वह अन्दर नंगा था.
मुझे देख कर वह थोड़ा घबरा कर रुका और उसके हाथ में जो मेरी नंगी तस्वीर थी, वह नीचे गिर गयी.
मैंने उस तस्वीर को देखा कि वह मेरी ही कोई पुरानी तस्वीर थी.
मैं उससे पूछने लगी कि तू भाई होकर भी अपनी बहन के बारे में ऐसा सोचता है!
अब तक वह संभल चुका था और शायद कुछ बिंदास भी हो गया था.
उसने साफ शब्दों में कहा- आप बहुत सेक्सी हो दीदी … और आपका फिगर तो पूछो ही मत. मुझे किसी और लड़की में आपके जैसी खूबसूरती नहीं दिखाई देती है. इसमें मेरी क्या ग़लती है कि आप मेरी बहन हो!
वह वहीं खड़े होकर मेरे सामने ही अपना लंड सहलाने लगा.
पता नहीं क्यों … पर मैं भी वहां से हिल नहीं पाई.
वह मेरी आंखों में आंखें डाल कर अपना लंड हिलाता रहा और मैं उसे मुठ मारते हुए देखती रही.
मुझे होश तो तब आया जब उसके लौड़े से वीर्य की पिचकारी मेरे पैरों पर आ गिरी.
मैं बिना कुछ कहे उधर से वापस आ गई और अपने पैर साफ करके अपने बिस्तर में लेट कर अपने भाई के लंबे और मोटे लंड के बारे में सोचने लगी.
दोस्तो, मेरी आदत नंगी सोने की है.
मैं कमरे के दरवाजे को उड़का कर अपने कपड़े उतारने लगी और अगले कुछ ही पलों में मैं सम्पूर्ण नंगी शीशे के सामने खड़ी थी.
मुझे अपने 34 इंच के तने हुए दूध बड़े ही खूबसूरत लग रहे थे.
मेरे मम्मों के ऊपर मेरे कड़क हो चले मेरे निप्पल चूचों की शोभा बढ़ा रहे थे.
खुद ब खुद मेरे दोनों हाथ मेरे मम्मों पर जम गए और मैंने अपने दोनों निप्पलों को मींज कर आगे को खींचे तो मम्मे भी किसी रबर की बॉल की तरह खिंचते चले गए और मेरे मुख से एक मीठी आह निकल गई.
कुछ पल अपने मम्मों को मसलने के बाद मेरी नजर अपनी दोनों टांगों के बीच रस से चिपचिपाती हुई मेरी चूत की फाँकों पर चली गई.
एक हाथ की एक उंगली से मैंने चूत की दरार में नीचे से ऊपर तक रगड़ा और चूत की ऊपरी मंजिल पर फूला हुआ दाना मेरी उंगली के स्पर्श से मुझे अन्दर तक झनझनाता चला गया.
अगले ही पल मेरी दो उंगलियों ने दाने को पकड़ कर मसल दिया और कंठ से एक मादक आह भरी सिसकारी निकल गई.
कुछ देर तक अपने रूप यौवन को निहारने के बाद मुझे अपने भाई का लंड फिर से याद आने लगा और मैं जल्दी से अपने बिस्तर में जाकर चूत को रगड़ती हुई खुद को शांत करने की कोशिश करने लगी.
चूत के साथ खेलते खेलते मुझे कब नींद आ गई, कुछ होश ही न रहा.
उसी रात मेरा भाई मेरे कमरे में आया और मुझे नंगी सोते देख कर फिर से लंड सहलाने लगा.
वह अपने लंड को सहलाते हुए मेरे सिरहाने के पास आ गया और लंड को मेरे मुँह के सामने करते हुए उसकी मुठ मारने लगा.
उसकी मंद मंद आहें निकलने लगी थीं.
पर वे आवाजें मेरी नींद को खोलने में नाकाफ़ी थीं.
मेरी आंख तब खुली जब उसके मुँह से ‘आआहह हाअहह.’ की कुछ तेज सी आवाज़ आई.
आंखें खुलीं तो मैं अपने मुँह के बिल्कुल सामने लंबा मोटा लंड देख कर चौंक गयी.
मैं अभी कुछ कर पाती या कह पाती कि तभी उसने मेरे मुँह पर अपने लंड का मुठ गिरा दिया.
इससे मैं अचकचा गई और अवाक की स्थिति में रह गई.
उसका माल मेरे गाल पर गिरा था.
मैं अपने एक हाथ से उसे पौंछती हुई अपने भाई की तरफ देखने लगी.
उसकी तेज तेज सांसें चल रही थीं.
कुछ ही पलों बाद मेरा भाई वहीं मेरे ही बिस्तर पर मेरे बाजू में लेट गया.
मैं पूरी नंगी थी तो मेरे भाई को मेरी नग्न देह से साबका हुआ.
वह अपने कपड़े उतारता हुआ बोला- दी, आज मैं आपके ही पास सोऊंगा.
यह कह कर उसने मुझे पकड़ लिया.
मैं उसका मुठ अपने चेहरे से साफ करने बाथरूम जाने के लिए उठना चाहती थी मगर उसके जकड़ लेने से जा ही नहीं पाई.
सच तो यह है कि मैं उस पूरी रात दुबारा सो भी नहीं पाई.
उसने मेरे साथ सारी रात सेक्स का खेल खेला.
उसके द्वारा ही सेक्स का खेल शुरू हुआ.
मुझे तो ये भी नहीं पता चला कि कब मेरा छोटा भाई धीरे धीरे मेरे चूचों को सहलाने लगा.
उसका खड़ा हुआ लंड मेरी कमर में गड़ने लगा.
उस वक़्त तक मैं भी गर्म हो चुकी थी.
बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी और पावर कट हो जाने से रूम में अंधेरा हो गया था.
मुझसे से भी रहा नहीं गया और मैं उसकी तरफ मुँह करके उसके सीने से चिपक गयी.
मेरे चूचे उसकी छाती पर इस कदर चिपक गए थे कि हवा भी बीच से नहीं निकल सकती थी.
कुछ पल बाद जैसे ही मैं उससे अलग हुई, उसने मुझे पागलों की तरह किस करना चालू कर दिया.
मेरे भाई ने मेरे होंठ चूस लिए.
वह किसी जानवर की तरह मेरे गोरे और ठरक से गर्म हुए बदन पर टूट कर पड़ा था जैसे शेर अपने शिकार पर टूट पड़ा हो.
उसने मेरा पूरा बदन चूसना चालू कर दिया, होंठों से थोड़ा नीचे उतर कर गर्दन को चूमने लगा.
फिर कंधे से होते हुए मेरे चूचों पर आया और किसी पागल इंसान की तरह मेरे निप्पलों को काटने लगा.
उस वक़्त तक मैं इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझे कोई फ़र्क ही नहीं पड़ रहा था कि वह मेरा छोटा भाई है.
उसने अचानक से अपना दूसरा हाथ नीचे सरकाते हुए मेरी चूत को मसलना शुरू कर दिया.
अब मैं चुदास में एकदम भभक चुकी थी और मेरे मुँह से निकला ‘आह भाई चोद दे मुझे … अब रुका नहीं जा रहा.’
उसने बिना इंतज़ार किए मेरे ऊपर अपना आसन सैट किया और अपना गर्म लोहे के सरिया जैसा लंड मेरी चूत में घुसा दिया.
लंड पेलने के साथ ही उसने अपने एक हाथ से मेरा एक चूचा पकड़ लिया और मसलने लगा.
जब कि वह मेरे दूसरे चूचे को अभी भी पागलों की तरह चूस रहा था.
उस वक़्त तक मैं दो बार अपनी चूत का पानी झाड़ चुकी थी और मैं बहुत ज़्यादा चुदासी हुई पड़ी थी.
उसने इतनी ज़ोर और ताक़त के साथ मुझे चोदा कि मैं कुछ ही देर में फिर से झड़ गयी.
जब मेरे भाई को लगा कि अब उसका मुठ निकलने वाला है, उसने अपना लंड मेरी चूत से खींच कर मेरे मुँह में दे दिया और सारा मुठ मेरे गले में उतार दिया.
उसका गर्म मुठ जैसे ही मेरे गले से नीचे उतरा, मेरे जिस्म की सारी गर्मी शांत हो गयी.
उसके बाद मैं उसके ऊपर लेट गई और अपनी सांसें नियंत्रित करने लगी. वह मुझे सहलाता रहा.
फिर मैंने 69 में होकर उसका लंड ऐसे चूस कर साफ कर दिया, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो.
वह मेरे नीचे लेटा हुआ मेरी चूत का पानी चाट रहा था.
उसके बाद उसने पूरा हफ्ता ऐसे ही मुझे चोदा और दिन-रात चोदा.
बाद में हमारे अम्मी अब्बू आ गए तो हम दोनों छुप कर होटल में जाकर ब्रो फक सिस करने लगे थे.
एक दिन हमारी कज़िन ने ऐसे ही हमें चुदाई करते पकड़ लिया.
वह क्या मसला था, उसकी हॉट सेक्स कहानी भी बड़ी रोचक है, बाद में जरूर सुनाऊंगी.
फिलहाल मैं आपको शुक्रिया अदा करती हूँ कि आपने अपना कीमती समय मेरी सेक्स कहानी को पढ़ने के लिए दिया.
मैं उम्मीद भी करती हूँ कि आपको मेरी ब्रो फक सिस स्टोरी पसंद आई होगी.
आप यदि अपने कमेंट्स करेंगे तो मुझे बेहद खुशी होगी.
आदाब.
आपकी सना सैयद
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